Me and my feelings - 127 in Hindi Poems by Dr Darshita Babubhai Shah books and stories PDF | में और मेरे अहसास - 127

Featured Books
  • خواہش

    محبت کی چادر جوان کلیاں محبت کی چادر میں لپٹی ہوئی نکلی ہیں۔...

  • Akhir Kun

                  Hello dear readers please follow me on Instagr...

  • وقت

    وقت برف کا گھنا بادل جلد ہی منتشر ہو جائے گا۔ سورج یہاں نہیں...

  • افسوس باب 1

    افسوسپیش لفظ:زندگی کے سفر میں بعض لمحے ایسے آتے ہیں جو ایک پ...

  • کیا آپ جھانک رہے ہیں؟

    مجھے نہیں معلوم کیوں   پتہ نہیں ان دنوں حکومت کیوں پریش...

Categories
Share

में और मेरे अहसास - 127

जलन को छोड़ दो

जलन को छोड़ दो खुद की मस्ती में जीओ l

खुशियाँ बांटो और खुशियों के जाम पीओ ll

 

यहाँ कौन से हमेशा के लिए आए हैं तो सुनो l

शान से जिन्दगी जीयो किसीसे भी ना बीओ ll 

 

सुख और दुख का विषचक्र है जिन्दगी तो l

दर्द का दामन प्यार के तबस्सुम से सीओ ll 

 

कल किसने देखा है नादान भोले सनम l

जो भी करना चाहो बस आज़ ही कीओ ll 

 

जहाँ में दिल फेंक होते है इश्क़ वाले कि l 

मुकम्मल सोच समझकर दिल को दीओ ll 

१६-५-२०२५ 

 

उल्फ़त की चादर 

 

उल्फ़त की चादर ओढ़ छत पर घूम रही l

चाँदनी रात में मेहंदी वाले हाथ चूम रही ll

 

महकती बहकाती वादियों में गूँज उठी तो l

नशीली फिझाओ में प्यारे नगमें सून रही ll

 

शिद्दत से जी भरके देखने की चाहत में l

ख्वाबों में मुलाकात के अरमान बून रही ll

 

दिल में कायनात में होते हुए हालात की l

घंटों तक ढ़ेर सारी बात करने की धून रही ll

 

बयार में सौगी मिट्टी की खुशबु पाई तो l

मन में उठ रहे जज्बातों को गूनगून रही ll     

१७-५-२०२५ 

 

उल्फ़त की चादर ओढ़के उड़ने लगी आसमान में l

हसीन मोहब्बत भरे प्यार के पंल मिले उड़ान 

में ll

 

मुहब्बत की राह में किसी मोड़ पर तुफान तो आएंगे l

हाथों में हाथ थामकर सामना करेगे तूफान 

में ll

 

एक अकेला कब तक जी पाएगा अकेलेपन में l

घर बनाने के लिए दो रूह चाहिए मकान में ll

 

गर प्यार का तोहफा भेजना चाहते हो तो कभी l

भेजना उसमें चाहत की खुशबु भरना गुलदान में ll

 

मुकम्मल शिद्दत से चाहेंगे ताउम्र यकीन रखना l

लिखी जाएगीं हमारी भी कहानी दास्तान में ll

 

नशीली मादक निगाहों से एक बार पीकर देखो l

सच कहते हैं चाहत सा नशा कहां है शराब में ll

 

इतिहास पढ़ लो लैला मजनू ओ शिरी फरहाद की l

मुहब्बत के रंग के आगे फिका रंग पलाश में ll

१८-५-२०२५ 

हमसफ़र

हमसफ़र के साथ जीवन आसानी से कट जाता हैं ll

जिन्दगी का सही मायने में मुकम्मल लुफ़्त पाता हैं ll

 

सदाकत से प्यारी मोहब्बत करने वाला सुबह शाम l

रोजबरोज ढ़ेर सारी खुशियां ही खुशियां लाता हैं ll

 

इन्द्रधनुषी रंगों जैसा प्यार का रंग दिखने लगा तो l

ओस की बूंदो चारो ओर फैली एसा मंजर भाता हैं ll

 

सुहाने मौसम में मनमांगी प्रार्थना कबूल हो गई l

मनचाहे हमराही के साथ मस्ती भरे नगमें गाता हैं ll

 

तलाश करने की कोशिश ना कर सही समय पर ही l

ईश उसे ही मिलाता जिसका जन्मों जन्म का नाता हैं ll

१९-५-२०२५ 

 

गालगा गालगा गालगा गा

चंद बातें

हौसला हमसफ़र बन गया हैं l

और आसां सफ़र बन गया हैं ll

 

एक नजर देखकर दिल चुराया l

ख्वाइशों का शजर बन गया हैं ll

 

साथ जन्मों जन्म का मिला तो l

प्यार अपना अमर बन गया हैं ll

 

प्रेम, ममता की इस भावना से l

आज आबाद घर बन गया हैं ll

 

चंद बातें हुईं प्यार हो गया l

जीने का बशर बन गया हैं ll

 

सोशियल मीडिया का ज़माना l

गाँव देखो शहर बन गया हैं ll

 

अनमोल रिश्ते की बुनियाद यकीन पर टिकी है और l

वो मीठी यादें होती हैं वहीं जीने का सहारा होती है ll

 

ये जो चंद बातें होती हैं वहीं जीने का सहारा होती है l

वो नशीली राते होती हैं वहीं जीने का सहारा होती है ll

 

 

बहकती सांसे होती हैं वहीं जीने का सहारा होती है ll

वो मुलाकातें होती हैं वहीं जीने का सहारा होती है ll

छलकती आंखे होती हैं वहीं जीने का सहारा होती है ll

२०-५-२०२५ 

 

अनमोल रिस्तों की कदर करना सीख लेना चाहिए l

दिल में प्यार का एहसास भरना सीख लेना चाहिए l

 

खामोश रिश्ते ज़्यादा नहीं टिकते रिश्ते जिन्दा रखने को l

क़दम से क़दम मिलाकर चलना सीख लेना चाहिए l

 

रिश्तों को बचाने के लिए तन मन धन से प्रयत्न करे ओ l

खटराग होने से पहले ही दूर सरना सीख लेना चाहिए l

 

ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब ही होता है l

एक दूसरे के जज़्बातों को झिलना सीख लेना चाहिए l

 

चुपचाप से वक्त के साथ बहना और अपनी मौज में रहना l

हसते खेलते सब के साथ निभना सीख लेना चाहिए l

२१-५-२०२५ 

 

नम आँखें

एक मुद्दत बाद मिले तो नम आँखें हुईं l 

फ़िर बातों ही बातों में ताजा यादें हुईं ll

 

दोनों ने ही अपनी कहानी सुनाई तो l

पुराने लम्हों के साथ मुलाकातें हुईं ll

 

आज महोब्बत की आगोश में डूबकर l

इश्क़ की इनायत में नशीली राते हुईं ll  

 

चार आंखे हुई और चार बातें हुईं और l

खुशी से उम्मीद की हरीभरी शाखें हुईं ll  

 

मिलों की दूरी ने दिलों को जुदा रखा l

आज लम्बी जुदाई वाली माफ राहे हुईं ll  

२२-५-२०२५ 

 

मौन संवाद

महफ़िल में मौन संवाद कर लिया l

आँखों से बातों को समझ लिया ll

 

ज़माने की नज़रों से बचकर आज l

इशारों में ही रूह को भर लिया ll

 

जाने क्या था उस अनकही बात में l

पल दो पल जीकर छलक लिया ll

 

नशीली मदहोश खामोशी में सखी l

बिना जाम पीये ही बहक लिया ll

 

शब भर यूहीं सितारों के साथ l

बेजुबान संवादों ने चमक लिया ll

 

शब्दों के घने बादलों ने ज़ोर से l

बिना मौसम के ही गरज़ लिया l

 

मीठी आवाज़ से मीठे मौन ने l

सुरीले अंदाज में खनक लिया ll

 

आज वक़्त का तकाजा देखके l

शब्दों ने चुप रहके पनप लिया ll

 

हुस्न की रुस्वाई के डर से लो l

आवाज़ ने धीरे से सरक लिया ll

 

२३-५-२०२५ 

 

दूर क्षितिज से संदेश आया हैं l

हवा का बयार महक लाया हैं ll

 

एक अजीब सी लहरखी आई तो l

दूसरी दुनिया की रूह पाया हैं ll

 

धरती के जैसी और दुनिया है कि l

लगता है धरती का ही साया हैं ll

 

बड़ी मुद्दतों के बाद गूँज सुनी ओ l

फिजाओं ने मधूर गाना गाया हैं ll

 

रंगबिरंगी मनमोहक देख सखी l

आकाशगंगा ईश की माया हैं ll

२४-५-२०२५ 

परम सुख

परम सुख का अनुभव ईश के चरणों में होता हैं l

ईश्वर का आशीर्वाद जीवन में सुकून को बोता हैं ll

 

जिंदगी बहुत आसान और आरामदायक होती हैं l

जब इन्सां उम्र भर अच्छे कर्मों को सजोता हैं ll

 

सुबह शाम ओ दिन रात उम्दा काम करता रहता l

सदा ही संस्कार और सहिष्णुता से पिरोता हैं ll

 

सभी को हमेशा से मदद को तलबगार रहकर l

दिलों को भावना से प्रभावित कर रोज भिगोता हैं ll

 

जो मिला है उसी को मुक़द्दर समझ स्वीकार ले तो l

आत्मा संतुष्ट होने से चैन और सुकून से सोता हैं ll

२६-५-२०२५ 

शांति का अधिकार

शांति का अधिकार चाहिए तो शांति बनाये रखना चाहिए l

एकजुट रहकर मुकम्मल अमन का फेलावा करना चाहिए ll

 

चाहें कुछ भी हो जाए अपने आप को शांत करके हर पल l

स्वभाव और प्रकृति में बर्फ़ सी शीतलता भरना चाहिए ll

 

दुनिया में सबसे ज्यादा जरूरी है सीधी राह आगे बढ़ना l

हमेशा से अच्छाई औ सदाक़त की राह पर चलना चाहिए ll

 

खुशियाँ लेकर चलोगे तो सुख का सूरज रोज़ उगेगा आंगन में l

अच्छे संस्कारों को गांठ बांधकर पालना ओ पलना चाहिए ll

 

सदाबहार खुद की सभ्यता को साथ लेकर जहाँ में l

स्व स्वार्थ को छोड़ शांति का संदेशा वाहक  बनना चाहिए ll

२७-५-२०२५ 

 

संबंध में सब से कीमती विश्वास हैं ये बात पुरानी कही हुईं हैं l

क़ायनात में सर्दियों से ही बड़े बुजुर्ग की महोर लगी हुई हैं ll

 

जिंदगी जीने के लिए लोगों का भरोसा बनाये रखना जरूरी l

आज दुनिया एक दूसरे पर भरोसे की निब पर ही टिकी हैं ll

 

जीवन के दिन रात आसान, सुरक्षित और सरल तरीके बीते l 

इस लिए कर्मों का प्रीमियम भरते रहने की पोलिसी चुनी हुई हैं ll

 

सूरज की लालिमा चारो और से ख़ुशनुमा मंजर फ़ैला रही l

मनचाहे हमराह हमसफ़र के साथ रंगीन शाम सजी हुई हैं ll

 

रिश्तों की मजबूती और गहराई दिनबदिन भरोसे से चली तो l

आज निगाहें चार होते हुए धीरे धीरे आगे बात बढ़ी हुई हैं ll

२८-५-२०२५ 

 

अपनों का साथ से जिंदगी आसानी से कटती हैं l

मुश्किल से भी मुश्किल गर्दिशे मुकम्मल हटती हैं ll

 

 

 

अपनों के साथ

अपनों के साथ बगैर हसीन मंजर ना मिलेगा l

खिलखिलाता खूबसूरत सा घर ना मिलेगा ll

 

ज़माने भर की खुशियां भले ही मिल जाए l

माँ की ममता औ ढ़ेर सारा प्यार ना मिलेगा ll

 

मुश्किल से भी मुश्किल गर्दिशे में साथ और l

सखी अपनों के सिवा कोई दर ना मिलेगा ll

 

खून के रिश्तों में अपनेपन का ज़ज्बा है वो l

प्रेम का अविरत बहता समुन्दर ना मिलेगा ll

 

गैरो में इतनी ताकत कहां के भरोसा करे l

कहीं पर भी विश्वास का शजर ना मिलेगा ll

२९-५-२०२५ 

 

भटकी हुई मंज़िल को किनारा कभी तो मिलेगा l

भरोसा रख मुकम्मल सहारा कभी तो मिलेगा ll

 

इतना ना झटपटा तू उम्मीद रख ए दिले नादान l

इस जिन्दगी में प्यार गवारा कभी तो मिलेगा ll

 

प्यार तो बहुत है पर जताने को झिझकते है l

सच्ची मोहब्बत का इशारा कभी तो मिलेगा ll

 

आधी आधी रात छत पर सोते जगते ढूँढा करे l

किस्मत चमकाने का सितारा कभी तो मिलेगा ll

 

बताओं कब तक दूर रहोगे जानेजाँ सखी से l

यकीन है मुझे साथ तुम्हारा कभी तो मिलेगा ll

 

चाहे दुनिया में जहां भी जाओ जिसे भी मिलों l

थोड़े हिस्से का वक्त हमारा कभी तो मिलेगा ll

३०-५-२०२५ 

 

सफ़र का मज़ा मनचाहे हमसफ़र के साथ होता हैं l

लम्बा सफ़र भी दिलचस्प और रोमानी होता हैं ll

 

हाथों में हाथ डालकर फ़िजाओ में झूमकर यूही l 

सुरीली मदमस्त वादियों में ख़ुद को खोता हैं ll

 

आज खूबसूरत नजारे और चाहत के स्पर्श को l

मोहक लम्हें ओ प्यारी नशीली यादों को बोता हैं ll

 

रफ़्ता रफ़्ता सफ़र का लुफ़्त उठाते हुए आगे बढ़ते l

जन्नत सी मजा के लम्हों को पलकों में सजोता हैं ll

 

रुहानी आनंद मिलने के बाद नीद की पनाह में l

शाम ढले चैन और सुकून के साथ सोता हैं ll

३१-५-२०२५