संजू और राजू बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे और एक ही क्लास में थे। दोनों की परीक्षा पास आ रही थी। एक दिन दोनों ने मिलकर तय किया कि वे साथ में पढ़ाई करेंगे ताकि एक-दूसरे की मदद भी हो सके और मन भी लगा रहे। इसलिए संजू अपने बैग और किताबें लेकर राजू के घर चला गया।
राजू की मम्मी बहुत प्यारी थीं। उन्होंने दोनों बच्चों का अच्छे से स्वागत किया। पहले उन्होंने ताजे फल खिलाए और फिर स्वादिष्ट खाना भी दिया। खाने के बाद दोनों बच्चों ने कुछ देर आराम किया और फिर पढ़ाई करने बैठ गए।
पढ़ते-पढ़ते शाम हो गई। संजू को अचानक कुछ मीठा खाने का मन हुआ। उसने अपनी जेब में हाथ डाला और देखा कि उसमें दो चॉकलेट थीं। उसने एक चॉकलेट राजू को दी और एक खुद खा ली। राजू ने चॉकलेट खाने के तुरंत बाद उठकर ब्रश किया। संजू उसे देखकर थोड़ा हैरान हुआ।
राजू ने कहा
संजू चलो तुम भी ब्रश कर लो। रात हो गई है और हमने मीठा भी खाया है।
संजू ने सिर हिलाया और बोला
अरे नहीं यार मुझे रोज-रोज ब्रश करना अच्छा नहीं लगता। वैसे भी रात को कौन ब्रश करता है। इतना झंझट करने का मन नहीं होता।
राजू ने समझाया
देखो संजू, ब्रश करना बहुत जरूरी है। अगर हम रोज सुबह और रात को ब्रश नहीं करेंगे, तो दाँतों में कीड़े लग सकते हैं। मीठा खाने के बाद तो ब्रश करना और भी जरूरी होता है, वरना दाँतों में सड़न आ सकती है।
लेकिन संजू ने उसकी बात नहीं मानी। वह बोला
इतना क्या होगा एक दिन ब्रश नहीं करने से। मैं ठीक हूँ।
राजू चुप हो गया। उसने सोचा कि जब संजू को खुद अनुभव होगा तब उसे समझ आएगा।
अगले कुछ दिनों तक संजू ने लगातार ब्रश नहीं किया। उसे लगता था कि वह मजबूत है और उसके दाँत वैसे ही ठीक रहेंगे। लेकिन कुछ दिनों बाद उसके दाँतों में हल्का दर्द शुरू हो गया। पहले तो उसने ध्यान नहीं दिया, लेकिन धीरे-धीरे दर्द बढ़ता गया। अब उसे खाना चबाने में भी तकलीफ होने लगी।
एक दिन संजू जोर से रोने लगा। उसके दाँत में बहुत तेज़ दर्द हो रहा था। उसकी मम्मी घबरा गईं और तुरंत उसे पास के डेंटल क्लिनिक ले गईं। डॉक्टर ने उसके मुँह की जाँच की और कहा
संजू के दाँत में सड़न लग गई है क्योंकि यह रोज ब्रश नहीं करता। अगर और देर हो जाती तो हमें इसका दाँत निकालना पड़ता।
डॉक्टर ने उसे दवा दी, एक इंजेक्शन लगाया और सख्त लहजे में कहा
अब से रोज सुबह और रात को ब्रश करो, नहीं तो अगली बार दाँत बचाना मुश्किल होगा।
अब संजू को राजू की बातें याद आने लगीं। उसने महसूस किया कि राजू ने जो कहा था, वह बिल्कुल सही था। उसने अपने मम्मी से माफी माँगी और वादा किया कि अब वह रोज ब्रश करेगा, चाहे कुछ भी हो जाए।
उस दिन के बाद से संजू ने एक नियम बना लिया। वह सुबह उठते ही और रात को सोने से पहले ब्रश करता। धीरे-धीरे उसका दर्द भी ठीक हो गया और उसके दाँत भी फिर से मजबूत हो गए। उसने अपने सभी दोस्तों को भी ब्रश करने की सलाह देना शुरू कर दिया।
अब संजू और राजू न सिर्फ अच्छे दोस्त थे, बल्कि अच्छे आदतों के साथी भी बन चुके थे।
सीख:
रोज सुबह और रात को ब्रश करना बहुत जरूरी है। इससे दाँत साफ और मजबूत रहते हैं, और दाँतों में सड़न या दर्द नहीं होता। अच्छी आदतें हमेशा हमारे काम आती हैं।