हैलो दोस्तो !!!
"एक दिन क्लास के अंदर हम दोनो बैठे हुवे थे मुझे बात करे बिना रहा ही नही जा रहा था तब मेने कुछ सोचा की कैसे भी करके नियु से बात करू फिर नियु से बात यू हुई। "
अब तो मेरी और नियु की पहली बार बात होने वाली थी लेकिन फेस टू फेस बात करने मे कुछ भी मु से निकल जाये इसके लिये मेने वोट्सप् पर मेसेज करना ही ठीक समझा लेकिन नियु का नंबर भी तो चाहिए उतने मे मुझे याद आया की हमारे क्लास का एक वोट्सप् ग्रुप भी तो है उसमे से मे नियु का नंबर ढूंढ रहा था लेकिन उसकी वोट्सप् प्रोफ़ाइल तो दिख ही नही रही थी लेकिन फिर मेने क्लास के सभी दोस्तो का बारी बारी से सभी नंबर ट्रकॉलेर से चैक किये काफी मेहनत के बाद आखिर मे मुझे नियु का नंबर मिल ही गया नंबर मिलने के बाद मुझे बहुत ही ज्यादा खुशी हुई। जब मे क्लास मे बैठा था और तब नियु भी क्लास मे ही थी मे सोच रहा था की अभी मेसेज कर लू या हॉस्टल जाके करू लेकिन मेने अभी मेसेज कर ही दिया। अंदर से एक डर भी था और बहुत खुशी भी थी मेने हाइ.... हेल्लो का मेसेज किया और उसके बाद मेने सीधा नेट ऑफ कर के नियु का रिएकशन देख ने लगा वो पहले तो इधर उधर देख ने लगी उसके बाद मुझे देखा की कही मेरा मेसेज तो नही आया लेकिन जब उसने मेरी तरफ देखा तो मेने भी अपनी किताब मे मुह छुपा लिया और ऐसे इग्नोर किया की मुझे कुछ पता ही ना हो। उसके बाद मे सीधा हॉस्टल चला गया और बिना कपड़े चेंज किये बिना जूते निकाले वैसे के वैसे ही उसके साथ बाते करने लग गया।
"पहली नज़र का ऐसा जादू मन बे काबू तन बे काबू पा लेने की ऐसी खवाइश जी लेने की ऐसी खुशुबु ओ. ...मुझको तो जैसे मोक्ष मिला है तूने जो एक बार चुवा है।.........के साथी इश्क.....हुआ..... इश्क हुआ...... इश्क हुआ.। "
चलो जैसे तेसै करके बडी ही मुश्किल से नंबर तो मिल गया लेकिन अभी तो नियु के सामने मे अंजान ही बनके बाते करता था मेने अपनी प्रॉफ़िल् भी लगाई नही थी क्लास मे फेस टू फेस बात करने से पेहले मे नियु से ओनलाइन ही ठीक से बात कर लेना चाहता हूँ।
वैसे तो बहुत ही छुपके छुपके से बात करता था लेकिन मेरा ये वाला आईडिया ज्यादा चला नही मे सोचता था की नियु को नही पता होगा की मे ही उस से बात कर रहा हूँ
"लेकिन वहा तो कोई और ही खिचड़ी पक रही थी, " लो आप खुद ही नियु को देख लो , वाह वाह रे मेरे हीरो इतनी देर लगा दी मेसेज कर ने मे और शरारत तो देखो सर की मेसेज करके क्लास मे इस तरह से रीएक्सन दे रहे है जैसे छोटा बच्चा गलती करके बोलता है मेने तो कुछ किया ही नही लेकिन मेने युवी को पकड़ ही लिया लेकिन वो मजे ले रहे है तो हम कोनसे कच्चे खिलाडी है हम भी अनजान बनके युवी के मजे लेंगे ।
युवी की और से, "" देख लिया ना दोस्तो मेडम जी की शरारते उन्हे तो पहले से ही सब पता ही है जब हमारी क्लास मे फोन से बात हो रही थी तब नियु ने मेरा ही फोटो खिच कर मुझे सेंड किया और कहाँ बस भी कीजिये अब और कितना सताओ गे तीन सेमिस्टर कम पड़े क्या ? ये सुनते ही मे सीधा उसके बेंच पर चला गया और फोन ऑफ करके चुप चाप बस नियु को ही देख रहा था।
"मेरी नियु इतनी सुंदर थी की क्या ही बताउ उसके गुलाबी गाल उसकी दोनो कातीलाना आँखे जो हर बार मेरी आँखों से टकराया करती थी उसकी प्यारी सी मुश्कुराहट जो मेरी सेहज़ादी को बहुत ही ज्यादा खूब सूरत बनाती थी ।
"उसके होठो की तो क्या ही बात करू नियु की आँखे शरारते करती और नियु के सफेद दात बिचारे कोमल होठो को दबा के सजा देते । नियु के बाल काफी लम्बे और काफी सुंदर थे जो मुझे बहुत ही सुंदर लगते थे जब वो खुले बालों मे आती तो मुझे बहुत ही प्यारी लगती "
बस नियु को तो मे देखता ही रहा और वो भी मुझे यु ही देखती रही एक दूसरे की आँखों मे बस प्यार ही प्यार और थोड़े आशु भी थे कितने लम्बे समय के बाद हमारा एक तरफा प्यार एक तरफी फीलिंग अब दोनों ही तरफी होने वाली थी ।
" बस मे नियु की आँखों मे देखे ही जा रहा था तब नियु ने चुटकी बजाए और बोला आप ने बहुत देर लगा दी बात करने मे कितना इंतजार करवाया मुझसे ऐसा भला कोन करता है फिर मे ने भी आँखे चुराई और आँखों से ही नियु को सोर्री बोला और नियु की आँखों ने तुरन्त माफ भी कर दिया ।"
फिर मेने नियु की और दोस्ती का हाथ बढ़ाया और नियु ने भी मेरी और दोस्ती का हाथ बढ़ाया और हमारी दोस्ती हो गई।
" बस ऐसे ही हमारी दोस्ती काफी समय के बाद हो ही गई नियु की फीलिंग ने आखिर मे मेरे पथ्थर भरे दिल को पिघला ही दिया और मेरे सारे सिद्धांत को नियु ने तोड़ के रख दिये । "
चलो दोस्तो चलती हूँ अब तो मेरा युवी मुझे मिल ही गया अब हमारी दोस्ती भी हो गई हमारी कॉलेज की शरारते, मस्ती हम कहाँनी मे आगे जानेंगे ।
"चलो दोस्तो चलती हूँ आगे की कहाँनी मे फिर से आपसे मिलती हूँ तब तक के लिये अपना ख्याल रखिये। "