शाम की धीमी रौशनी, खिड़की से आती ठंडी हवा 🌬️, और एक मुलाक़ात जो सब कुछ बदल देगी... जब दो अजनबी, अपने ही दिलों के रास्ते चलते हुए, एक-दूसरे की बाहों में सुकून ढूंढ लेते हैं। 💑
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☕कहानी शुरू होती है...
अंशिका, 24 साल की, शांत और सौम्य लड़की थी। किताबें 📚, कॉफ़ी ☕ और अकेलापन उसका पसंदीदा कम्बिनेशन था। दिल्ली के एक लाइब्रेरी कैफ़े में उसका रोज़ का आना-जाना था। वहाँ वो कोने वाली खिड़की के पास बैठकर अपने फेवरेट नॉवेल पढ़ा करती थी।
एक दिन, वहीँ एक लड़का आया — रुद्र। लंबा, स्मार्ट, आँखों में गहराई और मुस्कान में जादू 😍। वो पहली बार था जब अंशिका की नज़रें किसी पर इतनी देर तक ठहर गईं थी।
रुद्र मुस्कराया 😊 और सामने वाली टेबल पर बैठ गया। दोनों ने एक-दूसरे को अनकही नज़रों से महसूस किया। वो चुप्पी... वो कंपन... कुछ तो था जो पहली नज़र में ही दिल को छू गया था। ❤️🔥
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🌹पहली बात, पहला स्पर्श...
अगले दिन रुद्र फिर उसी वक़्त आया। इस बार, कॉफ़ी लेकर सीधे अंशिका की टेबल की ओर बढ़ा।
"अगर आप चाहें, तो मैं भी यहाँ बैठ सकता हूँ?" — उसकी आवाज़ में आत्मविश्वास और अपनापन था।
अंशिका मुस्कुरा दी 😊 "क्यों नहीं।"
बातों का सिलसिला शुरू हुआ... किताबों से लेकर ज़िंदगी के पन्नों तक, सब खुलने लगा। उनकी हँसी... उनका देखना... और वो हल्की-सी छुअन जब कॉफ़ी का कप पास बढ़ाते वक़्त उनकी उंगलियाँ छू गईं — दिलों में बिजली सी दौड़ गई ⚡🔥।
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💋वो पहली क़रीबियाँ...
कुछ ही हफ़्तों में, उनका रिश्ता गहराने लगा। एक दिन, रुद्र ने उसे अपने अपार्टमेंट में डिनर पर बुलाया। अंशिका थोड़ी हिचकिचाई, मगर मन ही मन बहुत एक्साइटेड थी।
रात थी, हल्की बारिश 🌧️ हो रही थी, खिड़की से चांदनी अंदर झाँक रही थी 🌙। रुद्र ने उसका पसंदीदा पास्ता बनाया, और वाइन खोली 🍷।
"तुम्हारी आँखों में बहुत कुछ छुपा है," रुद्र ने धीरे से कहा, उसके चेहरे के करीब आकर।
अंशिका की साँसे तेज़ हो गईं... उसने रुद्र की ओर देखा, उसकी उंगलियाँ उसके गालों को छू रही थीं, नज़रों में चाहत थी... होंठ धीरे-धीरे पास आए... और फिर...
पहली किस 💋... नर्म, मगर गहराई लिए हुए।
उस एक पल में वक़्त थम गया। उसके बाद, जैसे लहरों ने किनारा पा लिया हो — उनकी साँसे, बदन की गर्माहट, दिल की धड़कनें एक हो गईं ❤️🔥।
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🔥रात जो कभी खत्म न हुई...
रुद्र ने उसे अपनी बाहों में उठा लिया... बिस्तर पर नर्म तकिए और उसकी महक फैली थी 🌸।
हर बटन खोलते वक़्त, जैसे रुद्र उसके दिल की परतें खोल रहा था। अंशिका की उंगलियाँ उसकी पीठ पर, बालों में, और होंठ उसके सीने पर उतरते चले गए...
उनकी रात, सिर्फ जिस्म का मिलन नहीं था, वो आत्मा का संगम था।
हर स्पर्श में भरोसा था, हर आहट में चाहत थी, हर लम्हे में एक नई शुरुआत थी 🌌।
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☀️सुबह की पहली किरण...
सूरज की हल्की धूप जब खिड़की से अंदर आई, अंशिका रुद्र की बाँहों में सिमटी हुई थी। उसका सिर उसकी छाती पर और रुद्र की उंगलियाँ उसके बालों में उलझी हुई थीं।
"तुम मेरी सुबह हो, अंशिका..." रुद्र ने कहा।
वो मुस्कुरा दी 😊 "और तुम मेरी रात के सबसे हसीन ख्वाब..."
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