तैयारी कर लो भारत वासियों अब बैसाखी से चलने की क्योंकि भारत को अब बैसाखी की जरूरत पढ़ने वाली है। पहले तो भारत सिर्फ गूँगा था,अँधा था लेकिन अब अपाहिज भी होता जा रहा है। शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है आज के समय में ये हम सब जानते हैं। अगर शिक्षा नहीं रही तो भारत कैसे तरक्की करेगा? मैं आप से पूछता हूँ? क्या मंदिर स्कूल से ज्यादा जरूरी हैं? कभी नही। फिर क्यों वर्तमान समय में मंदिर बन रहे है और स्कूल बंद हो रहे है? ये चाल है सरकार की।सरकार चाहती है कि लोग अंधभक्त बने क्योंकि अगर शिक्षित हो गए तो सवाल उठाएंगे। भारत में क्या कोई मर्द नहीं बचा जो आवाज उठा सके सरकार द्वारा रचे जा रहे षडयंत्र के खिलाफ। अब क्यों अन्ना हजारी जैसे लोग पैदा नहीं होते। क्यों आंदोलन नहीं हो रहे सरकार के खिलाफ? क्या इस पीढी के सभी लोग कायर है? मुझे तो ऐसा ही लगता है। मंदिर में जा सकता है केवल राम,मस्जिद में जा सकता है केवल रहीम लेकिन विधालय ही वो जगह है जहां एक साथ बैठकर पढ़ेंगे राम रहीम।ना पढ़ेंगे कुरान , ना पढ़ेंगे गीता वो पढ़ेंगे.....
2sinθcosθ=sin(2θ). तुम धार्मिक रहो अच्छी बात है पर विज्ञान को ना नकारो।सिर्फ धर्म के बल पर सीना तान कर चलोगे तो गुलाम तो तुम निशित रूप से बनोगे।400 साल तक मुगलों के गुलाम रहे,200 साल तक अंग्रेजो के और अब अनपढ़ नेताओं के गुलाम हो।तुम हिन्दू हो?तुम मुसलमान हो ?नहीं तुम सबसे पहले एक इन्सान हो।सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का होना चाहिए।अरे वो तो नेता हैं हमने आपस में बाँटते रहेंगे और अपनी दुकान चलाते रहेंगे।इस देश में धीरेन्द्र शास्त्री जैसे लोगों को जब तक वरीयता दी जाएगी तब तक भारत से पाखंड को नहीं मिटाया जा सकता।मैं मानता हूँ भारत की माटी ने ऐसे ऐसे संतों को पैदा किया है जिन्होंने इस देश को आईना दिखाया। पाखंड , अंधविश्वास,कुरीतियों पर तंज कसे।आज फिर देश को जरूरत है कबीर की,नानक की।अगर संत कबीर जैसे हो,अगर संत नानक जैसे हो तो मैं कहता हूँ भारत में संत होने चाहिए।पर अफसोस अब तो ये जमाना आ गया है हमें ये समझाने वाले की "जग माया है इससे मुक्ति पाओ "खुद माया में उलझे हैं।अरे पहले खुद तो माया से परे जाओ तब दूसरों को पाठ पढ़ाना "माया से मुक्ति का"। जग अगर माया है तो क्या जरूरत है आईफोन की,क्या जरूरत है महंगी महँगी गाड़ियों की?छोड़ो इन्हें ये तो माया है। ये नियम सिर्फ हम पर लागू होते हैं इनपर नहीं।ये तो मुँह से कृष्ण कृष्ण कहेंगे,माथे पर राम नाम का तिलक लगकर घूमेंगे और सारे सांसारिक सुखों का उपभोग भी करेंगे। अब समय आ गया है इनका जम के विरोध करने का। इनकी वज़ह से सरकारी विधालय बंद हुए है अब समय आ गया है इनकी ऊँची ऊँची दुकानों को बंद करने का। ये काम तभी हो सकता है जब मेरे भारत में शिक्षा की क्रांति आए।अधिकांश लोग शिक्षित हो।महिलाएं अपने अधिकारों को जाने। अपनी शक्तियों को पहचाने।अगर हमारे देश की एक महिला शिक्षित होती है तो उसकी आने वाली पीढ़ी सुधर जाएगी। इस विषय पर थोड़ा चिंतन करें।शुभ हो,मंगल हो।