"" अरे जरा मेरा दवा का पैकेट उठा दोगी क्या,,। किशन ने थकावट भरे अंदाज में अपनी पत्नी को कहा।
""तुम जानते हो कि मैं खुद घुटनों के दर्द से कितनी परेशान हूं, एक तुम हो कि मुझे बच्चों की तरह से काम बताते रहते हो,,। कामिनी ने चेहरे पर गुस्से की प्रतिक्रिया लाते हुए जवाब दिया।
""मैने तुम्हें काम नहीं बताया, तुम खड़ी थी सो कह दिया, अच्छा आओ मेरे पास बैठ जाओ, थोड़ी देर में मैं अपनी दवा खुद ले लूंगा,,। किशन ने कामिनी के गुस्से को शांत करने का प्रयास किया।
""चाय को मन कर रहा था, सोचा चाय ही बना लाऊं,,। कहने के साथ ही कामिनी के कदम किचन की तरफ उठे।
""अरे अभी चाय का टाइम नहीं हुआ है, जब टाइम हो जायेगा, मैं चाय बना कर पिला दूंगा, आ जाओ मेरे पास बैठ जाओ,,। किशन को न जाने क्यों कामिनी पर अचानक से प्यार आ गया। और कामिनी भी आ कर किशन के पास सोफे पर बैठ गई।
""कहो क्या कहना चाहते हो,,।
""कहना क्या है कामिनी, तुम्हारे और मेरे जीवन का सांझ ढल चुकी है, न जाने कब रात हो जाए,,,। यह सुनते ही भड़क गई कामिनी,"" बार बार क्यों करते हो इस तरह की बातें, मैं भी कह चुकी हूं कि मुझे इस तरह की बातें अच्छी नहीं लगती,,।
""कामिनी, तुम्हे याद है कि जब शादी से पहले तुम अपनी छत पर होती थी और मैं अपनी,,। किशन जैसे अतीत में खो गया।
""कब तक याद रखोगे वो सब,,। कामिनी के चेहरे पर हल्की मुस्कराहट आ गई।
"" कामिनी आज मुझे वो सब कह लेने दो, तुम्हे याद है जब हमारा लव लैटर तुम्हारे पिता जी ने पकड़ लिया था और फिर तुम्हारी पिटाई हुई थी,,। कहते हुए किशन ने कामिनी बांए कंधे पर हाथ रख दिया।
""तुम्हारे पिता जी ने भी तो तुम्हारी पिटाई की थी,,।
""हां की थी, मैं तो हिम्मत ही हार गया था लेकिन तुमने हिम्मत दिखाई और फिर हमारी शादी हो गई,,। किशन की आंखो में एक चमक सी उभर आई।
"" फिर एक एक करके तीन बच्चे हो गए,,। कामिनी भी जैसे अतीत से बात करने लगी।
""कामिनी कभी कभी मैं सोचता हूं कि क्या फायदा हुआ बच्चे पैदा करने का, और उन्हें पढ़ा लिखा कर कामयाब करने का,, आज तुम और मैं अकेले,,,। कहते कहते किशन के शब्दों में निराशा आने लगी।
""यही तो परंपरा है जी, आपके माता पिता ने भी तो यही सब किया था, और फिर हम अकेले कहां हैं, बच्चे तो आपको बुलाते है रहने के लिए, आप ही है जो बच्चों के पास नहीं रहना चाहते,।
""क्या तुम्हारा मन करता है बच्चों के पास रहने का,,। कहने के साथ ही किशन ने कामिनी के हाव भाव देखने का प्रयास किया।
""सच कहूं, मेरा मन तो बहुत करता है, बच्चों के पास रहने का,,,।
""तो फिर तुम बच्चों के पास चली जाओ,,।
""तुम्हें अकेले छोड़कर, कभी गई हूं मैं, तुम्हे छोड़कर,,। कामिनी ने कहते हुए किशन की आंखो में देखा। कामिनी को लगा, जैसे आज भी किशन की आंखो में वहीं प्यार है जो शादी के वक्त था। कामिनी ने फिर से कहना शुरू किया,"" और अब तो जिंदगी की जो थोड़ी सी धूप है, उसमें हम दोनों यूं ही बैठे रहे, क्या पता अगले जन्म में हम फिर से मिलेंगे या,,,,.। आगे कुछ कहने से पहले ही किशन ने अपना हाथ कामिनी के होटों पर रख दिया,""ऐसा न कहो, कामिनी अगला जन्म तो क्या, मैं किसी भी जन्म में तुम्हारे बिना नहीं रह सकता ,,। कहने के साथ ही किशन ने कामिनी को अपनी बाहों में ले लिया। कामिनी की आँखें भर आई।।