एक ठंडी सुबह थी । शिमला की पहाड़ियों पर हल्की हल्की बर्फ गिर रही थी। परी अपने हॉस्टल के बरामदे में चाय का कप ले कर खड़ी थी। उसकी आंखों में सपने थे लेकिन दिल में एक खालीपन भी था। कॉलेज का आखिरी साल चल रहा था और उसने कभी किसी से प्यार नहीं किया था। उसका मानना था कि सच्चा प्यार केवल कहानियों में होता है। उधर आर्यन एक नया छात्र है जो एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत उसी कॉलेज में आया था । पहली बार कैंपस में कदम रख रहा था। लंबा कद , हल्की सी दाढ़ी, आंखों में शरारती मुस्कान उसकी एंट्री ने कॉलेज में हलचल मचा दी थी। मगर आर्यन की नजर सिर्फ एक लड़की पर थी वो थी परी। पहली मुलाकात लाइब्रेरी में हुई। परी अपने नोट्स बना रही थी तभी आर्यन पास आया और बोला "तुम्हारे नोट्स देखकर ऐसा लगता है कि तुम टीचर को भी पढ़ा सकती हो।"। परी नाराज हो कर बोली मैं यहां पढ़ने आई हूँ , इंप्रेस करने नही, तभी आर्यन बोला मैं भी तुमसे बात करने आया हूँ , इंप्रेस होने नहीं। धीरे धीरे दोनों की बातें बढ़ने लगी कॉलेज का हर कोना _उनके लिए खास बन गया। लाइब्रेरी का एक कोना , कैंटीन का एक खास टेबल और वो झील जहां वो दोनों रोज मिला करते।
परी की आंखों में अब चमक थी और आर्यन की आंखों में सुकून। एक रात बर्फ गिर रही थी आर्यन ने परी को झील के पास मिलने के लिए बुलाया। आर्यन ने अपने स्वेटर के अन्दर से एक छोटी सी डायरी निकाली और कहा ये मेरी कहानी है --- मगर इसका आखिरी पन्ना खाली है । जिसे सिर्फ तुम लिख सकती हो।परी की आंखें भर आई। मुझे लगता था कि प्यार बस कहानियों में ही होता है । "लेकिन तुमने मेरी जिंदगी को ही कहानी बना दिया"।आर्यन ने हाथ बढ़ा दिया और कहा कि क्या तुम मेरी कहानी का हिस्सा बनोगी। परी ने उसका हाथ थाम लिया हमेशा के लिए।
"उसी पल बर्फ थम गई । आसमान से चांदनी उनके चेहरे पर बिखर गई । दो दिल , जो पहले कभी नहीं मिले थे , अब एक धड़कन बन चुके थे।
"दिल की दस्तक कभी कभी धीरे से होती है, लेकिन जब होती है ...... तो जिन्दगी भर की कहानी लिख जाती है ।"💖💖
शीर्षक: "दिल की दस्तक – भाग 2: साथ चलना ज़रूरी है"
शिमला की वो सर्द रात अब एक मीठी याद बन चुकी थी। परी और आर्यन ने कॉलेज खत्म होने के बाद साथ जिंदगी की शुरुआत की। प्यार में डूबे दो दिलों ने जब शादी की तो हर कोई उनकी जोड़ी की मिसाल देता। पर असली कहानी तो शादी के बाद शुरू होती है।
दिल की दस्तक अब रोज़मर्रा की ज़िम्मेदारियों में बदल चुकी थी।
परी अब एक स्कूल में टीचर बन चुकी थी, और आर्यन ने एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी शुरू कर दी थी। सुबह की भागदौड़, शाम की थकान, और हफ्ते में एक बार बाहर खाना — यही अब उनका रूटीन था।
एक दिन आर्यन देर से घर लौटा। परी ने खाना गरम किया, लेकिन चुपचाप रख दिया। आर्यन ने पूछा, "क्या हुआ?"
परी बोली, "तुम पहले जैसे नहीं रहे। अब हमारी बातें कम होती हैं। न वो झील की शामें, न वो लाइब्रेरी वाली मुस्कान।"
आर्यन शांत रहा। फिर धीरे से बोला, "मैं भी तुम्हें मिस करता हूं परी, लेकिन जिम्मेदारियां हमें बदल देती हैं। प्यार वही है... बस अब वो दिखाने का तरीका बदल गया है।"
परी की आंखों में आंसू आ गए, लेकिन इस बार वो शिकायत के नहीं, समझदारी के थे।
अगले रविवार, आर्यन ने परी को उसी पुरानी झील के पास बुलाया, जहां उन्होंने पहली बार अपने दिल की बात कही थी। वहीं बैठकर उसने एक छोटा सा गिफ्ट बॉक्स दिया। अंदर वही डायरी थी — जिसमें अब एक नया पन्ना लिखा गया था:
"जब जिंदगी की धड़कन तेज हो जाए, तो दिल की दस्तक धीरे से याद दिलाती है कि प्यार अब भी है — बस उसे वक्त देना पड़ता है।"
परी ने डायरी को सीने से लगा लिया।
आर्यन ने मुस्कराकर कहा, "प्यार कहानियों में नहीं, साथ चलने में है। और मैं चाहता हूं कि हर मोड़ पर तुम मेरा हाथ थामे रहो।"
परी ने उसका हाथ थाम लिया। "हमेशा के लिए…"
फिर से बर्फ गिर रही थी… पर अब दोनों के बीच कोई सर्दी नहीं थी, सिर्फ एक गर्माहट थी — साथ की, समझ की और सच्चे प्यार की।
"दिल की दस्तक कभी रुकती नहीं… वो बस तब सुनाई देती है, जब दो लोग सुनने के लिए तैयार हों।
आप लोगों को कहानी कैसी लगी जरूर बताना। मैं इसका अगला भाग जल्द ही लिखूंगी। धन्यवाद।