Hasy ka Tadka - 8 in Hindi Comedy stories by Devjit books and stories PDF | हास्य का तड़का - 8

The Author
Featured Books
  • रॉ एजेंट सीजन 1 - 4

    सारा दिन आराम करने के बाद शाम होते ही अजय सिंह अपने दोस्त वि...

  • एक शादी ऐसी भी - 2

    बॉडीगार्ड की बात सुन जिया उस बॉडीगार्ड के साथ कोर्ट से बाहर...

  • The Book of the Secrets of Enoch.... - 2

    अध्याय 3, III1 जब हनोक ने अपके पुत्रोंको यह समाचार दिया, तब...

  • Mafiya Boss - 5

    मॉर्निंग टाइमनेहा-    रेशमा!! क्या कर रही है? उठ ना यार? कित...

  • नेहरू फाइल्स - भूल-86

    भूल-86 नेहरू और समान नागरिक संहिता (यू.सी.सी.) भारत में राज्...

Categories
Share

हास्य का तड़का - 8

🤑🤑रॉकी भाई - अपुन ! भाई है भाई

पुष्पा - मैं भी तो कब से यही कह रही हूं
कि आप भाई हो भाई

तो एक भाई अपनी बहन से
वेलेंटाइन वाला
इश्क़ कैसे कर सकता है
😜😜🤣🤣😜😜

रॉकी भाई - ये तो अपन को ही
टोपी पहना गयी रे 😡😡

😜😜पुष्पा रॉक 😜😜



🤑🤑पठान: तुम 1 बार में कितने आदमी उठा सकते हो?
पहलवान: कम से कम 6

पठान: बस!
तुम से अच्छा तो हमारा मोबाइल है जो सुबह सुबह पूरी दुनिया को उठा देता हैं ।

और तो और
उल्लू की तरह

रात भर पूरी दुनिया को जगाता भी है।
🤣🤣🤣🤣😜😜😜😜


🤑🤑जब बच्चा गुम हो जाए
तो खूब रोती है 😭

पूरा घर सर पर
उठा लेती हैं

वहीं जब बच्चा अपने आप
वापस आ जाए तो
तबीयत से धोती हैं
🩴🩴🩴🩴🩴🩴
😜😜😜😜😜
डांटना
मारना
गुस्सा करना 😡
इन सबके बाद खुद ही रोते हुए 😢
मक्खन जैसा प्यार उड़ेलना 🥰

"माँ " की ममता समझ से परे होती हैं
🤣🤣😛😛😛🤣🤣



🤑🤑दो भाई थे। एक की उम्र 8 साल दूसरे की 10 साल।
दोनों बड़े ही शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा मोहल्ला तंग आया हुआ था।

माता-पिता रात-दिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों क्या करेंगे।

एक दिन गांव में एक साधु आया। लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुए महात्मा है। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका कल्याण हो जाये।

पड़ोसन ने बच्चों की मां को सलाह दी कि तुम अपने बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद
उनके आशीर्वाद से उनकी बुध्दि कुछ ठीक हो जाये।
मां को पड़ोसन की बात ठीक लगी। पड़ोसन ने यह
भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत
कर दें और साधु नाराज हो जाये।

अगले ही दिन मां छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास
पहुंची। साधु ने बच्चे को अपने सामने बैठा लिया और मां से बाहर जाकर इंतजार करने को कहा।

साधु ने बच्चे से पूछा- बेटे, तुम भगवान को जानते हो न ?
बताओ, भगवान कहां है ?

बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु
की ओर देखता रहा।
साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया पर
बच्चा फिर भी कुछ नहीं बोला।

अब साधु को कुछ चिढ़ सी आई, उसने
थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा- मैं
क्या पूछ रहा हूं तुम्हें सुनाई
नहीं देता,जवाब दो,
भगवान कहां है?
बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह
बाए साधु की ओर
हैरानी भरी नजरों से देखता रहा।

अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी।
वह उठा और तेजी से बाहर की ओर भागा।
साधु ने आवाज दी
पर वह रूका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में
पलंग के नीचे छुप गया।

बड़ा भाई, जो घर पर
ही था, ने उसे
छुपते हुये देखा तो पूछा- क्या हुआ ?
छुप क्यों रहे हो?
"भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।"
बच्चे ने घबराये
हुये स्वर में कहा।
"पर हुआ क्या ?"
बड़े भाई ने भी पलंगके नीचे घुसने
की कोशिश करते हुये पूछा।
"अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस
गये हैं।
भगवान कहीं गुम हो गया है और लोग समझ
रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है !" l
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣