जैसे ही शौर्य ने कहा कि वह रश्मी की आंखें ठीक कर सकता है, सभी लोग हैरानी से उसकी तरफ देखने लगे। एक बुजुर्ग व्यक्ति, जो बाकी वैद्यों के साथ खड़ा था, शौर्य को घूरते हुए बोला, "तू कौन है, बच्चे? और यहां कैसे आ गया?"शौर्य कुछ कह पाता, उससे पहले ही रश्मी के पास खड़े वैद्य और बुजुर्ग उसे गुस्से से घूरने लगे।"हम तीन स्टार वाले वैद्य हैं, और हमारे हेड खुद चार स्टार वाले वैद्य हैं। जब हम रश्मी की आंखें ठीक नहीं कर पाए, तो तू क्या कर लेगा? वैसे भी, हमें इलाज करना आता है—हमें सिर्फ वो चीज़ चाहिए, जो दुर्लभ है... और वो हमारे पास नहीं है।"वो महिला वैद्य कड़वी आवाज़ में बोली।शौर्य विनम्रता से बोला, "मैं जानता हूं कि आप सभी बहुत योग्य हैं, और मैं ये दावा नहीं कर रहा कि मैं आपसे बेहतर हूं। असल में, मेरी बहन एक वैद्य है—दो स्टार वाली। उसके पास कुछ ऐसे उपाय हैं जिनसे मैं रश्मी की आंखें ठीक कर सकता हूं।"राजकुमार कार्तिक आगे बढ़कर बुजुर्ग के कान में कुछ कहता है।बुजुर्ग की आंखों में हैरानी उभरती है, "अच्छा... तो तुम वही हो, जिसकी वजह से वो बहरूपिया पकड़ा गया और मेरी बेटी की जान बच गई। इसके लिए मैं तुम्हारा आभारी हूं। लेकिन जो तुम कह रहे हो, वो इतना आसान नहीं है।"थोड़ी देर रुककर वो पूछता है, "तुम्हारी बहन दो स्टार वाली वैद्य है? और तुम कह रहे हो कि वो इस इलाज में सफल हो सकती है?"शौर्य दृढ़ता से कहता है, "जी, मैं पूरी तरह से विश्वास के साथ कह सकता हूं—हम ये कर सकते हैं।"बुजुर्ग कुछ सोचता है, फिर एक ओर हटकर रास्ता बना देता है, "ठीक है, तुम्हें एक मौका देता हूं।"अब शौर्य और रश्मी आमने-सामने खड़े थे।"क्या आप इसकी पट्टी हटा सकती हैं?" शौर्य ने पास खड़ी वैद्य से कहा। वो वैद्य शौर्य की बात मानते हुए पट्टी हटाती है। शौर्य बिना छुए रश्मी की आंखों को ध्यान से देखता है।"क्या आप इसकी आंखें हल्का खोल सकती हैं?" शौर्य ने फिर अनुरोध किया।बुजुर्ग और उनका भाई उस दृश्य को नहीं देख पाते और पीछे मुड़ जाते हैं।शौर्य आंखों का गहराई से निरीक्षण करता है, हर एक संकेत को नोट करता है। फिर वह सीधा कहता है, "ठीक है। मैं कल इसके लिए दवा लेकर आऊंगा। और अगर सब सही रहा, तो शायद कल ही इसकी आंखें ठीक कर सकूं।"इतना सुनते ही वैद्य फिर गुस्से में बोल पड़ी, "यहां कोई तमाशा नहीं चल रहा! हम लोग अगर सारी जड़ी-बूटियां भी जुटा लें, तो कम से कम दस दिन लगेंगे। और तुम कह रहे हो कि दो दिन में ही ठीक कर दोगे?"तभी शौर्य को अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस होता है। एक गंभीर आवाज़ आई, "बच्चे, अगर तू बस दिखावा करने आया है, तो अभी निकल जा। लेकिन क्योंकि तूने रश्मी की जान बचाई है... और जिसने उसकी जान को खतरे में डाला, उसे भी पकड़ा—इसलिए तुझे जाने दे रहा हूं।"शौर्य बिना डरे पीछे मुड़ता है, और उस बुजुर्ग की आंखों में आंखें डालकर कहता है, "मैं जानता हूं आप क्या कर सकते हैं... लेकिन मैंने जो कहा, उस पर मुझे पूरा विश्वास है। कल या परसों मैं जब लौटूंगा, तो मेरे पास रश्मी की आंखों के इलाज के लिए दवा होगी।"उसकी आवाज़ में आत्मविश्वास साफ झलकता है।शौर्य के चेहरे पर जो आत्मविश्वास था, उसे देखकर वो बुजुर्ग एक पल को चुप हो गया। उसके मन में लगातार सवाल चल रहे थे—“क्या ये लड़का सच में ऐसा कर सकता है? कहीं ये मेरी उम्मीद से भी ज्यादा सक्षम तो नहीं?”थोड़ी देर सोचने के बाद उसने गहरी सांस ली और कहा, "ठीक है, दिया तुम्हें एक मौका। जाओ... तुम्हारे पास दो दिन हैं। अगर तुमने रश्मी की आंखें ठीक कर दीं, तो जो मांगोगे, वो मैं तुम्हें दूंगा।"बुजुर्ग की बात सुनते ही शौर्य के चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान आ गई। वो जानता था—अगर वो रश्मी की आंखें ठीक कर देगा, तो उसे इस गांव में हमेशा के लिए रहने की आज़ादी मिल जाएगी। उसे न बाहर जाना होगा, न किसी से डरना। जब उसका मन होगा, वो बाहर जाएगा।शौर्य बुजुर्ग और कार्तिक को प्रणाम करता है और वहां से चला जाता है। उसके जाते ही रश्मी की आंखों से आंसू टपकते हैं और वो चुपचाप वहां से निकल जाती है।दूसरी ओर, बुजुर्ग, कार्तिक और अमन एक कमरे में बैठे थे।"आपने उससे वादा कर तो दिया, पर अगर वो सच में रश्मी की आंखें ठीक कर दे तो...? कहीं वो रश्मी का हाथ तो नहीं मांग लेगा?" कार्तिक ने चिंतित स्वर में पूछा।बुजुर्ग हँस पड़ा, "क्या तुम मुझे इतना भी मूर्ख समझते हो? मुझे सिर्फ रश्मी की आंखें ठीक करवानी हैं। उसके बाद वो लड़का चाहे कुछ भी करे, मुझे फर्क नहीं पड़ता। और तुम दोनों मेरे बेटे हो... इतना समझदारी तो रखो कि मैं क्या सोचकर ये फैसला ले रहा हूं।""वैसे भी," बुजुर्ग आगे बोलता है, "हमारे वैद इतने अनुभवी हैं कि उन्होंने हजारों जड़ी-बूटियों से मिलाकर दवाई बनाई है। वो लड़का एक दिन में क्या कर लेगा? मैंने उसे सिर्फ दो दिन दिए हैं। अगर वो असफल रहा, तो फिर तुम जानते ही हो कि उसके साथ क्या करना है।""क्योंकि ऐसा लड़का आगे चलकर हमारे लिए खतरा बन सकता है। हो सकता है वो रश्मी को पाने की कोशिश करे। हमें पहले ही रास्ता साफ रखना होगा।"कार्तिक ने गंभीर आवाज़ में कहा, "पर पिताजी, एक और बात है... रश्मी की आंखों के बारे में दो सितारों वाले भेड़िया कबीले को पता चल गया है। उनका छोटा राजकुमार हमेशा से रश्मी पर नजर रखता आया है। और अब वो फिर से उसे हासिल करने की कोशिश करेगा।"बुजुर्ग की आंखों में गुस्सा भर आया। "चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे खून की नदियां बह जाएं, रश्मी को बचाना हमारी प्राथमिकता है। वो हमारी कमजोरी को भुनाना चाहता है—ये मैं जानता हूं।"---दूसरी ओर, शौर्य अपने रूम में पहुंच चुका था। सूरज उगने को था और हल्की-हल्की रोशनी कमरे में फैल रही थी। वो टेलीपोर्ट करना चाह रहा था, पर... कुछ गड़बड़ थी।"ये क्या? मैं टेलीपोर्ट क्यों नहीं हो रहा?" शौर्य ने खुद से कहा।तभी उसके दिमाग में एक ख्याल आया। वो खिड़की के पास गया और देखा कि बाहर कोई नहीं था। उसने धीरे से अपना हाथ बाहर निकाला। जैसे ही उसकी हथेलियां धूप से स्पर्श करती हैं, शौर्य पलभर में टेलीपोर्ट होकर अपने असली कमरे में पहुंच जाता है।वो जल्दी से दरवाजा खोलता है और देखता है कि उसकी बहन अनन्या उसके लिए खाना रख रही थी। उसके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल थी।"दीदी!" शौर्य के इतना कहते ही अनन्या चौंक जाती है।"अरे! मेरा सरप्राइज़ प्लान बिगाड़ दिया तुमने! इतनी सुबह उठ कैसे गए?""माफ करना दीदी... पर मुझे आपसे कुछ ज़रूरी बात करनी है।"शौर्य ने उसका हाथ पकड़ा और उसे डाइनिंग टेबल पर बैठा दिया। फिर खुद भी सामने बैठ गया।"मतलब... मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूं।"अनन्या ने सिर हिलाकर इजाज़त दी।"अगर किसी की आंखों में ज़हर चला जाए और वो देखना बंद कर दे... तो क्या उसकी आंखें ठीक की जा सकती हैं?"अनन्या अचानक गंभीर हो गई। वो उठी और सीधे शौर्य के पास आई। उसके चेहरे को पकड़ा और आंखों में गहराई से झांकने लगी।"दीदी! मेरी आंखों को कुछ नहीं हुआ... बस मैं पूछ रहा था।""ओह..." अनन्या मुस्कराई और बैठ गई।"देखो... अगर आंखों में ज़हर चला जाए, और रेटिना पूरी तरह डैमेज न हो, तो हां, इलाज मुमकिन है। पर ये इस पर निर्भर करता है कि किस तरह का ज़हर है, कितना फैला है और कितने समय से है।"शौर्य की आंखों में उम्मीद चमकी।"और... अगर उसका इलाज करना हो, तो कौन-सी तकनीक या प्रक्रिया काम आ सकती है?"अनन्या थोड़ी देर सोचती है, फिर बोली, "कुछ हर्बल कॉम्बिनेशंस होती हैं जो नसों की सूजन कम करती हैं। साथ ही, एक विशेष रेटिनल रीजेनेरेशन सीरम भी होता है जो हम लेब में बना रहे थे। वो शायद काम कर सके... मगर उसके लिए टेस्टिंग की ज़रूरत है।"शौर्य की आंखों में अब एक नई चमक थी। उसे रश्मी के लिए उम्मीद की एक किरण दिखने लगी थी।chapter 22शौर्य ने अपनी बहन से पूछा, "दीदी, क्या तुम नैनो बॉट्स का इस्तेमाल कर सकती हो? वो आंखों के अंदर जाकर जो नसें डैमेज हो चुकी हैं, या कट चुकी हैं, उन्हें रिपेयर कर सकते हैं। लेकिन जिस शख्स की मैं बात कर रहा हूं उसकी आंखों में ज़हर चला गया है, तो वहां सूजन तो ज़रूर होगी। ऐसे में नॉर्मल नैनो बॉट्स से इलाज करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए मुझे स्पंजी नैनो बॉट्स चाहिए – जो नाज़ुक हिस्सों को नुकसान पहुंचाए बिना, आंखों के अंदर जाकर जहर को सोख लें और डैमेज को रिपेयर कर दें। करीब तीन-चार घंटे में आंखों की रौशनी वापस आ जानी चाहिए।"डॉक्टर अनन्या ने उसकी बातों पर मुस्कुराते हुए कहा, "शौर्य, तुम सही कह रहे हो, और हां, ऐसा मुमकिन है। लेकिन ये स्पंजी नैनो बॉट्स इतने आसानी से नहीं मिलते। ये सिर्फ टू स्टार या थ्री स्टार सिटीज़ में ही मिलते हैं।"शौर्य ये सुनकर ठिठक गया। उसका चेहरा उतर गया और वह चुपचाप अपनी कुर्सी पर जा बैठा। वजह साफ़ थी – वो जिस सिटी में रहता था, उसके चारों ओर एक शक्तिशाली शील्ड लगी हुई थी। उसे पार करना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं थी। सिर्फ "फाइटर लेवल" पार करने वाले ही उस शील्ड को पार कर सकते थे, और ये फिलहाल शौर्य और अनन्या – दोनों के लिए नामुमकिन था।उसकी सिटी के पास 'अनलिमिटेड इनफिनिटी जंगल' था, जहां लोग खुद को ट्रेन करके ताकतवर बन सकते थे। लेकिन जब तक कोई "फाइटर लेवल" पार नहीं करता, तब तक वो लेवल टू या थ्री स्टार सिटी में नहीं जा सकता। लेवल वन सिटी में केवल 'क्लासिक' और 'फाइटर' लेवल के लोग रह सकते थे।शौर्य अब पूरी तरह से निराश हो चुका था। उसे यकीन हो चला था कि अब शौर की जान नहीं बच सकेगी।तभी अनन्या ने अपना बैग खोला और एक छोटा-सा इंजेक्शन निकालकर शौर्य की तरफ बढ़ाया, "ये लो, यही हैं स्पंजी नैनो बॉट्स।"शौर्य हैरानी से देखता रह गया।"देखो," अनन्या मुस्कुराई, "तुम्हें पता है मैं डॉक्टर हूं – और वो भी हाई रैंक वाली। मैं टू स्टार सिटी की रजिस्टर्ड डॉक्टर हूं। और जब तुम टू स्टार सिटी में जाते हो, तो तुम्हें 10 दिन के लिए वापस आने का मौका भी मिलता है। ऐसे ही कुछ फाइटर्स कुछ समय पहले यहां आए थे – टू स्टार सिटी से। वो लोग यहां चीज़ें बेचने आए थे, जैसे केमिकल्स, जड़ी-बूटियां, और कुछ स्पेशल डिवाइसेज़। उन्हीं में से एक था ये।""वैसे ये बहुत महंगा है – यहां के हिसाब से। लेकिन शायद वो फाइटर थ्री स्टार सिटी जाने वाला था। वहां जाने के बाद ये सब आम हो जाता है। इसलिए उसने ये सब बेच दिया, ताकि पैसे इकट्ठा कर सके।"शौर्य चुपचाप सुनता रहा।"मुझे भी उस फाइटर से कुछ चीज़ें मिली थीं, और ये इंजेक्शन भी उन्हीं में से था।"शौर्य बिना कुछ कहे अपनी बहन को गले लगा लेता है।"थैंक यू दीदी... मुझे इसकी बहुत ज़रूरत थी।"अनन्या के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वो शौर्य के सिर पर हल्के से थपकी देती है और कहती है, "तुमने मुझे गले सिर्फ इसलिए लगाया है ना कि तुम्हें बताना ना पड़े ये दवाई किसके लिए है? कोई बात नहीं। नहीं बताना चाहते तो मत बताओ।"फिर वो मुस्कुराते हुए उठती है, "देखो, स्कूल जाना मत भूलना।""पर दीदी, आज तो छुट्टी है ना?"अनन्या कुछ सोचती है, फिर हंसकर कहती है, "ठीक है, तो आज घर पर ही रहना। ज्यादा घूमना मत।"शौर्य सिर हिलाकर हामी भरता है। अनन्या वहां से चली जाती है।इसके बाद शौर्य इंजेक्शन को ध्यान से देखता है, और बड़ी सावधानी से अपने कमरे में रख देता है। फिर वो बिस्तर पर लेट जाता है – पिछले दो दिन से सोया ही नहीं था।शौर्य जैसे ही सोने ही वाला था कि अचानक उसे एक अजीब एहसास हुआ। उसके चेहरे पर तेज़ हवा का झोंका लगा, और साथ ही ऐसी गंदी बदबू आई कि उसकी नींद बुरी तरह से टूट गई। उसने झुंझलाते हुए आंखें खोलीं — और सामने जो देखा, वो देखकर उसकी नींद तो क्या, होश भी उड़ गए।एक *वेनस रैप्टर डायनासोर* उसकी तरफ झुका हुआ था, अपनी विशाल नथुनों से उसे सूंघ रहा था। शौर्य तुरंत चौकन्ना हो गया और झटके से बिस्तर पर उठ बैठा।“तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है? और हां, लगता है अब तुम पहले से ज्यादा फुर्तीले हो,” शौर्य ने थोड़ा झुंझलाते हुए कहा।डायनासोर चारों ओर देखता रहा, फिर बोल पड़ा, “ये जगह… ये बहुत अलग है। यहाँ सब कुछ बदला-बदला सा लग रहा है। आखिर ये है कहाँ?”तभी शौर्य के कंधे पर एक जानी-पहचानी भारी सरसराहट हुई। उसका मोटा कीड़ा साथी धीरे-धीरे उसकी गर्दन से फिसलकर बिस्तर पर आ गिरा और जम गया। उसने शांत स्वर में कहा, “वेनस रेप्टर, समय के साथ तुम्हें सब पता चल जाएगा — कहाँ हैं, क्यों हैं, और तुम्हें क्यों लाया गया है। फिलहाल सवाल छोड़ो, और एक बात बताओ—जब तुम मरने वाले थे, तभी अचानक क्यों बदल गया तुम्हारा फैसला? मेरे साथ क्यों चले आए?”शौर्य ने डायनासोर की आंखों में झांकते हुए पूछा।“तुम्हारी उम्र कितनी है?” डायनासोर ने पलटकर सवाल किया।“मैं पंद्रह का होने वाला हूं,” शौर्य ने जवाब दिया।“मैं अठारह का हूं,” वेनस रेप्टर बोला, “और मैंने अपना न्यूरो कोर जनरेट कर लिया है।”शौर्य एक पल के लिए बिल्कुल स्तब्ध रह गया। “अठारह की उम्र में? लेकिन इंसानों में तो न्यूरो कोर तीस साल के बाद जनरेट होता है!”“मैं इंसान नहीं हूं,” डायनासोर ने सहजता से जवाब दिया। “और वैसे भी, मुझे आज तक ये नहीं पता कि मेरा न्यूरो कोर किस लेवल का है। मेरे पास कोई डिवाइस नहीं है, और जहां मैं गया था, वहां पावर जांचने के लिए खून देना पड़ता है — वो भी पूरा एक बोतल।”“बाप रे बाप!” शौर्य के मुंह से अनायास ही निकला, “अच्छा हुआ मैं उस रूम में नहीं गया!”फिर उसने उत्सुकता से पूछा, “पर क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे मैं बिना खून दिए अपनी ताकत का पता लगा सकूं?”वेनस रेप्टर मुस्कुराया। “बिलकुल है, चलो मेरे साथ।”शौर्य, वेनस रेप्टर और मोटा कीड़ा, तीनों एक छोटे से कमरे में पहुँचे, जो किसी लैब से कम नहीं लग रहा था। दीवारों पर अजीबो-गरीब इंजेक्शंस और उपकरण टंगे थे, और बीच में एक मशीन रखी थी जो किसी साइंस-फिक्शन फिल्म से लग रही थी।वेनस रेप्टर ने उस मशीन की तरफ इशारा किया, “बस अपना हाथ इस पर रख दो। यह सीधे तुम्हारे न्यूरो कोर से कनेक्ट हो जाएगी। ये तुम्हारे कोर की ताकत, उसका लेवल और उसमें रहने वाले तत्व — सब कुछ दिखा देगी।”शौर्य ने बिना एक पल गंवाए अपना हाथ मशीन पर रखा। जैसे ही उसका हाथ मशीन को छुआ, उसका ऊपरी हिस्सा खुलकर ऊपर से आकर उसके पूरे हाथ को ढँक लिया।शौर्य ध्यान से मशीन की स्क्रीन को देख रहा था। पहली बार उसने अपने *न्यूरो कोर* को इतनी स्पष्टता से देखा था। "देखा?" वो मुस्कराया, "इतना आसान है। मेरा न्यूरो कोर सामने है।"स्क्रीन पर बस एक हल्की सी सफेद रोशनी थी।"पर इसमें और है क्या?" शौर्य ने हैरानी से पूछा।वो रोशनी को गौर से देख ही रहा था कि उसे कुछ अजीब नजर आया। उसकी आंखें थोड़ी फैल गईं — उसका मोटा-सा कीड़ा दोस्त, जो हमेशा उसके साथ रहता था, उस रोशनी के अंदर जाकर मस्ती कर रहा था... नहीं, मस्ती नहीं, वो तो सच में डांस कर रहा था!शौर्य और वेनस रेप्टर ने एक-दूसरे की तरफ देखा, और दोनों की आंखों में हैरानी के साथ मुस्कान थी। अगले ही पल वो दोनों हँसने लगे।वो मोटा कीड़ा खुशी-खुशी डांस करता रहा। गोल-गोल घूमता, कभी पंजों के बल, कभी पीठ के बल, वो अंदर ही अंदर एक पूरा शो कर रहा था। कुछ देर बाद वो बाहर आया और चहकते हुए बोला, "देखा! मैंने अंदर डांस किया। तुमने देखा ना?"शौर्य और वेनस रेप्टर दोनों ने सिर हिलाया। "अब तेरी बारी!" शौर्य हँसते हुए बोला, "जा तू भी डांस कर, मैं देखूंगा!""हाँ हाँ, हँसो!" मोटा कीड़ा मुंह बनाते हुए बोला, "मैंने न्यूरो कोर जनरेट नहीं किया, मतलब मैं बच्चा हूं?"शौर्य अब सीरियस हो गया। उसने फिर से मशीन की तरफ देखा। "चलो देखते हैं, मेरा न्यूरो कोर लेवल क्या है..." उसने मशीन पर हाथ रखा। कुछ ही सेकंड में एक आवाज आई — **"न्यूरो कोर लेवल: थ्री"**शौर्य चौंक गया। वो वही खड़ा रह गया, जैसे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई हो।वेनस रेप्टर और मोटा कीड़ा भी कुछ सेकंड के लिए सन्न रह गए।"ये कैसे हो सकता है?" शौर्य ने खुद से बुदबुदाते हुए कहा, "पहली बार जब न्यूरो कोर जनरेट होता है, तो वो हमेशा लेवल वन होता है... ना?"वेनस ने गंभीर होकर सिर हिलाया, "हाँ, मैंने भी अपना कोर अभी कुछ दिन पहले ही जनरेट किया है, और मैं लेवल वन पर हूं। लेकिन... तुम तो सीधे लेवल थ्री पर हो।"शौर्य अब उलझन में था। चीजें उससे ज्यादा रहस्यमयी होती जा रही थीं। उसने धीरे से अपना हाथ मशीन से हटा लिया और कहा, "अब तुम चेक करो। देखते हैं तुम्हारा क्या लेवल है।"उसके बाद उसने रैप्टर का हाथ मशीन पर रख दिया।
कंटिन्यू next।