कल सुबह ₹300000 देकर आप मेरी भतीजी से विवाह करके ले जाइएगा हमें कोई आपत्ति नहीं है दुर्जन सिंह ने सामने खड़े हुए एक अंधड़ उम्र के आदमी की तरफ देखते हुए कहा ।
तब यह सुनकर वह अंधड़ उम्र के आदमी के चेहरे पर मुस्कान आ गई उसने हवस भरी नजरों से सिर झुकाए रोती हुई तारा पर नजर डाली और बोला ठीक है मैं कल सुबह जरूर आ जाऊंगा आप इसे तैयार रखिएगा।
तब दुर्जन सिंह बोला आप चिंता मत कीजिए कल मंदिर में ही विवाह हो जाएगा लेकिन उससे पहले आपको पूरे रुपए देने होंगे ।
तब वह अंधड़ उम्र का आदमी बोला ठीक है, यह कहते हुए हवस भरी नजरों से तारा को घूरते जा रहा था और उसके बाद वह वहां से चला गया ।
तब उसके जाने के बाद तारा रोते हुए अपनी ताई और ताया से बोली मैं आपके सामने हाथ जोड़ती हूं आप लोग ऐसा मत कीजिए, मेरी जिंदगी बर्बाद मत कीजिए ।
तब यह सुनकर उसकी ताई कलावती गुस्से में बोली क्या मतलब है तेरा क्या जीवन भर हमारे ही माथे पर बैठी रहेगी, अरे तेरे हाथ पीले भी ना करें क्या ।
तब यह सुनकर तारा बोली लेकिन आप लोग मेरा विवाह नहीं मेरा सौदा कर रहे हैं एक अंधड़ उम्र के आदमी के साथ जबरदस्ती मुझे ब्याहने की कोशिश कर रहे हैं क्या मेरी जगह आपकी दोनों बेटी चंदा दीदी और रोशनी दीदी होती तो आप यही करते ।
तब यह सुनकर उसकी ताई गुस्से में वहां पर आई और उसके बाल पकड़कर बोली खबरदार जो मेरी बेटियों के साथ अपनी तुलना की तो अरे तेरे जैसी बदचलन के लिए इस अंधड़ उम्र के आदमी का रिश्ता आ गया यही बहुत है वरना कोई भी तेरी तरफ थूकता तक नहीं, अपने कर्म याद है तुझे की तो कैसे बदचलन है और रही बात पैसों की तो अब तक तेरे से पालन पोषण में और तेरी मां की इलाज में जो पैसे लगे थे उनको क्या तेरे मां-बाप शमशान में से उठ कर देने के लिए आएंगे जो तेरी इतनी जवान चल रही है, एक बात कान खोलकर सुन ले छोरी मुझे कोई भी नाटक नहीं चाहिए वैसे ही पहले तू बहुत नाटक कर बैठी है, इससे पहले की तेरी वजह से मेरी बेटियों पर कोई आंच आए लोग हमारा जीना हराम कर दे हम पर उंगली उठाएं तेरा विवाह कर देने में ही हमारी भलाई है इसलिए चुपचाप अंदर जा और सुबह होने का इंतजार कर ना जाने कब सुबह होगी और कब तुमसे पीछा छूटेगा तुझे तो एक पल बर्दाश्त करना भी मेरे लिए बहुत मुश्किल है, कलावती गुस्से में उसकी तरफ देखकर बोली ।
तब यह सुनकर तारा की आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे ।
तब उसके ताया दुर्जन सिंह उसकी तरफ देखकर बोले इस तरह आंसू बहाने से कुछ न होने वाला अगर इतनी ही शर्म होती ना तुझ में तो इस तरह सबके सामने हमारी इज्जत ना नीलम करती, अरे शुक्र मनाओगे इतना सब कुछ होने के बाद भी हमने धक्के देकर तुझे इस घर से नहीं निकला तेरा विवाह कर रहे है, अब चाहे जैसा भी इंसान हो लेकिन तेरा हाथ तो थाम रहा है ना और तू है कि यहां हमसे सवाल जवाब करने में लगी हुई है चुपचाप जा यहां से ।
तब यह सुनकर तारा रोते हुए भाग कर अपने कमरे में आ गई ।
तब यह देखकर उसके ताया और ताई की बड़ी बेटी चंदा और छोटी बेटी रोशनी के चेहरे पर मुस्कान आ गई ।
तब चंदा अपनी मां की तरफ देखते हुए बोली देखा आपने कितने नखरे हैं इसके इतना सब कुछ होने के बाद भी कैसे जवान चल रही थी इसकी ।
तब कलावती बोली चिंता ना करो तुम दोनों अरे इसकी परछाई भी अब मैं तुम दोनों पर ना पड़ने दूंगी, आज रात की बात है कल सुबह होते ही इसका विवाह हो जाएगा और यह चली जाएगी हमेशा के लिए हमसे दूर उसके बाद यह मरे या जिए हमें इससे कोई मतलब नहीं है वैसे भी इसने हमारी जिंदगी बहुत हराम कर दी यह कहते हुए बड़बड़ाने लगी ।