Ek Musafir Ek Hasina - 55 in Hindi Thriller by Swati Grover books and stories PDF | एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 55

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एक मुसाफ़िर एक हसीना: A Dangerous Love Story - 55

55

झटके

 

 

उन दोनों  ने देखा कि  चार  बंदूकधारी  आदमी  अंदर  आ चुके  हैंI अश्विन  ने भी अब अपनी  जेब से पिस्तौल  निकाल ली और माया उसके पीछे  छिपकर  खड़ी  हो गई I   अब दोनों  तरफ से एक दूसरे  की तरफ बंदूक  तनी  हुई  हैI  अब अश्विन  ने चिल्लाते हुए कहा, “ कौन हो तुम लोग? “ “ पहले तू बता कि  तू यहाँ  तक कैसे आयाI”   “क्या तुम लोग सम्राट के आदमी  हो?”  अश्विन  ने फिर  चिल्लाते  हुए पूछाI   “हम  क्या है और कौन  है, यह तुझे अभी  पता चल जायेगाI”  यह कहते हुए  उस आदमी  ने अश्विन  को घूरा  और जवाब  में  अश्विन  भी उसे खा जाने वाली नज़रों से देख रहा हैI माया  अश्विन  की ओट  में  छिपी  हुई  हैI   अब अश्विन  ने माया  से पूछा, “ वो आदमी   कौन  है, जो मुझे सम्राट तक पहुँचाने वाला थाI”   “इनमे  से कोई  नहीं है, “ उसने डरते हुए जवाब दियाI  “ फिर ये  लोग कौन है?” अश्विन  की नज़र  अभी  भी उन आदमियों  पर हैI   “मुझे नहीं पताI”   माया का जवाब  हैI  

 

 

अनुज  ने टाइम देखा तो बारह  बजने वाले है और अभी  भी एक घंटे की पिक्चर  पड़ी  है और कोमल  उसके कंधे  पर सिर रखें  नींद  के आगोश  में  चली गई हैI   अब उसे अचानक  अश्विन  का ख्याल  आया तो उसने उसे मैसेज  करकर पूछा, “वह आदमी मिला?” और फिर मोबाइल पेंट की पॉकेट में रखकर वापिस पिक्चर  देखने  लग  गयाI अब  कोमल ने अपनी  आँखें  खोली और वाशरूम  जाने की बात कहीं तो अनुज भी उसके साथ  बाहर  निकल  गयाI  कोमल  अंदर  है और वह उसके और अपने लिए कॉफी  ले रहा है कि  तभी उसके कंधे  पर किसी  ने हाथ  रखा, उसने पीछे  मुड़कर  देखा तो राकेश अपनी पत्नी  शालिनी  के साथ खड़ा  हैI “ अरे! भाईसाहब  आप ही है,  मेरी बीवी  शालिनी  ने आपको  सही  पहचाना I”  उसने शालिनी  की तरफ देखा जो अनुज को देखकर मुस्कुरा  रही हैI “ अब अनुज ने भी मुस्कुराते  हुए कहा,

 

“आप दोनों भी पिक्चर  देखने आये हैI”

 

“जी! आज हमारी  श्रीमती जी का जन्मदिन है और कल शनिवार भी था तो सोचा  आज लेट नाईट  शो  ही देख  लें,  वैसे हम दो नंबर की स्क्रीन  में  है और आप?”

 

“मैं तीन नंबर की स्क्रीन में  हूँ” अब उसने शालिनी को जन्मदिन  की मुबारकबाद दी तो उसने भी मुस्कुराते  हुए कहा, “ थैंक्स!!!”  

 

“ओह !! आप तो अंग्रेजी  फिल्मो  के शौकीन  लगते हैं, वैसे  अकेले आये हैं?”

 

“नहीं, मेरी वाइफ  भी मेरे साथ है,  अभी वाशरूम  गई  हैI”  यह सुनकर  शालिनी  का मुँह उतर  गया, वह तो उसे कुँवारा  ही समझ  रही थी और राकेश भी हँसते  हुए बोला,   “हमने आपकी फैमिली  के बारे में  पूछा तो आप तो सिर्फ मम्मी -पापा और भाई  ही बता रहें  थेंI” “ भूल  गया होगाI”  अनुज ने यह कहते  हुए बात खत्म  करनी चाहीI 

 

अब राकेश  अपनी भोहें  उचकाते  हुए बोला,  “देखा ना आपने क्या हो गया?”

 

“क्या!!!!” अनुज  हैरान हैI

 

“अरे!! उस सीरियल  किलर  ने एक और मर्डर  कर दिया I” 

 

“हम्म! बहुत बुरा  हुआI “ अनुज ने अब अपनी कॉफी  के पैसे दिएI

 

“भाईसाहब आप मुझसे लिखकर ले लें, पुलिस  के बस की ही नहीं है, उस सीरियल  किलर  को पकड़नाI”  अब अनुज ने उसे घूरते हुए कहा, “आपको बड़ा पता है कि  पुलिस  के बस की है या नहींI” अब कोमल  भी वाशरूम से निकाल आई  और अनुज  को किसी  अनजान के साथ बात करते देख उसके पास आ गईI 

 

माया  ने  धीरे  से अश्विन  को कहा,  “मुझे बचा लो, अश्विन  मैं अभी मरना नहीं चाहतीI” अभी उसने  यह कहा ही था कि  अचानक  से एक आदमी पीछे  से आया और उसने माया को गले से पकड़ते हुए उसकी कनपटी  पर बंदूक  रख  दीI   “अश्विन!” वह  ज़ोर से चिल्लाईI   “औए!! छोड़  दे, लड़की  कोI” उसने गरजते  हुए कहा तो  जो चार  आदमी  सामने खड़े  हैं, वे अश्विन  को अपनी  बंदूक  और उसका मोबाइल  फ़ोन नीचे  रखने के लिए  कहने  लगेंI  माया की जान  का सोच अश्विन  ने ऐसा  ही कियाI  अब उन्होंने माया से उसका मोबाइल माँगा तो उसने डरते हुए कहा,  “गाड़ी  में  हैI”  अब उन  चारों  ने अश्विन  को घेर  लिया पर तभी  अश्विन  को  एक आदमी  जाना-पहचाना  लगा, वह उसे लगातार  देखता जा रहा हैI  “क्यों बे!!! ऐसे क्यों घूर  रहा हैI” अब दूसरा आदमी बोला, “देखते  क्या हो,  लेकर जाओ इसे और इसकी  मैना  को पकड़कर बाँध दो,” अपने बॉस का आदेश सुनते ही तीन  आदमी  अश्विन  को बंदूक की नोक पर गोदाम में बने के छोटे से  कमरे  में  ले गए और बाहर  से कमरा बंद  कर दिया और फिर माया को पकड़कर  कुर्सी  से बांधने  लगें, माया चिल्ला  रही है,  “अश्विन  सेव  मी, प्लीज!!!” और अश्विन  माया की दर्दभरी  आवाज़  को सुनकर  बंद दरवाजे  पर ज़ोर-जोर से लात मार  रहा हैI

 

कोमल के पास आते ही अनुज  ने उसे उन दोनों  से मिलवाया तो उसने उन्हें  देखकर हैरानी  से सिर  तो हिला दिया पर वह अनुज  की तरफ सवालियाँ  नज़रों  से देखने लगीI  उसे ऐसे  देखकर राकेश ने कहा, “भाभी जी हम बताते  है, भाईसाहब  हमें  15  दिसंबर  को ट्रैन  में  मिले थेंI”  “ट्रैन  में, तुम कहाँ  जा रहें थे  अनुज?” “ यह मालपुरा से आगे जा रहें  थेंI”  राकेश ने अनुज के बोलने से पहले  ही जवाब दियाI “तुमने  बताया नहीं?” कोमल  ने अनुज को घूरा  तो राकेश फिर बोल पड़ा,  “भाभी  जी इन्होने  हमें  भी कहा  बताया कि यह शादीशुदा  है और इनकी इतनी खूबसूरत  बीवी  हैI”  अब अनुज का मन  किया कि  एक ज़ोरदार  थप्पड़  राकेश  के मुँह पर मार दें जो  इतनी देर से बेमतलब का बोले  जा रहा हैI  अब कोमल की  शालिनी पर नज़र  गई  तो उसने देखा  कि  वह अनुज  को ही टकटकी  लगाकर  देखी जा रही हैI “अच्छा मिस्टर  राकेश, फिर मिलते है, उसने कॉफी  के कप  उठाये  और कोमल  को लेकर  अंदर  की तरफ आ गयाI  पीछे  से राकेश चिल्लाता  रहा,  “भाईसाहब  अपना फ़ोन नंबर तो दे जातेI” 

 

अब  अश्विन  ने ज़ोर से दरवाजे हाथ से  खीचा तो वह खुल गया, उसने  देखा  कि  वे लोग उसके दरवाजे की कुंडी  खोलकर और  माया  को ऐसे  बाँधकर  जा चुके  हैं और माया  ज़ोर-ज़ोर से बचाओ! बचाओ!  चिल्ला  रही हैI  अभी वह  माया  को छुड़ाने उसकी तरफ गया ही था कि  पुलिस  की एक  टीम अंदर  आ गईI   “यश, करण  तुम लोगों को किसने खबर  दी?” उसने अपना मोबाइल ज़मीन से उठाते  हुए पूछा तो यश  बोला, “सर एक फ़ोन आया था, यह बोलकर वह चीखती-चिल्लाती माया को रस्सियों  के बंधन  से आज़ाद  करने लगा और आज़ाद  होते ही माया  लपककर यश  से जाकर बोली,  “इस अश्विन  ने मेरा किडनैप  किया थाI”  यह सुनकर  अश्विन  को लगा पूरी दुनिया को छोड़कर सिर्फ इस गोदाम  में  भूकंप  के झटके  आ रहें  हैंI