Sad Story in Hindi Short Stories by Mohd shabab books and stories PDF | Sad Story

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Sad Story

दूर घाटी में वो बस्ती देख रहे न साहब वही पे मेरा घर था वही मेरा बाप चाय के बागान में काम किया करता था, बहुत हसमुख इंसान था मेरा बाप सारे वर्कर उसकी बहुत इज़्ज़त किया करते थे यूनियन का बड़ा लीडर था न, बहुत मददगार इंसान था मेरा बाप, मेरे बाप से मुझे बहुत मुहब्बत मिली साहब बहुत मुहब्बत, सामने उस पेड़ पर वो मोटी सी रस्सी का झूला और नन्हा सा मै मेरा बाप उस झूले पर बैठा कर ऐसे ज़ोरदार पैगे मारता ऐसे ज़ोरदार पेंगे मारता झूला ऊपर ऊपर और ऊपर जब झूला नीचे आता है न साहब तो पेट में कैसा लगता है बहुत अच्छे दिन थे साहब बहुत अच्छे लेकिन एक दिन पुलिस आई साहब और मेरे बाप को पकड़ कर ले गई और तो और मेरी माँ भी मुझे छोड़ कर चली गई मै रोता रहा बिलखता रहा मजाल है किसी पानी तक को पुछा हो जब रात हुई न साहब तो भूख भी लगी जब भूख लगती न साहब तो पेट में ऐसा लगता है जैसे कोई जंगली जानवर अपने जबड़ो और पंजजों से बुरी तरह नोच रहा हो इंसान पागल हो जाता है साहब इंसान पागल हो जाता है, उस रात मैंने देखा उसी पेड़ की एक कुत्ता रोटी टुकड़ा कहीं से उठा लाया था वो उसे चबा रहा था चबर 3 मैंने किया साहब उठाया पत्थर दें मारा कुत्ते मुँह पर कुत्ता रोटी टुकड़ा लेकर भागा कुत्ते के पीछे मै भागा कुत्ता भागा मै भागा कुत्ता भागा भागते 2 उसके मुँह रोटी का टुकड़ा गिर गया साहब मैंने लपक के उठा लिया साहब उस रात मानो किसी ने ज़मींन और आसमान पे लिख दिया हो देख लें मुन्ना जीना तो मारना सीख खाना है तो छीनना सीख 3दूर घाटी में वो बस्ती देख रहे न साहब वही पे मेरा घर था वही मेरा बाप चाय के बागान में काम किया करता था, बहुत हसमुख इंसान था मेरा बाप सारे वर्कर उसकी बहुत इज़्ज़त किया करते थे यूनियन का बड़ा लीडर था न, बहुत मददगार इंसान था मेरा बाप, मेरे बाप से मुझे बहुत मुहब्बत मिली साहब बहुत मुहब्बत, सामने उस पेड़ पर वो मोटी सी रस्सी का झूला और नन्हा सा मै मेरा बाप उस झूले पर बैठा कर ऐसे ज़ोरदार पैगे मारता ऐसे ज़ोरदार पेंगे मारता झूला ऊपर ऊपर और ऊपर जब झूला नीचे आता है न साहब तो पेट में कैसा लगता है बहुत अच्छे दिन थे साहब बहुत अच्छे लेकिन एक दिन पुलिस आई साहब और मेरे बाप को पकड़ कर ले गई और तो और मेरी माँ भी मुझे छोड़ कर चली गई मै रोता रहा बिलखता रहा मजाल है किसी पानी तक को पुछा हो जब रात हुई न साहब तो भूख भी लगी जब भूख लगती न साहब तो पेट में ऐसा लगता है जैसे कोई जंगली जानवर अपने जबड़ो और पंजजों से बुरी तरह नोच रहा हो इंसान पागल हो जाता है साहब इंसान पागल हो जाता है, उस रात मैंने देखा उसी पेड़ की एक कुत्ता रोटी टुकड़ा कहीं से उठा लाया था वो उसे चबा रहा था चबर 3 मैंने किया साहब उठाया पत्थर दें मारा कुत्ते मुँह पर कुत्ता रोटी टुकड़ा लेकर भागा कुत्ते के पीछे मै भागा कुत्ता भागा मै भागा कुत्ता भागा भागते 2 उसके मुँह रोटी का टुकड़ा गिर गया साहब मैंने लपक के उठा लिया साहब उस रात मानो किसी ने ज़मींन और आसमान पे लिख दिया हो देख लें मुन्ना जीना तो मारना सीख खाना है तो छीनना सीख 3