shadows of the past in Hindi Horror Stories by Shailesh verma books and stories PDF | अतीत के साए

Featured Books
Categories
Share

अतीत के साए

भाग 1: वर्तमान की खोज साल 2025 की एक ठंडी रात, दिल्ली के एक पुराने इलाके में स्थित एक ऐतिहासिक हवेली के सामने खड़ी थी नयनतारा। नयनतारा, एक जानी-मानी पत्रकार, जो इतिहास और रहस्यों के प्रति गहरी रुचि रखती थी। वह वर्षों से एक अजीब सी घटना पर काम कर रही थी — एक पुरानी हवेली का रहस्य। यह हवेली जो कभी शाही परिवार की थी, आज वीरान और खंडहर में बदल चुकी थी। लेकिन, कहानियां थीं जो कहती थीं कि उस हवेली में अनगिनत आत्माएँ बसी हैं।नयनतारा के पास अपने इस शोध के लिए एक मजबूत वजह थी। वह उस हवेली के बारे में एक पुरानी किताब में पढ़ चुकी थी, जिसमें लिखा था कि उस हवेली में कई साल पहले एक महिला ने अपनी जान दी थी। मगर उसकी मौत आज भी एक रहस्य बनी हुई थी।नयनतारा का मानना था कि उस महिला की आत्मा आज भी हवेली में बसी हुई है। उसका इरादा था कि वह इस कहानी को सार्वजनिक करे और दुनिया को बताए कि अतीत में क्या हुआ था। लेकिन, उसे इस बात का इल्‍म नहीं था कि वह हवेली के रहस्यों को उजागर करने जा रही है, जिससे उसकी खुद की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है।

भाग 2: अतीत की परछाईसाल 1850, दिल्ली की गलियाँ उस समय भी रौनक से भरी हुई थीं। शाही परिवार के महलों की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्त्व ने उस शहर को एक अनोखी पहचान दी थी। हवेली में एक शाही महिला राजमाता चंद्रिका रहती थी। उसकी खूबसूरती और बुद्धिमानी की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई थी। लेकिन उसका जीवन बहुत ही रहस्यमय था।राजमाता चंद्रिका का एक गहरा राज था — उसने कभी किसी से अपने दिल की बात नहीं की, न ही अपने जीवन के बारे में। एक दिन, हवेली में एक दर्दनाक हादसा हुआ। राजमाता चंद्रिका की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कई लोग कहते थे कि यह आत्महत्या थी, तो कुछ का मानना था कि उसे मार दिया गया था। लेकिन न तो शव के पास कोई साक्ष्य मिला, और न ही कोई ठोस जानकारी सामने आई।शाही परिवार ने उस घटना पर पर्दा डालने की पूरी कोशिश की। समय के साथ, चंद्रिका की आत्मा हवेली में रुक गई और उसके बाद से हवेली में असामान्य घटनाएँ घटने लगीं। दीवारों पर कभी-कभी चंद्रिका के नाम की गूंज सुनाई देती थी, और हवेली के भीतर रात के समय एक हल्की सी आहट भी सुनाई देती थी।

भाग 3: हवेली में रातनयनतारा ने अपने दोस्तों से कहा था कि वह हवेली में एक रात बिताने वाली है। उसका मानना था कि अगर वह रात भर हवेली में रुक सकेगी, तो वह कुछ असामान्य घटनाएँ देखेगी जो उसे राजमाता चंद्रिका की मौत के रहस्य को उजागर करने में मदद करेंगी।हवेली के भीतर घुसते ही नयनतारा को महसूस हुआ कि कुछ गलत था। हवेली की दीवारों से आती अजीब सी सरसराहट और हवा की ठंडी ठंडी सांसें उसे डराने लगीं। लेकिन वह डरी नहीं। उसने अपने कैमरे और रिकॉर्डर को चालू किया और हवेली की ओर बढ़ने लगी।हवेली के भीतर अंधेरा और सन्नाटा था, लेकिन अचानक उसे किसी औरत की चीख सुनाई दी। नयनतारा ने पूरी हवेली में खोजबीन शुरू की, लेकिन किसी को नहीं पाया। उसके सामने एक पुराना दर्पण था, जो उसके चेहरे का प्रतिबिंब दिखा रहा था, लेकिन अचानक उसमें एक और महिला का चेहरा दिखने लगा। नयनतारा ने चौंकते हुए दर्पण को छुआ, और जैसे ही उसने इसे छुआ, उसके चारों ओर अंधेरा घना हो गया।

भाग 4: रहस्य खुलता हैअचानक नयनतारा को एक गहरी आवाज सुनाई दी — "तुमने मुझे क्यों जगाया?" वह आवाज बेहद तेज़ थी, जैसे वह दर्पण से निकल कर उसके कानों तक आ रही हो। नयनतारा का दिल तेजी से धड़कने लगा, लेकिन उसने खुद को संभाला और उस आवाज का पीछा किया।वह आवाज उसे हवेली के एक गुप्त तहखाने में ले गई। जब नयनतारा वहां पहुंची, तो उसने देखा कि तहखाने की दीवारों पर अजीब सी लकीरें और निशान बने हुए थे, जो किसी अज्ञात भाषा में थे। वह समझ नहीं पाई कि ये निशान क्या थे, लेकिन उसे महसूस हुआ कि यह कुछ बहुत ही पुराना रहस्य था।तभी, अचानक एक बहुत तेज़ आंधी आई, और हवेली के दरवाजे बंद हो गए। नयनतारा को लगा कि वह किसी जाल में फंस चुकी है। तभी उसकी आँखों के सामने राजमाता चंद्रिका की आत्मा प्रकट हुई। उसकी आँखें एक अजीब सी गहरी चिंता और क्रोध से भरी हुई थीं। चंद्रिका की आत्मा ने नयनतारा से कहा — "तुमने सही रास्ता चुना, लेकिन इस रास्ते पर चलना आसान नहीं होगा।

"भाग 5: रहस्य का उद्घाटनराजमाता चंद्रिका ने नयनतारा को बताया कि उसकी मौत एक साजिश थी। उसे अपने ही परिवार के किसी सदस्य ने धोखा दिया था। चंद्रिका के अंतिम समय में उसे बहुत दर्द और अकेलापन महसूस हुआ। वह अपनी मौत के कारण को जानने के लिए इच्छुक थी, लेकिन समय ने उसकी इच्छा पूरी नहीं की।नयनतारा को समझ आ गया कि वह केवल एक रहस्य नहीं सुलझा रही थी, बल्कि वह चंद्रिका की आत्मा को शांति देने की कोशिश कर रही थी। उसकी आत्मा केवल तभी शांति पा सकती थी जब उसकी मौत का राज खुल जाए।नयनतारा ने पूरी रात हवेली में रहकर सबूत इकठ्ठा किए। उसने पाया कि चंद्रिका की हत्या एक साजिश थी, जिसमें उसके करीबी रिश्तेदार शामिल थे। इस खुलासे ने न केवल चंद्रिका की आत्मा को शांति दी, बल्कि नयनतारा को भी एक बड़ी पत्रकारिक सफलता दिलाई।

कहानी का समापन: नयनतारा ने इस रहस्य को दुनिया के सामने लाया, और चंद्रिका की आत्मा को शांति मिली। हवेली अब फिर से शांत हो गई थी। नयनतारा को यह एहसास हुआ कि कभी-कभी अतीत के राज उजागर करने से वर्तमान को भी राहत मिलती है। उसने इतिहास और मानवता को समझा, और साथ ही एक नई दिशा में अपने जीवन को ढाल लिया।

यह एक खौ़फनाक और रहस्यमय यात्रा थी, जिसमें अतीत और वर्तमान दोनों ने एक-दूसरे से जुड़कर अपने-अपने रहस्यों को साझा किया।

-समाप्त-


लेखक:- शैलेश वर्मा