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वो अपनी खिड़की पर बैठी थी । बड़ा अलग सा एहसास था ये । उसने कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह वो एक मां होने के एहसास को महसूस करेंगी । उसने अपने पेट पर हाथ रखा और आंखें बंध कर बोली " मैं चाहती हूं कि तुम आओ ! पर ...बच्चे ये दुनिया तुम्हें नोच खाएगी और साथ ही मुझे भी ! मुझे कोई कुछ कहे ..चलेगा ! मगर किसी ने तुम्हें गलत बोला तो मैं बर्दाश्त नहीं कर पाउंगी । ऊपर से मैं तुम्हें वो जिंदगी भी नहीं दे पाउंगी जो तुम डिर्जव करते हो । मुझे माफ़ करदो !! मां अच्छी नहीं है ..! "
उसकी आंखों से आंसू बहने लगे और वो सिसक पडी । उसे याद आया कि एक महिना पहले उसका बॉयफ्रेंड आया था । और वो उसे मना रहा था कि वो अबोर्ट ना कराए । तब उसे बहुत गुस्सा आया था । तब से लेकर अब तक वो अबोर्ट नहीं करा पाई । उसने एक दो बार कोशिश करी मगर लड़के के कारण वो ऐसा नहीं कर पाई । अभी कुछ देर पहले ही तो दोनों का इस बात पर बहुत बड़ा झगड़ा हुआ था ।
" मैं क्या करू ? कुछ समझ नहीं आ रहा ! "
" क्या समझ नहीं आ रहा आपको ? "
एक लुभावनी सी आवाज कमरे में गुंज गई । लड़की झटके से पलटी तो उसके कमरे में एक छोटा सा लड़का खड़ा था । उसने अपने हाथ में एक टेडी पकड़ रखा था और वो अपनी टिमटिमाती आंखों से लड़की को देख रहा था ।
लड़की बच्चे को यहां देख बिल्कुल हैरान हो जाती है । उसे समझ नहीं आ रहा था कि ये बच्चा है कौन और यहां उसके घर में क्या क रहा है ! वो एक टक बच्चे को देखें जा रही थी ।
तभी वो छोटा सा बच्चा अपने छोटे से पैरों है भागकर लड़की के पास आता है और उसे देख मुस्कुराता है । उसके मुस्कुराते ही बच्चे कै दांत दिखने लगते हैं । उसका एक दांत टूट गया था । और लौ बड़ा प्यारा लग रहा था ।
उसे देख लड़की के चेहरे पर अनायास ही एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती है ।
वो बच्चे को अपनी गोद में बिठा लेती है । और उस से प्यार से पुछती है " आप कौन हो ? "
" मै ? " बच्चा अपनी तरफ उंगली करता है तो लड़की हा में गर्दन हिलाती है ।
" नहीं बताउंगी ! "
" क्यो ? "
" मेरा नाम नहीं ना अभी ! "
" ऐसा क्यो ? नाम तो सबक होता है । " लड़की ने आंखें सिकोड़ कर बच्चे से पुछा ।
" पर मेरा नहीं है! मेरी मम्मी मुझसे प्यार नहीं करती । इसलिए उन्होंने मुझे नाम नहीं दिया । " बच्चा उदास होकर कहता है ।
" और मम्मी आपको प्यार क्यो नही करती ? " लड़की गंभीर होकर पुछती है ।
" वो कहती हैं कि वो मुझे पैदा नहीं करना चाहती क्योंकि वो मुझे संभाल नहीं सकती । और उनका काम भी है तो उनको लगता है मेरे कारण वो बंद गई !! " बच्चा मायुस होकर बोला । इसके बाद वो लड़की कि गोद से उतर गया । और कमरे से बाहर निकल गया । लेकिन जाने से पहले वो दरवाजे पर रूका और पलट कर लडकी को देखने लगा जो इस समय सदमे में थी । ये देखकर लड़का मुस्कराया और हवा में कहीं घुल गया।
लड़की बच्चे कि बात के बारे में सोच रही थी । और उसे एहसास हुआ कि वो भी तो उस बच्चे कि मां कि तरह है । वो भी तो अपने बच्चो को मारना चाहती है । जितना गुस्सा इस समय उस बच्चे कि मां पर आ रहा है उतनी ही घीन्न खुद से हो रही है ।
लड़की आंखों से आंसू बहने लगे और वो सिसकने लगी ।
ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग!!!
लड़की का फोन बजता है । वो बेड पर पड़े अपने फोन को देखती है और फिर हल्के कदमों से चलकर फोन उठा लेती है । उसके बॉयफ्रेंड का कॉल आ रहा था । लड़की किसी तरह खुद को जप्त करती है फिर फोन उठा लेती है ।
" है..हैलो!!!" लड़की कहती हैं ।
" डॉ के पास जाना है आज तो तैयार हो जाओ । मैं थोड़ी देर में पहुंच रहा हूं । "
" ओके!"
इतना कहकर फोन काट जाता है । लड़की एक नजर फोन को देखती है । फिर सारे जरूरी कागज वाली फाइल लेती है । और बैग लेकर अपार्टमेंट के गेट के पास जाकर खड़ी हो जाती है । कुछ समय बाद उसका बॉयफ्रेंड आता है और वो डॉक्टर के पास चले जाते हैं ।
इन सब में लड़की ये तो भूल ही चुकी थी कि वो बच्चा कहीं गायब हो गया है । उसका ध्यान इस तरफ तो गया है नहीं !!!
क्रमशः
मिलते हैं अगले भाग में ।