गाँव के छोटे से घर में रहने वाला अर्जुन बचपन से ही कुछ बड़ा करने का सपना देखा करता था। उसके पापा किसान थे और माँ घर संभालती थी। अर्जुन जब भी खेतों में काम करता, उसकी आँखों में एक अलग ही चमक होती। वो जानता था कि उसकी मंज़िल खेत नहीं, कुछ और है — कुछ बड़ा, कुछ ऐसा जो सिर्फ़ सपने में देखा जाता है।
एक दिन स्कूल में मास्टर जी ने पूछा, "बड़े होकर क्या बनना है?"
क्लास में सबने जवाब दिया – कोई डॉक्टर, कोई टीचर, कोई पुलिस।
जब अर्जुन की बारी आई, तो उसने कहा –
"मैं साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ बनना चाहता हूँ, ताकि देश को डिजिटल चोरी से बचा सकूँ।"
सब हँसने लगे। गाँव में किसी ने यह नाम भी ठीक से नहीं सुना था।
लेकिन अर्जुन हँसा नहीं। उसने ठान लिया था।
हर रात वो मोबाइल की टूटी स्क्रीन से पढ़ाई करता, इंटरनेट कैफे जाकर YouTube से coding सीखता, और रात के अंधेरे में भी सपना देखता — एक उज्ज्वल भविष्य का।
कुछ लोग मज़ाक उड़ाते, कुछ कहते, “इतनी बड़ी बातें तेरे बस की नहीं।”
लेकिन अर्जुन को मालूम था कि "मोहब्बत के चक्कर में नहीं, अपने सपनों के जुनून में दम होना चाहिए।"
वो दिन-रात मेहनत करता गया।
कई बार हार मानने का मन हुआ, लेकिन फिर माँ की मुस्कान याद आती और वो फिर से उठ खड़ा होता।
फिर एक दिन, जब उसके पहले App को 10 हज़ार डाउनलोड मिले —
गाँव का वही अर्जुन, जिसकी हँसी उड़ाई जाती थी, अब एक inspiration बन चुका था।
आज वो लड़का एक company चला रहा है, अपने जैसे और बच्चों को सिखा रहा है कि अगर हिम्मत हो, तो रास्ते खुद बनते हैं।
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💬 अंतिम पंक्तियाँ:
"अपने सपनों को मत छोड़ो क्योंकि तुम्हारा आने वाला कल, आज की मेहनत पर टिका है।"
"खुद पर भरोसा रखो, क्योंकि तुम वो कर सकते हो जो लोगों ने आज तक सोचा नहीं होगा इंसान में दो प्रकार की शक्ति होती है दैवीय और आसुरी 💪👑
अब जब अर्जुन की कामयाबी की चर्चा पूरे ज़िले में होने लगी, तो उसी गाँव के मास्टर जी, जो कभी हँसते थे, अब गर्व से कहते, “वो मेरा ही शागिर्द था।”
एक दिन गाँव के स्कूल में उसे मुख्य अतिथि बुलाया गया।
अर्जुन ने स्टेज पर खड़े होकर बच्चों से कहा —
“मैं कोई खास नहीं था। मैं भी वही करता था जो तुम कर रहे हो — ख्वाब देखना। फर्क बस इतना था कि मैंने उसे जीना शुरू कर दिया।”
तालियाँ बजीं, बच्चों की आँखों में चमक थी।
किसी के सपनों में अब सिर्फ़ सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि कुछ नया बनाने की आग थी।
फिर अर्जुन ने गाँव में एक छोटा सा कंप्यूटर कोचिंग सेंटर खोला।
जहाँ लड़के-लड़कियाँ coding, graphics, cyber security जैसे सब्जेक्ट्स सीखने लगे।
माँ ने मुस्कराते हुए कहा,
"आज तू लोगों की ज़िंदगी बदल रहा है बेटा, इससे बड़ा धन क्या होगा?"
अर्जुन मुस्कराया,
“माँ, ये तो बस शुरुआत है।”
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💎 और आखिर में अर्जुन ने जो सीखा, वो हर किसी को सिखाया:,
> "अगर सपना बड़ा है, तो रास्ता खुद बन जाएगा, बस चलते रहो — हिम्मत से, और दिल से
💪✨ मेहनत दिन की जैसी और रात उम्मीदों जैसी बस यही बात ,
✍️✍️ Writter kapilprem 01