Tanmay - In search of his Mother - 56 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | Tanmay - In search of his Mother - 56

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Tanmay - In search of his Mother - 56

56

कॉलेज दोस्त

 

 

तन्मय के आँख से आँसू टपकने ही वाले थें कि सिक्का नो की तरफ जाकर रुक गया और तभी सोहन ने लाइट जला दी और तन्मय के चेहरे पर मुस्कान आ गईI दोनों दोस्त सोहन और रश्मी को धन्यवाद देकर घर की ओर चलने लगेI रास्ते में  राघव ने पूछा,

 

अब क्या करना है? पुलिस को बताए ?

 

पुलिस हम पर यकीन नहीं करेगी और मुझे पुलिस पर भरोसा भी नहीं है न जाने किस आंटी को मेरी मम्मी बना दियाI

 

पर आंटी का पर्स और सामान उससे तो यही लग रहा था I

 

मुझे वो सब नहीं पता, मुझे बस इतना पता है कि मुझे अपनी मम्मी से मिलना हैI

 

पर कैसे तनु ?

 

तू अभी अपने घर जा, कल सुबह बात करते हैंI

 

तन्मय ने घर आकर अपना लैपटॉप उठाया और अपनी ईमेल खोल लीI मगर कुछ सोचते हुए उसने अपनी मम्मी की ईमेल आईडी डाली पर पासवर्ड उसे नहीं पता  था I उसने कई पासवर्ड डाले, मगर कुछ नहीं हुआI उसने फ़िर आखिरी बार ट्राय करने की सोची क्योकि इसके बाद तो गूगल उसे ब्लॉक ही कर देताI उसने बड़ा  सोचते हुए पासवर्ड डाला और इस दफा ईमेल ओपन हो गयाI आख़िर, मेरी मम्मी ने मेरे बर्थडे डेट का पासवर्ड डाला हैI उसने सभी ईमेल  चेक  किये , मगर  एक ईमेल पर उसकी नज़रें ठहर गईI यह क्या है? उसने उसे खोला, तो उसे एक टेलीफोन बिल नज़र आया I वह पोस्टपेड कनेक्शन है, जो नैना के नाम पर हैI इसका मतलब मम्मी ने दो-तीन  महीने पहले नए फ़ोन के साथ नया नंबर भी खरीदा था पर क्यों ? वह सोचने लगाI फ़िर कुछ सोचते हुए उसने नंबर  डाइल किया जो स्विच ऑफ बता रहा हैI उसने 1 अक्टूबर की बिलिंग चेक की तो उसने देखा कि उस दिन शाम को नैना ने एक नंबर पर कई बार कॉल किया थाI उसने उस बिल की पीडीऍफ़ अपने व्हट्सप पर ले लीI अब कल मैं इसका प्रिंटआउट निकालकर  नंबर चेक करूँगाI

 

अगली दोपहर राजीव  अपना लैपटॉप लिए बॉलकनी में  बैठा है, उसकी नज़र नैना की बॉलकनी की तरफ हैI आज खिड़की खुली है पर कमरे में  कोई नज़र नहीं आ रहा हैI उसे नैना की याद आने लगी, कितनी कम उम्र में  दुनिया छोड़कर चली गईI उसके पति ने उसकी कदर नहीं कीI पता नहीं, किसने उसे इतनी बेरहमी  से  मारा होगाI  तभी उसे नंदनी का मैसेज आया, मैं परसो आ रही हूँ, और वहीं मिलेंगे, तुम याद से पैसे लेकर आ जाना I राजीव ने मैसेज पढ़ा तो गुस्से और नफरत से भर  गया , उसने जमाल को फ़ोन करके परसो के बारे में बता दियाI इस औरत से छुटकारा लेना ही होगाI उसने गहरी साँस छोड़ते हुए कहाI

 

पुलिस  स्टेशन में सिद्धार्थ नैना मर्डर केस की पूछताझ हर जानने वालो से करने में लगा है, उसने अभिमन्यु, प्रिया और भी कई जान पहचान वाले लोगों से सवाल जवाब  किये हैंI अब उसने रुद्राक्ष की  तरफ देखते हुए कहा, जिस चाकू से नैना का क़त्ल हुआ है, अगर हमे वो मिल जाये तो हम कातिल तक पहुँच सकते हैंI

 

हाँ, तुम ठीक कह रहें होI

 

आपको किसी पर शख है?

 

फिलहाल नहींI उसने बाहर की तरफ जाते हुए कहाI

 

कहाँ जा रहें हैं ?

 

अपने घर, तुम भी जाओI वैसे भी तुम पास रहते हो, थोड़ा रेस्ट करके आ जानाI

 

नहीं, मैंने अब गाज़ियाबाद में ले लिया हैI इसलिए एक ही बार जाऊँगाI

 

शादी की तुमने ?

 

हाँ, की थी पर चली नहीं और आप ?

 

मुझे कोई मिली नहीं, उसने हँसते हुए जवाब दियाI

 

ऐसा तो हो नहीं सकता, रुद्र प्रताप सिंह को कोई न मिले

 

बस यार ! बात शादी तक नहीं पहुँची, अच्छा मैं चलता हूँI

 

तुमने इस केस में  दिलचस्पी लेना क्यों बंद कर दिया

 

क्योंकि तुमने लेना शुरू कर दिया I बायI उसने  हाथ हिलाते हुए कहाI

 

सिद्धार्थ ने शिवांगी के साथ केस के बारे में  बात की I

 

देख ! रघु पूरे बिलिंग में  यह दो नंबर ही ज्यादा चमक रहें है, एक मेरी मम्मी का और दूसरा यह I पर दोनों ही बंद है I हमें अगर  दोनों नंबर की लोकशन पता चल जाए  तो शायद बात बन सकती हैI उसने उसे बिल दिखाते हुए कहाI

 

पुलिस के पास चले?

 

मैं अब अपनी मम्मी को खुद ढूँढूगा I तन्मय बड़े विश्वास के साथ राघव को देखते हुए कहाI

 

पर कैसे ? 

 

वही तो समझ नहीं आ रहा I

 

प्रिया और अभिमन्यु एक पार्क में बैठकर बात कर रहें हैं, प्रिया उसे बताती है,

 

जतिन को भी पुलिस ने याद किया था I

 

अच्छा ! कुछ फायदा हुआ ?

 

मुझे  तो नहीं लगताI प्रिया ने घास का तिनका हाथ से तोड़ते हुए कहाI

 

रेवती को भी बुलाया होगा ?

 

हम्मI अभि नैना का कभी कोई अफेयर रहा है, मेरा मतलब है, तुमसे पहले भी तो उसकी ज़िन्दगी में कोई हो सकता हैI

 

मुझे कभी लगा नहीं कि ऐसा भी कोई होगाI

 

तुम्हें नैना की पास्ट लाइफ के बारे में भी पता करना चाहिएI

 

तुम ठीक कहती हो पर यह काम तो पुलिस का है और यह  नया इंस्पेक्टर तो काफ़ी  होशियार लगता हैI

 

सिद्धार्थ शुक्ला ! लगता तो है, मगर फिर भी तुम भी कुछ करोI

 

हम्म I मैं उसके कॉलेज फ्रेंड से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश करता हूँ, क्या पता, कुछ पता चले I अब उसने  भी घास का तिनका ज़मीन से उखाड़ लियाI

 

  शिवांगी ने रुद्राक्ष को बताया कि  सिद्धार्थ  बहुत तेज़ी से तफ्तीश कर रहा है, उसने  नैना के प्रेजेंट और पास्ट दोनों को देखना शुरू कर दिया हैI वह हर उन बारीक चीज़ो पर  ध्यान दे  रहा है, जो नैना के केस से जुड़ी हैI उसने पता लगाया कि नैना के कॉलेज में कौन-कौन  फ़्रेंड थें, मगर नैना ने सबसे कांटेक्ट खत्म कर दिएI रुद्राक्ष  सिद्धार्थ की हर गतिविधि पर नज़र रखें हुए हैंI उधर तन्मय कैसे उन नंबर्स तक  पहुँच सकता है, वह बस यहीं सोचता जा रहा हैI तभी राघव ने  उसे  अपने घर चलने के लिए कहाI

 

तनु ! मेरे घर चल, कुछ खाते हुए सोचते हैंI

 

उसे राघव की बात समझ आ गई कि उसे भूख लगी है इसलिए वह चलने के लिए राजी हो गयाI

 

सिद्धार्थ ने नैना की फ़ास्ट फ्रेंड प्रीती के बारे में  पता लगा लिया, अब वह उसी से मिलने जा रहा हैI