यह रहा कहानी का अगला भाग —
“रात की रानी” का रोमांचक और भावनात्मक अंतिम अध्याय:
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✨ भाग-10: चमत्कार की सुबह
अमावसपुर के आकाश में हलकी बारिश की फुहारें थीं। चारों ओर सावन का हरियालापन फैला था। आहना और ‘रावी’ (जो कभी राजवीर था) मिलकर अपनी NGO चला रही थीं। दिन बच्चों को पढ़ाने में और रात जरूरतमंदों की मदद में बीतती थी। रावी अब पूरी तरह एक महिला की तरह जीवन जी रही थी — मन, रूप और आत्मा से।
लेकिन एक सुबह, कुछ ऐसा हुआ जो भाग्य और विज्ञान दोनों के लिए रहस्य बन गया।
4:59 AM…
रावी अपनी NGO की छत पर बैठी आकाश की ओर देख रही थी — तभी आसमान में बिजली चमकी, बादलों की तेज गड़गड़ाहट हुई, और एक झटके में वह ज़मीन पर गिर पड़ी।
जब उसे होश आया, सामने शीशा रखा था — उसमें जो चेहरा दिखा, वह रावी नहीं... बल्कि फिर से 'राजवीर' का था।
“क्या... ये फिर से मैं...? क्या मैं वापस... राजवीर बन गया हूँ?” — वह हकलाया।
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💍 भाग-11: प्रेम की पुनःपुष्टि
सुबह 6:00 बजे, आहना दौड़ती हुई उसके पास आई। राजवीर को देखकर कुछ पल के लिए उसकी आँखें फैल गईं — फिर वो मुस्कराई। धीरे से बोली:
“मैं जानती थी… कि एक दिन तुम्हारा ये अभिशाप जाएगा। पर तुम्हारा दिल… वो हमेशा वही रहा — सच्चा, निर्मल और मेरा।”
राजवीर की आँखों में आँसू थे। वो बोला:
“क्या अब भी... तुम मुझसे शादी करोगी, जबकि मैं अब ना रावी हूँ, ना वो रहस्य वाली रात की रानी?”
आहना ने उसका हाथ थामा और मुस्कराकर कहा:
“मैंने तुमसे रावी के रूप में प्रेम किया... और राजवीर के रूप में विवाह करूँगी। दोनों में तुम ही हो।"
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💐 भाग-12: एक अनोखी शादी
अमावसपुर के मंदिर में एक सादा लेकिन आत्मिक विवाह हुआ। पंडित ने मंत्र पढ़े, बच्चे फूल बरसा रहे थे, और आहना लाल साड़ी में अप्सरा लग रही थी।
सबसे अनोखी बात थी — विवाह मंडप के पीछे एक बोर्ड टंगा था:
> "रात की रानी ने न्याय का जो दीप जलाया, अब वही दीप प्रेम का आशीर्वाद बनकर फैलेगा।"
राजवीर और आहना की शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं था —
यह एक जैविक और मानसिक पहचान की स्वीकृति,
एक भूतकाल को गले लगाने की शक्ति,
और एक नए भविष्य की घोषणा थी।
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🧨 भाग-13: एक नई लड़ाई
विवाह के बाद, राजवीर और आहना ने मिलकर NGO को और मजबूत बनाया। अब वो सिर्फ लड़कियों के हक की नहीं, बल्कि उन सभी की लड़ाई लड़ रहे थे जिन्हें समाज ने अलग मानकर दरकिनार कर दिया — ट्रांसजेंडर, अनाथ, पीड़ित महिलाएं।
राजवीर अब फिर कभी लड़की में नहीं बदला, लेकिन ‘रावी’ का अस्तित्व कभी मरा नहीं। आहना ने कहा था:
“रावी हमारी आत्मा है। वह अब हर लड़की के भीतर ज़िंदा है जो अन्याय के खिलाफ खड़ी होती है।”
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🔥 भाग-14: फिर एक रात...
शादी के दो महीने बाद, एक रात फिर बिजली कड़कने लगी। आकाश काले बादलों से भर गया। राजवीर छत पर गया और खुद से बुदबुदाया:
“क्या तू वापस आएगी, रावी?”
तभी एक हलकी सी हवा चली... पायल की आवाज़ सी कोई ध्वनि... और दूर मंदिर की घंटियाँ।
उस रात कोई चोरी नहीं हुई। कोई न लूटा गया। लेकिन हर अमीर ज़ालिम के घर के बाहर एक चिट्ठी मिली:
> "मैं लौट आई हूँ... पर अब सिर्फ न्याय के लिए नहीं,
अब हर उस प्रेम की रक्षा के लिए जिसे दुनिया नाम, रूप और पहचान के तराजू में तौलती है।
– रात की रानी"
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🎵 समापन गीत:
(धीमी सुर में)
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"रात के साए में जो जागे,
वो सपनों को नई सुबह देंगे।
रावी हो या राजवीर,
अब हर नाम में प्रेम जिएंगे..."
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🌈 The End… Or A New Beginning?
✍️ Vijay Sharma Erry