रुद्र बोलता है, "ज्यादा ड्रामा मत कर और चुप चाप जा उसके बाद अबीर उठता है और जा कर दरवाजा खोलता है और दरवाजा खोलते ही वो कांपने लगता है क्योंकि दरवाजे पर रुद्र की सौतेली बहन होती है।
उसे देख कर अबीर जल्दी से कमरे में आ जाता है और रुद्र के पीछे छुप कर बैठ जाता है।
तभी रुद्र बोलता है, "ओए तुझे सुबह सुबह क्या हो गया है जो इस तरह डर कर आ गया है, सुबह सुबह कोई चुड़ैल देख ली क्या ????
तब अबीर बोलता है,"हा......
तभी रुद्र की सौतेली बहन जिसका नाम रीना होता है है वो अंदर आती है उसे देख कर रुद्र की आँखें बड़ी हो जाती है और वो गुस्से में बोलता है, "तुम यहां पर क्या कर रही हो ????
तब रीना बोलती है, "डैड बुला रहे हैं आपको ब्रेकफास्ट करने के लिए"।
तब रुद्र बोलता है, "तो घर के नौकर मर गए हैं जो तुम यहां पर आई हो "।
तब रीना बोलती हो, "डैड ने मुझे आने बोला था "।
तब रुद्र बोलता है, "चलो निकलो यहां से और आइंदा मत आना कभी भी मेरे कमरे में "।
उसके बाद रीना मुंह बना कर चली जाती है।
उसके जाने के बाद रुद्र अबीर को देख कर हंसने लगता है।
तब अबीर बोलता है, "ज्यादा हंसने की जरूरत नहीं है मैं एक इज्जतदार इंसान हूं तुम लोगों की तरह नहीं हूं जो अपनी इज्जत नीलाम करते रहते हैं"।
तब रुद्र बोलता है, "चल अब ज्यादा ड्रामा मत कर और तैयार हो जा कॉलेज के लिए "।
थोड़ी देर बाद रुद्र और अबीर तैयार हो कर आ जाते हैं और दोनों कॉलेज जा रहे होते हैं।
तब रुद्र के डैड उन्हें आवाज देते हैं और बोलते हैं, "रुद्र तुम कहा जा रहे हो ????
तब रुद्र बोलता है, "जहां रोज जाता हूं"।
तब उसके डैड बोलते हैं, "तुम सीधे मुंह जवाब नहीं दे सकते हो क्या ?????
तब रुद्र बोलता है, "यहां पर किसी का मुंह सीधा है जो मैं सीधा जवाब दु डैड "।
तब उसके डैड बोलते हैं, "मुंह बंद करो और चुप चाप बैठ कर ब्रेकफास्ट करो "।
तब रुद्र बोलता है, "रात को खिला तो दिया था आपने और अब कितना खिलाना है "।
उसकी बाते सुन कर उसके डैड चौक जाते हैं और बोलते हैं, "क्या बोल रहे है तुम रात को तुमने खाना कहा खाया था, रात को तुम शराब पी कर आए थे और ड्रामा कर रहे थे "।
तभी रुद्र अपने डैड के पास जाता है और उन्हें अपना गाल दिखाता है और बोलता है, "ये रहा जो आपने मुझे खिलाया था और ये खा कर मेरा पेट भर गया है डैड और मुझे अब कुछ और खाने की जरूरत नहीं है "।
ये बोल कर रुद्र चला जाता है।
रुद्र की बाते सुन कर उसके डैड को बहुत ही बुरा लगता है और वो भी गुस्से में उठ कर वहां से चले जाते हैं।
उधर आरोही किचन में नाश्ता बना रही होती है तभी उसकी भाभी किचन में आती है और बोलती है, "अभी तक तुमने नाश्ता बनाया नहीं है"।
तब गीतिका बोलती है, "बस थोड़ी देर में बन जाएगा भाभी"।
तब उसकी भाभी बोलती है, "थोड़ा जल्दी करो"।
थोड़ी देर बाद सौरभ किचन में आता है और देखता है कि आरोही पसीने से तर बतर होती है। तभी वो उसके पास आता है और बोलता है, "मैं तुम्हारा पसीना साफ कर दु"।
ये सुनते ही आरोही घबरा जाती है और थोड़ा दूर हो जाती है और बोलती है, "आप यहां पर क्या कर रहे हैं, "।
तब सौरभ बोलता है, "वो मैं पानी पीने आया था, तुम थोड़ा पानी दोगी मुझे"।
उसके बाद आरोही उसे पानी देती है तब सौरभ उसका हाथ पकड़ लेता है और बोलता है, "तुम्हारे हाथ कितने मुलायम है "।
आरोही बहुत ही डर जाती है और बोलती है, "मेरा हाथ छोड़िए मुझे नाश्ता बनाना है"।
तब सौरभ बोलता है, "सारा दिन तो काम करती रहती हो, थोड़ा प्यार भी कर लिया करो "।
तब आरोही जल्दी से अपना हाथ छुड़ाती है और नाश्ता बनाने लगती है।
एक हफ्ते बाद ........
आज आरोही के कॉलेज जाने का दिन होता है वो बहुत ही खुश होती है। इसलिए आरोही जल्दी जल्दी से घर का सारा काम कर लेती है और अपने कमरे में जाती हैं और अपने कपड़े देखती रहती है । और मन में सोचती है, मेरे पास तो एक भी अच्छा कपड़ा नहीं है, मैं क्या पहन कर जाऊ, मैने सुना है कि कॉलेज में सब बहुत ही अच्छे अच्छे कपड़े पहन कर आते हैं, और मेरे पास तो एक भी अच्छे कपड़े नहीं हैं और बाबा को भी नहीं बोल सकती हु कपड़े के लिए, तभी वो सोचती है कि मैं तो कॉलेज में पढ़ने के लिए जा रही हूं कपड़े दिखाने थोड़े ही। तभी वो एक कुर्ता और सलवार और दुपट्टा निकालती है और बाथरूम में नहाने के लिए चली जाती है।
थोड़ी देर बाद वो नहा कर आती है और तैयार होने लगती है। थोड़ी देर बाद वो अपने बाबा के पास आती है और बोलती है, "बाबा मै कॉलेज जा रही हूं"।
तब उसके बाबा बोलते हैं, "अच्छे से पढ़ना मन लगा कर बेटा"।
तब आरोही बोलती है, "जी बाबा"।
तभी उसकी भाभी बोलती है, "जरा हद में ही रहना, बाहर जा कर उड़ने मत लगना, वरना पता चला कि बाहर की हवा लग गई और ये जो आज दुपट्टा तुम्हारे ऊपर नजर आ रहा है कल उतर न जाए, और हा लड़कों से दूर ही रहना"।
तब आरोही बोलती है, "मैं भला अपना दुपट्टा क्यों उतारने लगी भाभी "।
तब उसकी भाभी बोलती है, "वो तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि तुम अब क्या क्या करोगी कॉलेज के नाम पर "।
तब आरोही बोलती है, "भाभी मैं वहां पर सिर्फ पढ़ने जा रही हूं कुछ गलत काम करने थोड़े ही जा रही होती, और वैसे भी मैं पढ़ लिख कर एक वकील बनूंगी "।
तब उसकी भाभी बोलती है, "मेरे सामने ज्यादा शरीफ हैं कि जरूरत नहीं है, चलो सब निकलो अब यहां से "।
तब सौरभ बोलता है, "आरोही मैं आज तुम्हे कॉलेज छोड़ दूं............ये सुनते ही आरोही की भाभी गुस्से में सौरभ को देखने लगती है...........
ये मेरा लास्ट चैप्टर था क्योंकि अब मैं इसके बाद कोई भी चैप्टर नहीं दूंगी क्योंकि लोग सिर्फ पढ़ कर निकल जाते हैं ना ही रिव्यूज देते हैं और ना ही कमेंट करते हैं।