BALLU THE GANGSTER - 5 in Hindi Thriller by ANKIT YADAV books and stories PDF | BALLU THE GANGSTER - 5

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BALLU THE GANGSTER - 5

[ 13 November 2016, Bhiwani Marriage court, Haryana ]

[ आज से आप दोनो पति - पत्नी हुए। मिस बबीता व मि. राजेश आप दोनो अपने Documents की एक - 2 copy दर्ज करवा दीजिए। ठीक है।

[ 18 November 2016, Rajesh's House, Bhiwani ]

[ राजेश - माँ, तुम भी चलो न हमारे साथ फिरोजपुर। इस बल्लु को कही भी रास्ते मे छोड़ देगे। ]
[ राजेश की माँ - नही बेटा, तुम लोग दिव्या सहित जाओ फिलहाल। मैं फिर कभी देखती हुँ , और इस बल्लु का कुछ settle करती हुँ। ]
[ दिव्या - नही पापा - मै बिना बल्लु के कही नही जाऊगी, plz पापा बल्लू को भी ले चलो। ]
[ राजेश - नही दिव्या, तुम अब बड़ी हो गई हो, ऐसे जिद नहीं करते अब बेटा। जबरदस्ती की, तो मैं खाना छोड़ दूंगी पापा। Plz बल्लू को भी ले चलो ना। ]
[ राजेश की मां - नहीं दिव्या बेटा, जिद नहीं करते, तुम बड़ी हो ना, इसलिए तुम फिरोजपुर जा रही हो, बल्लू दीदी जब बड़ी होंगी, तब आएगी, ठीक है बेटा दिव्या। नहीं दादी नहीं, मैं नहीं जाऊंगी। ]
[ राजेश - मां, ले जाते हैं बल्लू को भी, दिव्या का भी मन लगा रहेगा नहीं तो ये फिर वहां परेशान करती रहेगी। ]
[ राजेश की मां - ठीक है बेटा, जैसा तुम्हें ठीक लगे, ले जाओ इसको भी। ]

[ 31 March 2017, Firozpur Army School, Firozpur ]

[ राजेश - जी Principal mam, इन दोनों लड़कियों का admission करना है। ]
[ Principal - जी राजेश जी, बल्लू का 5th मे admission कर दिया और दिव्या का 8th मे कर दिया है। ठीक है ना सर, आप बाहर फीस जमा कर दीजिए। ]
[ Call Rings ]
[ राजेश - हां मां, कैसी हो, तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना। मैंने आज बल्लू व दिव्या दोनों का admission करा दिया है। दिव्या के साथ बल्लू जाएगी तो दिव्या का मन भी लगा रहेगा और बल्लू भी कुछ इसके साथ सीख लेगी, गांव मे बल्लू 4th तक वैसे भी सरकारी स्कूल में ही गई थी, तो अब किसी बढ़िया स्कूल में जाए तो अच्छा ही है। ]
[ राजेश की मां - बेटा, ये तेरा बल्लू के प्रति इतना ह्रदय परिवर्तन कैसे हो गया। ]
[ राजेश - मां अब, सुनीता गए सालो हो गए, दिव्या को बल्लू की आदत हो गई है और सबसे बड़ी बात बल्लू चाहे किसी कि भी हो, किसी और की गलती की सजा बल्लू को क्यों मिलनी चाहिए। सही कहा ना। ]
[ राजेश की मां - राजेश, सच बता तुझे सुनीता पर विश्वास है क्या की बल्लू तेरी ही बेटी है। ]
[ राजेश - नहीं पता मां, कि सच क्या है, लेकिन अब मैं कही ना कही सुनीता को माफ और बल्लू को अपनी बेटी मान चुका हूं। ]
[ राजेश की मां - वो तो जैसी तेरी मर्जी बेटा, मैं सिर्फ सलाह दे सकती हूं कि बल्लू व दिव्य में फर्क बनाए रखना। बाकी तेरी अपनी मर्जी बेटा। ]

[ 31 march 2016, Firozpur Cantt's KFC Shop ]

[ राजेश - चलो,चलो,चलो, आज तुम्हारा रिजल्ट शानदार रहा है। आज icecream खाएंगे। ]
[ बल्लू - नहीं पापा, मुझे बर्गर खाना है। Icecream, बर्गर दोनो खाने है। ]
[ राजेश - जल्दी – 2 खत्म करो, मम्मी wait, कर रही है ना। ]
[ बबीता - राजेश तुम बल्लू व दिव्या को यहाँ अपने साथ रख रहे हो, ये अच्छी बात है, इसमें कोई समस्या नही, लेकिन तुम्हें नही लगाता कि एक हमारा अपना बच्चा भी होना चाहिए। तुम नही चाहते की बल्लू व दिव्या के पास एक भाई हो। ]
[ राजेश - बबीता, सच बताना, तुम बल्लू व दिव्या की वजह से insecure feel कर रही हो ना। ]
[ बबीता – अरे नही, भला मैं क्यों insecure feel करने लगी राजेश, बल्लू और दिव्या मेरे लिए अपनी सगी बेटियों से भी बढ़कर है। पर तुम्हें नहीं लगता राजेश की तुम्हारे अपने प्यार की निशानी भी होनी चाहिए। मेरी बस इतनी ही ख्वाहिश है तुमसे। ]
[ राजेश - देखो बबीता, मैं तुम्हारी इच्छा समझ सकता हूं, लेकिन तुम प्लीज मुझे भी थोड़ा वक्त और दे दो। प्लीज बबीता, मुझे आशा है तुम मेरी बात समझोगी। ]
[ बबीता - ठीक हैं राजेश, तुम्हे जितना वक्त चाहिए लो, पर इतना ध्यान रखना कि कहीं देर न हो जाए। भगवान तुम्हें जल्द सद्बुद्धि बख्से।