The Author Anki Follow Current Read दर्द दिलों के - 10 By Anki Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Vedanta 2.0 - 2 .**"Vedanta 2.0 — The First Book in the Worldthat Truly Unde... Unforgettable Voyage - Ranjan Desai - 2 : A few days passed by. After receiv... Madam Drachman and the 1887 Arizona flood: - Part 2 Madam Drachman and the 1887 Arizona flood: Part 2. The Downp... Mundhira Prologue"It feels cold around here... these woods make creep... One Call Before Midnight One Call Before MidnightThe digital clock on Ben’s nightstan... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Anki in Hindi Love Stories Total Episodes : 12 Share दर्द दिलों के - 10 (1.1k) 2.2k 5.3k 1 सुबह सुबह आरवी के घर की bell बजती है। आरवी की मां दरवाज़ा खोलती है तो देखती है कि सामने ईशा खड़ी है –अरे ईशा बेटा तुम । आओ आओ तुम भी नाश्ता कर लो। नहीं नहीं आंटी thank you, आरवी कहां है ? ईशा जल्दबाजी में कहती है –अरे बेटा वो तो अपने कमरे में सो रही है जाओ तुम उसे कमरे में ही मिल लो ।इतना कह कर आरवी की मां किचन मे चली जाती है।ईशा आरवी के कमरे में जाती है और आरवी को जगाते हुए कहती है –अरे! झांसी की रानी उठ जा । तुझे पता है क्या हंगामा हो गया है । अब उठ भी ।आरवी अंगड़ाई लेती हुई कहती है –क्या हो गया? क्यों चिल्ला रही है सुबह सुबह।world war –3 शुरू हो गई है क्या?ईशा गुस्से में कहती है – जी हां । ज़रा फेसबुक और सोशल मीडिया चेक कर तू ही छाई हुई है।आरवी जल्दी से फोन चेक करती है और देखती है की उसकी और अरनव की ही विडियो फैली हुई है ।ईशा ये किसने किया ? उस खडूस को लगेगा की हमने किया होगा । अब क्या करें? और पापा मम्मी को पता चल गया तो?ईशा आरवी से कहती है –पता नहीं यार । ईशा और आरवी दोनों सोच में पड़ जाती है ।अरनव सिंह के घर टेंशन का माहौल है । हाल में सब बैठे हुए है _धनंजय सिंह अपने बेटे शेर सिंह से कहता है –शेर मैंने तुमसे कुछ कहा था तुमने अभी तक वो काम क्यों नहीं किया ।शेर सिंह कहता है – पापा जी इलेक्शन सर पर है। Opposition वाले इस बात का फ़ायदा उठाने से बाज नहीं आयेंगे । मैंने कोसिस की लेकिन वीडियो सोशल मीडिया से हट नहीं रही है। आज पार्टी meeting है देखते है क्या होता है? तुम चिंता मत करो, बेटे शेर। तुमने बहुत मेहनत की हैं। तुम्हारा M.P बनने का सपना ज़रूर पूरा होगा । और इन छोटी –मोटी बातों की चिंता नहीं करते । समझे । धनंजय उसे दिलासा देते हुए कहता है । अरनव एकदम गुस्से में अपने कमरे में बैठा हुआ है।तभी उसके फोन की रिंग बजती है। वो देखता है की निया की कॉल आ रही होती है _निया–हेलो अरनव तुम ठीक हो ? और ये सब क्या हो गया है?अरनव –मुझे कुछ समझ नी आ रहा है। ये सब मेरे साथ क्या हो रहा है। घर वाले भी मुझे दोषी समझ रहे हैं। तुम तो जानती हो न। मैंने कुछ नही किया ।निया– ya! I know very well. Don't worry jaan , सब ठीक हो जायेगा । ये सब उस दो टके की लड़की की वजह से हुआ है। तुम्हारी कोई गलती नहीं है ।अरनव–सही कह रही हो तुम ।पर ये बात घर वाले नहीं समझ रहे हैं। उन्हें तो मैं ही गलत नज़र आ रहा हूं । निया –हम सब दोस्त है न। हम सब मिलकर uncle को सच्चाई बताएंगे। तुम चिंता मत करो । अरनव –जिस भी बंदे ने video वायरल की है में उसकी खाल उधेड़ दूंगा। बस एक बार पता चले।निया –उस आरवी ने ही बनवाई होगी और viral की होगी । उसे ही शौक है मुफ्त की पब्लिसिटी लेने का । अरनव –मैं उस आरवी को छोड़ूंगा नहीं । मैं उसे ऐसा सबक सिखाऊंगा की उसकी रूह तक कांप जाएगी । ‹ Previous Chapterदर्द दिलों के - 9 › Next Chapter दर्द दिलों के - 11 Download Our App