पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में छिपे हुए महाद्वीप पर Aurelia Cove नाम से एक रहस्यमयी इलाका था।
इस जगह को अक्सर लोग भूल से भी याद नहीं करते थे, क्योंकि यहाँ तक पहुंचने के लिए सघन धुंध, नुकीले पत्थरों के रास्ते और महान समुद्री गर्जन से पार पाना पड़ता था। लेकिन उसी दुर्गम तट पर बरसती रातों में एक आलीशान चमकता हुआ घर था, गोल्डन स्पायर मैनर। सुनहरे संगमरमर के स्तंभ, सुन्दर नक्काशी और खिड़कियों से झांकती मन्द रोशनी इस मैनर को अँधेरी रात में भी चकाचौंध बना देती थी।
इस इलाके में आज रात आसमान में घने बादल छाए हुए थे, पर बीच-बीच में चंद्रमा की किरणे छेद कर धरती तक आ रही थी। आसपास हवाओं में नमक की गंध घुली हुई थी और दूर समुंद्र के ऊपर बिजली चमक रही थी, मानो जैसे प्रकृति भी कुछ अज्ञात रहस्य का इशारा कर रही हो। वहीं, उस मैनर के आसपास के बगीचे में ऊँचे पेड़ सरसराहट करते हुए खड़े थे और उन पर ओस की एक छोटी परत जम चुकी थी, जिससे हर पत्ती मोती सी झिलमिला रही थी।
उस मैनर के दूसरे तल पर, एक कमरा था जिसकी पीछे की खिड़की हमेशा बंद रहती थी, पर अंदर से हल्की कट्टी कट्टी सी रोशनी बाहर झाँकती रहती थी।
उस अंधेरे कमरे में एक लड़का अपने बिस्तर पर पड़ा था। एरी वेयलान, उम्र लगभग सत्रह बरस। हल्के भूरे बाल, गहरी नीली आँखें, नाजुक होंठ और आकर्षक चेहरा। इस समय एरी की साँसें गहरी थी, पर उनके बीच एक अनमना कम्पन भी जुड़ा था, मानो उसका मन किसी गुमनाम चिंता में पिस रहा हो।
बिस्तर की रजाई उसके कँधों तक खिसकी हुई थी और उसकी उंगलियाँ बिस्तर की चौखट पर कसकर थमी थी। उसके कमरे की परछाइयाँ दीवारों पर बिखरी थी और हर कोने में अजीब-सी स्थिरता महसूस हो रही थी, जो चुपचाप किसी बदलाव का इंतजार कर रही थी।
तभी अचानक एरी की नींद टूटी। उसने आँखें खोली और ऊपर छत की ओर देखा। पता नहीं कैसे मगर छत के ठीक नीचे हवा में तैरता हुआ एक अजीबोगरीब Cube नज़र आने लगा, जो पूरी तरह नीली रोशनी से घिरा हुआ था। जैसे किसी गहरे महासागर का अंश।और उस Cube के बीच में गुलाबी रंग की आकृतियाँ घूम रही थी, जो घूमते हुए संवरण कर रही थी। वे गुलाबी आकृतियाँ बार-बार किसी रहस्यमयी ज्यामितीय पैटर्न में बदलकर उसी नीले आकाश जैसे Cube के साथ मिलती जा रही थी।
वह Cube बिल्कुल भी स्थिर नही था, उसकी सतह से कोमल चमक निकल रही थी, जो अँधेरे कमरे में रेशमी लहरों की तरह फैल रही थी। उसमें से कभी-कभी ढेर सारी छोटी-छोटी जुगनुओं की तरह छोटे-छोटे प्रकाशबिंदु नीचे की ओर गिरते, फिर वापस ऊपर चिपक जाते।
ये सब किसी सपने जैसा था, जिसे देखकर एरी के दिल की धड़कन तेज हो गई। वह घबराया तो नहीं, पर उसके अंदर एक अजीब-सी जिज्ञासा जाग उठी।
वह धीरे से उठकर बिस्तर की एक ओर खिसका, जैसे कि वह कोई रॉबोट हो लेकिन उसकी आँखों में इंसानी चमक थी। थोड़ा डर और ज्यादा उत्सुकता। उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया, पर उस Cube की रोशनी को छूने पर से उसके हाथ में हल्की-सी ठंडक सी दौड़ गई, जो उसे ऐसा एहसास करा रही थी जैसे कि उसने किसी बाहरी अनजान चीज़ को छुआ हो। एरी की इस हरकत से उस Cube ने भी हल्की सी हरकत की।
उसमें से एक मद्धम किंचिन सी गुनगुनाहट की तरंग निकली, जैसे बिना आवाज़ के कोई स्वर गूंज रहा हो।इससे कमरे में खामोशी छा गई, जिसकी वजह से एरी को अपनी साँसें तक तेज लगने लगी। अभी उसे बंदुकों और मशीनों की खतरनाक जंग से दूर, इस साधारण लेकिन रहस्यमयी चीज़ से निपटना था। वहीं, Cube की चमक एकदम मंद हो गई, गुलाबी रेखाएँ एक-एक करके फीकी पड़ने लगी और फिर अचानक सबकुछ गायब।
एरी ने आँखें मलते हुए कमरे की दीवारों को देखा और फिर छत को। उसे लगा ही नहीं कि अभी कुछ पल पहले उसके सिर के ऊपर कुछ तैर रहा था। पर उसका दिल जानता था कि यह सपना नहीं, कोई संकेत था या कोई बुलावा या फिर कोई चुनौती।
इतने में, उस कमरे की खामोशी पल भर में भयंकर गर्जना में बदल गई। एरी ने पहले सोचा था कि वह Cube गायब हो गया था, लेकिन अब उसे समझ आया कि असल में वह अदृश्य हो गया था।
तभी अचानक, Cube के भीतर से एक तेज़ बिजली जैसी रोशनी बाहर निकली। वह रोशनी तेज़ी से फैलकर पूरे कमरे को घेरने लगी और देखते ही देखते एरी को जैसे किसी असंख्य तारों के जाल में उलझाकर ऊपर खींचने लगी।
एरी ने एक पल के लिए अपने शरीर में कँपकँपी महसूस की, लेकिन मन डर से ज्यादा जिज्ञासा थी और उस जिज्ञासा ने उसे चिल्लाने से रोका।
इस बीच उसके कानों में एक रहस्यमयी आवाज गूँजी, - “तुम चुने गए हो…”
उस आवाज में सोची समझी ठंडक थी, जो किसी प्राचीन मशीन की लग रही थी। उस आवाज के गायब होते ही एरी की आखों के सामने रोशनी काफी देर तक घूमती रही, बाद में अगले ही पल वह काले दिखते लंबे गलियारे में जा पहुंचा।
जब एरी की सांसें थोड़ी शांत हुई, तब उसने खुद को संभाला और अपने आसपास की जगह के चारों तरफ़ देखा, जहां दीवारें बिलकुल कालिख की तरह काली थी, पर वहां की रोशनी जैसे किसी अदृश्य स्रोत से टपक रही हो। उन दीवारों के नीचे एक चिकना प्लेटफॉर्म था, जिस पर अनगिनत लोगों के चलने की गूँज सुनाई दे रही थी।
एरी ने धीरे-धीरे आवाज़ की दिशा में सिर उठा कर देखा। आगे एक विशाल महल था, जहाँ उसके सामने एक ऊँचे मंच पर हजारों लोग नज़र आ रहे थे। उस मंच से थोड़ी दूर, जमीन पर एक समूहमंच साधारण ग्रे लॉह से बना था, जिस पर अनगिनत ग्रुप्स खड़े थे।
उन सभी ग्रुप्स को पहली नजर में देखना असंभव था क्योंकि वे इतने विविध थे कि समझ नहीं आ रहा था कि वे इंसान थे या एलियन या किसी और ब्रह्मांडीय जाति के प्रतिनिधि। कुछ विशालकाय थे, जिनकी पीठ पर रोशनी का ग्राफिक्स-नुमा नेटवर्क चमक रहा था। कुछ दुबले-पतले थे, जिनके बाल अर्ध-इस्पातिक रंग के और आँखें गहरी सफेद थी। कुछ के चेहरे पर इंसान जैसी झुर्रियाँ, पर त्वचा पर बिजली जैसी गतिमान रेखाएँ थी। कुछ हाथ में लम्बी छड़ें लेकर खड़े थे, जो शायद उनकी क्लासिक Cultivation Staff थी, तो कुछ ने तो अपने सिर पर एक-एक चमकीला ग्लोब घिरा रखा था।
वे सभी अपनी भाषा में बुदबुदा रहे थे, जो एरी को समझ नहीं आ रहा था। जिससे एरी का दिल तेज़ धड़कने लगा। दरअसल, यह ऐसा माहौल था जो किसी सपने से भी परे, किसी वैज्ञानिक क्लीनिक से भी विचित्र और किसी युद्धक्षेत्र से भी ज्यादा डरावना था।
वहां, उन ग्रुप्स से थोड़ी दूरी पर एक विशाल पारदर्शी स्क्रीन दीवार पर टंगी थी। उस स्क्रीन पर धुंधली रोशनी में बहुत से नाम आते-जाते दिखाई दे रहे थे। हर नाम के साथ एक एल्गोरिदमिक कोड जुड़ा हुआ था, जो धीरे-धीरे चक्राकार रूप में बाहर की ओर फैल रहा था, जैसे कोई सर्कुलर प्रोग्रेस बार हो।
एरी को अचरज हुआ कि हर नाम के ऊपर एक छोटा सा लोगो भी चमक रहा था कभी तारा, कभी सर्पिल, कभी ज्यामितीय पट्टियाँ। उस स्क्रीन पर एक के बाद एक नाम जलते-बुझते जा रहे थे, ठीक वैसे ही जैसे कोई चश्मदीद देखने वाले की नींद उड़ने तक फ्लिकर करता हो। तभी
अचानक, एक नाम सबसे ऊपर आया, एकदम मध्य में, ‘एरी वेयलान’ इस नाम के आगे लिखा हुआ था, ‘Whisperling Candidate’
उस नाम के साथ चमकती ‘Whisperling Candidate’ हाइलाइट ने पूरे मंच की ओर एक अदृश्य लहर छोड़ दी। थोड़ी देर के लिए सब कुछ थम-सा गया। फिर हर ओर सवालों की लहर उठ गई पर कोई बोल नहीं पाया।
बहुत से ग्रुप्स के बीच कुछ लोगों ने एक-दूसरे की ओर देखा, लेकिन किसी ने कुछ भी नहीं कहा। ऐसा लग रहा था जैसे उन सभी को पता था कि यहाँ शोर मचाना कितना ज्यादा खतरनाक था।
उस बड़ी सी स्क्रीन पर अपना नाम देखकर एरी के दिल में एक-साथ कई अजीब से भाव आने लगे। फिर भी उसने खुद को काबू में रखा और खुद से ही सवाल किया, - “आखिर ये सब हो क्या रहा है मेरे साथ? मैं अभी हूँ कहाँ? कहीं ये कोई सपना तो नहीं है!”
खुद को थप्पड़ मारने और दर्द देने के बाद, जब एरी को समझ आया कि वह सपने में नहीं था, तब वह अपने हाथों को गौर से देखने लगा।
उसने बाहर से कुछ भी नहीं कहा, पर अंदर चीख-चीखकर खुद से कह रहा था, - “आखिर ये सब हो क्या रहा है मेरे साथ? अभी मैं हूँ कहाँ?”
इतने में अचानक वह स्क्रीन फिर से चमक उठी और सभी नाम गायब हो गए। जिनके गायब होते ही मंच के नीचे एक हल्की सी नीली रोशनी बाहर आती दिखाई दी, जिसके अंदर से किसी आदमी की भारी आवाज सबके कानों में पड़ी, - “आप सभी का स्वागत है, हाहाहाहा”
उस आवाज़ में कोई ठंडक नहीं थी, बल्कि वह आवाज किसी शांत रहने वाले इंसान की लग रही थी।
लेकिन एरी को कुक भी सुनाई नहीं दिया, क्योंकि वह अभी भी अपने नाम के साथ जुड़े Whisperling Candidate के बारे में सोच रहा था, जिससे उसके माथे पर परेशानी और घबराहट की लकीरें साफ दिख रही थी।
फिर तभी अचानक एरी के सिर में एक तेज़ दर्द की लहर दौड़ गयी। ऐसा लगा जैसे किसी ने उसके दिमाग में बिजली गिरा दी हो। उसने तुरंत ही दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ लिया, आँखें बंद कर ली, पर दर्द घटने का नाम ही नहीं ले रहा था।
कुछ सांसों के बाद जैसे ही दर्द कम हुआ, सबकुछ सन्नाटे में बदल गया। उस शांति के बीच थोड़ी ही देर में एरी के मन में कुछ शब्द घूमने लगे जैसे कोई कोड हो पर एरी ने वे शब्द देखते ही हैरानी से अपनी आँखें खोल ली। वे सब कोड हिंदी में भी नहीं थे और अंग्रेज़ी में भी नहीं, कहीं-कहीं बीच में दोनों भाषा का मिश्रण था, लेकिन फिर भी न जाने क्यों और कैसे वह कोड एरी को एकदम साफ़-साफ़ समझ में आ रहे थे।
इस दौरान एरी को अपने दिमाग में किसी लड़की की रोबोटिक आवाज सुनाई दी, - “Hi, I am YSARA, your Remnant Key. अब तुम मेरे साथी हो, इसलिए मैं तुम्हें दोस्त एरी कहूँगी।”
अपने दिमाग में इस तरह अचानक किसी लड़की की रोबोटिक आवाज सुनकर एरी का दिल ऐसे धड़क उठा जैसे कोई भारी घंटी बज गयी हो।
“YSARA… Remnant Key?” - ये नाम और आवाज एरी के लिए बहुत नई थी, जिसे वह बिल्कुल भी नहीं जानता था। उसने ज़िंदगी में कभी इस नाम को भी नहीं सुना था, फिर भी पता नहीं कैसे वह एरी को अपना-सा ही महसूस हो रहा था। किसी कंप्यूटर की तरह, किसी मशीन की तरह, पर इतना नरम, जैसी कोई ज़िंदा इंसान उसके दिमाग में घुस गया हो।
फिर तभी उस रोबोटिक लड़की की धीमी, सौम्य लेकिन लुभाने वाली आवाज़ दोबारा से एरी के दिमाग में गूंजी, - “घबराओ मत दोस्त, मैं तुम्हारी साथी हूँ। तुम्हारी रक्षा करना और दुश्मन को मारना मेरा काम है।”
इस बार एरी हड़बड़ा गया और अपने आप से बोला, - “यह… यह क्या हो रहा है? ये मैं कैसे सुन रहा हूँ? कौन है ये!”
उस लड़की की आवाज़ फिर से आई, - “अरे दोस्त, इतना डरो मत। तुम एक Whisperling हो। मैं तुमसे ही जुड़ी हुई हूँ। तुम्हारी आत्मा से। मैं तुम्हारे साथ हूँ, जब तक तुम ज़िंदा हो। मेरी बस एक शर्त है कि तुम मेरे बारे में किसी को भी कोई खबर नहीं लगने दे सकते वरना तुम्हें मैं बचा नहीं पाऊंगी इसलिए मुझे छुपाकर रखना सबसे चाहे कुछ भी जो जाए!”
ये जानकर अब एरी के माथे से पसीने की बूंदें पानी कीर तरह टपकने लगी। वो समझ ही नहीं पा रहा था कि ये सब सच है या कोई सपना।