आरोही और उसकी फैमिली अमृतसर से मुंबई आ चुके थे कुछ देर बाद चाचा चाची ट्रेन से बाहर आ जाते है आरोही बाहर की ओर अति है तो उसे समय वहा पर एक चोर आकार उसका बेग चुरा लेता है और भाग जाता है आरोही उसके पीछे भागती है ।
आरोही:( चिलाते हुए) चोर चोर कोई पकड़ो उसे वो मेरा पर्स लेके भाग रहा ही l
आरोही ने पास में पड़ा एक डंडा उठाया और उस चोर की तरफ फेंक दिया चोर सीधा नीचे गिर गया और उसकी हाथ से पर्स छुट गया और जाकर दूर गिर गया तभी वहां से कोई आ रहा था वो पर्स जाकर सीधा उसके मुंह पर जा बजा
वो लड़का गुस्से से वो पर्स उठाकर बोला what the hell ?? किसकी इतनी हिम्मत की शिवम सिंह राठौर के ऊपर पर्स फैंका
आरोही उसके पास आई और पर्स लेते हुए बोला : थैंक्यू ये मेरा पर्स है थैंक्यू अपने कैच कर लिया
शिवम गुस्से से बोला : oh तो तुमने ये पर्स फैंका
आरोही थोड़ा डरते हुए : जी नही मेने नही वो तो.....(इससे आगे वो कुछ बोल ही नही पाई क्योंकि शिवम ने गुस्से से उसका हाथ पकड़ लिया था ।)
आरोही : छोड़िए मुझे ये क्या कर रहे हैं आप
शिवम : तुम जैसे लड़कियों को में बोहोत अच्छी तरह से जानता हूं समझी तुम ।
आरोही: ये क्या बोल रहे हो तुम जेसी से क्या मतलब है।
शिवम: ओवरस्माट मत बनो सच बताओ जानबूझ कर फैंकआ ना तुमने ये पर्स ।
आरोही: एक्सक्यूज मि गलत फहमी है आपकी वो चोर मेरा पर्स लेके भाग रहा था तो मेने उसकी तरफ डंडा फैंका और वो पर्स तुम्हारे ऊपर गिर गया बस तुम गलत सोच रहे हो।
शिवम: मुझे अच्छी तरह से पता है समझी तुम।
शिवम ने इतना बोला उतने में चाचा चाची अपनी 2 नो बेटियों और आरोही के भाई बहन को लेके आ जाते है।
चाची: आरोही तू यहां क्या कर रही है पागल है क्या ऐसे कोई अपने भाई बहनों को छोड़ कर आता है क्या।
आरोही: चाची वो चोर।
शिवम: और ये लड़का कोन है जिसे तू बात कर रही है।
आरोही: पता नही।
चाचा जी: चलो अब घर।
चाची: आरोही तू मेरे साथ आ ।
चाची उसे साइड ले जाती है और डांट लग देती है
चाची: आरोही ये क्या हरकत थी अरे कुछ शर्म लिहाज है या नही अनजान शहर ना जान न पहचान न किसी जगह का पता ना कुछ बिना सोचे समझे तू वहा से भागी क्यों ।
आरोही: चाची वो मेरा पर्स लेके भाग रहा था तो फिर कैसे जाने देती।
चाची: आरोही जुबान लड़ाना बंद कर दे तेरी चाची हूं दुश्मन नही समझी।
चाचा जी: अच्छा बस करो अब बच्ची है ठीक किया पर्स था जरूरी सामान होगा तभी गई।
चाची: आपको कुछ नही पता बच्चो को हाथ से निकलने में देरी नही लगती और आप आरोही की तरफ दरी मत करिए ।
रूही और पीहू दोनो चाचा चाची की बेटियां थी। राहुल और तन्वी आरोही के भाई बहन का नाम था । रूही की उम्र 18 साल और पीहू की 16 साल। चाची की दोनो बेटियां आरोही और इसके भाई बहनों से अच्छे से वर्ताव नही करती थी और वो दोनो चाची चाचा की लाडली थी।
रूही: मां घर चलो में बहुत थक चुकी हूं।
चाची: हां बस चलो काफी देर हो चुकी है।
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