Always be patient in Hindi Thriller by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | हमेशा धैर्य बनाएं रखें

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हमेशा धैर्य बनाएं रखें

1. आपका और माँ का सपना पूरा करुंगा

"रोशन पुत्र ! तू क्या कर रहा है ?" रोशन के पिता जी ने पूछा !
"पिता जी ! मत रोकिए मुझे, मेरे अंक कम आये हैं माध्यमिक परीक्षा में । मैं इस नदी में कूदकर अपनी जान दे दूँगा ।" रोशन ने कहा ।
"नहीं पुत्र ! ऐसा मत करना, तेरी माँ को गुज़रे जमाना हो गया । जब तू दो बरस का था, तब तेरी माँ हम दोनों को छोड़कर भगवान को प्यारी हो गयी । मैने तुझे माँ और पिता दोनों का प्यार दिया है । मेहनत मजदूरी करके तुझे पढ़ाया कि पढ़ - लिखकर तू अपने पैरों पर खड़ा हो जाये । सपने पूरे करे । मेरे सपने पूरे करे और इस देश के सपने पूरे करे । कुछ करना है तो इस देश के लिए कर पुत्र ! अपने जीवन को देश के लिए समर्पित कर पुत्र ! अच्छे कर्म करके ताकि मुझे तुझ पर गर्व हो और मैं सबसे खुशनसीब पिता बन जाऊँ । और तू माध्यमिक परीक्षा में अंक कम पाने की वजह से आत्महत्या करने जा रहा है । अरे, तू मेहनत कर ! इस बार और अच्छे अंक ले आना ।
अभी पूरा जीवन पडा है । मेहनत से हर सफलता हासिल की जा सकती है । तू मेरा बहादुर पुत्र है । तू ये कायरों जैसी हरक़त न कर, वरना मैं जीते जी मर जाऊँगा । तेरे सिवा मेरा इस दुनिया में है ही कौन ?"
इतना कह कर रोशन के पिता जी रोने लगे । रोशन को अपनी गलत हरकत पर पछतावा हुआ । उसने पिता जी के आँसू पोंछे और माफ़ी माँगते हुए गले से लगाया । साथ ही वादा भी किया कि मेहनत से पढ़ - लिख कर एक अच्छा इन्सान बनकर दिखाऊँगा तथा आपका और माँ का सपना भी पूरा करूँगा । साथ ही साथ समाजसेवा करके देश की सेवा सदैव करता रहूँगा ।"
रोशन की ढ़ाढस भरी बातें सुनकर उसके पिता जी को बड़ी प्रसन्नता हुई । उनका सारा दुःख दूर हो गया ।

संस्कार सन्देश :- हालात कैसे भी हों, हमें हमेशा धैर्य बनाए रखना चाहिए ।

2.
हरेक स्त्री में प्रेमिका नहीं होती ...!
एक साधारण स्त्री को आप गहने कपड़े देकर
खुश कर सकते हैं ...
क्योंकि उसे प्रेम से कोई ख़ास लगाव या यूं कहिए कि उसे प्रेम की उतनी समझ ही नहीं होती ...
इसलिए वह इन चीजों जैसे गहने कपड़े अथवा कोई भौतिक सुख को ही प्यार समझ लेती है।
परंतु ...
जिस स्त्री में प्रेमिका है ...
वह साधारण स्त्री के जैसे …
कपड़े और गहनों से खुश नहीं होगी !
वह बेतहाशा प्यार के बदले बेइंतेहा प्यार की उम्मीद ही करेगी ।
वो प्यार में भावना व गहराई भी देखेगी ।
दिखावे का प्यार उसे कभी खुश नहीं कर सकता !
जब तक आप …
किसी स्त्री से सच्चे दिल से नही जुड़ते …
आप उस स्त्री को पाकर भी
उसमें…
“छुपी प्रेमिका को कभी नहीं पा सकते ...
तोहफ़े मे दी गई एक बिंदी भी प्रेम की मस्तक मणि हो जाती है
जब देने वाले और लेने वाले मे प्रेम के सागर का वास हो ...
बाकी तो अपितु,
किन्तु,
परंतु खड़े ही रहेंगे ...!