BEWAFA - 16 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | बेवफा - 16

Featured Books
  • എന്റെ മാത്രം - 2

    റോ........... എന്നൊരു അലർച്ച കേട്ടതും അവൾ മനസിന്റെ ക്യാബിൻ ല...

  • അമീറ - 7

       ""അതൊന്നും സാരമില്ല മോളെ". ഉപ്പ അവളോട് പറഞ്ഞു.. "ഇനിയെന്ത...

  • അമീറ - 6

      മകളുടെ അവസ്ഥ കണ്ട അലവിക്ക് തോന്നി അവൾ ഒന്ന് ഫ്രഷ് ആവട്ടെ എ...

  • അമീറ - 5

    ഇന്നലെ രാത്രി ആമി റൂമിൽ നിന്നും കേട്ടത് ഇവരുടെ മൂന്ന് പേരുടെ...

  • അമീറ - 4

    പിറ്റേന്ന് രാവിലെ ആമി നേരത്തെ എണീറ്റിരുന്നു.അവൾക്കുള്ള ഭക്ഷണ...

Categories
Share

बेवफा - 16

सौम्या = ' अरे अगर हमे आपसे कुछ भी छुपाना होता तो. आपसे प्यार कभी ना करते. थोड़ा गहरा सोचो और फिर कुछ बोलो यार. हद है यार बिना कुछ सोचे समझे कुछ भी बोल देते हो. अगर अभी भी चैन नहीं है. तो बुलाउ विजू को. तब तो यकीन आयेगा आपको. ' 

योगेश ' अरे सॉरी बाबा मेरी गलती है. की मेने आप पर गलत इल्जाम लगाया. अब आगे से ध्यान रखूंगा ठीक है. प्लीज बेबी सॉरी तो बोल रहा हु. अब तो शांत हो जाओ. '

सौम्या = ' हा हा इट्स ओके. हा इसमें में भी मानती हु. की मुझे भी आपको बताना चाहिए था. उस वक्त पर कैसे बताती. हमे उस समीरा की खराब हालत में. और उसकी हड़बड़ी में कुछ समझ ही नही आया. की क्या करे और क्या नहीं. उस वक्त हमे जो सही लगा वो हमने वही किया. उस समय हमे ऐसा कुछ सूजा ही नही. की आपको इनफॉर्म करे वगेरा वगेरा. '

हरून = ' हा योगेश भाई ये सौम्या जी कह सही रही है. मेने भी देखा इन लोगो को हॉस्पिटल में रूम के बाहर खड़े थे. और सारे के सारे हैरान परेशान से खड़े थे. यहा तक की सब एक दूसरे से बात तक नहीं कर रहे थे. लेकिन जैसे ही डॉक्टर का बाहर आने का वक्त हुआ. उसीमे मुझे एक कॉल आया तो में वहा से चला आया. इस लिए बस इतनी इनफॉर्मेशन पता है. इससे ज्यादा मुझे कुछ भी नही पता भाई. बस अब आप लोग भी रिलैक्स करो और घर जाओ. विजय आप सौम्या जी को घर पर ड्रॉप कर के आओ जाओ. '

योगेश = ' हा हा ठीक है. सौम्या जी चलो साइकिल पर बैठ जाओ. में आपको घर पर छोड़ आता हु. फिर मुझे भी घर पर जाना होगा. चलो हरून भाई आप भी अब जाओ. कल फिर मिलेंगे ठीक है. '


अगले दिन. . .

विजय = ' हेल्लो रेन भाई गुड मॉर्निंग कैसे हो क्या कर रहे हो. और समीरा जी ठीक है ना. उनकी चोट का दर्द का थोड़ा कम हुआ की नही. बेचारी कल तो दर्द के मारे बेहोश हो गई थी. '

रेन = ' हा विजय भाई सोमी ना अब पहले से बेहतर है. अब वो थोड़ी आराम से सांस ले रही है. और अब तो वो बाते भी कर रही है. और डॉक्टर ने भी कहा है. की कल आप उसे घर पर भी लेजा सकते है. '

विजय = ' अरे वाह भाई ये तो अच्छी खबर है. मतलब आज का दिन सिर्फ रहना पड़ेगा हॉस्पिटल में. कोई नी भाई आज दिन रहो हॉस्पिटल में फिर कल तो आप आ जाओगे चुट्ठी लेकर. और हा रेन भाई में आप लोगो के लिए चाय और नाश्ता लेकर आ रहा हु ठीक है. '

रेन = ' अरे भाई आपने हमारी बहुत मदद की है. अब इसकी क्या जरूरत थी. नाश्ता तो हम यही पर जो होटल है वहा से कर लेंगे. आप तकलीफ मत उठाए. '

विजय = ' अरे रेन भाई इसमें क्या तकलीफ उठाना. अब तो हमारा एक दोस्ती वाला रिश्ता बन चुका है. तो ये सब तो होगा ही. अब इन सब के लिए आप मना नहीं कर सकते ठीक है. '


                                                      पढ़ना जारी रखे. . .