गरिमा, नेहा और अनिका – ये स्कूल के ज़माने से बेस्ट फ्रेंड्स थीं. उनकी दोस्ती इतनी पक्की थी कि अगर एक को छींक आती, तो बाकी दो अपने आप टिश्यू लेकर हाज़िर हो जातीं.
बस एक ही परेशानी थी : अनिका.
अनिका को हर तीसरे-चौथे महीने प्यार हो जाता था, और उसके बाद उसका दिल टूट जाता था.
इतनी रेगुलैरिटी थी कि गरिमा और नेहा को उसके सारे डायलॉग्स याद हो गए थे, और हो भी क्यों ना अपना टूटा दिल लेकर अपना ग़म भुलाने अनिका अपनी बेस्ट फ्रेंड्स के पास ही आती थी।
आज भी कुछ ऐसा ही दिन था. गरिमा और नेहा अपनी फेवरेट कॉफी शॉप में बैठी थीं, शांति से अपनी कॉफी का मज़ा ले रही थीं कि अचानक दरवाज़े से एक तूफान अंदर आया.
ये थी अनिका, बिखरे बाल, सूजी आँखें और हाथ में एक आधा खाया हुआ आइसक्रीम का कप.
"मैं बर्बाद हो गई!" अनिका ने कुर्सी पर धड़ाम से बैठते हुए कहा, "सौरभ ने मुझे छोड़ दिया!"
गरिमा ने अपना माथा पकड़ा. "सौरभ? कौन सा सौरभ? वो जिम वाला या वो जिसने तुम्हें पिछले महीने अपनी दादी की कहानी सुनाई थी?"
नेहा ने लंबी सांस ली. "याद है गरिमा, वो जिसने कहा था कि उसे ऐसी लड़कियां पसंद हैं जो क्रिएटिविटी वर्क पसंद करती हैं और अनिका ने फिर पेंटिंग क्लास जॉइन कर ली थी?"
अनिका ने अपनी हमेशा वाली रटी रटाई लाइन की तरह कहा, "हाँ, वही वाला. उसने कहा, 'अनिका, तुम बहुत अच्छी हो, पर मुझे अभी खुद पर फोकस करना है.' खुद पर फोकस! जैसे मैं कोई टाइम पास थी उसके लिए!" अनिका फिर रोने लगी.
गरिमा और नेहा ने एक-दूसरे की तरफ देखा. उन्होंने यह स्क्रिप्ट कई बार देखी थी. पिछली बार, जब रियान और अनिका का ब्रेकअप हुआ था, तो अनिका ने तीन दिन तक सिर्फ़ मैगी खाई थी और 'तेरे जाने का गम' गाने पर रील बनाई थी. उससे पहले, रोहन के ब्रेकअप पर उसने अपने सारे कपड़ों को जला देने की धमकी दी थी (जिसे गरिमा ने बाथरूम में पानी डालकर बुझाया था).
"अनिका," नेहा ने प्यार से उसके कंधे पर हाथ रखा, "मुझे पता है तुम्हें बुरा लग रहा है, पर... कितनी बार?"
"कितनी बार मतलब? ये मेरा पहला सच्चा प्यार था!" अनिका ने आंखें पोंछते हुए कहा.
गरिमा ने अपनी कॉफी का घूंट लिया था और कॉफी उसके मुंह से बाहर आते आते बची . "पहला? पिछले साल फरवरी में राहुल था, मार्च में करण, जून में अमित, दिवाली पर प्रीतम... और अब ये सौरभ. तुम्हारा 'पहला सच्चा प्यार' तो हर सीज़न में बदल जाता है."
नेहा ने झल्लाते हुए कहा - 'अनिका तुम्हे हर थोड़े दिनों में सच्चा प्यार कैसे हो जाता है' ?
"तुम लोग समझती क्यों नहीं? इस बार अलग था! सौरभ ने मेरी कविताओं की तारीफ की थी!" अनिका ने अपनी दुखभरी दास्तान जारी रखी, "उसने कहा था कि मैं उसकी 'प्रेरणा' हूँ! प्रेरणा! और अब वो चला गया!"
नेहा ने धीरे से कहा, "अनिका, मुझे लगता है उसने तुम्हारी कविताओं की तारीफ सिर्फ इसलिए की थी ताकि वो तुमसे फ्री में कॉलेज का असाइनमेंट लिखवा सके."
अनिका का मुंह खुला रह गया. "नेहा! तुम इतनी पत्थर दिल कैसे हो सकती हो?"
गरिमा ने टेबल पर हाथ पटका. "सुनो अनिका, मेरा एक ही इलाज है तुम्हारे लिए. जब तक तुम्हें कोई नया प्यार करने वाला लड़का नहीं मिल जाता, तब तक तुम्हारा ये गम खत्म नहीं होगा. और मुझे पता है, कल सुबह तुम किसी नए सच्चे प्यार के सपने देखना शुरू कर दोगी."
अनिका ने आंसू पोंछे और आश्चर्य से पूछा, "तुम्हें कैसे पता?"
नेहा और गरिमा दोनों ने एक साथ अपना सर पीटा. "क्योंकि अनिका," नेहा ने कहा, "तुम्हारे लिए गम का साथी सिर्फ वो अगला लड़का होता है जो तुम्हारी ज़िंदगी में आता है और तुम्हें फिर से 'प्यार का कीड़ा' काटता है!"
अनिका ने धीरे से मुस्कुराया. "तो क्या हम अभी एक और कॉफी ऑर्डर करें? मुझे थोड़ी भूख भी लग रही है ... और हां, उस नए लड़के का नाम क्या था... हां, रोहित! वो रोहित जिसने मुझे अभी-अभी इंस्टाग्राम पर फॉलो किया है!" अनिका ने खुश होते हुए कहा।
गरिमा और नेहा दोनों एक-दूसरे को देखती रह गईं. उनके मुंह खुले के खुले रह गए. उन्हें पता था कि अनिका का दिल तभी ठीक होगा जब वो किसी नए "रोहित" के चक्कर में पड़ेगी. उन्होंने फिर एक साथ लंबी सांस ली और मुस्कुराईं. आखिर, अनिका का 'अनंत प्रेम' ही तो उनकी दोस्ती का सबसे बड़ा और सबसे मज़ेदार "गम का साथी" था! उन्हें बस हर नए ब्रेकअप पर नए टिश्यू और आइसक्रीम का स्टॉक तैयार रखना पड़ता था.
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