भाग 1: वीर राज को घर छोड़कर आया था। राज अपने कमरे में गया और उदास होकर बैठ गया। तभी उसके कमरे में गोरी जी आई। उन्होंने रोज का सिर अपनी गोदी में रखा और प्यार से बोलीं _ "बेटा, क्या हआ? राज कीआखें भर आई। उसने कहा _"मां... अनु मेरे प्यार को क्यों नहीं समझती? में उसे कितना प्यार करता हूं।"गोरी जी थोड़ी उदास होकर बोली_"बेटा, एक दिन जरूर अनु तुम्हारे को समझेगी। मैं जानती हूं... अनु भी तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती है।"गोरी जी ने राज को सुला दिया और कमरे से बाहर चली गई। उधर राज अचानक उठ बैठा। उसने गुस्से में फोन मिलाया और कहा_"उसका कुछ पता चला? कहां है वो ?"फोन से आवाज आई।"सर ... वो कही जा रही है।"राज ने बिना कुछ बोले फोन काट दिया। दूसरी तरफ, अनु अपने पापा के साथ घर पहुंची। दरवाजा खोलते ही उसकी मां बोली _"बेटा, आ गई तुम? आओ, खाना खा लो। मैं तुम्हारी पसंदीदा खाना बनाया है।"अनू थकी हुई आवाज़ में बोली_"मां, आज बहुत थक गई हूं। प्लीज मेरा खाना मेरे कमरे में भिजवा देना।"वो अपने कमरे में गई, फ्रेश हुई और बाहर आई तो खाना मेज पर रखा था। उसने चुपचाप खाना खाया और लेट गई। तभी उसका फोन बजने लगा। स्क्रीन पर लिखा था_मधु कॉलिंग। अनु ने जल्दी से फोन उठाया_"हेलो"मधु हंसते। हुए बोली इतनी जल्दी भूल गई मुझे? तुम्हारी दोस्त दोस्त हूं मैं । एक बार मिलने दे मुझे.... फिर बताती हूं।" अनु मस्कुराई_ "ठीक है... आ जाओ"। थोड़ी देर बाद अनु नीचे आई। उसके पापा वहीं बैठे थे। उन्होंने कहा_मधुवी आ गई थी घर पर। अनु के पापा ने कहा "बेटा, तुम्हारी मासी ने तुम्हें राजौरी बुलाया है। आज शाम की तुम्हारी ट्रेन है।"अनु ने कहां पर पापा मेरा कॉलेज। अनु के पापा गुस्से में बोले। तुम ऑनलाइन पढ़ोगे 10 ,15 दिनों के बाद आओगी, मधु अनु को लेकर उसके रूम में चली जाती है। वह दोनों अपना सामान पैक करके नीचे आती है।शाम के चार बजे की ट्रेन थी। अनु और मधु दोनो ने अपने मम्मी पापा के चरण छुपकर आशीर्वाद लिया और स्टेशन की ओर निकल पड़ी। प्लेटफार्म पर हलचल थी_ लोग अपने-अपने सामान के साथ भाग _ दौड़ कर रहे थे। ट्रेन की सिटी बजते ही अनु और मधु ने जल्दी-जल्दी अपनी सीट पकड़ी। ट्रेन चल पड़ी ट्रेनचल पड़ी। अनु खिड़की से बाहर देखती रही... शहर की इमरते धीरे-धीरे पीछे छूट रही थी। मधु ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोली _"क्या हुआ अनु? तुम इतनी उदास क्यों हो? कहीं तुम्हें राज का जादू तो नहीं पड़ गया? अनु चोकर उसकी तरफ देखती है"क्या मतलब है तुम्हारा? अनु बोली जैसे तुम सोच रही हो वेसा कुछ भी नहीं है। मैं उससे नफरत करती हूं। मधु चौक कर बोली तुम ऐसा क्यों बोल रही हो। अनु बोली वो मुझसे प्यार नहीं करते। वो माया से करता है। मधु बोली अनु तुम्हें कोई गलतफहमी हुई होगी। राज ऐसा नहीं है वह तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करता है। मैंने उसकी आंखों में देखा है। तुम्हारे लिए प्यार, अनु बोली ऐसा कुछ नहीं है। वह माया