Saat fere Hum tere - Secound - 47 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ४७

Featured Books
Categories
Share

सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - ४७

नैना को आज डाक्टर के पास लेकर गया अभय।।।

डाक्टर ने कहा नैना कैसी हो?
नैना ने कहा हां ठीक हुं।
डाक्टर ने कहा हां ठीक है अब यहां रिलेक्स करो।।
अभय ने कहा डाक्टर कुछ नुकसान नहीं होगा ना!
डाक्टर ने कहा अरे नहीं।
तभी एक साइकोलॉजिस्ट डॉ रमा आ गई और फिर उसने नैना को एक ग्लोब दिखा कर उसे सुला दिया और फिर उसे पुछना शुरू किया।
नैना अभी तुम कहां हो?
नैना ने कहा मैं अभी एक स्टेज पर हुं सब लोग ताली बजाकर खुशी जाहिर कर रहे हैं मुझे एक शिल्ड मिला है मैं आज बहुत खुश हूं।
डा रमा ने आगे पुछा कि अच्छा तुम क्या किसी स्कूल में हो?.
नैना ने कहा हां मैं एक कालेज में हुं एक टीचर हुं।
अब सब खाना खाने बैठ गए हैं मैं भी खुशी से खाना खा रही हुं कुछ बच्चे भी मेरे साथ बैठ कर खाना खाने लगे थे।
फिर , फिर सब कुछ अजीब सा लग रहा है।
डाक्टर ने कहा नैना तुम कुछ बोलो कहां हो?
नैना ने कहा हां मैं वहां से भाग कर जा रही हुं। क्योंकि मेरी होस्टल के बच्चे मुझे कुछ दिखाने के लिए ले जा रहे हैं। अब मैं एक कालेज के स्टोर रूम में पहुंच गई थी जहां मैंने जो कुछ देखा जिसका विरोध मैंने।।
डाक्टर ने पूछा क्या देखा वहां पर?
नैना ने कहा हां मैंने देखा कि मेरी होस्टल की स्टूडेंट केना को चार लड़के मिलकर उसकी इज्जत लुट रहे थे और वो कुछ भी नहीं कर पा रही थी।
मैंने उन लड़कों को वहां से हटाने की कोशिश किया तो उसमें से एक ने मेरे सिर पर मार दिया और फिर मैं गिर गई। 
लेकिन फिर भी मैंने उन लड़कों एक जोरदार डंडे से सबकी पिटाई किया और फिर वहां से केना को लेकर वहां से निकल गई।
पर कुछ देर चलने के बाद ही मैंने केना को सभी टीचर्स के बीच में छोड़ दिया और फिर बोली कि इसे जल्दी से अस्पताल लेकर जाएं ।।
 
और फिर वहां से जैसे ही मैं अपने घर के लिए निकलने लगी तो मेरे मुंह पर किसी ने एक कपड़ा लगा दिया और फिर मुझे कुछ याद नहीं।।
डाक्टर ने कहा हां ठीक है पर उसके बाद जब तुम्हें होश आया तो क्या हुआ?
नैना ने कहा हां मैं जब आंख खोली तो देखा कि एक अजीब सी जगह थी लगता है कि कोई गो डाउन है।
मैंने बहुत कोशिश किया पर मेरा हाथ पैर बंधे हुए थे और मुंह भी।
कुछ देर बाद मुझे किसी की आने की आहट सुनाई दी जैसे ही मैंने देखा तो साहिल सर थे और फिर वो जल्दी से मेरा हाथ पैर बंधे हुए थे वो खोलने लगें।
फिर मेरा मुंह से कपड़ा हटा दिया और बोलें कि नैना चलो जल्दी यहां से।
जैसे ही हम लोग जाने वाले थे तो देखा कि होस्टल के कुछ पुराने स्टुडेंट थे जो वहां पहुंच गए और फिर बोलें कि अच्छा हुआ सर और मैडम दोनों साथ में मरेंगे ‌।
 
साहिल ने कहा अरे तुम लोगों की इतनी हिम्मत!
फिर चार पांच लड़के आकर साहिल सर पर हमला बोल दिया और वो लोग एक ही बात बोल रहे थे कि सर ने हमारी बहुत बेज्जयती की है हम नहीं छोड़ेंगे।
फिर कुछ देर बाद नैना एक दम से बेहोश हो गई।
डाक्टर केना ने कहा अरे नैना कैसी हो तुम।।
कुछ देर बाद नैना उठ गई और फिर बोली मुझे सब कुछ याद आ गया है।
और फिर नैना ने बोलना शुरू किया डाक्टर सारी बात रेकार्ड्स कर रहे थे।
हम दोनों को एक साथ उस कारखाना में बांध दिया और फिर चारों तरफ आग लगा कर सब लड़के वहां से निकल गए।
साहिल सर ने बहुत Help मांगी पर कोई भी दूर दूर तक नहीं था।
फिर किसी तरह हमने एक दूसरे का हाथ की रस्सियां खोलने की कोशिश किया और फिर खुल गई पर चारों तरफ लाग की लपटे उठने लगी।
कुछ देर बाद पुरा कारखाना जलने लगा और फिर हम भी आग की लपटो से से बच नहीं पाएं।
उसके बाद सर ने मेरी रक्षा किया।खुद को पुरी तरह से जला दिया पर मुझे जलने नहीं दिया पर कहते हैं ना कि भगवान जो चाहता है वो होता है तो मैं भी आधी जल गई थी।
फिर किसी तरह वहां से वापस निकल तो गए पर कोई अस्पताल पहुंचाना नहीं चाहता था।
पर फिर कोई भगवान का दूत होगा जिसने हमें अस्पताल तक पहुंचा दिया।।
 
फिर बस नैना रोने लगी और फिर अभय ने उसको गले से लगा लिया और फिर बोला बस कर अब।।
डाक्टर केना ने कहा ओह माई गॉड बहुत बुरा हुआ इनके साथ हमें जल्दी ही पुलिस को बताना होगा।
डाक्टर ने कहा हां, जरूर।।
फिर अभय नैना को घर लेकर आ गए।
फिर अपर्णा ने नैना को जूस पीने को दिया और फिर बोली बस बेटा अब और नहीं।।
फिर अभय ने सारी बात बताई कि हांग कांग में नैना के कालेज में क्या क्या हुआ था!
 
अभय ने कहा अब नैना को खाना दे दो वो फिर सो जाएंगी।
फिर सब मिलकर खाना खाने बैठ गए।
नैना खाना नहीं खा रही थी तो अपर्णा ने उसे अपने हाथों से खिलाया और फिर बोली बेटा अब तुम सो जाओ।
फिर नैना जाकर सो गई और फिर उसे साहिल की याद आने लगी और फिर बोली ओह! सर आप इतनी जल्दी और इस तरह से चले जाएंगे ऐसा सोचा नहीं था। मुझे जीवन देकर खुद चले गए पता नहीं उस कालेज का क्या हुआ होगा?
एक बार मुझे बुआ जी से बात करना चाहिए,कल मैं बात करूंगी।।
नैना सो गई थी।
 
 
इस तरह से नैना का दिन बीत रहा था अब तो सन्डे आने वाला था।
नैना को एक अजीब सी खुशी और एक डर था कि क्या विक्की ये नौकरी नताशा को देगा?
 
 
 
विक्की के घर में एक अजीब सी चमक लग रहा था शायद विक्की को पता चल गया कि अब न्यारा का देखभाल करने वाली अच्छी मिल जाएगी।इस सन्डे को ही last timeहोगा इसके बाद और कुछ भी नहीं देखना है।
 
विक्की ने कहा वो आवाज़ मेरे रूह को छू गई थी कौन है वो आखिर मेरी कोई अपना सा।।
 
 
क्रमशः