प्रस्तावना ;कहानी के मुख्य किरदार नवीन और पंखुड़ी हैं। नवीन जहां मस्तमौला और बिदास लड़का हैं। तो वहीं पंखुड़ी थोड़ी सी अड़ियल और जिद्दी लड़की।ऐसे में जब ये दोनों एक साथ होगे तब क्या होगा??क्या पंखुड़ी खुद को बदल पायेगी या फिर उनकी ये लव स्टोरी वक्त से पहले दम तोड़ देगी।जानने के लिए कहानी को पूरा जरूर पढ़े...
4 साल पहले...
कहानी की शुरुआत में हम देखते हैं कि एक हैंडसम सा लड़का फ्लाइट में बैठा होता है और उसके हाथ में एक फोटो होती हैं।
जिसे देखकर वो कुछ सोचते हुए मुस्कुरा रहा होता हैं।
तभी बाजू में बैठी लेडी उससे पूछती है;
" क्या ये तुम्हारी गर्ल फ्रेंड हैं ?"
इस पर वो स्माइल के साथ कहता हैं,
" नहीं ! "
तभी अनाउसमेंट होती हैं;
" यात्री कृपया ध्यान दे, फ्लाइट नंबर Ai 403 दिल्ली से चलकर कानपुर पहुंचने वाली फ्लाइट जल्दी ही लैंड होने वाली हैं। इसलिए यात्रियों से अनुरोध है कि वो अपनी सीट की पेटी बांध ले, फ्लाइट जल्द ही लैंड होने वाली हैं"
जैसे ही ये अनाउसमेंट होती हैं, वैसे ही वो उस फोटो को अपने पर्श में रख लेता है और फ्लाइट के लैंड होने का इंतजार करने लगता है।
अगले सीन में,
वो लड़का एक टैक्सी में बैठा होता है और कहीं पर जा रहा होता है।
तभी टैक्सी ड्राइवर सामने का शीशा ठीक करते हुए कहता है..
" साब जी, अब यहां से आगे किस तरफ मोड़ना हैं"
पर इस बात का वो लड़का कोई जवाब नहीं देता और खिड़की से बाहर देखते हुए, कुछ सोचकर स्माइल कर रहा होता हैं।
तभी वो टेक्सी वाला फिर से पूछा होता है, पर इस बार वो थोड़ा जोर से बोलता है..
" साहब, अब यहां से किस तरफ जाना हैं ?"
जैसे वो ये बोलता हैं, वैसे ही एकदम से उसका ध्यान टूटता है और वो सॉरी कहते हुए, उसे आगे का रास्ता बताने लगता है।
थोड़ी ही देर में वो वहां पहुंच जाते हैं, जहां उसे पहुंचा था।
वो जल्दी से टेक्सी वाले को किराया देता है और एक घर की तरफ तेजी से बढ़ जाता हैं।
उसके चहरे पर एक्साइटमेंट साफ साफ नजर आ रही थी, उसका चेहरा बता रहा था कि वो यहां आकर कितना खुश हैं।
वो जल्दी से दरवाजे को नाॅक करता हैं, पर जैसे ही वो दरवाजे को हल्का सा नाॅक करता हैं, वैसे वो दरवाजा एकदम से खुल जाता हैं।
ये देखकर वो एकदम से चोक जाता है और हैरान होता हुए, आवाज लगता है...
" आंटी, आंटी"
पर अंदर से कोई आवाज नहीं आती, ये देखकर वो जल्दी से अपना सामान वहीं दरवाजे पर पटक देता है और जल्दी से घर के अंदर चला जाता है।
पर जैसे ही वो घर के अंदर आता है तो देखता है कि पूरा घर एकदम खाली पड़ा था।
मानो जैसे यहां कोई रहता ही नहीं हो,पर ये कैसे हो सकता हैं?
वो सब इतनी जल्दी यहां से कैसे जा सकता है, उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
की आखिर दो दिनों में ऐसा क्या हो गया कि वो सब एकदम से यहां से चले गए।
इसी बात का पता लगाने के लिए वो जल्दी से अपनी जेब से मोबाइल निकलता है और उन्हें कॉल करता हैं। पर उनका फोन बंद आ रहा था।
इसलिए वो अंकल को कॉल करता है पर उनका भी फोन बंद आ रहा था।
तभी घर के सामने से एक शख्स गुजरता है, जो उनके घर के पास में ही रहता था।
वो जल्दी से भाग के उनके पास जाता है और उन्हें आवाज देकर रुकने को कहता हैं।
जैसे वो शख्स रुक कर उसकी तरफ देखने लगता हैं, वैसे वो भाग के उनके पास जाता है और उनसे पूछता है,,,
" अंकल क्या आपको पता है, ये लोग कहा गए?"
इस पर वो पूछते है, कौन शर्मा जी?
इस पर वो " हां " में जवाब देता हैं।
तभी वो बड़े ही दुखी मन से कहते है,
" तुम्हे नहीं पता, शर्मा जी और उनकी फैमिली के साथ क्या हुआ ?"
इस पर वो बड़े ही सोकिंग तरीके से एकदम जोर गुस्से से चिल्लकर कहता है,
" क्या हुआ उनके साथ, जल्दी से बताओ"
उनको इस तरफ से देखकर एकपल को तो डर ही जाते हैं, फिर सेड सा फेस बनाकर कहते हैं,,
" पर्शो शर्मा जी अपनी फैमिली के साथ कहीं जा रहे थे, तभी पीछे से एक ट्रक ने आकर उनकी कर को जोरदार टक्कर मार दी, सुना हैं! इस एक्सिडेंट में उनको बहुत चोटे आई थी पर"
पर क्या?? ( वो एकदम से कहता हैं)
पर सुना है की इस एक्सिडेंट में शर्मा जी बेटी नहीं बच सकी। जैसे ही ये वो बात सुनता है, वैसे ही उसके पैर एकदम से लड़खड़ा जाते हैं और वो गिरने ही वाला होता है कि वो शख्स उसे संभाल लेता है और उसे हौसला रखने का कहकर वहां से चला जाता है।
वहीं दूसरी तरफ उसे तो अब भी अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था कि क्या उसने सही सुना!
"पंखुड़ी अब नहीं रही"
उसे लग रहा था कि वो शायद कोई बुरा खुआब देख रहा हैं, इसलिए वो खुद से कहता हैं,,,
"नहीं नहीं, ये नहीं हो सकता, मैं पक्का कोई बुरा खुआव देख रहा हूं, मुझे अब जल्दी से जागना होगा, मुझे उसे अपने दिल की बात भी तो बतानी है"
ऐसा कहकर वो वापिस घर के अंदर आ जाता है और वॉशरूम में जाकर अपने फेस पर जल्दी जल्दी पानी मरता हैं, जिससे कि वो अपने खुआब से बाहर आ सके।
पर ऐसे करते ही उसे ये रियलाइज हो जाता है कि ये कोई खुआव नहीं हैं।
पर भी उसे उस शख्स की कहीं हुई बात पर यकीन नहीं हो रहा था।
इसलिए वो अपनी मॉम को कॉल करता है और जैसे ही वो कॉल उठती हैं।
वो फॉरन ही उनसे पंखुड़ी और उसकी फैमिली के बारे में पूछता है।
पर उसकी मॉम खुद को कंट्रोल करते हुए, उससे झूठ कहती है कि;
" तुमसे से किसने कह दिया, वो सब ठीक हैं और अपने घर पर ही हैं, आज ही मैं उसने मिलकर आई हूं"
जैसे ही वो ये बात कहती हैं, वो समझ जाता है कि मॉम झूठ बोल रही हैं और वो कॉल कट कर देता है और वहीं बैठकर फूट फूट के रोने लगता हैं और उन दिनों को याद करने लगता हैं, जब वो उससे पहली बार मिला था।
वहीं दूसरी तरफ उसकी मॉम उसे द्वारा से कॉल बैक करती हैं, पर वो उनकी कॉल नहीं उठता और उसके रूम में जाकर बैठ जाता है और उनके साथ बिताए गए दिनों की याद में खो जाता।
अब आगे क्या हुआ ये अगले भाग में, अगर आपको स्टोरी पसंद आई हो तो कमेंट करना न भूले, जल्द से आपसे मुलाकात होगी, एक नए भाग के साथ तब तक के लिए बाय बाय।।