Dinesh(An Ordinary Boy) in Hindi Moral Stories by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | दिनेश (एक साधारण लड़का)

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दिनेश (एक साधारण लड़का)

1. दिनेश (एक साधारण लड़का)

दिनेश गाँव में एक बहुत ही सीधा - साधा लड़का था। वह अपने माँ - बाप के साथ गाँव में रहता था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद में उसने नौकरी करने की सोची। कुछ दिनों के बाद वह शहर चला गया और वहाँ एक जगह नौकरी करने लगा।
त्यौहार आने पर जब वह घर आया तो गाँव के लोगों ने उससे कहा -"कहाँ बूढ़े माँ - बाप को छोड़कर शहर में नौकरी कर रहे हो? यहीं आ जाओ और कुछ काम करो!" दिनेश शहर छोड़ कर गाँव आ गया।
दिनेश के पास कोई काम नहीं था। दिनेश ने सोचा - क्यों न शहर में सब्जियों का ठेला लगाया जाये। उस से कुछ आय का स्रोत हो जायेगा। दिनेश ने शहर में सब्जियों का ठेला लगा लिया।
एक दिन गाँव का एक आदमी पहुँचा और उससे कहा - "क्या यहाँ पर सब्जी का ठेला लगाकर अपने माँ - बाप की बेइज्जती करवा रहा है कोई और काम नहीं मिला? कुछ और काम कर ले।"
दिनेश ने सोचा - सही कह रहे हैं चाचा! क्यों न मैं कुछ और काम कर लूँ। दिनेश ने आइसक्रीम बेचना शुरू किया।
एक दिन जब वह गली में आइसक्रीम बेच रहा था तो गाँव का एक आदमी निकला। उसने दिनेश से कहा, "क्या यहाँ पर गली - गली घूमकर अपनी बेइज्जती करवा रहा है कुछ और काम कर ले।"
दिनेश घर आ गया और सोचने लगा - मेरे सारे काम गलत थे क्या? हर एक गाँव वाले ने मेरे काम को गलत बताया। अब मैं कोई काम नहीं करूँगा। घर रहूँगा।
एक दिन वही गाँव के चाचा घर आये और दिनेश से बोले - "इतना जवान होकर माँ - बाप पर बोझ बना है। कुछ काम नहीं कर सकता है क्या? पड़ा - पड़ा खाता रहता है।" दिनेश ने चौंक - कर चाचा की ओर देखा और सोचने लगा कि उसने इतने काम किये फिर वह क्या था? ऐसा कौन सा कार्य करें, जिससे यह संसार खुश हो जाये। चाचा ने कहा, "काम करो भी छोटा - बड़ा नहीं होता, तू चुप क्यों हैं? कोई भी काम कर ले, जो पहले करता था।" दिनेश बोला, "लेकिन आप तो ...।"
"नहीं, ये सब लोग तुमसे जलते हैं। कोई नहीं चाहता कि तुम कुछ करके उन्नति करो। तुमने सभी कार्य किए और सभी में सफल भी रहे। अगर हमारे पास बुद्धि और ज्ञान हो तो हम कहीं भी रहकर सफल हो सकते हैं। अब आगे और लोगों की बातों में मत आना।"
दिनेश ने चाचा के चरण छूकर आशीर्वाद लिया और काम के लिए चल दिया।

संस्कार सन्देश :- जो भी कार्य हमारे मन के अनुकूल हो, वही कार्य सर्वोत्तम होता है।

2.
माना इस जन्म में तुम मेरे ना हो पाओगे...
पर अगले जन्म में तुम मेरे हो जाओगे ना...?

इस जन्म है बेड़ियाँ रिवाजों की, माना मैने...
अगले जन्म तो इसे तोड़ पाओगे ना...?

तेरे सारे रिश्ते अनमोल है मुझसे, माना मैने...
पर उस जन्म "मै भी खास हूँ तेरी" ये,
सबको समझाओगे ना...?

गर वादा करो, तो मैं इन्तजार करू़,
उस जन्म का... जब तुम मेरे होगे
तब मेरा हाथ तुम थाम पाओगे ना...?