Arhaan : Velvet Scars of Love - 1 in Hindi Love Stories by Dev Srivastava Divyam books and stories PDF | अरहान : वेल्वेट स्कार्स ऑफ लव - 1

Featured Books
Categories
Share

अरहान : वेल्वेट स्कार्स ऑफ लव - 1

सुबह का समय था जब खिड़की से छन कर आती धूप उस लड़के के नंगे जिस्म पर पड़ रही थी। वो लड़का उस बड़े से मेंशन के एक कमरे में किंग साइज बेड पर बेसुध सा पड़ा हुआ था। 

उसके हाथ और पैर अब भी बेड फ्रेम से बंधे हुए थे। चमड़ी कई जगहों से छिल चुकी थी, और पुराने खून के निशान अब गहरे भूरे रंग में तब्दील हो चुके थे।

उसका चेहरा पीड़ा पड़ा हुआ था । उसका शरीर, उसके शरीर पर गहरे नीले और काले रंग के निशान चीख चीख कर पिछले रात गवाही दे रहे थें।

उस लड़के की आंखें खुली हुई थीं लेकिन उनमें कोई भाव नहीं था, जैसे कि उसकी आंखें पूरी तरह से खाली कर दी गई हों। वो बस एकटक सीलिंग को घूरे जा रहा था और यही सोच रहा था कि उसकी जिंदगी कहां से कहां पहुंच गई। 



फ्लैशबैक 

रात का समय था जब उस बड़े मेंशन में पूरी खामोशी पसरी हुई थी। वो मेंशन बहुत बड़ा था जो पूरी तरह से काले रंग से नहाया हुआ था। उस घर का हर दरवाजा और खिड़कियां काले रंग की थीं। 

यहाँ तक कि उस घर के पर्दे और फर्नीचर भी काले ही थे। बाहर जोरों से हवाएं चल रही थीं और इन्हीं हवाओं के बीच उस मेंशन के बाहर एक गाड़ी आकर रुकी। उसमें से एक लड़का बाहर निकला। उसकी उम्र कोई 30 साल रही होगी।

उसने अपने कंधे पर एक लड़के को उठा रखा था। उसकी उम्र कोई 22-23 साल रही होगी। उसका शरीर बिल्कुल ढीला पड़ा था। उसकी आँखें होश और बेहोशी के बीच झूल रही थीं लेकिन उनमें कोई डर नहीं था, थी तो बस मोहब्बत।

बड़ा लड़का उसे लेकर अन्दर आया और सीधे ऊपर की सीढ़ियों पर चला गया। उसने एक कमरे में आकर दुसरे लड़के को लिटाया और उसके पास बैठ कर उसके चेहरे को देखने लगा।

वो ना जाने कब तक उसे देखता रहता कि इतने में दूसरे लड़के ने अपनी आँखें खोलीं और नशे में ही उस लड़के को बड़े प्यार से देखने लगा।

उसे ऐसे देख कर पहले लड़के ने उसकी जॉ लाइन पर अपनी उंगलियां फ़िराते हुए कहा, "ऐसे क्या देख रहे हो, रेहान?"

रेहान ने उसका हाथ पकड़ कर नशीली आवाज में कहा, "Hold me tight, Daddy!"

ये सुन कर दूसरे लड़के के होठों पर एक तिरछी मुस्कान आ गई। वो अचानक से उस लड़के के ऊपर आ गया। 

उसने रेहान के गर्दन पर अपनी जीभ फिरा कर कहा, "Do you even know darling, what you are asking for?"

उसके छुवन से रेहान के पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई। उसने उस लड़के की कॉलर पकड़ कर अपनी तरफ खींच कर कहा, "Mr Arnav Khanna! I said you to hold me tight."

ये सुन कर अर्णव ने मदहोशी के साथ कहा, "Now, don't blame me for what's coming."

रेहान ने बहकते हुए कहा, "Don't waste any time."

अर्णव ने उसके ऊपर झुकते हुए कहा, "I won't my boy."

फिर वो रेहान के होठों पर टूट पड़ा। उसने पहले हल्के से उसके होठों को चूमना शुरू किया लेकिन धीरे-धीरे ये किस डीप होती चली गई। उसकी जीभ रेहान के मुँह के हर हिस्से को एक्सप्लोर कर रही थी। 

धीरे-धीरे उसने रेहान के होठों को काटना शुरु कर दिया और काट भी ऐसे रहा था कि रिहान के होठों से भी मोहब्बत रिसने लगी थी लेकिन ना अर्णव पीछे हट रहा था और ना ही रेहान उसे रोक रहा था बल्कि वो आगे बढ़ कर अर्णव का साथ दे रहा था।

जब 10 मिनट के बाद रेहान को सांस लेने में दिक्कत होने लगी तब जाकर अर्णव ने रेहान के होंठ छोड़ें। रेहान की सांसे तेज चल रही थीं लेकिन अर्णव रुका नहीं। वो रेहान के होठों को छोड़ते ही उसके गर्दन पर आ गया। 

वो बड़ी शिद्दत से उसके गर्दन को चूम रहा था कि अचानक से उसने रेहान के गर्दन पर अपने निशान बना दिये जिससे रेहान की सिसकी निकल गई, "आह...!"

उसकी सिसकी से अर्णव को मानो और नशा छा रहा हो। उसने रेहान की गर्दन को चूमते हुए ही उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और धीरे धीरे रेहान के सीने तक पहुंच गया। 

इसी के साथ उसने अपने कोट को उतारा, और धीरे-धीरे अपने और रेहान के बीच की हर दीवार को तोड़ता चला गया। अब उनके बीच कोई दूरी नहीं थी। रेहान की साँसें तेज़ हो रही थीं और अर्णव उसमें बहकता जा रहा था।

उस कमरे में सिर्फ उन दोनों की भारी सांसों और रेहान की सिसकियों का शोर था। पूरी रात वो दोनों एक दूसरे में डूबे हुए एक दूसरे को जी भर कर प्यार करते रहें।


फ्लैशबैक दी एंड



ये सब सोचते हुए रेहान की आँखों से आंसू बह चलें। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और खुद से ही कहा, "क्यों अर्णव, क्यों आप पहले जैसे नहीं रहें? क्या कमी रह गई मेरे प्यार में जो आप मेरे साथ ऐसे पेश आने लगें?"



जारी है...