Chapter 4
🎬 सीन 2A:
🌍 स्थान: सिटी पार्क
⏰ समय: शाम का झुटपुटा
एलियन, अब इंसानी रूप में "आरव", पार्क की पगडंडी पर चुपचाप चलता जा रहा है। उसके चेहरे पर उलझन साफ है।
(मन में सोचता है)
“अब क्या करना चाहिए? क्या ये लड़की... मुझे अपनाएगी? अगर मैं जल्दी शादी कर लूँ... तो मिशन जल्द पूरा होगा और मैं अपने ग्रह लौट सकूँगा। पर शादी... वो इंसानों के लिए क्या मायने रखती है?”
तभी पीछे से एक हाथ उसकी पीठ पर थपथपाता है।
लड़की की आवाज़:
"बूम!"
एलियन चौककर पलटता है।
लड़की मुस्कराते हुए:
"कैसे हो आरव? क्या कर रहे हो यहाँ? और वाह! तुमने उस डॉग को कैसे बचाया था! हीरो लग रहे थे तुम, जैसे कोई फिल्म का लीड रोल निभा रहे हो!"
एलियन (मन में चौंक कर):
“ये कौन है? और मुझे आरव क्यों कह रही है? क्या ये भी इंसानों की चाल है?”
एलियन (धीरे से):
"तुम कौन हो?"
लड़की (हैरानी से):
"क्या? आरव, क्या तुम्हें कुछ हुआ है? मैं आरु हूँ यार, तुम्हारी बचपन की बेस्ट फ्रेंड! स्कूल से अब तक साथ हैं हम... कैसे भूल सकते हो तुम मुझे?"
एलियन (मन में सोचता है):
"ओह... तो ये मेरे इस रूप को किसी और समझ रही है। शायद ये वही दोस्ती है जिसकी बातें मैंने सुनी हैं। लेकिन... दोस्ती असल में होती क्या है?"
आरु (हँसते हुए):
"क्या सोच रहे हो आरव? सच में भूल गए मुझे? इतनी सुंदर लड़की को कोई कैसे भूल सकता है?"
एलियन (हल्के से मुस्कराते हुए, नकली परफेक्ट स्माइल):
"नहीं नहीं... तुम मेरी दोस्त हो। मैं बस मज़ाक कर रहा था।"
आरु (हाथ पकड़ती है):
"तो चलो! कहीं बैठते हैं, ढेर सारी बातें करनी हैं।"
एलियन (मन में):
"क्या ये लड़की... मुझे शादी करेगी? क्या ये मुझे बचा सकती है? अगर ये सब जल्दी हो जाए... तो मेरा मिशन आसान होगा..."
आरु (खींचते हुए):
"चलो आरव! तुम्हारी ये सोचने की आदत गई नहीं अब तक!"
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🎬 सीन 2B: "संगीत, शराब और साज़िशें"
🌆 स्थान: एक हाईप्रोफाइल क्लब, दिल्ली
🎉 माहौल: तेज़ म्यूज़िक, डांसिंग लोग, चमकते कपड़े, कैमरे की फ्लैश, बर्थडे बैलून और डेकोरेशन
(क्लब के एक कोने में, अवनी बैठी है — काले गाउन में, एक वाइन ग्लास हाथ में, आँखें दूर कहीं खोई हुईं)
(उसके चारों ओर पार्टी चल रही है, लेकिन वो जैसे उस भीड़ से बिल्कुल अलग है)
तभी उसकी बेस्ट फ्रेंड अभा आती है — आज उसी का बर्थडे है, लेकिन वो अवनी को देख चिंतित हो जाती है।
अभा:
"अवनी! तू फिर से अकेले बैठी है? आज भी तेरे अंकल से लड़ाई हुई क्या?"
अवनी (थके हुए लहजे में):
"अब कुछ बचा ही नहीं अभा। मैं थक चुकी हूँ। ये सब बस... दिखावा है। मुझे इस सब से छुटकारा चाहिए।"
अभा:
"फिर वही बात... देख अवनी, सिर्फ एक रास्ता है — शादी कर ले। एक बार शादी हो गई, तो सारी प्रॉपर्टी तेरे नाम और तेरे अंकल powerless हो जाएँगे।"
अवनी (हँसती है, कड़वाहट से):
"हर बार जब मैं शादी करने जाती हूँ, वो या तो उसे खरीद लेते हैं... या मरवा देते हैं। पुलिस भी उनकी जेब में है। तुम समझती क्यों नहीं, अभा? मैं पिंजरे में हूँ।"
अभा (धीरे से, आँखों में चमक):
"तो चुपचाप शादी कर। बिना किसी को बताए। तेरे अंकल को खबर ही नहीं होगी तो वो उसे मारेंगे कैसे?"
अवनी (सिर हिलाते हुए):
"वकील ने कहा है, शादी के एक साल बाद ही मुझे सारे अधिकार मिलेंगे। तब तक मैं अपने पति को कैसे छुपा सकती हूँ? और फिर भी, वो उसे ढूंढ़ लेंगे। मार ही देंगे।"
अभा:
"फिर भी कुछ तो करना होगा। वरना... सब कुछ उनके पास ही रहेगा।"
अवनी (धीमे से, गिलास देखते हुए):
"बस एक ही रास्ता बचा है..."
अभा (चौंकती है):
"क्या?"
अवनी:
"अगर मैं मर जाऊँ... तो मेरी वसीयत के अनुसार सब कुछ चैरिटी में चला जाएगा। और मेरे अंकल एकदम सड़क पर आ जाएँगे।"
अभा:
"क्या बकवास है ये! मरने की बात क्यों कर रही है? पागल हो गई है क्या?"
अवनी (धीरे से, आँसू दबाते हुए):
"नहीं अभा... मुझे बस ऐसा इंसान चाहिए जो ना मरे... जो डरता ना हो... और जिसे पैसों से खरीदा ना जा सके।"
अभा (ताने से):
"ऐसा इंसान तो सिर्फ सपनों में मिलता है!"
अवनी:
"या शायद... किसी और दुनिया से आया हो।"
(कैमरा ज़ूम करता है अवनी की आँखों पर... और धीरे-धीरे सीन fade out होता है)
Continue.....
By Pooja Kumari