EPISODE 01
ये मेरी पहली कहानी है इसे अपना प्यार दिजीएगा अगर मुझसे कोई गलती हो प्लीज मुझे माफ कीजिएगा। स्पेलिंग mistake पर जड़ा ध्यान न दे भावनाओं को समझे 😁👻
इलाहाबाद हाईकोर्ट
कोर्ट रूम का माहौल सुबह के 12 बजे
अदालत की गर्मी और वकील की ठंडी आँखें
"माई लॉर्ड, मेरा मुवक्किल दोषी नहीं है। दोष तो उस व्यवस्था का है, जिसने उसे वहां तक पहुंचाया।"
रैवत सूर्यवंशी की आवाज़ कोर्टरूम में गूंज रही थी। सफेद शर्ट, ब्लैक कोट, टाई बिलकुल सीधी। न कोई तनाव, न कोई जल्दी — बस आँखें सीधी जज की ओर।
29 साल की उम्र में, जब लोग अपने करियर की नींव रख रहे होते हैं, रैवत पहले ही देश के टॉप कॉर्पोरेट लॉ फर्म्स में से एक का मालिक था। लेकिन कोर्ट में उसका अंदाज़ किसी अनुभवी शेर की तरह होता — शांत, लेकिन घातक।
उसके हर तर्क में ताज़गी थी, और हर मौन में वज़न।
पीछे बैठे जूनियर वकील कानाफूसी कर रहे थे —
"यार ये बंदा इंसान है या मशीन? एक बार में केस तोड़ देता है।" जैसे सामने वाले के पास कोई दलील ही नहीं बचती। एक तो इतनी कम उम्र का है और इतने ही समय में न कोई एक भी केस हारने का रिकॉर्ड है अभी तक ।
2. व्यापार की दुनिया – जमीनी इज्जत और लोहे का अनुशासन
शाम 6 बजे।
"RS Holdings Pvt. Ltd" की 14वीं मंज़िल।
कुर्सी पर बैठा रैवत मीटिंग में था। सामने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन चल रही थी। रुद्राक्ष गांगुली — उसका बिज़नेस असिस्टेंट — प्रोजेक्शन समझा रहा था।
"सर, ये प्रोजेक्ट 4% रिस्क में है, लेकिन मुनाफ़ा डबल हो सकता है," रुद्राक्ष ने कहा।
रैवत ने सिर्फ एक वाक्य कहा —
"इंसान का लालच ही उसे ले डूबता है। मैं मुनाफ़े से ज्यादा भरोसे की तलाश में हूं।"
रुद्राक्ष मुस्कुरा दिया। वो जानता था — रैवत नंबरों से ज्यादा उसूलों में निवेश करता है।
3. प्रोफेसर का तीसरा रूप — और छात्रों की सिहरन
अगली सुबह, 8:45 AM
Viraj Suryavanshi institute of excellence
कॉलेज का लॉ डिपार्टमेंट।
"Good morning, Professor Suryavanshi!"
छात्रों की सामूहिक आवाज़।
रैवत ने बोर्ड पर बड़े अक्षरों में लिखा :
TORT LAW — UNDERSTANDING NEGLIGENCE
उसकी आँखें क्लास रूम में घूमीं — ठहराव, गहराई और जिज्ञासा से भरी हुई।
लड़कियाँ उसकी पर्सनैलिटी पर फिदा थीं, और लड़के उसके गुस्से से खौफ खाते थे।
एक नियम था — सब काम टाइम पर होना चाहिए। समय की कदर नहीं करने वालो से सकत नफरत है।
लेकिन कोई नहीं कहता कि वो गलत है। क्योंकि जब वो पढ़ाता था, तो लॉ किसी फिल्म की तरह समझ आता था।
रिश्ते — जो उसके कंधों का भार हैं, और दिल की धड़कन भी।
रैवत के पिता - विक्रम सूर्यवंशी
उम्र 50 साल पैशॆ से बिज़नेसमन
अपने से बेटे प्यार करते पर दिखते नहीं है।
Current RS Holdings Pvt. Ltd" ke chairperson
raivat की चाची - अनामिका सूर्यवंशी
उम्र 42 साल
अपने बेटे को "RS Holdings Pvt. Ltd" का सीईओ बनाना चाहती है। इनको बिलकुल नहीं पसंद जब इनके पति अपने भाई के इसारो पर चलते है । इस बात पे इनका अपने पति से हमेशा झगड़ा होता रहता है ।
इन्हे KITTY पार्टी करना बहुत पसंद है और इन्हे दिखावें का बहुत सुख है। लोगो को निचा दिखाना इनका favorite काम है।
रैवत के चाचा - वीर सूर्यवंशी
"RS Holdings Pvt. Ltd" के VICE PRESIDENT
उम्र 46 साल
अपने भाई के लक्मण है। भाई की कोई बात नहीं टालते है।
रैवत को अपने बेटे से ज्यादा मानते है । और उसे हर चीज़ में सपोर्ट भी करते है।
अनुभा — छोटी बहन (वीर सूर्यवंशी और अनामिका सूर्यवंशी की बेटी )
उम्र 23 साल
एक डॉक्टर, और रैवत की सबसे बड़ी कमजोरी।
जब रैवत उदास होता, वो ही उसे चाय बना कर समझाती थी — "भैया, तुम वकील हो लेकिन दिल के बहुत साफ़ हो।"
अनुभव — छोटा भाई (वीर सूर्यवंशी और अनामिका सूर्यवंशी के बेटा )
उम्र - 23 साल
थोड़ा लापरवाह, लेकिन तेज। दोनों के बीच अक्सर बहस होती, लेकिन प्यार गहराई में था।
अपने बड़े भाई के लिए कुछ भी कर सकता है ।
सूर्यवंशी परिवार में सबसे ज्यादा कांडी इंसान है ये । (इनका famous dialogue hai मै कर्म करने जाता हु मगर कांड हो जाता है। )
सान्वी — सौतेली बहन
उम्र - 18 साल
कुछ अनबोलापन था, लेकिन रैवत उसे हमेशा प्रोटेक्ट करता है मगर कभी खुल कर सामने नहीं आता । प्यार भी करता है मगर कभी दिखाता नहीं है।
दादा जी — विराज प्रताप रघुवंशी
उम्र - 78 साल
"शेरों का खून है तुझमें," वो अक्सर कहा करते। रैवत से बहुत प्यार करते हैं। इनकी एक ही इच्छा रैवत के घर बस्ता हुआ देखना चाहते है । ये एक रिटायर्ड जज है इलाहाबाद हाईकोर्ट के । इन्होंने बहुत बड़े बड़े केस की सुनवाई की कुछ सही तोह कुछ सबूतों के आभाव में गलत।
माँ — वैदेही चोपड़ा उम्र :- 45 साल
इन्होंने रैवत जब 8 साल के थे तब विक्रम जी को डाइवोर्स दे कर अपने बचपन के दोस्त से शादी कर ली ।
सौतेले पिता अशोक चोपड़ा। उम्र :- 45 साल
ये एक बिजनेसमन है चोपड़ा इंडस्ट्रीज के मालिका
रैवत के चेहरे की कठोरता अक्सर अतीत की स्याही से रंगी होती थी।
वो माँ से प्यार करता था, लेकिन सौतेले बाप से नहीं मिलती उसकी रूह।
दोस्त —
रुद्राक्ष गांगुली (28)
बिज़नेस असिस्टेंट, लेकिन भाई से कम नहीं। जो भी रैवत नहीं कहता, वो समझ लेता है।
नव मल्होत्रा (29)
डॉक्टर — इमोशनल बैलेंस देने वाला दोस्त। उसका मंत्र: "दिल की सुन रैवत, दिमाग तो सब सुनते हैं।"
लक्ष्य बंसल (29)
कॉमिक टाइमिंग वाला बिजनेसमैन।
हर बार रैवत को चिढ़ाता है — “भाई किसी दिन तेरे क्लास में कोई लड़की तुझे किडनैप कर लेगी, बता रहा हूं।”
रैवत की पहली मुलाक़ात ‘Mini’ से — सिर्फ़ एक झलक
रैवत कॉलेज में एक मीटिंग से निकल रहा था, जब अचानक एक आवाज़ आई —
"Excuse me, क्या आप स्टाफ में से हैं या कोई visiting uncle?"
पीछे मुड़ते ही जो चेहरा दिखा, वो था शाम्भवी कल्याणोत — उर्फ़ मिनी।
19 साल की, थोड़ी ज़िद्दी, थोड़ी तेज़, और ज़ुबान तेज़ चाकू जैसी।
रैवत ने कुछ नहीं कहा, बस उसे देखा —
मिनी पलटी और बोली —
"ठीक है अंकल, आगे से ID पहन के घूमिए।"
रैवत का पहला रिएक्शन:
"Interesting..."
लेकिन चेहरा शांत।
एंड ऑफ एपिसोड 1
अगला एपिसोड:
“मिनी — तूफ़ान की शुरुआत”
जहां कॉलेज के गलियारों में एक नाम गूंजेगा — “Tatya Vichu "
To be continue.....
~ three sisters ~