I Hate Love - 13 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | I Hate Love - 13

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I Hate Love - 13


और जल्दी से कमरे में जा ,,,,,वॉशरूम में जा देखती है ,,,,तो अंश को इस हालत में देख,,, जोर से चिख के साथ ,,,,अंश ,,,,,कहते हुए,,,,,,वह ,अंश की तरफ जाने लगती है ,,,,

****

आब आगे 

जानवी जब वॉशरूम मैं ,,,,,पहुंच देखती है ,,,,,तो अंश सिर्फ एक पेंट में ,, शॉवर के नीचे खड़ा,,,, खुद को भीगो रहा था ,,,,

और  साथ में आश एक बर्फ के टुकड़े को अपने सीने और हाथों पर चला रहा था,,,, उसे देख कर,,,,, ऐसा लग रहा था ,,,,की शायद वह अपनी गर्मी को कम करने के लिए ,,,उस बर्फ  के टुकड़े को खुद की बॉडी पर फेर रहा था ,,,,जिसे देख जानवी एक चिख के साथ,,,उसके पास जा,,,, उसके हाथों से वाह बर्फ का टुकड़ा ले ,,,,,जमीन पर फेंकते हुए,,,, क्या कर रहे हो अंश ,,,,तुम पागल हो गए हो,,,,,,तुम्हें चोट लग जाएगी ,,,,
इधर अंश जिसकी आंखें शायद नशे या गुस्से से बिल्कुल लाल थी ,,,
,वाह जानवी को अपने सामने देख उस पर चिल्लाते हुए ,,,,,तुम यहां क्या करने आई हो ,,,,,, जब मैंने तुम्हें कहा था ,, ,,,कि तुम यहां से चली जाओ ,,,,,,तो तुम्हें सुनायी नहीं दिया था ,,,,,, यह कह अंश जलदी से।   ,,,,,उसे खुद से डर कर देता है ,,,,क्योंकि उसे पता था कि जानवी कुछ देर उसे पास रही तो ,,,,,वाह जरूर खुद के ऊपर से कंट्रोल खो देगा ,,,,,इस्लीए वाह जानवी को यहां से दूर भगाना चाहता था ,,, वह पूरी कोशिश कर रहा था ,,,,की वाह जानवी के साथ ,,,,कुछ गलत ना कर बैठे,,,,
लेकिन जानवी बिना उसकी कोई बात माने जल्दी से उसके पास जा उसके गालो पर ,,,,अपने हाथ रख ,,, अपनी आंखों में आंसू  लिए ,,,,अंश बस कुछ देर इंतजार करो ,,,,,मैं ,,,मैं कुछ करती हूं ,,,,तो तुम ,,,अभी तुम अभी ठीक हो जाओगे ,,,,

जानवी इस वक्त अंश को इतने दर्द में देख,,,, उससे खुदको दर्द हो रहा था,,,,,उसकी आँखों में बेताहासा आशू थे,,,उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था,,,कि वह अंश के दर्द को कैसे कम करें,,,,,,
कुछ सोच जानवी अंश को हौसला देते हुए,, बस थोड़ा देर ,,,,,और बर्दास कर लो ,,,,मैं कुछ करती हूं ,,,,सिर्फ 5 मिनट ,,,,,,मैं अभी आती हूं,,, और फिर जल्दी से अंश को छोड़ वॉशरूम से बाहर भाग,,,,केबिन में जाती है,,,, और जल्दी से अपना फोन ढूंढने लगती है,,,,

की तभी उसे अपना फोन मिल जाता है ,,,,और जल्दी से,,, वह टेबल के पास जा,,,,, उस फोन को उठा डॉक्टर को फोन करती है,,,,, लेकिन डॉक्टर का नंबर बिजी आ रहा था ,,,,

फिर जानवी जल्दी से दूसरे नंबर पर डायल कर,,,,, दूसरे डॉक्टर को फोन करती है ,,,,,लेकिन वह भी फोन नहीं उठा रहा था ,,,,,जिससे जानवी छटपटाते हुई ,, अब मैं क्या करूं ,,, ,,ये डॉक्टर भी ,,,फोन नहीं उठा रहा है ,,,और इधर अंश की तबीयत खराब हो रही है ,, 

और फिर  वह दो-तीन बार,,,और ट्राई करती है ,,,,, लेकिन फिर भी कोई कम नहीं बंनता ,,,,जिससे जानवी गुस्से से उस फोन को उठा कर जमींन,,,,,,पर पटक देती है ,,,,,, उसे इस वक्त बहुत गुस्सा आ रहा था ,,,,खुद पर और अपने फोन पर,,,,

फोन पर गुस्सा इसलिए ,,,,,क्योंकि डॉक्टर उसका फोन नहीं उठा रहे थे,,, और खुद पर इसलिए ,,,,कि उसने खुद अपने सामने ही ,,,,क्यों अंश को ,,कॉफी नहीं पिलाई,,,,यह सोच जानवी का गुस्सा ,,,,खुद पर बढ़ता जा रहा था,,, जानवी ये सब सोच रही थी,,,,

इस वक्त जानवी की आंखों में बेताहशा आंसू थे,,,, जानवी इस वक्त डर से पूरी तरह से काप रही थी,,,,,,कि कहीं उसको कुछ हो ना जाए,,,,,,,और फिर वह जल्दी से वॉशरूम की तरफ भाग जाती है ,,,,

तो देखती है ,,,,कि अंश फिर से ,,,उस बर्फ के टुकड़े ,को अपनी बॉडी पर रगड़ रहा था,,,,जिससे अब आश की बॉडी पर चोट बन गई थी,,,,

यह सब देख ,,,जानवी के दिल में अब हद से ज्यादा दर्द होने लगा था ,,,,उसे इतना दर्द तो अंश के धोखा देने पर भी नहीं हुआ था ,,,,जितना दर्द उसे ,,खुद को चोट पहुँचते हुए देख ,,, हो रहा था,,,,

जानवी अंश को देखते हुए,,,मैं ऐसा क्या करूं,,,, कि अंश का दर्द कम हो जाए,,,,और फिर भगवान से प्रार्थना करते हुए,,,,,प्लीज भगवान जी अंश का सारा दर्द मुझे दे दो, ,,   लेकिन अंश को प्लीज ठीक कर दो ,,,,,,की तभी उसका एक आइडिया आता है ,,,,जिसे सोच जानवी अपने कदम अंश की तरफ बढ़ा देती है,,,,जानवी का दिल उसे ऐसा करने से रोक रहा था,,,,,,लेकिन अंश को इस हालत में देख,,,,, जानवी का दिल ,,,उसे ऐसा करने से नहीं रोक पाया,,,,

.जानवी अंश के पास पाहुंच अंश को देखे जा रही थी ,,,, उसे समझ नहीं आ रहा था ,,,,,कि वो ऐसा कैसे कर सकती है,,,,,, लेकिन इस वक्त  उसे सिर्फ अंश की तबीयत का ख्याल था,,,,उसे ये करना ही होगा ,,,,अंश को ठीक करने के लिए,,,,मैं कुछ भी कर सकती हूं,,,,,,वो अंश के लिए खुद को चोट पहनने के लिए तैयार थी,,,,, वाह अंश के लिए खुद को अंश को सौपने के लिए तैयार थी,,,,
.याह सोच जानवी अपनी आंखें बंद कर ,,,एक लंबी सांस ले ,,,,,, अंश के करीब जा,,,,उसकी होठों पर अपने हॉट रख देती है,,,,

और इधर अंश जो उस पल खुद को ठंडा रखने और होश में रखने की कोशिश कर रहा था,,,,किसी का अपने होठों पर होठ महसूस होते ही ,,,,अंश एक पल के लिए ,,,तो सुन रह जाता है,,,,,

और जल्दी से होश में आ,, जानवी को धक्का दे,,,,उस पर चिखते हुए,,,,,,तुम यहा क्या कर रही हो ,,,,

 क्योंकि इस वक्त अंश की बॉडी आश के वश में नहीं थी,,,, लेकिन उसका दिमाग और दिल अब भी उसके वश में था,, ,,,,, जिसकी वजह से अंश जानवी को खुद से दूर कर ,,,,उस पर चिल्लाते हुए,, , बोलो जानवी ,,,,मैंने कहा था ना,,,,तुम यहां से जाओ ,,,,तुमने सुना नहीं था,,,,अगर तुम कुछ देर और रुकी,,,,, यह तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ,,,इसलिये चुप चाप यहां से चली जायो,,,,अंश की बात सुन,,,, जान्हवी एक बार फिर अंश की तरफ देखती है ,,,,,जिसकी आंखें पूरी लाल थी,,,, और उसका चेहरा भी पूरा लाल हो गया था,,,​ पानी में भीगने के बाद भी ,,,, अंश की पूरी बॉडी , , उसे गर्म महसूस हो रही थी ,,,,

यह देख जानवी,,,,अंश की बातों को इग्नोर कर,,,,,, दोबारा उसके करीब जा,,,अपने हाथों को उसके सर पर रख,,,,उसे थोड़ा झुका उसकी होठों पर अपने होठ रख,,,उसके होठों को किस करने लगती है ,,,

और इधर अंश आख़िर में कब तक रुकता ,,,, वाह भी तो एक लड़का था ,,,,और ऊपर से,,, उसके ऊपर चढ़ा वाह ड्रग्स का असर ,,,,और साथ में जानवी की ख़ूबसूरती ,,,,, कब तक अंश खुद को रोक सकता था,,,,, अब वह भी जानवी का पूरा साथ देने लगता है,,,,अंश जानवी को किस करते हुए,,दीवार से लगा देता है ,,,,,इस वक्त शॉवर का पानी उन दोनों के ऊपर गिर ,,,,उनेह भीगो रहा था,, अब तक अंश भी अपनी बॉडी पर ,,,,अपना पूरा कंट्रोल खो चूका था ,,,,,,और अपने दिमाग को किसी कोने में फेंक चुका था ,,,,,,,,क्यूंकि इस वक्त अंश की बॉडी को जानवी की बहुत जरूरी थी,,,, जो उसके शरीर को ठंडक दे सकती थी,,,

,फिर अंश उसे चूमते हुए ,,,अपने बिल्कुल करीब कर लेता है ,,,इस वक्त अंश को जानवी की बॉडी,,, किसी बर्फ की तरह लग रही थी ,,,जिसे अंश को काफी राहत महसूस हो रही थी,, ,

अंश उसे किस करते हुए,,,, धीरे-धीरे उसकी शर्ट का बटन खोलने लगता है,,,,

जब जानवी को यह महसुस होता है ,,,,,कि अंश क्या करने वाला है ,,,,, उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं ,,,,,,,उसे अंश का इस तरह छूना अच्छा नहीं लग रहा था,,, , , और साथ में उससे घबराहट भी हो रही थी,,,,, लेकिन अंश को रोक नहीं सकती थी,,,,,

क्योंकि इस वक्त अंश को ठीक रखने के लिए,,,,उसे खुद को अंश को सोपना बहुत जरूरी था,,,,,याह सोच उसकी आंखों में बस आंसू आए जा रहे थे,,,,

  कि ये कैसी मोहब्बत है,,,,,, जिसे वह मोहब्बत करती है,, वह उससे मोहब्बत नहीं करती,,,,,पर जिसे वह मोहब्बत करती है ,,,,,,उसे वह मिल नहीं सकती,,,,

तब तक अंश उसके शर्ट को ,,, उसके शरीर से अलग कर ,,,,,, वॉशरूम में फेंक देता है ,,,,,,,अंश फिर उसे पलट कर वापस चूमने लगता है ,,इस वक्त जानवी सिर्फ एक ब्रा और स्कर्ट में थी,,   

और फिर अंश पलट जानवी को अपनी बाहों में उठा ,,,,,, बाथरूम से निकल,,,,, कमरे में जा उसे बिस्तर पर लेता देता है ,,,,और जल्दी से खुद उसके ऊपर, आ,,,,, उसे बेतहाशा चूमने लगता है,,,,,

अब अंश से और रुका नहीं जा रहा था ,,,,इसली अंश जल्दी से ,,,जान्वी के बचे हुए ,,,,,कपड़े भी फाड़ उसके शरीर से अलग कर देता है ,,,,,और उसे बेटाहाशा चूमने लगता है ,,,,,,,

उसकी किस वक्त के साथ जंगलीपन मैं बदलती जा रही थी,,,,,,, क्योंकि अंश इस वक्त पूरा नशे में डूब चुका था,,,,,

जिसकी वजह से अंश जानवी पर पूरी हावी हो चूका था,,,,, ,जिस वजह से जानवी को काफी दर्द हो रहा था ,,,,क्योंकि अभी कुछ दिन पहले ही ,,,, अंश बहुत बेरहमी से जानवी के साथ  intimate  हुआ था,,,,लेकिन इतने दर्द में होने के बाद भी जानवी,,,, उफ़ तक नहीं करती ,,,,,वाह अंश को वह सब करने देती है,,,, जिसकी उसे ज़रूरत थी ,,,,,आख़िर में जानवी भी एक इंसान थी ,,,, उसे भी दर्द होता था,,,,
लेकिन जानवी को जब भी दर्द होता है ,,,,तो जानवी दर्द से अपनी पकड़ बेडशीट पर मजबूर कर देती थी,,,, लेकिन वह अंश को खुद से दूर करने की,,,,बिल्कुल कोसिस नहीं कर रही थी,,,,
और ना ही वह अंश को कोई चोट लगा रही थी,,,,
लेकिन अंश उसे हद से ज्यादा चोट पहुंचा रहा था,,,, वाह किसी जानवर की तरह जानवी पर हावी हो चूका था,,,,, और जानवी की ,,,आंखों के दोनों कोने से ,,,,आंसू बह रहे थे, ,,,और बताना मुश्किल था ,,,,की याह आशू उसके दर्द की वजह से बह रहे थे,,,,, या फिर उसके दिल के दर्द की वजह से,,,,

, कृपया कमेंट जरूर करें

आज के लिए बस इतना ठीक है बाय 

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