Monkey human friend ship in Hindi Moral Stories by baki Gaming books and stories PDF | बंदर और आदमी की अनमोल दोस्ती

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बंदर और आदमी की अनमोल दोस्ती

एक छोटे से गांव में एक आदमी रहता था जिसका नाम रामू था। रामू का कोई परिवार नहीं था, लेकिन उसका सबसे प्यारा और करीबी दोस्त एक समझदार और नटखट बंदर था, जिसका नाम चिंपू था। रामू और चिंपू एक-दूसरे के बिना अधूरे थे। वे साथ में उठते, खाते, घूमते और हँसी-मज़ाक करते। गांव के लोग उन्हें देखकर अक्सर कहते, "ये तो सच में बिछड़े हुए भाई लगते हैं।"

रामू सुबह खेत पर जाता तो चिंपू भी उसके कंधे पर बैठकर साथ चलता। रामू खेत में काम करता और चिंपू पेड़ों से फल तोड़कर लाता। शाम को दोनों गांव के तालाब के किनारे बैठकर खाना खाते। उनकी जिंदगी सादगी भरी थी, मगर उनमें एक सच्ची और गहरी दोस्ती थी, जो हर किसी को दिखती थी।

एक रात की बात है। रामू काम से थक कर जल्दी सो गया और चिंपू भी अपने कोने में चैन से सो गया। पर उस रात गांव में एक चोर आया। वह जानवरों को पकड़कर शहर में बेच देता था। उसकी नजर चिंपू पर पड़ी। चोर ने चुपके से घर में घुसकर चिंपू को उठा लिया और भाग गया। सब कुछ इतनी चुपचाप हुआ कि किसी को भनक तक नहीं लगी।

सुबह जब रामू की आंख खुली, तो उसने चिंपू को आसपास नहीं देखा। पहले तो उसे लगा कि शायद वह बाहर खेल रहा होगा। लेकिन जब काफी देर तक ढूंढने के बाद भी चिंपू नहीं मिला, तो रामू को घबराहट होने लगी। उसने पूरे गांव में पूछताछ की, जंगलों में खोजा, लेकिन चिंपू का कहीं नामोनिशान नहीं मिला। आखिरकार थक-हारकर रामू घर लौटा और रोने लगा।

रामू की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। वह बार-बार चिंपू की तस्वीर को देखता और कहता, “कहाँ चला गया तू मेरे दोस्त... तू ही तो मेरा परिवार था।” रामू की हालत देखकर गांव वाले भी दुखी हो गए। सभी को इस सच्ची दोस्ती का दुख सताने लगा।

इधर, शहर में ले जाया गया चिंपू भी बहुत उदास था। उसने खाना पीना छोड़ दिया था। वह हर किसी से दूर रहता और पिंजरे में बैठे-बैठे रामू को याद करता रहता। कुछ ही दिनों में चोर को समझ आ गया कि यह बंदर किसी काम का नहीं, क्योंकि वह कुछ करता ही नहीं। थक-हारकर उसने चिंपू को जंगल के पास छोड़ दिया।

जैसे ही चिंपू आज़ाद हुआ, वह बिना रुके दौड़ते-दौड़ते रामू के गांव की ओर भागा। और जब रामू ने उसे देखा, तो वह खुशी से झूम उठा। दोनों एक-दूसरे से लिपटकर खूब रोए — लेकिन इस बार वो आंसू दुख के नहीं, खुशी के थे।

सीख:

सच्ची दोस्ती कभी नहीं छूटती। चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हों, अगर दिल से जुड़ाव हो तो रास्ता अपने आप मिल जाता है । अगर आपको स्टोरी अच्छा लगा हो तो बताए ओर भी स्टोरी में पोस्ट करूंगा  मेरा यूट्यूब चैनल है उसपे आपको मिलजाएगा देखने को जाके देखे मेरा यूट्यूब चैनल ऐ ई जनरेटर थैंक्यू फॉर रीडिंग मई स्टोरी अच्छा लगा तो पैसे दो मुझे पैसे चाहिए गोप गोप गोप गोप गोप गोप गोप