Bhai Ki Pigtail Ladki in Hindi Drama by Writer Digvijay Thakor books and stories PDF | भाई की बेनी लाडकी

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भाई की बेनी लाडकी

 भाई की बेनी लाडकी


भूमिका : 

रिश्ते खून से नहीं, दिल से बनते हैं। लेकिन जब दिल भी झूठ बोले, तो रिश्ते बस दिखावा बनकर रह जाते हैं…


कहानी:


अनुष्का एक समझदार, सीधी-सादी लड़की थी। उसका एक सगा भाई था – राघव – जो विदेश में रहता था। लेकिन जब भी वो इंस्टाग्राम पर कोई स्टोरी डालती, उसमें राघव नहीं, बल्कि उसका "बनाया हुआ भाई" आर्यन होता।


हर स्टोरी में #BhaiBehenGoals, #RakshaBandhanVibes जैसे हैशटैग होते — जिसमें आर्यन के साथ हंसती, फोटो में चिपकती हुई, राखी बांधती हुई अनुष्का दिखाई देती।


लोग कहते, "वाह! क्या प्यारा रिश्ता है!"

लेकिन ये रिश्ता प्यारा नहीं, झूठा था।


दरअसल, आर्यन कभी भी उसे बहन नहीं मानता था। वो बस अनुष्का को "इस्तेमाल" कर रहा था — social media पर image बनाने के लिए, लड़कियों से sympathy पाने के लिए, और सबसे बड़ी बात — दुनिया को धोखा देने के लिए।


असलियत तो ये थी कि आर्यन और अनुष्का के बीच भैया-बहन का रिश्ता कभी था ही नहीं। वो दोनों असल में girlfriend-boyfriend थे — मगर समाज की नजरों से बचने के लिए, उन्होंने ‘भाई-बहन’ का नकाब पहन लिया था।


लेकिन कहते हैं ना — झूठ ज्यादा दिन नहीं टिकता।


एक दिन अनुष्का के पति विवेक को शक हुआ।

वो बोला, “अगर ये तेरा भाई है तो इतनी चिपककर फोटो कौन खिंचवाता है? तूने अपने सगे भाई राघव के लिए कभी इतनी स्टोरी नहीं डाली, जितनी इसके साथ डालती है।”


अनुष्का चुप थी... विवेक की आंखों में वो आग थी जो सच को जला कर बाहर ला देती है।


विवेक अनुष्का  के सगे भाई राघव के पास जाता है और सब सच सच कह देता है 

क्योंकि

अनुष्का  राघव की सगी बहन थी और राघव अनुष्का को बहुत लाद प्यार से रखता था क्योंकि राघव को पता था की आज कल की दुनिया बहुत खराब है। 

"शक की परछाई और भाई का सच"


(एक शांत शाम, बालकनी में विवेक और राघव बात कर रहे हैं...)


विवेक: राघव भाई, एक बात कहूं… बुरा मत मानिएगा।


राघव: बोलिए विवेक, रिश्ते में अब तुम मेरे बहनोई ही नहीं, भाई जैसे हो।


विवेक: बस यही सोचकर कह रहा हूं...

आपने कभी गौर किया?

अनुष्का ने आपके साथ रक्षाबंधन की कभी एक भी फोटो नहीं डाली…

ना स्टोरी, ना पोस्ट…

लेकिन आर्यन के साथ?

हर त्योहार, हर दिन — इंस्टा पे बस वही…


राघव: हां… देखा है।

सोचा था… पर नजरअंदाज कर दिया।

सोचा, शायद भाई-बहन का रिश्ता है… अनोखा होगा।


विवेक: पर ऐसा अनोखा रिश्ता जिसमें हर फोटो में वो उसके साथ चिपकी होती है?

भाई-बहन की बॉन्डिंग होती है, पर ये… कुछ और ही है।


राघव: " सच कहूं… तुम्हारी बातों में दम है।

मुझे भी कई बार अजीब लगा…

पर मैं चुप रहा, क्योंकि...

"इस दुनिया को सिर्फ दिखावा पसंद है,

और जो सच बोले, उसे बदनाम कर दिया जाता है।"





विवेक:

लेकिन कब तक?

एक झूठा रिश्ता सच की नींव को गिरा देता है।

आप अनुष्का के सगे भाई हो — फिर भी उसके इंस्टा पर आपकी मौजूदगी zero है,

और एक "बनाया हुआ भाई" हर जगह नजर आता है!


राघव:

मुझे डर है विवेक...

अगर मैं कुछ कहूंगा, तो मेरी ही बहन की इज्जत सवालों में आ जाएगी।

लोग कहेंगे — सगा भाई ही बदनाम कर रहा है।


विवेक:

तो क्या…

एक झूठा भाई दुनिया के सामने सच्चा बना रहेगा,

और एक सच्चा भाई समाज से डरकर चुप?


राघव:

शायद अब वक़्त आ गया है...

उस "नकली रिश्ते" का पर्दाफाश करने का।


Climax Scene 


(कुछ समय बाद – रक्षाबंधन का दिन)


📍Setting: घर में सब लोग बैठे हैं, आर्यन भी आया है राखी बंधवाने...


अनुष्का हंसती हुई आर्यन की कलाई पर राखी बांधती है।

तभी अचानक दरवाज़ा खुलता है और राघव और विवेक अंदर आते हैं।


राघव :

अनुष्का, आज मुझे भी राखी बंधवानी है…

लेकिन इस बार, तुझसे नहीं… तेरे झूठ से।


अनुष्का :

भाई… ये क्या कह रहे हो?


विवेक :

वो कह रहे हैं — आज तेरा झूठ सबके सामने आएगा।

क्योंकि तूने 'भाई' की आड़ में प्यार छुपाया…

और समाज को धोखा दिया।


राघव :

तेरी हर इंस्टा स्टोरी में तू आर्यन के साथ हंसती रही…

और मैं, तेरा सगा भाई… एक स्टोरी तक नहीं!

 "तेरी राखी सिर्फ दिखावा थी…

लेकिन आज मैं उस धागे को तोड़ने आया हूं,

जिसने सिर्फ झूठ और फरेब को बांधा था।"


आर्यन :

क्या सबूत है तेरे पास?


विवेक :

सबूत? तू और अनुष्का खुद ही social media पे 'truth' बनकर घूमे…

अब वही तुम्हारा सच चिल्ला रहा है।


(Vivek TV ऑन करता है — और एक प्रोजेक्टर पर इंस्टाग्राम की सारी intimate pics slideshow की तरह चलती हैं)

लोग अनुष्का की मां बेहोश. आर्यन का चेहरा पीला.



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🔥 Final Punch:


राघव :

 "जिस बहन के लिए मैंने राखी पर खून बहाया था,

आज उसी ने मेरे विश्वास को धोखा दिया।

लेकिन अब मैं इस राखी को नहीं,

उस झूठे रिश्ते को तोड़ता हूं — हमेशा के लिए।"


(वो अपनी कलाई की राखी खोलता है और जला देता है)

अनुष्का फूट-फूटकर रोती है, पर अब बहुत देर हो चुकी होती है।


🎯 Ending Shayari :


"रिश्तों की राखी को जब दिखावे की आग जला दे,

तो राख सिर्फ धागों की नहीं, भरोसे की भी उड़ती है।

और जो रिश्ते झूठ पर टिके हों,

उनका अंत राख में ही होता है।"


🎬 THE END