🖤 माफ़िया की नज़र में – Part 10:
"सच का आखिरी टुकड़ा"
"सच कभी-कभी इतना कड़वा होता है कि वो न सिर्फ़ दिल, बल्कि पूरी ज़िंदगी को जला देता है।"अहाना का दिल अब एक खौफनाक सन्नाटे में डूब चुका था। तहखाने का अंधेरा, रवि की बातें—“रायान ने तुम्हारे पापा को मरने दिया”—और पापा की चिट्ठी—“रायान पर भरोसा करो, वो तुम्हारी आखिरी उम्मीद है”—उसे दो सचों के बीच फँसा चुकी थीं। सामने मास्क वाला शख्स खड़ा था, उसकी बंदूक अहाना की तरफ तनी हुई थी। बाहर गोलियों की आवाज़ें गूंज रही थीं, और रायान की पुकार अब भी हवा में थी।अहाना का हाथ डायरी को कसकर पकड़े हुए था। GPS ट्रैकर की लाल बत्ती तेज़ी से चमक रही थी, जैसे कोई चेतावनी दे रही हो। “मुझे किस पर भरोसा करना चाहिए? रायान पर, रवि पर, या… खुद पर?” उसका दिमाग सवालों से भरा था, लेकिन अब वक़्त जवाबों का नहीं, ज़िंदा रहने का था।
🌌 तहखाने में जिंदगी-
मौत का खेलमास्क वाले शख्स ने एक कदम आगे बढ़ाया। उसकी आँखों में एक ठंडी चमक थी, जैसे वो सिर्फ़ अहाना को नहीं, बल्कि किसी पुराने गुनाह को निशाना बना रहा हो। “तुम्हें यहाँ नहीं होना चाहिए था, अहाना,” उसने ठंडी आवाज़ में कहा। “लेकिन अब तुम यहाँ हो… तो खेल खत्म करने का वक़्त है।”अहाना पीछे हटी, उसकी साँसें रुक रही थीं। रवि ने तुरंत अपनी बंदूक तानी और मास्क वाले की तरफ बढ़ा। “उसे छूने की हिम्मत मत करना!” उसने चिल्लाकर कहा।लेकिन इससे पहले कि रवि कुछ कर पाता, तहखाने का दरवाज़ा फिर से टूटा। रायान अंदर घुसा, उसका चेहरा पसीने और गुस्से से भरा था। उसके हाथ में बंदूक थी, और उसकी नज़रें मास्क वाले पर जमी थीं। “अहाना को छूने की गलती मत करना,” उसने कहा, उसकी आवाज़ में एक खतरनाक शांति थी।मास्क वाले ने हँसते हुए कहा, “रायान सिंगानिया। आखिरकार। मैं तुम्हें ढूंढ ही रहा था।” उसने अपना मास्क उतारा। अहाना का दिल धक् से रह गया। वो शख्स… वो वही था, जिसे उसने लाइ सेंट जेवियर्स कॉलेज के बाहर देखा था (Part 3)—वही अजनबी, जिसकी ठंडी नज़रें उसे डरा रही थीं।“तुम कौन हो?” अहाना ने कांपती आवाज़ में पूछा।“मैं विक्रम,” उसने कहा, उसकी आँखों में नफ़रत थी। “तुम्हारे पापा का पुराना दुश्मन। और रायान का भी।”रायान ने अपनी बंदूक और सख्ती से पकड़ी। “विक्रम, ये तुम्हारी और मेरी लड़ाई है। अहाना को इसमें मत घसीटो।”विक्रम ने ठंडी हँसी हँसी। “अहाना? वो तो इस खेल का सबसे बड़ा मोहरा है। तुम्हारे पापा, रवि, और तुम… सबने मेरे साथ धोखा किया। और अब मैं उसका हिसाब बराबर करूँगा।”
🌃 रायान और रवि का टकराव
अहाना की नज़रें रायान और रवि के बीच डोल रही थीं। रवि ने गुस्से से कहा, “विक्रम, तू झूठ बोल रहा है! मेरे भाई ने तुझे बचाने की कोशिश की थी, लेकिन तूने ही उसे धोखा दिया!”विक्रम ने तिरस्कार से देखा। “बचाने की कोशिश? तुम्हारे भाई ने मुझे उस डील में फँसाया, रवि। और रायान ने उसका साथ दिया।”अहाना का दिमाग सुन्न हो गया। “डील? वो डील क्या थी?” उसने चिल्लाकर पूछा।रायान ने एक गहरी साँस ली और अहाना की तरफ देखा। उसकी आँखों में दर्द था, लेकिन अब वो सच छुपाने वाला नहीं था। “तुम्हारे पापा… वो माफ़िया की दुनिया छोड़ना चाहते थे। लेकिन विक्रम उनके पुराने पार्टनर थे। उन्होंने एक आखिरी डील की—एक डील जो सब कुछ खत्म कर देती। मैंने तुम्हारे पापा को रोका, लेकिन वो नहीं माने। वो रवि को बचाना चाहते थे।”रवि ने गुस्से से रायान की तरफ देखा। “तुम झूठ बोल रहे हो! तुमने उस डील को चुना, क्योंकि तुम्हें सत्ता चाहिए थी!”रायान की आँखें सिकुड़ गईं। “सत्ता? मैंने तुम्हारे भाई के लिए अपनी जान दाँव पर लगाई, रवि! लेकिन विक्रम ने धोखा दिया। उसने तुम्हारे भाई को मारने की साज़िश रची। और मैं… मैं उन्हें बचा नहीं सका।”अहाना की आँखों में आँसू थे। “तो मेरे पापा की मौत… तुम सबकी गलती थी?”विक्रम ने हँसते हुए कहा, “गलती? ये कोई गलती नहीं थी, अहाना। ये माफ़िया की दुनिया है। यहाँ सिर्फ़ सत्ता और बदला चलता है। और अब तुम उसका हिस्सा हो।”
🌫️ तहखाने का आखिरी सच
अहाना का हाथ डायरी पर गया। उसने पापा की आखिरी चिट्ठी को फिर से याद किया—“रायान पर भरोसा करो। वो तुम्हारी आखिरी उम्मीद है।” लेकिन विक्रम की बातें और रवि का गुस्सा उसे भटका रहा था।तभी तहखाने में एक और शख्स घुसा। अहाना चौंक गई—वो निहारिका थी। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। “अहाना, तुम यहाँ?” निहारिका ने कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में कुछ गलत था।“निहारिका?” अहाना ने हैरानी से पूछा। “तुम… तुम यहाँ क्या कर रही हो?”निहारिका ने मुस्कुराते हुए विक्रम की तरफ देखा। “मैंने तुम्हें चेतावनी दी थी, अहाना। रायान की दुनिया में कदम रखना खतरनाक है। लेकिन तुम नहीं मानी।”रायान ने गुस्से से निहारिका की तरफ देखा। “तू? तू विक्रम के साथ थी?”निहारिका ने ठंडी हँसी हँसी। “हाँ, रायान। तुमने मेरे भाई को मरने दिया—उसी डील में। और अब मैं तुमसे और तुम्हारी इस लड़की से बदला लूँगी।”अहाना का दिल रुक गया। “तुम्हारा भाई?”“विक्रम मेरा चचेरा भाई है,” निहारिका ने कहा। “और तुम्हारे पापा ने उस डील में हमारा सब कुछ छीन लिया। अब तुम उसकी कीमत चुकाओगी।”विक्रम ने अपनी बंदूक फिर से अहाना की तरफ तानी। लेकिन इससे पहले कि वो गोली चला पाता, रायान ने तेज़ी से उसका हाथ पकड़ा और उसे ज़मीन पर पटक दिया। रवि ने निहारिका को पकड़ा, लेकिन तहखाने में और लोग घुस आए—विक्रम के आदमी।रायान ने अहाना का हाथ पकड़ा और उसे एक कोने में खींच लिया। “अहाना, मेरे साथ चलो!” उसने चिल्लाया।लेकिन अहाना रुक गई। उसने रायान की आँखों में देखा। “मुझे सच बताओ, रायान। मेरे पापा की मौत… क्या तुम सच में दोषी हो?”रायान की आँखों में आँसू थे। “मैंने उन्हें बचाने की कोशिश की, अहाना। लेकिन मैं नाकाम रहा। और अब मैं तुम्हें नहीं खो सकता।”तभी एक गोली की आवाज़ गूंजी। अहाना ने पलटकर देखा—रवि ज़मीन पर गिरा था, उसके कंधे से खून बह रहा था।
💥 To Be Continued…अहाना अब जिंदगी और मौत के बीच खड़ी है।
रायान की सच्चाई, निहारिका का धोखा, और रवि की चोट—क्या ये सब एक बड़े जाल का हिस्सा है?
पापा की आखिरी चिट्ठी का सच क्या था?
Part 11 में होगा:
अहाना का आखिरी फैसला—रायान के साथ जाना, या सच की तलाश में रुकना।निहारिका और विक्रम का अगला कदम।एक ऐसा रहस्य, जो रायान और अहाना को हमेशा के लिए जोड़ देगा… या तोड़ देगा।अगर ये हिस्सा आपके दिल की धड़कनें बढ़ा गया, तो फॉलो करना न भूलें। क्योंकि अब कहानी का हर पल एक नया तूफ़ान लाएगा।
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