सौम्य का अतीत :
"आह, कितनी गर्मी है यहां।" सौम्य आसमान कि ओर देख कर अपने माथे से टपकता पसीना पोछती हुई हताश होकर कहती है।
जून कि इस तपती गर्मी कि दोपहर में वो स्टोर के बाहर खड़ी होकर स्किन केयर प्रोडक्ट्स का प्रमोशन कर रही थी। घर से भागी हुई सौम्य यहां साउथ कोरिया के बुसान शहर में आकर तीन तीन शिफ्ट कर के अपना गुज़ारा कर रही थी। वहां इंडिया में अपनी ऐशो आराम कि ज़िंदगी छोड़कर वो यहां एक मुर्गी के दरबे जैसे कमरे में रह रही थी।
इंडिया के जयपुर शहर में उसके पिता मानिक सिंह तोमर कि आलीशान हवेली थी। वो जयपुर शहर के एक बड़े जमींदार थे जिनकी ठाठ वाट देख लोग जलते थे। पूरे शहर में उनका और उनके बेटों का दबदबा था। मानिक सिंह के दो बेटे थे। बड़ा बेटा सूरज सिंह और छोटा बेटा चंद्र सिंह। दोनों ही पिता के दाएं बाएं हाथ कि तरह उनके साथ साथ चलते थे। इतनी ठाट होने पर दुश्मन भी हज़ार थे उनके। हमेशा ही दोनों बेटों की मूठ भेड़ होती रहती थी किसी न किसी से। दोनों बेटे शादी शुदा थे।
सूरज कि पत्नी सरला और चंद्र कि पत्नी सुलेखा। दोनों ही सास कि लाडली बहुएं थी और उनके हुक़म कि गुलाम भी। अब दोनों गुलामी भी इसलिए करती थी क्योंकि सास का दबदबा था घर मे,दोनों बेटे मां के लाडले थे और उन सबकी लाडली थी सौम्य, जो घर कि छोटी बेटी थी। सौम्य छोटी थी इसलिए उसे सभी बेहद प्यार करते थे। वो जो एक बार मांगती उसके आगे हाज़िर कर दिया जाता था मगर वो जो उनके बाप भाइयों को जायज़ लगता तब।
सौम्य बचपन से ही तेज़ चंचल और हंसमुख थी। स्कूल ख़त्म होने के बाद घर में सबने उसकी शादी का सोच लिया। सौम्य ने इसपर ऐतराज़ जताया और कहा कि वो और आगे पढ़ना चाहती है मगर बाप भाइयों ने साफ कह दिया के तू कॉलेज न जाएगी,
कॉलेज का माहौल ठीक न है। सौम्य ने इसपर नाराज़गी जताई और खाना पीना छोड़ दिया। घर में उसकी शादी की बात चल रही थी। लड़का लंदन से पढ़कर आया था और बड़े ही रईस खानदान का था। उन्हीं कि तरह शानो शौकत से भरपूर। मगर सौम्य को इन सब में दिलचस्पी नहीं थी। वो बस पढ़ना चाहती थी। उसे बाहर निकलना था। दुनिया देखनी थी। वो अपनी मां और भाभियों कि तरह घर कि रसोई में खुद को नहीं झोकना चाहती थी। वो उड़ना चाहती थी, मगर बाप भाइयों कि, परंपरा प्रतिष्ठा उसके पर कतरने कि तैयारी में थी।
लेकिन सौम्य ने भी ठान लिया था कि वो यहां से भाग जाएगी।
और एक दिन उसने ऐसा ही किया। अपनी दोस्त कि मदद से वो एक दिन अपने घर से भागने में सफल हो गई। लड़का लंदन का था तो भाइयों ने पासपोर्ट बनवा ही दिया था। धीरे धीरे कर वो ऑनलाइन सबकुछ सर्च कर रही थी। उसकी एक सोशल मीडिया फ्रेंड थी जो दुबई में रहती थी। उसी ने उसका वीज़ा लगवाया था। पहले वो दुबई गई उसी दोस्त के पास और फिर वहां से साउथ कोरिया आ गई। जब वो घर से भागी थी तब उसके पास पैसे कार्ड सबकुछ था मगर कुछ दिनों बाद उसके भाइयों ने उसका अकाउंट और कार्ड्स ब्लॉक करवा दिया था ताकि जब वो पैसों के बिना गुज़ारा न कर सके तो वापस लौट आए, मगर सौम्य वापस लौटने का सोच भी नहीं सकती थी।
अगर वो वापस लौटती तो पता नहीं उसके घरवाले उसके साथ क्या करते। इसी डर के कारण वो जैसे तैसे कर यहीं अपना गुज़ारा कर रही थी।
प्रेजेंट टाइम:
"सौम्य, जल्दी करो तुम्हारी शिफ्ट ख़त्म होने को आई है और अभी तक तुमने एक भी प्रोडक्ट सेल नहीं किया है।"
उसकी स्टोर कि मालकिन अन्दर से आवाज़ लगाकर बोलती है तो सौम्य एक गहरी सांस भरती है। "अह, इस मोटी को तो बस अपने सेल कि पड़ी रहती है। ये नहीं दिखता कि मैं धूप में खड़ी खड़ी भूनती रहती हूं।
"क्या, कुछ कह रही हो? मालकिन स्टोर के बाहर आकर उसपर चिल्लाती है "ये खुद में भूत कि तरह बड़बड़ाने कि आदत नहीं जाएगी तुम्हारी,।
"खुद में क्या बड़बड़ाऊंगी मैडम, और इतनी गर्मी में कोई भी भूत बन जाएगा। थोड़ा तो AC कि हवा खाने दीजिए मुझे।"
सौम्य आजिज़ी में आकर बोली जिसपे उसकी मालकिन ने कहा –अच्छा! अच्छा! ठिक है। चलो तुम AC कि हवा खा कर आओ, वहां जो सुपर मार्केट है। जाकर थोड़ी सब्जियां और ग्रॉसरी ले आओ।
सौम्य ने उन्हें तिरछी निगाह से देखा। "क्या यार हद्द है, ये मेरे घर जाने का टाइम है और मेरी शिफ्ट ख़त्म हो गई है।
"हां तो चली जाना, लेकिन मेरा काम करने के बाद। वैसे भी तो आज तुमने एक भी प्रोडक्ट सेल नहीं किया। ये उसी का हर्जाना है। उसकी मालकिन उसे पैसे पकड़ाते हुए बोली।
"बड़ी बेरहम औरत हैं आप miss kim". उसने तल्ख़ आवाज़ में कहा और वहां से निकल कर सुपर मार्केट कि ओर चल दी।
स्टोर पहुंच पहले तो उसने राहत कि सांस ली AC कि हवा में, फिर ठंडा सोडा पिया, फिर आइसक्रीम खाई और जो भी वो खा सकती थी। उसके बाद जब उसके शरीर में फुर्ती आई तो उसने फटाफट से ग्रॉसरी खरीदी और बिल बनवाकर वहां से निकल गई।
अभी वो रोड क्रॉसिंग पर खड़ी थी। जैसे हो ग्रीन लाइट हुई वो आगे चल पड़ी मगर एक दम से कुछ यूं हुआ कि एक काली गाड़ी आकर उसके आगे आ रुकी। उस गाड़ी ने एक दम से ब्रेक लगाया था जिसकी वजह से सौम्य गाड़ी से आ टकराई और उसका सारा सामान हवा में उछल कर नीचे गिर गया। साथ ही वो भी टकरा कर गिर गई।