प्यार, एक चार अक्षर से बनी शब्द। लेकिन ये छोटी सी शब्द समुद्र से ज्यादा गहराई और कभी न रुकने वाली लहरों की तरह है। इस विश्व में हर किसी को प्यार होता है, लेकिन सच्चा प्यार नहीं। अक्सर लोग कशिश को ही प्यार समझ बैठते हैं। जबकि कशिश प्यार की पहली सीढ़ी है, लेकिन हर बार वो प्यार में ही खत्म होती है या नहीं, ये एक अलग बात है। उस कशिश को पूरी तरह से समझने पर ही प्यार मिलता है। प्यार का अहसास हर किसी को पता है, लेकिन क्या हर किसी को अपना प्यार मिलता है? इस प्रश्न का उत्तर इतना उलझा हुआ है कि हर किसी को इसका पता नहीं। तो क्या आप तैयार हैं उस लड़की की कहानी सुनने के लिए जो प्यार को सही तरीके से समझती है, लेकिन उसे पाया नहीं। उसकी हर आंसू और मुस्कुराहट के पीछे छुपी कहानी।
ये कहानी है उन लोगों की जिनके लिए एक तरफा प्यार काफी है पूरी उम्र गुजरने के लिए।
अध्याय 1 - मुलाकात
ये कहानी है रिद्धि की, जिसकी जिंदगी समझती है मोहब्बत की महत्वता। उसकी कहानी हमें बताती है कि प्यार सिर्फ एक हैप्पी एंडिंग में नहीं खत्म होता, कुछ कहानियों में प्यार हमसे इतनी दूर जाती है कि सिर्फ मौत ही एक आखिरी रास्ता है प्यार को एक और बार देखने की।
रिद्धि कॉलेज की फर्स्ट ईयर में है। वो एक औसत स्टूडेंट है। वो अपनी जिंदगी की एक नई अध्याय की शुरुआत करने जा रही थी अपने पढ़ाई में, लेकिन वो ये नहीं जानती थी कि उसके साथ प्यार की रंग भी उसकी रंगीनी जिंदगी में आने वाली है।
रिद्धि अपने कॉलेज कैंपस में अपने पहले दिन के लिए एक्साइटेड थी। वो एक ऐसी लड़की थी जिसे कोई दोस्त नहीं थी, वो एक सच्चा दोस्त की तलाश में थी। रिद्धि अपने क्लास में एंटर कर चुकी थी और एक लड़की ने उसे अपने पास बैठने दिया और शायद यहीं से उसकी एक सच्चा दोस्त मिले। और कुछ लम्हों में उसकी मुलाकात होने वाली थी प्रियम से। जो आया एक अनएक्सपेक्टेड बारिश की तरह, वो बारिश जो उसकी जिंदगी में हरियाली लाएगी।
प्रियम भी उसकी क्लास में आया। अब आप सोच रहे होंगे कि पहली नजर में ही रिद्धि को उससे इश्क हो गया होगा। लेकिन हर प्रेम कहानी ऐसी ही होती है तो क्या मजा। ये रिद्धि को प्यार हुआ ही नहीं, न ही प्रियम को, दोनों अनजान एक दूसरे से। प्रियम भी एक अच्छा लड़का था जो अपने काम से कम रखता था। वो हर किसी के साथ अच्छे से बात करता था। हर किसी को वो पसंद था। लेकिन रिद्धि की नजर कभी उसमें नहीं गई, न ही प्रियम की। दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में खुश थे। हर दिन वो दोनों एक दूसरे के रास्ते काटते थे, लेकिन एक शब्द भी एक दूसरे से नहीं कहते थे। कभी उनकी आंखें एक दूसरे को जानने के लिए नहीं तड़पती थीं। कैसे होगी अब उनकी इश्क की शुरुआत?
और फिर एक दिन, रिद्धि ने प्रियम को देखा, जब वो कैंपस में एक पेड़ के नीचे बैठा हुआ था, अपने नोट्स में मग्न। रिद्धि को लगा कि प्रियम की मुस्कुराहट में कुछ खास है, जो उसे आकर्षित कर रही थी। लेकिन रिद्धि ने अपने दिल की बात को दबा दिया, और अपने रास्ते पर चलती रही। क्या पता था कि यही शुरुआत होगी उनकी प्रेम कहानी की?
रिद्धि के दिल में एक अनजान सा दर्द था, जो उसे समझ नहीं आ रहा था। क्या ये प्यार की शुरुआत थी? या कुछ और no? समय ही बताएगा।