रुद्र का इंतकाम in Hindi Drama by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | रुद्र का इंतकाम

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रुद्र का इंतकाम

SCENE 1 अशोक और राजबीर एक बिलडीगं से बाहर भागते हूए दिखता है । दोनो की सांस फूली हूई थी । राजबीर और अशोक जैसे ही अपने कार के पास पहूँचता है । तभी बिलडीगं के अंदर से गोलियों की आवाजे आने लगता है । तो राजबीर अशोक से पूछता है ।राजबीर: - पापा हमे ऐसे भागकर नही आना चाहिए था । आज बहोत दिन बाद वो हमारे जाल मे फंसा था । और फिर हमारा माल ?अशोक: - बेटा शेर से जितना हो सके दुर रहो । वो इस जंगल का राजा है । अगर जान रही तो फिर से धंधा सुरु कर सकते है । तभी अंदर से भीमा की चिखने की आवाज आती है । जिसे सुनकर अशोक कहता है ।अशोक :- सुन लिया । अगर अभी हमलोग बाहर ना होते तो ये चिख हमारी होती । अब चलो यहां से ।इतना बोलकर वो दोनो वहां से चला जाता है । तभी बिलडीगं के अंदर का दृश्य दिखता है । जहां पर मुर्शीद , भीमा खुन से लथपत थे दोनो के हाथ मे गन था । दोनो चेहरे पर मौत का डर साफ दिख रहा था । तभी वो दोनो दो दो गोलियां रुद्रा पर चलाता है । रुद्रा से शरिर पर बहोत सारे घांव थे । गोली लगने से रुद्रा वही गिर जाता है । रुद्रा को मारने के बाद दोनो ही बड़े डर से रुद्रा के पास जाता है । भीमा रुद्रा को हिलाकर दैखता है ।मुर्शीद: - मरा क्या ?  भीमा :- हां मर गया ।भीमा अपने चारो तरफ नजर घुमाता है तो दैखता है के वहां पर 50 आदमियों का लाश पड़ा था । जिसमे किसीका गर्दन कटा तो किसी का पैर तो किसीका हाथ । जिसे दैखकर मुर्शीद कहता है ।मुर्शीद: - ये आदमी था के राक्षस । साला अकेले ने हम सब की फाड़ के रख दी ।तब भीमा एंथोनी के लाश के पास जाता है और कहता है ।भीमा :- आज से ये पुरा शहर मेरा । तब भीमा और मुर्शीद मिलकर एंथोनी और रुद्रा की लास को एक हाईवा के पिछे रख देता है और फिर भीमा और मुर्शीद दोनो मिलकर उन दोनो की लास को ले जाकर एक नदी मे गाड़ी को गिरा देता है । दोनो कुछ दैर खड़ा होकर हाईवा को दैखता है और फिर एक दुसरे से हाथ मिलाता है ।SCENE 2AFTER 1 YEARS गंगा घाट पर रुद्रा डुबकी लगाता है । रुद्रा का बॉडी बहोत अच्छा है ।इधर स्सेट के मंत्री की बेटी की शादी का घर पंडित शिव नारायण परेशानी से इधर उधर टहलता है तभी वहां पर पंडित पि के आ जाता है पि के हकला कर बोलता है । पि के का पुरा नाम परमानंद थाचुदाया कुमार है । इतनी लंबी नाम को उसने शॉट करके पि के रख दिया । पि के को दैखकर शिव नारायण शात्री इधर उधर दैखता जैसे किसी और को ढुंड रहा हो । और फिर गुस्से पूछता है । शिव नारायण :- तुम अकेले आए हो ? अरे रुद्रा कहां है ? पि के :- क्या व.व..व वो अभी तक न.. न ..नही पहूँचा । पर व व व वो तो मेरे से प.. प .. पहले ही निकला था ।शिव नारायण: - अरे मुर्ख मैने तुझसे कहा था के उसे साथ लेकर आना वर्ना वो भूल जाएगा के आज उसे यहां पर आना है । पि के :- तो अ....अब क्या करू ? शिव नारायण: - अरे पगले जल्दी जाओ और उसे लेकर आओ बहोत से सामान की तैयारी करनी है । जाकर लेकर आओ उसे । वो गंगा घाट पर ही होगा जाओ जल्दी । पि के :- जी जी अभी ल...ल लेकर आता हूँ । इतना बोलकर पि के वहां से चला जाता है । और गंगा घाट पर रुद्रा का नाम लेकर पुकारता है ।पि के :- रु....उ….द्रा .... ! अ. अ ओ रुद्रा ।पि के के इतना कहने पर रुद्रा को दिखाया जाता है । जो गंगा मे डुबकी लगा रहा था । रुद्रा जनेऊ धारी का पिठ दिखता है । रुद्रा एक अच्छी बॉडी वाला लड़का है । उसका बॉडी बहोत ही तगड़ा है । रुद्रा की चेहरा क्लिन सेव्ड है । रुद्रा हाथ जोड़कर गंगा से डुबकी लगाकर उठता है और शिव मंदिर कि और दैखता है । तो रुद्रा का चेहरा दिखता है । पि के भागते भागते गंगा नदी के पास आता है किनारे से रुद्रा को कहता है ।पि के :- रुद्रा तु उ उ अभी तक य...य यहां पर है । रुद्रा गंगा नदी से उठते हूए कहता है । रुद्रा :- क्यों मुझे कहां होना चाहिए । तुम तो जानते हो ना के मैं रोज सुबह को गंगा नदी मे स्नान करके भगवान का दर्शन करता हूँ । पि के :- तु उ उ उ तु फिर भूल गया ना के ह ह हमे मंत्री जी के घर ज ..जाना है वहां पर उ उ...उनकी बेटी का वि...विवाह कराना है । पि के की बात को सुनकर रुद्रा अंचभित हो जाता है और जल्दी से अपने कपड़े को पहने लगता है और कहता है ।रुद्रा :- पि के , मैं तो भूल ही गया था । मेरा बाप मुझे बहोत डाटेगां । तु एक काम कर तु जा कर बाबा को लेकर आ , मैं इधर से ही मंत्री जी के घर चला जाता हूँ ।पि के :- अ.. अरे मुर्ख वो कबका प...पहूँच गये है । उन्होंने ही म..मुझे तुम्हें लेने भेजा है । अ.. अब चलो जल्दी ।रुद्रा अपनी उंगली अपने दांत मे दबाते हूए कहता है ।रुद्रा :- ओ हो अब क्या होगा । चल जल्दी चल पि के ।इतना बोलतर दोनो ही वहां से मंत्री जी के घर की और चला जाता है ।तभी वहां पर मंत्री किशन कुमार जी आते है और शिव नारायण से कहता है ।किशन कुमार :- अरे नमस्ते शात्री जी । शिव नारायण: - नमस्ते सर ।किशन कुमार: - क्या बात है आ...प परेशान लग रहे हो ? सब ठीक है ना शात्री जी ? कोई परेशानी तो नही है ना ?शिव नारायण: - अ... हा हां सब ठीक है । आपके रहते क्या परेशानी हो सकती है ।किशन कुमार: - हा हा ... हा हा । अच्छी बात है । आपको तो अब 4 दिन यही रहना है । कुछ भी दिक्कत होगी तो आप मुझे आकर बताना ठिक है । शिव नारायण: - जैसी आपकी ईच्छा मंत्री जी । ( हाथ जोड़कर कहता है ) .।शिव नारायण की बात को सुनकर मंत्री जी हल्की मुस्कान देकर हंसते है । तभी वहां मंत्री जी की पत्नी रत्ना आ जाती हैै । और फिर रत्ना मंत्री जी के कान मे कुछ कहती है । जिसे सुनकर मंत्री जी कुछ परेशान हो जाता है और फिर वे वहां से चला जाता है । मंत्री जी अपनी बेटी के रुम मे जाता है जहां पर उसकी बेटी कोमल थी । कोमल का पहनावा दिखता है । फिर की होंट दिखते है , कोमल किसि से नाराज होकर बहस कर रही थी ।कोमल :- आपलोग ऐसा कैसे कर सकते हो । मुझे एक बार भी बताना जरुरी नही समझा ।   तभी अपनी बेटी को नाराज दैखकर किशन कुमार कहता है ।किशन कुमार :- अरे क्या बात है । मेरी बेटी गुस्से मे क्यों है ?किशन कुमार के कहते ही कोमल का चेहरा दिखता है । कोमल अपने पापा के पास आती है और कहती है । कोमल :- क्या पापा आपने मेरी शादी फिक्स करदी और मुझे आज पता चल रहा है । पापा आप जाकर मना कर दिजिए । मैं ये शादी नही करने वाली ।किशन कुमार: - क्या बात है बेटा । तुम किसी और को चाहती हो क्या ?कोमल :- ऐसा कुछ नही है पापा । पर मैं जिसे जानती नही इससे पहले कभी मिली नही और ना उसे दैखी हूँ । और आप एक ऐसे इंसान से मेरी शादी करवा रहे है । जिसे मैं जानती ही नही ।किशन कुमार: - बेटी वो बहोत ही अच्छा लड़का है । वेल सेटेल्ड है । बहोत बड़ी बिजनेसमैन है बेटा । तुम वहां बहोत खुश रहोगी ।कोमल :- पर पापा ! कोमल कुछ बोलती इससे पहले किशन कुमार कहता है ।किशन कुमार: - देखो बेटा वो लोग बस आते ही होगें तुम अब मिल लेना उससे अभी तो 3 दिन बाद शादी है । किशन कुमार अपनी बेटी के गालो को सहलाते हूए हां से चला जाता है ।तभी वहां पर 5 गाड़ियां आती है जिसमे अशोक और उसका बेटा राजबीर था । सभी गाड़ी से उतरता है । किशन कुमार और उसकी पत्नी रत्ना उन लोगो के स्वागत के लिए आते है । किशन कुमार अशोक के पास जाकर कहता है ।किशन कुमार: - आईए आईए संधी जी । स्वागत है आपका । सधी जी आने मे कोई तकलीफ तो नही हूई ।अशोक :- अरे नही नही । तकलीफ की कोई बात नही । बस यहां तक पहूँच गया अब तकलीफ कैसा ।अशोक की बात को सुनकर किशन कुमार हल्की मुस्कान देता है । साथ मे अशोक भी हंसता है ।अशोक और किशन कुमार बाते कर रहे थे तभी राजबीर की नजर कोमल पर जाती है । कोमल छत के बालकनी मे खड़ी थी । कोमल की खुबशुरती को दैखकर राजबीर अपना चश्मा उतार लेता है और कोमल को बड़े गंदी नजरो से दैखता है । राजबीर कोमल के फिगर को एक टक दैख रहा था । कोमल को ये बिलकुल भी पंसद नही आया । तभी अशोक की नजर राजबीर पर पड़ी अशोक राजबीर को दैखकर समझ गया था । किशन कुमार राजबीर को ऐसे कोमल को घुरते ना दैख ले इससे पहले अशोक राजबीर को पुकारता है ।अशोक :- बेटा राजबीर ...।अशोक के बुलाने पर जब राजबीर उसे अनसुना करके कोमल को दैखता रहता है । तब अशोक थौड़ा जौर से राजबीर को पुकारता है ।अशोक :- राजबीर ।राजबीर: - जी जी पापा ।अशोक :- बेटा अपने होने वाले ससुर के पैर छुओ ।राजबीर: - जी जी पापा ।अशोक के कहने पर राजबीर हल्की मुस्कान के साथ किशन कुमार के पैर को छुने जाता है । तो किशन कुमार राजबीर का हाथ पकड़ कर कहता है ।किशन कुमार: - अरे बस बस रहने दो बेटा । खुश रहो । आईए आप सब अंदर चलिए ।किशन कुमार के कहने पर सभी अंदर जाने लगते है तभी अशोक का फोन बजने लगता है । अशोक फोन को दैखता है , जिसमे उसके खबरी मंगरु की फोन था । अशोक किशन कुमार से कहती है ।अशोक :- संम्धी जी आप चलिए मैं एक कॉल अटेंड करके आता हूँ ।किशन कुमार: - जैसी आपकी इच्छा । किशन कुमार राजबीर और बाकी सबको अंदर जाने के लिए बोलता है ।किशन कुमार: - आओ बेटा आपलोग चलो ।किशन कुमार के कहने पर राजबीर और बाकी सभी अंदर जाने लगता है । राजबीर एक बार फिर कोमल को दैखने के लिए छत की और दैखता पर तब तक कोमल वहां पर नही थी । वो जान बुझकर छिप गयी थी । राजबीर और किशन कुमार के जाने के बाद अशोक रिसिव करता है और मंगरु को डांटते हूए कहता है । अशोक :- ऐ । तुम्हे कितनी बार कहा है के जबतक राजबीर का शादी नही हो जाता तबतक मुझे कॉल मत किया करो । मंगरू:- पर बॉस बहोत जरुरी बात है इसिलिए कॉल किया ।अशोक :- ऐसी क्या बात है । चल जल्दी बता ।मंगरु :- बॉस वो हमारा ट्रक पकड़ा गया । अशोक :- ( घबराते हूए ) क्या ? ये क्या बक रहा है । जानता है कितने का माल है । ये सब कैसे हूआ ?तभी वहां पर राजबीर आ जाता है और कहता है ।राजबीर :- क्या बात डेड ! आप इतने परेशान क्यों हो ?अशोक :- हमारा ट्रक पुलिस ने पकड़ लिया है ।राजबीर :- क्या ? इतना बोलकर राजबीर अशोक से फोन को ले लेता है और कहता है ।राजबीर :- तुम सब कहां मर गए थे । कैसे हूआ ये सब ।मंगरु :- बॉस हम लोग तो जैसे माल लाते थे वैसे ही ला रहे थे , पर पत नही अचानक से पुलिस ने हमे घेर लिया ।राजबीर :- तो उड़ा देते सबके सब को । करोड़ो का माल है कैसे भी करके लेकर आओ । मैं अभी आ रहा हूँ ।मंगरु :- जी सर !इतना बोलकर राजबीर फोन काट देता है ।अशोक राजबीर पर गुस्सा होते हूए कहता है ।अशोक :- Are you mad ? आज तुम्हारी शादी है और तुम जाने की बात कर रहे हो ।राजबीर :- o common dad . ये करोड़ो का माल है शादी कल भी हो सकती है । अशोक :- अरे पगले ! वो माल तो हम वापस लेकर ही आएगें , पर ये शादी होनी जरुरी है । कोमल किशन कुमार की एकलौती औलाद है । ये पूरी की पुरी प्रॉपटी तुम्हारी हो जाएगी । और फिर पॉवर भी अपने पास होगा । रहा बात उस ट्रक का तो उसे मुर्शीद संभाल लेगें ।राजबीर :- ठीक है डेड ।अशोक :- चल आजा ।अशोक हल्की मुस्कान के साथ राजबीर के कंधे पर हाथ रखते हूए वहां से चला जाता है ।कुछ दैर के बाद वहां पर स्कूटी चलाते हूए रुद्रा आता है ,स्कुटी के पिछे लड़कियो की तरह पि के बैठा है । रुद्रा के माथे पर त्रिपूंड बना था । रुद्रा स्कूटी चलाते हूए पि के से नाराज होकर कहता है ।रुद्रा:- तुम्हें कितनी बार कहा है परमानंद के जब भी मेरे पिछे बेठो ऐसे चिपक कर मत बैठो मुझे बाईक चलाने मे परेशानी होती है ।परमानंद नाम सुनकर पि के रुद्रा पर भड़क जाता है और कहता है । पि के :- अ...और मैने तुमसे कि...कितनी बार कहा है के... मुझे परमानंद नही , पि ...ई.... के कह कर बुलाओ । रुद्रा :- नाम तो वही है ना । इतना कहते ही रुद्रा की नजर कोमल पर पड़ता है , रुद्रा कोमल को दैखे जा रहा था । रुद्रा कोमल की खुबशरती दैखकर बस उसे दैखता ही जाता है । कोमल रुद्रा की इस हरकत को दैखकर रुद्रा से इशारे मे समझाती है के स्कूटी दैखकर चलाओ । पर रुद्रा मंद मंद मुस्कान दिये कोमल को ही दैखता है । इधर पि के रुद्रा को जवाब देते हूए कहता है । पि के :- ह..हां पर तुम्हें पि...ई... के कहने मे क्या दिक्क.....त है ए...ए ए ए ...( पि के के इतना कहते ही पि के दैखता है सामने फाउंटेन से स्कुटी टकराने वाला है और रुद्रा उपर की दैख रहा है । तो पि के घबराते हूए कहता है ) अ....अरे रनद्रा कि....धर दैख रहा है , स...सामने दैख । ( पि को चिल्लाकर कहता है ) रु.....उ....द्रा सामने दै....दैख ।पि के इतना कहने पर रुद्रा की नजर भी फाउंटेन पर जाता है और रुद्रा ब्रेक लगाता है पर तब तक बहोत दैर हो जाती है । और स्कुटी फाउंटेन से टकरा जाती है । रुद्रा और पि के स्कूटी से गिर जाते है । रुद्रा गिरने के बाद ऊपर की दैखता है रुद्रा कोमल को दैखकर झट से उठ जाता है । रुद्रा को दर्द होता है पर रुद्रा कोमल को दैखकर ऐसा दिखाने की कोशिश करता है के जैसे उसे कुछ हूआ ही ना हो । रुद्रा कोमल को दैखकर मॉद मंद दर्द भरी मुस्कान देता है । तभी पि के अपनी कमर को पकड़ कर दर्द से कराहते हूए कहता है ।पि के :- ह... हे रा....म । पता न...नही किसका मु...ह दैखकर आज उ...उठा था । जो इ......इसके साथ आ....आना पड़ा ।पि के रुद्रा की और दैखता है के रुद्रा टेंढ़ा होके खड़ा था और उपर की और दैखकर रहा था । रुद्रा को इस अजीबो गरिब तरिके से खड़ा होने से पि के रुद्रा से पूछता है ।पि के :- ये कै....से खड़ा ह...है तु ? त.....तु ठिक तो है ?रुद्रा :- क्या खाक ठिक हूँ शरिर के अंजर पंजर हिल गया है रे ...। बहोत कष्ट फिलिंग हो रही है परमानंद ।परमानंद कहने से पि के फिर से चिड़ जाता है । पि के रुद्रा की चेहरे की और दैखता है तो पि के दैखता है रुद्रा अजीब तरीके से मंद मंद मुस्कुरा रहा है । रुद्रा की मुस्कान को दैखकर पि के कहता है ।पि के :- तुझे दै.....खकर लगता नही के...ए तुझे द...दर्द हो रहा है ।रुद्रा :- अरे पगलेट इसे एडजस्टमेंट कहते है परमानंद । तु नही समझेगा ।पि के हैरान होकर अपना सर खुजाते हूए ।पि के :- ए....एडजस्टमेंट. .?कोमल उन दोनो को देखकर हंसती हूई वहां से चली जाती है । और मन ही कहती है ।कोमल :- ये दौ लंगूरो कौन है ।कोमल की बात पर रुद्रा कोमल की और दैखते हूए कहता है ।रुद्रा :- हम लंगूर नही है जी ।रुद्रा के इतना कहने पर कोमल हैरानी से धिरे से कहती है । कोमल :- मैं तो धिरे से बोली थी । इसने सुन कैसे लिया । तुम दोनो कौन हो ?रुद्रा :- मैं हूँ पंडित रुद्रा और ये है पंडित परमानं.....!रुद्रा की बात को बिच मे ही काटते हूए पि के कहता है ।पि के :- पंडित पि....ई..... के शात्री है मेरा ना....आ..म ।कोमल वहां से हल्की मुस्कान देती हूई वहां से चली जाती है ।रुद्रा :- ऐ तु बिच मे क्यों बोला ।पि के :- कुछ नही , तु चल ।SCENE 3भीमा का अड्डाभीमा का एक आदमी भीमा के पास भागकर आता है भीमा अंधेरे मे सिगरेट का कस्त लगा रहा था । भीमा के आस पास धुंआ उड़ रहा था वो आदमी भीमासे कहता है । आदमी :- भाई । वो हमारा माल ....! इतना सुनकर भीमा सिगरेट का कस्त लगाते हूए कहता है । भीमा :- क्या हूआ तुम इतने घबराये क्यों हो ?वो आदमी घबराते हूए कहता है ।आदमी :- भाई वो हमारा माल और लड़कीयों को किसीने अपने अड्डे से छुड़ाकर ले गया और ड्रग्स के ट्रक को पुलिस के हवाले कर दिया है । भाई अगर दौ गिन मे माल मुर्शीद तक नही पहूँचा तो ...!इतना कहते हूए वो आदमी रुक जाता है । तभी भीमा कहता है ।भीमा :- दौ दिन मे माल मुर्शीद तक जरुर पहूँचेगा । तुम जाओ लड़के को तैयार करो और गाड़ी निकालो । भीमा के इतना कहने पर वो आदमी वहां से चला जाता है । तभी कुछ लड़के बंदूक लेकर भीमा के साथ बहोत से गाड़ीयो मे निकलता है । भीमा वहां पर बैठकर निकल जाता है । गाड़ी मे बैठने के बाद भीमा का कॉल आता है जिसमे मुर्शीद का कॉल था । भीमा फोन रिसिव करता है । उधर से मुर्शीद की आवाज आती है । मुर्शीद :- भीमा..! क्या रे , तुझे माल अभी तक नही मिला क्या । तेरे से ये काम नही होगा तो बोल । तेरे से भी अच्छे और भी लोग है जो इस काम को कर सकता है ।भीमा :- माल डिलिवर कल करना है ना । माल दौ दिन बाद डिलिवर हो जाएगा । मुर्शीद :- मुझे तेरे पे भरोसा है भीमा । पर अगर तुम माल नही ला पाए तो ?भीमा :- तो भीमा का सर आपके पास होगा ।SCENE 4कोमल की सगाई की रात सगाई वाली रात सभी पार्टी को इंज्वाई कर रहे थे । कोमल और राजबीर दोनो ही एक दुसरे के पास खड़े थे सभी बहोत खुश नजर आ रहे थे । राजबीर कोमल को अभी भी गंदी नजरो से दैख रहा था । जो कोमल को बिल्कुल भी पंसद नही आ रहा था । तभी उधर से रुद्रा माथे पर त्रिपूंड लगाकर अपने हाथ और बाहों पर भी भस्म का त्रिपूंड लगाकर आता है । रुद्रा एक सफेद गमछा औड़े आ रहा था । रुद्रा को दैखकर कोमल और वहीं पर बाकी लड़कियां भी दैखती रह जाती है । रुद्रा वहां पर पहूँच जाता है । उसके रुद्रा दोनो के उज्जवल भविष्य के भगवान से प्रार्थना करता है , और फिर कहता है ।  रुद्रा :- अब दौनो एक दुसरे को अंगूठी पहनाए । रुद्रा के इतना कहने पर कोमल राजवीर को अंगूठी पहननाने लगती है और और रुद्रा की और दैखने लगती है । पि के रुद्रा के गले मे गमछा को ठिक कर रहा था । कोमल रुद्रा को दैखती रहती है । जब रुद्रा कोमल की और दैखता है , तो रुद्रा मन ही सोचता है । रुद्रा :- ये मुझे ऐसे क्यों दैख रही है ।रुद्रा ये सोचते हूए । वहां से थौड़ा घिसकता है के किशन कुमार के बॉडी गार्ड जिसको हाथ मे गन था रुद्रा गन के नोक से टकराता है । जिसे गन निचे गिर जाता है । टकराने के बाद रुद्रा कहता है ।रुद्रा :- सॉरी भाई साहब । रुद्रा गन को उठाता है । पर गन को छुते ही रुद्रा के हाथ कांपने लगता है । जिसो दैखकर सभी हंसने लगते है । रुद्रा: - असली है ?बॉडीगार्ड : - हम्म ।रुद्रा :- लो भाई । संभलो इसे ।इतना बोलकर रुद्रा गन को उस बॉडिगार्ड को दे देता है । अब जब राजबीर कोमल अंगूठी पहनाने जाता है तो कोमल सौच मे पड़ जाती है और अपना हाथ नही बड़ाती है । तब कोमल की मां रत्ना कहती है । रत्ना :- बेटी अपना हाथ आगे बड़ाओ ।रत्ना के कहने पर भी कोमल ने अपना हाथ नही बड़ाया । और कोमल सगाई करने से मना हूए कहती है । कोमल :- माँ , मैं ये सगाई नही कर सकती ।कोमल की बात पर रुद्रा पि के से धिरे से कहता है ।रुद्रा :- मैं कल से यही सौच रहा था के इतने मॉडन लड़की और एरेंज मेरिज ?पि के :- सही है यार पता नही कौन हराम खौर होगा । जिसके लिए ये सब हो रहा है । मुझे तो उसकी सक्ल दैखना है । कैसा होगा पता नही वो कुत्ता ।कोमल के इतना कहने पर किशन कुमार समेत सभी दंग जाता है । कोमल किशन कुमार के पास जाकर कहती है ।कोमल :- पापा । आप ही कहते हो ना के जो चिज बेकार हो उसे घर मे नही रखनी चाहिए । पर ये तो मेरे लाईफ की सबसे बड़ा डिसीजन है पापा । कोमल की बीत की को सुनकर राजबीर गुस्से से कहता है । राजबीर: - ऐ , मैं कोई चिज हूँ जो तुम मेरे बारे मे ऐसा बोल रही हो ।राजबीर का गुस्सा दैखकर किशन कुमार उसे सांत रहने का इशारा करता है और फिर कोमल से कहता है ।किशन कुमार :- बेटी सारे मेहमान आ गए है । अगर ये सगाई नही हूई तो मैं क्या मुह दिखाउंगा । लोग क्या कहेगें ।कोमल :- सगाई होगी ना पापा ।कोमल की बात को सुनकर एक बार फिर सब हैरान हो जाता है । तब रत्ना कहती है ।रत्ना :- बेटी ये क्या बोल रही हो तुम , हमे तो कुछ समझमे नही आ रहा है ।किशन कुमार :- क्या बात है बेटी खुल के बताओ ।कोमल :- पापा मैं किसी से प्यार करती हूँ ।रत्ना के इतना पर रुद्रा धिरे से कहता है ।रुद्रा :- मुझे तो पहले ही पता था के ये शगाई नही होगी ।किशन कुमार: - पर बेटा कल तो मैने ...!रत्ना बात को बिच मे काट कर कहती है ।कोमल :- तो आज बता रही हूँ ना पापा । वैसे भी ये मुझे बहोत गंदे तरीके से दैखता है । मुझे ये लड़का पंसद नही ।राजबीर: - हेय....!राजबीर कुछ कहता इससे पहले अशोक उसे रौक लेता है । किशन कुमार: - तो फिर अब तुझे कौन पसंद आ गया ?किशन कुमार के इतना कहने पर रुद्रा पि के की और दैखकर कहता है ।रुद्रा :- बेचारा । जिसको ये चाहेगी कितना अभागा होगा ना ।किशन कुमार के इतना कहने पर रत्ना रुद्रा की और हाथ बड़ाकर कहती है ।कोमल:- इनसे । मैं इनसे शादी करना चाहती हूँ ।कोमल के ये कहने पर रुद्रा पि के की और दैखता है और धिरे से रहता है । रुद्रा :- कौन है वो अगाभा पि के ।पि के :- उ.....धर दैख भ.....भाई ।पि के के कहने के बाद रुद्रा सबकी और दैखता है । सभी रुद्रा को ही दैऱ रहा था । जिसे दैखकर रुद्रा कहता है ।रुद्रा :- ये सब मुझे क्यों दैख रहे है ।अशोक रुद्रा के पास आने लगता है । तो रुद्रा धिरे से कहता है ।रुद्रा :- ये मेरे तरफ ही क्यों आ रहे है ।किशन कुमार रुद्रा के कंधे पर हाथ रखकर कहता है । किशन कुमार: - मेरी बेटी ने जो कहा क्या वह सच है ?रुद्रा घबराते हूए कहता है ।रुद्रा :- पता नही सर मैने दैखा ही नही । ( रुद्रा पि के की और दैखकर कहता है ) परमानंद तुझे कुछ पता है क्या ।पि के :- (हैरानी से कहता है) मैने तो कुछ सुना ही नही ।तभी शिव नारायण कहता है ।शिव नारायण: - अरे तुम दोनो क्या दैखा नही सुना कर रहा है । मंत्री जा क्या कह रहे है उसका जवाब दे ।रुद्रा :- बापू !रुद्रा के बापू कहने पर शिव नारायण अपने इधर उधर दैखते हूए । और हैरानी से अपने आप से कहता है ।शिव नारायण: - बापू.....?रुद्रा :- बापू ! हमरा नईखे पता के इ छोकरीया का कहत रहनी । हमनी के तो कछु मालूम ना बाड़े , का रे परमानंद , तु भी कछु बोल ।रुद्रा के मुह से अचनक बापू ऐर भोजपूरी सुनकर शिव नारायण और पि के हैरान था । पि के अपना मुह खोल के बस रुद्रा की और दैख रहा था । शिव नारायण कहता है ।शिव नारायण: - ये तुझे क्या हो गया है । तु अचानक से भोजपूरी क्यों बोलने लगा ।रुद्रा: - "Ee समये में का बोलीं, कवनो भाषा समझ में नइखे आवत… सब बात त आपन-आप दिल के भीतर से निकलत बा। बापू, हमार भावना के बुझीं, ई भाषा के नइखे, ई त दिल के पुकार बा…बापू "शिव नारायण: - ये क्या बोल रहा है तु । उधर तुने कांड कर दिया है । अब हम लोग सब मारे जाएगें । पि के :- तुझे और कोई नही मिला शादी तुड़वाने के लिए ।कोमल :- पापा ! प्लीज आप मान जाओ ना ।किशन कुमार: - अरे मैं कब मना कर रहा हूँ । तुम्हें जो पंसद वो मुझे भी पंसद । इतना बोलकर किशन कुमार शिव नारायण की और आता है । साथ मे बॉडी गार्ड अपना बंदूक लिए आ रहा था । जिससे दैखकर डर से तीनो कांपने लगता है । पि के :- यमराज इधर ही आ रहे है । अपने साथ प्राण घातक अस्त्र लिए ।शिव नारायण किशन कुमार को अपने सामने दैखकर डर से कांपने लगता है । उसके मुह से एक शब्द भी नही निकल रहा था ।रुद्रा :- पि के । वो अभागा कौन बा ।पि के :- व....वो अभागा ... । तु.....उ... बा ।रुद्रा :- अपनी तो लग गई रे ...! अब का होई ।तभी अशोक किशन कुमार से कहता है ।अशोक :- संबधी जी । ये सब क्या है । हमे इस तरह से बैज्जत करने का क्या मतलब ।किशन कुमार: - नही नही । मेरा ऐसा कोई मतलब नही था । आखिर दोनो को साथ बिताना था और जब मेरी बेटी आपके बेटे को पसंद नही करती तो ये जबरदस्ती वाली बात क्यो करना ।अशोक :- ये सब कहने की बात है । एक बार शादी हो जाए तो सब ठिक हो जाता है । शादी के बाद प्यार हो ही जाता है । जैसे हम लोगो का हूआ था । और वैसे भी इस पंडित की ओकात ही क्या है , हमारे सामने ।अशोक से इतना सुमकर पि के को गुस्सा आ जाता है । वो कुछ कहता के तभी रुद्रा उसे रोक लेता है । तब किशन कुमार कहता है ।किशन कुमार: - बात औकात की है ही नही । बात तो संस्कार मे है । जो आपके बेटे मे है ही नही । इसिलिए बात को और आगे ना बड़ा कर आपलोग जा सकते है ।किशन कुमार के इतना कहने पर अशोक कहता है ।अशोक :- ये आप ठिक नही कर रहे मंत्री जी । किशन कुमार: - धमकी दे रहे है । देखिए आप हमारे मेहमान है और हम आपसे बदतमीजी से पेेस आना नही चाहते । इसिलिए अच्छा होगा आप खुद यहां से चले जाओ । अशोक :- इसे धमकी नही चेतावनी समझे । चल बेटा । इतना बोलकर अशोक अपने बेटे राजबीर को वहां से लेकर जाने लगता है तो राजबीर किशन कुमार और कोमल की और गुस्से से दैखते हूए वहां से चला जाता है ।शिव नारायण मंत्री जी के पास चुपचाप खड़ा था वो क्या बोले कुछ समझ मे नही आ रहा था । तब मंत्री जी कहता है ।किशन कुमार: - संम्धी जी । आप चितां मत किजिये और कार्यक्रम को आगे बड़ाए ।शिव नारायण इतना डरा हूआ था के मंत्री जी संम्धी कहने पर भी वो कुछ और ही बड़ बड़ा रहा था । पर पि के और रुद्रा् सुनकर हैरान था ।शिव नारायण: - मंत्री जी हमे कुछ भी नगी पता के ये सब क्या हो रहा है । तब पि के शिव नारायण के पास जाकर धिरे से कहता है ।पि के :- अरे अपने डर पर काबु रखो । और ध्यान से सुनो के मंत्री जी ने आपको संम्धी जी कहा ।शिव नारायण हैरानी से मंत्री जी की और दैखता है और कहता है । शिव नारायण: - संम्धी जी? मंत्री जी हंसते हूए कहता है ।किशन कुमार: - हां , आपने सही सुना । आप रुद्रा को तैयार करके लाईए , जाईए ।शिव नारायण को विश्वास नही हो रहा था । शिव नारायण रुद्रा के पास जाता है और कहता है ।शिव नारायण: - ये सब तुने कब और कैसे किया रुद्रा । रुद्रा कुछ बोले तब तक शिव नारायण फिर कहता है ।शिव नारायण: - और कुछ मत बोल जा जाके तैयार हो जा ।रुद्रा :- "बापू, हम त ठहरा फटफटी गाड़ी आ ई लइकी त मखनवाली मर्सडीज़ ह। हम त एकर देखभाल कइसे करीं… हमसे ना होई।"शिव नारायण :- "तोहरा कुछ करे के ज़रूरत नइखे। जेकरा करे के होई, अब ओही करिहें।"शिव नारायण को भोजपुरी मे बोलते हूए दैखकर रुद्रा हैरान था । रुद्रा कहता है ।रुद्रा: - बापु । आप भी ।शिव नारायण: - Ee समये में का बोलीं, कवनो भाषा समझ में नइखे आवत… सब बात त आपन-आप दिल के भीतर से निकलत बा। बिटवा, हमार भावना के बुझीं, ई भाषा के नइखे, ई त दिल के पुकार बा… " दोनो को भोजपुरी मे बोलते सुन पि के गुस्से ये कहता है ।पि के :- ओ भोजपुरी के उजड़े हूए चमन । यहां पर भोजपुरी फिल्म की सुटिगं हो रही है । ये सब क्या लगा रखा है । छोकरिया , बापु , बिटवा ।पि के :- त....उ... तु यहां आ । अब द...दोनो एक दुसरे को अं.....अंगूठी पहनाओ ।इतना बोलकर पि के रुद्रा को कोमल के सामने खड़ा कर देता है ।कोमल हंसती हूई रुद्रा को अंगूठी पहना देती है । सभी बहोत खुश हो जाते है और तालियां बजाने लगता है । तभी वहां पर कमिशनर भरत ऐर उनकी बेटी निधी भी आ जाती है । निधी और कोमल दोनो दोस्त है । निधी कोमल के पास आती है , कोमल निधी को दैखकर खुश हो जाती है और दोनो एक दुसरी के गले लगती है । निधी कोमल के पास आकर कोमल से कहती है ।कोमल :- HIIII.....! निधी :- CONGRATULATION कोमल ।कोमल :- THANK YOU ।निधी इधर उधर दैखती है और फिर कोमल से कहती है । निधी :- कोमल ! जिजु से तो मिलाओ , उनको कहां छुपाके रखी है ।निधी के इतना कहने पर कोमल रुद्रा को बुलाती है । रुद्रा और पि के दुशरी और मुह करके आपस मे बातें कर रहे थे ।रुद्रा :- ये सब क्या हो गया ।कोमल :- अरे जरा सुनिये ना । कोमल के इस तरह से बुलाने से रुद्रा हैरान हो जाता है । और फिर कोमल की और हल्की मुस्कान लिये दैखता है । रुद्रा को दैखकर निधी चोंक जाती है । क्योंकि निधी रुद्रा को पहले से जानती है । जब भीमा और बाकी सभी रुद्रा मारके फेंक देता है तब निधी ही रुद्रा को बचाती है ।रुद्रा :- जी कहिए ।कोमल :- इन से मिलो ये है मेरी सबसे अच्छी दोस्त निधी । हम दोनो साथ मे ही पड़े है ।रुद्रा निधी की और दैखता है तो रुद्रा निधी को दैखकर कोई रियक्ट नही करता है , और हाथ जोड़कर नमस्ते करता है । रुद्रा :- नमस्ते !रुद्रा के इतना कहने पर निधी एकदम से हैरान थी क्योकी निधी को लगा था के रुद्रा उसे दैखकर चोंक जाएगा । पर ऐसा कुछ भी नही हूआ । तब निधी भी रुद्रा से कहती है ।निधी :- नमस्ते । इतना बोलकर निधी हैरानी से रुद्रा की और दैखता है । तभी वहां पर शिव नारायण रुद्रा के पास आ जाता है और रुद्रा से कहता है । शिव नारायण: - अरे बेटा मुझे तुमसे कुछ बात करना है ।निधी शिव नारायण को दैखकर भी हैरान हो जाता है । शिव नारायण को दैखकर निधी उसके पास जाती है और शिव नारायण से कहती है ।निधी :- अंकल आप यहां ? निधी के ऐसा पूछने पर शिव नारायण होरान था वो निधी को पहचान नही पाता है । शिव नारायण: - तुम कौन हो बेटा । मैने पहचाना नही ।तब निधी दोबारा से कहती है । निधी कोमल को अपने पास बुलाती है और कहती है ।निधी :- अंकल मैं डॉक्टर हूँ । निधी । आपको याद है आप की बेटी प्रेगनेंट थी और मैने ही उसका ऑपरेशन किया था । निधी के इतना कहने पर शिव नारायण घबरा जाता है और कहता है ।शिव नारायण: - ह....हां हा याद आ गया , आ गया ।इतना बोलतर शिव नारायण वहां से जाना चाहता है पर निधी रौक कर कहती है ।निधी :- अंकल वो बच्ची कैसी है ? निधी के बात का बिना कोई जवाब दियो वो वहां से चला जाता है । ये निधी को अजिब सा लगा । तब निधी कोमल से कहती है निधी :- कोमल तु इससे क्यों शादी कर रही है ।कोमल :- क्यों तुझे क्या हूआ । निधी :- मुझे कुछ नही हूआ । पर तुझे क्या हो गया । तु इसके बारे मे जानती है ।कोमल :- ऐसे क्यों बोल रही है ! तु जानती है क्या इसे ?निधी :- हां ! मैं जानती हूँ । और उस आदमी ने इसे बेटा क्यों कहा । कोमल :- अपने बेटे को बेटा नही तो क्या कहेगा ।कोमल से इतना सुनकर निधी और भी हैरान हो जाती है क्योकी शिव नारायण ने खुद रोते हूए हॉस्पिटल मे कहा था के उसका उस बेटी के सिवाय और कोई नही है । निधी समझती है के रुद्रा और शिव नारायण यो सब मिलकर मंत्री के बेटी से शादी करके अपने गुनाह को मंत्री के आड़ मे छिपाएगा और इसको धोका देकर इसका फायदा उठाएगा । निधी और कुछ कोमल से कहती के तभी वहां पर निधी के पापा भरत आ जाते है , और निधी से कहता है ।भरत :- अरे बेटा निधी सुनो जरा । भरत के इतना कहने पर निधी अपनी पूरी बात कह नही पाती है और भरत के पास चली जाती है ।निधी :- जी पापा ।भरत :- बेटा इनसे मिलो । ये है मेरा बहोत पुराना और खाश दोस्त , शिव नारायण शास्त्री । और वो जो लड़का खड़ा है ना ( रुद्रा की तरफ हाथ दिखाते हूए ) वो इनका बेटा रुद्रा । जिसके साथ तेरी सहेली का सगाई हूआ है ।भरत के इतना इतना कहने पर निधी और रुद्रा एक दुसरे की और दैखता है ।निधी रुद्रा की सादगी को दैखकर हैरान हो जाती है और पल मे चली जाती है । जहां पर निधी रुद्रा से पहली बार मिली थी ।SCENE 5निधी की खोजभरत एक गाड़ी मे बहोत से लड़कियों को लेकर जा रहा था । जोरो की बारिश हो रही थी । तभी भरत का फोन रिंग होता है । जिसमे भरत की वाइफ निर्मला का फोन था ।भरत :- ये फाईल वहां रख दो ।भरत अपना फोन निकाल कर फोन रिसिव करता है और कहता है ।भरत :- हां । बोलो निर्मला ।निर्मला :- सुनिये ना जी । वो निधी अभी तक घर नही आई है । भरत अपनी घड़ी दैखता है जिसमे रात के 10 बज रहे थे । ।भरत :- अब तक तो उसे आ जाना चाहिए था ।निर्मला :- आप जरा पता किजिये ना । उसका फोन भी स्विच ऑफ़ आ रहा है । मुझे तो बहोत घबराहट हो रही है ।भरत :- तुम चिंता मत करो । वो शायद किसी एमरजेंसी केस होगी । मैं उसके हॉस्पिटल होकर आता हूँ । निर्मला :- ठिक है जी । इतना बोलकर दोनो ही फोन रख देते है । भरत अपनी घड़ी दोबारा दैखता है और गाड़ी को एक खाली पड़े घर पर खड़ा कर देता है । भरत सभी को उस घर के अंदर जाने को कहता है  भरत :- जब तक मैं वापस लौटकर ना आउ तुम सब यही रहोगी । कोई यहां से बाहर नही जाएगा । समझ गये सब ।सभी हां मे अपना सर हिलाता है । फिर भरत गाड़ी निकालकर हॉस्पिटल की और चला जाता है । इधर निधी ऑपरेशन रुम मे थी । जहां पर वो एक लड़की का ऑपरेशन कर रही थी । वो लड़की मर गयी थी और वो प्रेगनेंट थी । निधी ऑपरेशन करके उस बच्चे को बचा लेती है । बाहर उस लड़की की माँ बाप निधी के निकलने का वेट कर रहा था । तभी ऑपरेशन रुम की लाईट बुझती है और निधी बाहर आता है । निधी के बाहर आते ही सभी इसके पास उठकर जाता है । उस बच्चे की माँ निधी के सामने जाकर कहती है ।बच्चे की माँ :- बच्चा कैसा है डॉक्टर । (रोते हूए ) ।निधी :- बच्चे कंडीसन बहोत क्रिटिकल था । उपर वाले की कृपा से बच्चा बिल्कुल ठीक है माजी । अगर और 5 मिनट भी दैर करते ना उसे यहां लाने तो ...! लड़की का बाप :- मेडम वो बच्चा ...!निधी :- अभी नही । अभी वो बच्चा हमारे दैख रेख मे रहेगी । ये सब कैसे हूआ । शिव नारायण :- बेटा ये सब उन गेंग का काम है जो लड़कियों को किडनेप करके दुसरे देश मे बेच देते है । मेरा सिर्फ यही शहारा थी भगवान ने वो भी छीन लिया हमसे ।उस लड़की के माँ बाप अंदर दैखता है तो वो लोग दैखता है के उस लड़की ने जो मर गई है उसकी आंखे खुली है और वो अपने बच्चे की और दैख रही है । ये सब देखकर वो सभी बहोत रोने लगता है ।इतना बोलकर निधी अपना मोबाइल फोन निकालती है , निधि दैखती है के उसका फोन बंद था ।निधी :- ओहो । ये फोन भी बंद है । पता नही माँ और कितनी टेंशन मे होगें । इतना बोलकर निधी अपनी कार मे बैठती है और मोबाइल को कार मे चार्ज पर लगा देती है । बारिस बहोत जोर से हो रही थी । निधी का फोन ऑन हो जाता है । फोन ऑन होते ही निधी पहले अपनी माँ को फोन लगाती है । इधर निर्मला का फोन रिंग होता है ।निर्मला :- हेलो ! बेटा कहां हो तुम । कबसे तुझे फोन कर रहा हूँ पर तेरा फोन ऑफ बता रहा था ।निधी :- सॉरी सॉरी सॉरी माँ । वो क्या था , मैं आ ही रही थी के तभी एक लड़की का एक्सीडेंट केस आ गया तो मुझे उसका ऑपरेशन करना पड़ा । इसलिए दैर हो गई । निर्मला :- मैं तो बहोत टेंशन मे थी बेटा । तेरे पापा उधर ही गये है हॉस्पिटल तरफ । तेरा फोन स्विच ऑफ़ था इसिलिए इन्होने कहा के वो हॉस्पिटल से होकर घर आएंगे । तु कहां है बेटा ।निधी :- मैं कार मे हूँ । अभी अभी निकली हूँ । बस कुछ दैर पहूँच जाउगां । आप पापा को फोन करके बोल देना ।निर्मला :- ठिक है बेटा । अपना ध्यान रखना । इतना बोलकर दोनो ही फोन काट देता है । निधी अपने फोन की तरफ दैख रही थी के तभी अचानक निधी के गाज़ी के सामने रुद्रा आ जाता है । निधी घबराते हूए गाड़ी का ब्रेक लगाता है । गाड़ी रुक जाती है । निधी का धड़कन तेज हो जाता है । क्योकीं निधी उसे मारते मारते बच जाती है । निधी गाड़ी से उतरती है , तो दैखती है के रुद्रा गाड़ी के आगे पड़ा था ।निधी रुद्रा की और धिरे धिरे बड़ती है । निधी :- तुम ठिक हो ?निधी के कहने पर भी कोई जवाब नही आता है । निधी रुद्रा को अपनी और करती है तो दैखती है के रुद्रा खुन से लथपत था । निधी ये दैखकर डर जाती है । निधी दैखती है के रुद्रा को गोली लगी थी । और रुद्रा की सांसे चल रही थी । निधी फट से रुद्रा को उठाती है और अपने कार मे बैठा लेती है । फिर गाड़ी स्टार्ट करके हॉस्पिटल की और वापिस मुड़ जाती है । निधी अपने पापा को फोन करते इसकी जानकारी दे देती है ।भरत :- ठिक है बेटा मैं आ रहा हूँ ।निधी गाड़ी चलाने लगती है और फिर पिछे मुड़कर दैखती है , तो रुद्रा अपने पेट पर जहां गोली लगी थी रुद्रा हाथ देकर बैठा था । कुछ दूर गाड़ी जाने के बाद निधी की कार बंद हो जाती है । निधी बहोत बार सेल्फ मारती है पर गाडयी स्टार्ट नही होती । तब निधी रुद्रा की और दैखती है और फिर कार से उतर कर बोरनट खोलकर दैखती है । निधी दैखती है के कार के बैट्री का वायर ढिला था । जिसे निधी जल्दी से टाईट करके कार का बोरनट बंद करती है और जैसे ही अपनो कार की और बड़ती है के तभी 5 गुंडे आकर निधी को घेर लेती है । निधी उन गुंडो को दैखकर डर जाती है । वो गुंडे सब निधी की और धिरे धिरे बजने लगता है ।निधी :- क... कौन हो तुमलोग । दैखो मेरे पास मत आना । मुझे दाने दो । गाड़ी मे एक पेसेंट है वो बहोत जख्मी है अगर उसे टाईम पर हॉस्पिटल नही लेकर गया तो वो मर जाएगा ।निधी के इतना कहने पर भी वे गुंडे नही रुके और निधी की और बड़ने लगता है । तभी एक कहता है ।गुंडे 1:- आज तो तगड़ा माल फंसा है । इसकी हमे मोटी रकम मिलेगी । चल उठा इसे ।उस गुंडे के इतना कहने पर वो सभी निधी को पकड़ लेता है , निधी जोर जोर से चिल्लाने लगती है । और वो लोग निधी को जबरदस्ती अपने कार मे बैठाना चाह रहा था । निधी और गुडें के बिच कुछ दैर ऐसे ही चलता रहा । निधी अपने आपको छुड़ाकर फिर से अपने गाड़ी के पास आ जाता है । तो उन गुंडे मे से एक निधी को पकड़ लेता है और उसके कपड़े फाड़ने लगते है । और हंसने लगता है । उस गुंडे को हसता दैखकर बाकी के 4 भी हसने लगते है । तभी वो गुंडा जिसने निधी को पकड़ रखा था , वो कुछ दुर जाकर गिरता है । और खांसने लहता है तभी उसके मुह से खुन निकलने लगता है । सभी उसको ऐसा दैखकर हैरान हो जाता है , सभी उस निधी की और दैखता है । तभी रुद्रा निधी के पिछे से आता है । रुद्रा अपने पेट को पकड़े लंगड़ाते हूँ निधी के पास आकर खड़ा हो जाता है । रुद्रा के हाथ अंगूली से पानी के साथ साथ खुन भी गिर रहा था । पानी बहोत ज्यादा गिरने की वजह से रुद्रा को वो लोग साफ साफ नही दैख पा रहा था । उसे गिरा हूआ दैखकर उसके कुछ साथी रुद्रा को मारने के लिए सभी वहां पर रखे अपने अपने हथियार लेकर उसकी और भागते हूए आता है । जैसे ही वो लोग रुद्रा के करीब करीब आता है के तभी जोरो की बिजली कड़ती है जिससे रुद्रा का चेहरा दिखता है । रुद्रा का चेहरा दैखने के बाद वो सभी डर से अपने अपने जगह पर रुक गया । सभी रुद्रा के डर से आगे नही बड़ रहा था । तभी एक कहता है ।गुंडा: - ऐ ऐसे डरो मत । ये अभी बहोत घायल है , हम सब एक साथ जाएगें तो ये कुछ नही कर सकता । रुद्रा एक स्माइल देता है ।रुद्रा :- अ...हा हा हा ।उसके इतना कहने पर वो सभी अपना अपना हथियार टाईट करके पकड़ता है और एत दुसरे की और दैखकर सभी एक साथ रुद्रा को मारने के लिए भागता है । सभी एक साथ रुद्रा के उपर हमला करता है । रुद्रा उनमे से एक का हाथ पकड़ लेता है और उससे उसका हस्सा छिन लेता है । रुद्रा हस्सा छिनने के बाद रुद्रा उसका गला रेत देता है । ऐसे एक एक करके रुद्रा 4 को मार देता है । तभी उन मे जो आखिरी बचा था वो निधी को पकड़ लेता है और उसको गले मे चाकु रखकर रुद्रा से कहता है । गुंडा :- ऐ ! वही रुक जा । वरना इसका गला काट दूगां ।रुद्रा वही रुक जाता है ।गुडां :- अपने हाथो से वो हस्सा फेंक । फेंक वरना काट डालूगां ।इतना बोलकर वो गुंडा निधी के गले के पास चाकू को लाता है । रुद्रा हंसते हूए कहता है ।रुद्रा :- मार दे । तु इसे मार देगा तो भी तु मरेगा । रुद्रा के इतना कहने पर निधी को बहोत बूरा लगता है और वो गुंडा और डर जाता है । तब वो गुंडा निधी को पकड़ कर धिरे धिरे पिछे की और जाने लगता है और रुद्रा भी लड़खड़ाता हूआ आगे बड़ता है ।  गुंडा :- मैं कहता हूँ वही रुक जा । वरना जान से जाएगा ये ।जब उसके इतना कहने पर भी रुद्रा नही रुकता है तो वो आदमी निधी को रुद्रा की तरफ ढकेल देता है , निधी रुद्रा के बाहो मे चली जाती है । और तब वो गुंडा वहां से भागने की कोशिश करता है पर रुद्रा उसे अपने हाथ रखा हस्ता को उस गुंडे की और फेंकता है जिससे उसकी भी मौत हो जाती है । इतनी मौते दैखकर निधी घबरा जाती है । रुद्रा लड़खड़ाते हूए निधी के पास आता है , रुद्रा अपना शर्ट खोलता है और निधी के फटे हूए कपड़े को ढक देता है और निधी के बाहों मे बोहोश हो जाता है । निधी रुद्रा को लेकर हॉस्पिटल चली जाती है और उसका इलाज कर देती है । रुद्रा के पट्टी करने के बाद निधी रुद्रा के चेहरे को दैखती है । जो बहोत मासूम लग रहा था तभी निधी को रात वाली घटना याद आती है जब उस गूंडे के कहने पर भी रुद्रा ने चाकू नही फेंकी थी । इतना सौचने के बाद निधी वहां से बाहर निकलती है तो बाहर भरत खड़ा था । निधी भरत को सारी बात बताकर सुनाती है । तब भरत कहता है ।भरत :- ठिक है बेटा अब तु घर जाओ , मैं इसके होश आने का इंतजार करुगां ।निधी :- ओके पापा ।इतना बोलकर निधी वहां से चली जाती है । अब भरत गाड़ी को रोकता है जिसमे निधी और भरत रिंग सेरेमनी से वापिस अपने घर आ जाती है । गाड़ी रुकने के वजह से अब निधी अपने उस पल से इस पल मे वापिस जाती है ।  तब भरत निधी से पूछता है । भरत :- क्या बात है बेटा तुम वहां से आने का जिद क्यों कर रही थी । निधी :- पता नही पापा । पर कोमल के मंगेतर को दैखकर मुझे उस रात वाली बात याद आ गयी । अगर उसका दाड़ी मुछ होता तो वो बिल्कुल वैसा ही है पापा । इस बात का पता लगाना पड़ेगा ।SCENE 6मंत्री किशन कुमार का घर दुसरे दिन रुद्रा और पि के मंत्री जी के घर के बगीचे मे आपस बाते कर रहे थे । रुद्रा चुपचाप बैठा था । रुद्रा को दैखकर पि के हंसते हूए कहता है । वही कोमल भी वहां पर आ जाती है पर उन दोनो को बाते करते हूए दैखकर कोमल वही छुप जाती है और उनकी बातो सुनने लगती है ।पि के :- कहां हम लोग यहां 4 दिन रहने आए थे । किसीका शादी करवाने आये थे । पर तुने तो ऐसा डाका डाला के वो शादी अब तेरी करानी पड़ेगी ।भाई इतनी सुदंर लड़की को कैसे पटा लिया भाई ।रुद्रा :- वही तो मैं सौच रहा हूँ , के मैंने ऐसा क्या किया के उसने मेरे से शादी करने का सौच लिया । तु तो जानता है यार , मेरे से शादी करके वो खुश नही रहेगी ।पि के :- क्यों खुश नही रहेगी । उस लंगूर से तो तू बहोत हेंडसम है । तेरे मे कोई बुराई भी नही है । ना तु लड़की बाज है , ना शराब पिता , और ना कुछ गलत काम करता है ।रुद्रा :- नही पि के । तु समझ नही रहा है । कहां वो इस महल मे रहने वाली और कहां मैं । मुझे लगता है मुझे उससे एक बार बात करनी चाहिए । कुछ तो है , हो सकता है कोमल ने उस लंगूर से बचने के लिए ही मेरा नाम लिया हो ।रुद्रा ये बात सुनकर कोमल रुद्रा से इंप्रेश हो जाती है । और वहां से चली जाती है ।पि के :- कैसी बात कर रहा है रुद्रा । तेरे पास तो इतना पैसा ...!पि के की बात को सुनकर रुद्रा उससे चुप कराते हूए कहता है ।रुद्रा :- नही पि के । ये बात गलती से भी और कही मत कहना । समझ गया ।पि के :- सॉरी रुद्रा । अब आगे से ऐसा नही होगा ।इतना बोलकर रुद्रा कोमल से मिलने उसके रुम मे जाने लगता है । कोमल को पहले से ही पता था के रुद्रा आने वाला है । इसिलिए कोमल अपने बिस्तर पर सो जाती है , कोमल अपना सारी अपने उपर से साईड कप देती है । और सोनो का नाटक करने लगती है । तभी रुद्रा वहां पर आता है । रुद्रा कोमल के खुबसूरती को दैखकर दैखते रह जाता है । रुद्रा अपनी आखे बंद कर देता है और कोमल को बुलाता है । रुद्रा :- कोमल जी । कोमल जी । रुद्रा को देखकर कोमल हसने लगती है । पर कुछ जवाब नही देती है । रुद्रा फिर से अपनी आंखे खोलता है । तो कोमल की खुबशरती देखकर फिर से मदहोस हो जाता है । रुद्रा अपनी आंखो फिर से बंद कर लेता है और अपने गले को साफ करता है फिर कहता है ।रुद्रा :- आहा आहा ...! कोमल जी । रुद्रा के इतना बुलाने पर भी जब कोमल नही उठता है तो रुद्रा वहां से जाने लगता है ।रुद्रा :- लगता है । गहरी निंद मे है । मैं बाद मे बात कर लूगां ।इतना बोलकर रुद्रा वहां से जाने लगता है के तभी कोमल उठ जाती है और हंसते हूए कहती है ।कोमल :- रुद्रा जी । मैं तो आपकी तपस्या भंग करके ही रहूँगी ।रुद्रा शिव मंदिर मे शिव जी को जल चड़ा रहा था , शिव नारायण और पि के भी वहां पर था । तभी वहां पर कोमल आ जाती है । कोमल वहां पर आकर सभी की और दैखता तो शिव नारायण समझ नही पाता है तो पि के शिव नारायण को वहां से हल्की मुस्कान दैकर चला जाता है । रुद्रा को कोमल के आने की जानकारी नही थी । सभी के जाने के बाद कोमल अपनी सारी को अपने कमर से साईड कर लेती है । जिससे उसकी कमर दिखने लगती है । रुद्रा पि के से फूल मांगती है । रुद्रा :- पि के वो फूल दो जरा ।रुद्रा के कहने पर कोमल फूल को रुद्रा को दे देता है । रुद्रा भगवान शिव को फूल से सजाते हूए कहता है । रुद्रा :- पि के एक बात बोलू । पता है कोमल जी बहोत प्यारी है । कभी कभी तो डर लगता है के कही मुझे उससे प्यार ना हो जाए । रुद्रा के इतना कहने पर कोमल कहती है ।कोमल :- क्यों अगर प्यार हो गया तो क्या होगा । रुद्रा कोमल की आवाद सुनकर चोंक जाता है । रुद्रा तुरंत पिछे मुड़कर दैखता है । तो दैखता है के वहां पर कोमल थी । कोमल को दैखकर रुद्रा हक्का बक्का रह जाता है । रुद्रा :- क....क...कोमल जी आ....आप यहां क्यों । नही मतलब कैसे ।इतना बोलकर रुद्रा पि के और शिव नारायण को ढुडंता है । पर लोग वहां पर नही थे ।कोमल :- क्यों मैं यहां नही आ सकती ।तभी रद्रा का ध्यान कोमल के कमर पर जाता है । जिसे दैखकर रुद्रा मदहोश हो जाता है । और फिर अपनी आंखे बंद कर देता है । कोमल :- आप ये अपनी आखे क्यो बंद कर रहे है । रुद्रा: - वो कुछ नही । मेरे आंख मे थोड़ी सी जलन हो रही थी ।कोमल भी जल और फिर फूल लेकर शिव जी की पूजी करती है । और फिर दोनो शिव भगवान को प्रणाम करता है । रुद्रा कोमल की और दैखता है जो बहोत ही क्यूट लग रही थी ।SCENE 7मंत्री किशन कुमार का घर रुद्रा और पि के दोनो ही किशन कुमार से मिलने के लिए आ रहा था । गेट पर खड़ी सिक्योरिटी दोनो को दैखकर गेट खोल देता है । क्योंकि रुद्रा इस घर का होने वाला दामाद था ।पि के :- भई वाह । क...क्या बात है ।रुद्रा : - क्या बात है बोलो ।पि के :- अ...रे । मतलब, तुझे द...दैखकर तुरंत ग..गेट खोल दिया । अ...अब तो हमे यहां आनो को ल...लिए । अपॉइंमनेट की भी जरूरत नही है ।रुद्रा और पि के घरके अंदर चले जाते है । रुद्रा को दैखकर कोमल अपने पल्लु को मोड़ देती है ताकी रुद्रा को कोमल की खुबसूरती दिख पाए । कोमल को दैखकर रुद्रा उसे दैखता ही रहता है । कोमल जितना रुद्रा के करीब आ रही थी रुद्रा उतना की घबराने लगता है । पि के वहां से भाग जाता है जिसका पता रुद्रा को नही चलता है ।रुद्रा :- पि के । ये मेरे पैर कांप क्यो रहा है । पि के । जब पि के का आवाज नही आता है तो रुद्रा तो पिछे मुड़कर दैखता है के पि के वहां पर था ही नही ।रुद्रा :- हरामखोर साला । इस सिच्युऐसन मे अकेला छोड़कर भाग गया ।कोमल रुद्रा के पास आती है और कहती है ।कोमल :- अरे आप । आप कब आए । रुद्रा :- ज... जी जी बस अभी आया । रुद्रा कभी कोमल कमर दैखता तो कभी कोमल की होंट को । कोमल रुद्रा की हालत पर अंदर ही अंदर हंस रही थी । कोमल रुद्रा का हाथ पकड़ती है और कहती है ।कोमल :- अंदर आईए ना । मैं आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ ।कोमल के हाथ पकड़ने पर रुद्रा की हालत और खराब हो जाता है । रुद्रा इधर उधर दैखता है ताकी कोई उन दोनो को दैख ना ले । पि के ये सब दैख रहा था । और मन ही मन सोच रहा था ।पि के :- हे भ...भगवान । रुद्रा को श...शक्ती देना प्रभो ।कोमल :- आप अकेले ही आए हो । पि के नही आया साथ मे ।रुद्रा : - आया तो था साथ मे । ( रुद्रा का गला बेठ जाता है । तो रुद्रा अपना गला साफ करते हूए कहता है ।) साथ मे आया था पर पता नही कहां चला गया ।कोमल :- ये आपकी आवाज को क्या हो गया ? और आपको ये पसीना क्यों आ रहा है ।कोमल रुद्रा के पसीना को साफ करते हूए कहती है ।रुद्रा :- कुछ समझ मे नही आ रहा है । क्यों इतना पसीना आ रहा है । पानी मिलेगा थोड़ा ।कोमल :- हां । अभी लाई ।इतना बोलकर कोमल वहां ये पानी लाने के लिए चली जाती है और रुद्रा मौका दैखकर भाग जाता है । कोमल पानी लाकर दैखती है के रुद्रा वहीं पर नही था । तो कोमल मुस्कुराने लगी ।कुछ दैर बाद कोमल अपने लिए मेहंदी की साड़ी दैख रही थी तभी वहां पर निधी आ जाती है । निधी को दैखकर कोमल खुश हो जाती है । कोमल निधी से कहती है ।कोमल :- अरे निधी । बहोत अच्छे समय पर आई हो । आओ ।निधी :- कोमल मुझे तुमसे कुछ बात करनी है ।कोमल :- हां तो बोलो ना ।निधी :- कोमल । पता नही ये बात मुझे ऐसे टाईम पर बोलना चाहिए या नही । पर तु मेरी सबसे अच्छी दोस्त है । अगर नही बताया तो भी गलत होगा ।कोमल निधी के पास आती है और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहती है ।कोमल :- क्या बात कोमल बता ना । कोई टेंशन है ?निधी :- बात तो टेंशन की ही है । कोमल तु ये शादी मत कर ।निधी को बात को सुनकर कोमल हैरान हो जाती है । कोमल :- ये तु क्या बोल रही है । मैने पहले ही एक शादी के लिए मना कर दिया है । अगर इसे भी मना कर दूँ तो जानती है ना क्या होगा । और तु ऐसा क्यों बोल रही है ।निधी :- क्योंकि मैं नही चाहती के तुम्हारा लाईफ बर्बाद हो जाए । वो लड़का एक खूनी है । एक क्रिमिनल है । ।निधी की बात को सुनकर कोमल हैरान हो जाती है और पूछती है ।कोमल :- ये तु क्या बोल रही है निधी ?निधी के इतना कहने पर कोमल हैरान थी । तब निधी कोमल से सारी बात कहती है । के ना तो शिव नारायण उसका बाप है और ना ही रुद्रा कोई पंडित ये सब निधी कोमल से कहती है ।कोमल :- तो अब मैं क्या करु ? मैं खुद भी इससे शादी करना नही चाहता था । निधी :- क्या ? तो फिर तुने इसका नाम क्यो लिया ।कोमल :- मुझे लगा था सिधा साधा इंसान है समझाउगां तो समझ जाएगा । और खुद ही ना बोल देगा । पर अब क्या करु ।निधी :- दैख ! तेरे पापा मंत्री है और मेरे पापा पुलिस हम दोनो जाकर उनसे ये बात कहते है ।कोमल :- हां ये ठिक रहेगा । कोमल और निधी किशन कुमार के पास जाती है पर तभी किशन कुमार कुछ काम मो बिजी थे । तो वो इन दोनो की बात को नही सुना । और बाहर निकल गए ।कोमल :- पापा मुझे आपसे कुछ बात करनी थी रुद्रा के बारे मे ।किशन कुमार: - ठिक है बेटा । कुछ दैर बाद बात करते है । अभी मुझे थोड़ा सा काम है , कमिशनर ऑफिस से आकर बात करता हूँ ।निधी अपने पापा को फोन लगाती है पर वो भी नही उठाती है । कोमल: - अब क्या करें ? हमे जल्दी कुछ करना होगा वरना कही वो कोई प्लानिंग करके आया है । कही वो पापा को कुछ ..!निधी :- चलो मेरे साथ ।कोमल :- कहां? निधी :- पुलिस स्टेशन ।निधी और कोमल वहां से पुलिस स्टेशन की और जाने लगती है के तभी वो दोनो रास्ते मे रुद्रा और पि के को दैखती है जो कही जा रहा था । रुद्रा को जाते दैखकर कोमल और निधी भी उसके पिछे जाने लगती है । वो दोनो रुद्रा के पिछे जाते जाते एक घर मे पहूँचती है । जहां पर शिव नारायण और एक छोटी बच्ची थी । रुद्रा और पि के अपनी गाड़ी से उतरता है और घर के अंदर जाता है , कोमल और निधी भी छुपके से उन दोनो के पिछे चली जाती है और एक जगह पर छिपके उसे दैखने लगती है । निधी घर उस लड़की की फोटे दैखती है जिसका ऑपरेशन करके निधी उस बच्ची को जन्म दिया था । घर के अंदर से बच्ची के रोने की आवाज आती है । रुद्रा जैसे ही घर के अंदर जाता है , वो बच्ची रुद्रा को दैखकर छुप हो जाती है । तो शिव नारायण कहता है ।शिव नारायण: - दैखो इस बदमाश को तब से रोये जा रही है । और जैसै ही तुम्हें दैखी कैसे चुप हो गई । रुद्रा मुस्कुराते हूए उस बच्ची को अपने गौद मे उठा लेता है । कोमल और निधी वहां से निकल जाती है । निधी :- यही वो बच्ची थी , जिसकी माँ मर गई थी और मैने इस बच्ची का डिलिवरी कराया था । इसका मतलब वो लड़की इसकी वाईफ थी । कोमल ये लोग पक्का कुछ बड़ी साजिस कर रहे है । ये शादी शुदा होकर भी तुझसे शादी कर रहे है । उस दिन उस लड़की की मौत का जिम्मेदार भी वही होगा ।इतना बोलकर कोमल निधी के साथ घर के अंदर चली जाती है । कोमल और निधी को दैखकर रुद्रा और बाकी सभी हैरान हो जाता है । तब कोमल कहती है ।निधी :- तो ये है तुम्हारा असलियत । दैखा निधी मैं कहती थी ना । ये लोग कुछ प्लानिंग कर रहे है । तुम्हें और तुम्हारे पापा को फसा रहे है ये लोग । पि के :- ये क्या बोल रही हो । बिना जाने कुछ भी बोल रही हो ।पि के को बिना हकलाये बोलने पर निधी और कोमल हैरान थी ।निधी :- वाह क्या बात है । तुम बड़े एक्टर निकले । वहां पर सबके सामने हक्ला कर बोलते हो और अभी यहां पर सब ठिक । वाह । मानना पड़ेगा ।तो बताओ तु कयी जानना बाकी रह गया है । यही कहोगे ना के ये बच्चा इसका नही है । तो बताओ किसका है ये बच्चा ? कोमल रुद्रा के पास जाता है और कहती है ।निधी :- छी । मुझे तो तुम लोगो पर पहले से ही शक था । एक लड़की को मार कर तुम लोगो को चेन नही मिला । जो निधी जैसी लड़की की जिंदगी से खेल रही हो । क्यों कर रहे हो ये सब पैसो के लिए । रुद्रा निधी के पास जाता है । और कहता है ।रुद्रा :- निधी । मैं तुम्हें सब सच बता देता पर । तुम जो सौच रही हो वो सही नही है । मैं कोई खेल नही खेल रहा । और ना ही मुझे पैसो की लालच है । ये मेरी बच्ची ...! रुद्रा के इतना कहते ही कोमल कहती है । कोमल :- बस । बस करो रुद्रा । और कितना झुट बोलोगे । ये तुम्हारे पापा नही है । ये हक्ला , हक्ला नही है । ये बच्ची तुम्हारी नही है । रुद्रा :- मेरी बात तो सुनो ।निधी :- अब कोई बात नही करनी इनसे । हमे जल्द पुलिस को बताना होगा । और सबको पुलिस के हवाले करना होगा । तब इनका अक्ल ठिकाने पर आऐगी । ना जाने कितनो लड़कीयों का जिदंगी बर्बाद किया होगा इन सबने ।निधी की बात पर पि के गुस्सा हो जाता है । तो रुद्रा उसे रोक लेता है । इतना बोलकर वो दोनो वहां से निकल जाती है । कुछ दुर जाने के बाद मंगरु कोनल और निधी को दैखता है और भीमा को फोन करता है ।मंगरु :- भीमा भाई ।भीमा :- उठा लाओ उन दोनो को ।भीमा के इतना कहने बाद मंगरु उन दोनो के पिछे लग जाता है और एक जगह गाड़ी खड़ा करके उन दोनो को उठा लेता है ।SCENE 8कमिशनर ऑफिस एक हॉल मे बैठे कुछ पुलिस कर्मी , कमिशनर और स्टेट के मंत्री बैठै थे और सभी एक विडिओ दैख रहे थे । उस विडियो मे कुछ मास्क मेन बहोत से लड़कियो का सौदा कर रहा था और वहां पर आए हूए कुछ विदेशी लोग उन लड़कियो का बोली लगा रहा था । जिसमे कमिशनर भरत की बेटी भी थी । उन मास्क मेन मे से एक कहता है । मास्क मेन :- पुलिस कमिशनर भरत को मेरा नमस्कार । ये विडियो आपके लिए ही है । आपसे बस एक छोटी सी रिक्वेस्ट है । आपने जो मेरा माल पकड़ा है वो मुझे दे दो । और बदले मे आप इन सबको ले जाओ । वो मास्क मेन हसता हूआ ।  मास्क मेन :- हा हा हाहहह । ऐ कमिशनर । तुझे क्या लगा के मैं तुझसे सच मे रिक्वेस्ट कर रहा हूँ । तेरे पास सिर्फ और सिर्फ 5 घंटे ही है । अगर इन 5 घंटे मे मेरा मुझे मेरा माल नही मिला तो तु जानता है के मेरे नुकसान की भरपाई कैसे करुगां । ये सभी इन लड़कियो के मोटी रकम देने को तैयार है । खास करके इन दौ खुबशरत । तभी कमिशनर भरत विडीयो को पॉज कर देता है । और फिर कमिशनर मंत्री से कहता है ।भरत :- सर ये विडीयो अभी 30 मिनट पहले ही हमारे पास आया है । बाकी ये लोग कौन है कहां से है हमारे पास कोई इंर्फ़ारमेशन नही है । किशन कुमार :- ये सब लड़किया कहां की है । इन सबका मिसिंग रिपोर्ट है के नही ।भरत :- सर ! इनमे से सिर्फ 4 ही लड़की है जिनका मिसिंग रिपोर्ट हमारे पास है । और उनमे से एक मेरी बेटी निधी है । बाकी कहां से है ये पता नही ।किशन कुमार: - भरत इन लड़कियो को जितना जल्दी हो सके तुम ढुंडो । तुम्हें जो कुछ भी सपोर्ट की जरुरत है सरकार तुम्हें देगी । अगर तुम्हें लगता है उनकी मांग पुरी करने से तुम्हें तुम्हारी बेटी मिल जाएगी तो तुम वहीं करो । भरत :- थेक्यू सर । पर मैं उनकी मांगे पुरी नही कर सकता । सर उस ड्रग्स की क्वांटिटी बहोत ज्यादा है । मैं अपने स्वार्थ के लिए हजारो युवाओ के भविष्य से नही खेल सकता । पर चिंता मत किजिये सर वो लोग जल्दी ही पकड़े जाएगे । किशन कुमार: - ठिक है । तुम्हें जो चाहिए तुम करो । आज मेरी बेटी की शादी है और मुझे अब जाना होगा । ये केश साल्व किजिये । इतना बोलकर किशन कुमार वहां से जाने लगता है तभी भरत किशन कुमार से कहता है ।भरत :- अ....सर ! आपसे एक और रिक्वेस्ट थी । बस 2 मिनट समय और लूगां ।किशन कुमार: - ठिक है बोलो । क्या कर सकता हूँ मैं ।किशन कुमार के कहने पर भरत एक विडियो और चलाता है । जिसमे एक जहाज पर कंटेनर सिफ्ट किया जा रहा था । विडियो को दैखते हूए भरत कहता है । भरत :- सर ये एक क्लिप है भीमा की जो सोने के साथ साथ ड्रग्स की और लड़कियों की भी स्मगलिंग करता है । जो विडीयो आपने देखी वो भी इन्ही लोगो का काम है । इन बड़े जहाजो मे सोना और लड़की दुसरे देश मे भेजा जाता है ।( विडीयो मे भीमा को दिखाया जाता है , जिसमे भीमा बड़े स्टाइल से सिगार पि रहा था । ) और ये है भीमा । ये मुर्शीद है , ये पाकिस्तानी कमाडों था । इसके गलत कामो और आंतकवाद को बड़ावा देने के कारण उसे कंमाडो से निकाल दिया गया है । अब ये आंतकवाद को बड़ावा देता है और भीमा के साथ मिलकर हमारे देश के लडकियो को और युवायों को ड्र्ग्स देकर देश को कमजोर कर रहा है । ये एंथोनी के मरने के बाद से भीमा और मुर्शीद ये इन सब कामो को अपने अंडर मे लेकर उसे विदेशो मे पहूँचाने का काम ये करता है । इन सबके उपर एक नाम और है सर । इन सबका बाप पीटर है ! पर ये पीटर कौन है कहां से ये सब कर रहा है । कौई नही जानता ।किशन कुमार: - इन्हें आप गिरफ्तार क्यों नही करते हो ।भरत - सर , इन लोगो के खिलाफ कोई सबुत नही है । और मुर्शीद कहां रहता है कोई नही जानता । इसीलिए मैं इन्हें गिरफ्तार नही कर सकता । पुरा सिस्टम ही खरीद रखा है इसने । और जो भी इसके खिलाफ गवाही देगा , उसे मार डालता है । सर जब एंथोनी और रुद्र जिंदा था , इस शहर मे ड्रग्स ,वसुली , किडनेपिंग और मर्डर ये सभी नही होती थी । पर जबसे उन दोनो की मौत हूई है , तब से इस शहर मे क्राईम बड़ गया है ।भीमा के डर से ना तो उसके काम मे कोई बाधा डालता है और ना ही उसके खिलाफ कोई गवाही देता है । ये कहां रहता है इसकी जानकारी आज तक हमारे पास नही पहूँची है । किशन कुमार: - पर कोई तो होगा जो इसके बारे मे जानता होगा । भरत :- रुद्रा । सिर्फ वही जानता है ।किशन कुमार: - पर रुद्रा को तो एंथोनी के साथ मार दिया था ना ?भरत :- हां सर ! पर एंथोनी और बाकियों की बॉडी मिल गया था । पर सिर्फ रुद्रा की नही मिली थी । वो बहोत जिद्दी है सर । मैं जानता हूँ वो ऐसे नही मरेगा ।किशन कुमार :- तो फिर उसे ढुडो वो जहां कही भी हो उसे ढुडकर निकालो । कही तो होगा वो । कोई तो जानता होगा उसे ।भरत :- सर इसे जानता तो यहां के सब कोई है । पर दैखा किसीने नही । बस इतना ही खबर है के गोरीवली गांव मे उसका भी घर है। ये पूरा गांव पुरा इलाका उसका है ।किशन कुमार: - तो आप सब वहां उस गाव मे जाओ वहां पर जाके पता लगाओ ।भरत :- नही सर वहां जाना नामुमकिन है । वहां के पुरे 5 लाख लोग रहते है और वो सब उसे जानता है उसे दैखा भी है । मगर कोई बताएगा नही । कोई वहां पर जा नही सकता । और ना ही वहां पर किसीके पास उसका फोटो है । वो उस 5 लोख लोगो का मसीहा है सर । रुद्रा ने वहां पर कई तरह के बिजनेस की फेक्ट्री लगाई है और वहां पर होने वाले पुरा का पुरा प्रॉफिट उन 5 लाख लोगो मे बराबर बांट देता है । ये सब सुनकर किशन कुमार चोंक जाता है । किशन कुमार कहता है ।किशन कुमार: - उस गांव से किसी को पकड़कर यहां थाने पर लेकर आओ सब पता चल जाएगा ।भरत :- लाया था सर । हमारे पास के थाने मे वहां से एक को पकड़कर लाया था पूछताछ करने के लिए । इतना बोलतर भरत उस पल को याद करने लग जाता है , जहां पर पहले भरत की पोस्टिंग थी । जहां पर गोरीवली गांव वाले के तिन लड़के को एक एस पी उठाकर ले आया था और उससे पूछताछ करने लगता है ।SCENE 9पुलिस स्टेशन कुछ पुलिस वाले मिलकर उस आदमी को डराते और धमकाते हूए कहता है ।मोहन प्रताप:- देख हमारा ना ही तुमसे कोई दुश्मनी है और ना तुम गांव वालो पर । तुम्हारी भलाई इसी मे है के तुम रुद्रा का पता बता दो या वो कैसे दिखता है वो बता दो । मैं वादा करता हूँ । मैं तुम्हें सही सलामत तुम्हारे घर पहूँचा कर आउगां ।एस पी मोहन की बात को सुनकर वो आदमी कहता है । आदमी :- आपने मुझे यहां पर लाकर अच्छा नही किया सर ।अगर मैं 1 घंटे के अदर अपने घर नही पहूँचा तो ये आपकी पुलिस स्टेशन नही रहेगा ।उस आदमी की बात को सुनकर SP मोहन प्रताप को गुस्सा आ जाता है और फिर एस पी मोहन उस आदमी के गला को दबाते हूए कहता है । मोहन :- साले मुझे धमकी देता है । मुझे । इतना बोलकर मोहन उस आदमी के गले को दबाते हूए उसे दुर धकेल देता है और उसे मारने लगता है । वो आदमी दर्द से कराह रहा था । मोहन ने उसे मार मार कर अधमरा कर देता है ।उस आदमी को मार खाता दैख बाकी सभी पुलिस ये सोचते हूए डर जाता है के कही भीमा आ गया तो क्या होगा । सभी मिलकर मोहन से कहता है ।पुलिस :- सर छोड़ दिजिए सर । वरना ये मर जाएगा । सबके कहने पर भी मोहन नही रुकता है । और उसे मारते जाता है ।तभी वहां पर भरत आता है । भरत अपने टेबल पर बैठता है के उसे उस आदमी के चिखने की आवाज सुनाई देता है । तभी भरत को आते दैख कुछ सिपाही भागते बूए भरत के पास आता है । तो भरत उनसे पूछता है ।भरत :- ये कैसा सौर है ? सिपाही :- सर आप जल्दी चलिए । (घबराते हूए )भरत :- क्यों क्या हूआ ?सिपाही :- सर वो एस पी साहब । गोरीवली गांव से एक आदमी को पकड़कर ले आया है और उसे रुद्रा के बारे मे पूछ रहा है । आप जल्दी चलिए सर वरना एस पी सर उसे मार देगा ।सिपाही की बात को सुनकर भरत जल्दी से वहां पर पहूँच जाता है । भरत जाकर दैखता है के मोहन ने उस आदमी लगभग अधमरा कर दिया था । वो आदमी खुन से लथपत दर्द से कराह रहा था । भरत मोहन को डांटते हूए कहता है ।भरत :- What the hell are you doing mohan .  भरत उस आदमी के पास जाता है और उसे उठकर कहता है ।भरत :- किस जूर्म मे तुमने इसे अरैस्ट किया ? बिना किसी जुर्म के तुमने इसे इतना मारा अरे कही मर गया तो डिपार्टमेंट को क्या जवाब दोगे। (भरत के बात की बिना कोई जवाब दिये मोहन बड़े एटिट्यूड से सिगरेट जलाता है और चुप रहता है । तब भरत चिल्ला कर कहता है ।) मैं तुमसे कुछ ......!भरत के इतना कहने पर वो एस पी मुह मे एक उंगली रखकर कहता है ।मोहन :- स्स्स..........! क्या हूआ । इतना सोर क्यो मचा रहे हो । मोहन की बात को सुनकर भरत गुस्से से कहता है ।भरत :- तुम जानते हो किससे बात कर रहे हो ।मोहन :- किससे बात कर रहा हूँ । तुमसे बात कर रहा हूँ ।भरत :- Mind your language. मैं तुम्हें सस्पेंड कर दूगां ।मोहन :- Mind you mr. Commissioner. मैं जानता हूँ के मैं , क्या कर रहा हूँ । ये कोई सिधा साधा इंसान नही है क्रिमिनल है ये । ये रुद्रा को जानते हूए भी उसका पता ना बताना भी क्राईम है ।भरत :- रुद्रा के खिलाफ तुम्हारे पास कोई सबुत है । नही ना ।भरत के इतना बोलता ही है के वो आदमी वही धड़ाम से गिर जाता है । भरत और कुछ सिपाही वहां पर उसे उठाने की कोशिश करता है पर तब तक वो आदमी मर जाता है ।भरत :- O my god . ये तो मर गया । (भरत वहां से उठता है और मोहन से कहता है ) ये क्या कर दिया तुमने । एक बेगुनाह को मार डाला तुमने ।मोहन :- अगर इन लोगो ने उस रुद्रा का पता ना बताया तो बाकी सबको मार दूगां ।भरत :- (चिल्लाकर ) Shut up you basterd. तुम नही जानते तुमने क्या किया है । अब ये पुलिस स्टेशन ही नही बचेगा । वो सबको मार देगा ।भरत इतना बोलता ही है के पुलिस स्टेशन की सभी लाईट चली जाती है । लाइट चले जाने से सभी परेशान हो जाता है शाम की समय होने के कारण वहां बहोत अंधेरा छा जाता है । बाकी पुलिस वाले घबरा जाता है । मोहन एक सिपाही से कहता है । मोहन :- जाकर दैखो कोई क्या हूआ है ।मोहन की बात सुनकर एक सिपाही वहां से चला जाता है । मोहन और भरत और बाकी सभी वहां से बाहर आ जाता है । तभी उन गांव वालो मे से एक कहता है ।गांव वाला :- ये अंधेरा नही है । ये तुम सब की जीवन के अंत से पहले का अंधेरा है । कोई नही बचेगा । एक एक को मार देगा वो । तुमने सबने मिलकर इसे मार डाला । तुम सब हत्यारे हो । हत्यारे हो ।उस गांव वाले की बात को सुनकर मोहन गुस्से से उसे मारने जाता है के तभी स्टेशन के बाहर एक साथ बहोत सारे गाड़ीयो की आवाज आती है । जिस से स्टेशन कांपने लगता है । सभी एक दुसरे का मुह ताक कर हैरान था के आखिर ये हो क्या रहा है । तभी उन गांव वोले मे से एक कहता है ।गांव वाला :- आ गया शेर !तभी रुद्रा कुछ कदम चलते दिखाई देता है । और स्टेशन के बाहर अंधेरे मे खड़ा हो जाता है । अंधेरा होने के कारण उसका चेहरा साफ साफ नही दिख रहा था । पर हल्की हल्की उसके चेहरे की झलक दिख रही थी । रुद्रा की बियर्ड लूक था ।उस गांव वाले के इतना कहने पर सभी पुलिस बाहर भाग कर आता है । मोहन दैखता है के एक अकेला आदमी बाहर अधेरे मे खड़ा था जिसका चेहरा दिखाई नही दे रहा था । रुद्रा कहता है ।रुद्रा :- तुमलोगो से अपन की कोई दुश्मनी नही है । अपन सिर्फ यहां पर अपने आदमियों को लेने आया हूँ । उन सबको मेरे हवाले कर दो । मैं चुप चाप यहां से चला जाउगां ।रुद्रा की बात को सुनकर सभी पुलिस वाले डर जाते है पर मोहन कहता है ।मोहन :- ऐ धमकी किसको देता है रे । साले पुलिस की एक डंडा तपिछवाड़े पे पड़ेगी ना तो सारी के सारी हेकड़ी निकल जाएगी तेरी । रुद्रा :- मैं यहां तुम्हारा बकवास सुनने नही आया हूँ । मेरे आदमियों को भेजो ।रुद्रा के इतना कहते ही । बाकी दोनो गांव वाले उस मरे हूए आदमी को लेकर बाहर आता है । मोहन उन आदमियों को रोकने की कोशिश करता है पर भरत उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लेता है और ना मे अपना सर हिला कर मना करता है । अपने गांव के आदमी को मरी दैखकर भीमा का गुस्सा और बड़ जाता है । रुद्रा उस मरे हूए आदमी के पास जाता है , रुद्रा दैखता है के उस आदमी के चेहरे पर बहोत सारे खुन लगा हूआ है । और उसके शरीर पर बहोत सारे चोंट के निशान । उसे दैखकर रुद्रा को बहोत दूख होता है । रुद्रा के मुह से उसे दैखकर आवाज आती है ।रुद्रा :- काका.....!तभी उन गांव वालो मे से एक कहता है ।गांव वाला :- बेटा तुम्हारा पता और चेहरा ना बताने के कारण उस एस पी ने इसे बहोत मारा । कमिशनर के समझाने पर भी वो एस पी नही माना ।रुद्रा:- अगर वो खुद चलकर मेरे पास आता है तो मैं उसे आसान मौत दूगां , वरना........! ( चिल्लाकर । आवाज गूंजता है । )।रुद्रा का चिल्लाने से एक हवा के झोका चलता है जिससे सभी पुलिस वाले डर जाते है । तभी वो गांव वाला रुद्रा को उस एस पी की तरफ हाथ दिखाता है । ये दैखकर एस पी गुस्से से अपनी पिस्तौल पर हाथ रखता है और कहता है ।मोहन :- ऐ .... तु मुझे मारेगा । मेरे स्टेशन मे आके मुझे ही धमकी । इतना बोलकर मोहन अपना गन निकालता है और रुद्रा की और निशाना लगाता है के तभी गाड़ीयो की सभी लाईट एक साथ चल जाती है । जिसे मोहन और बाकी सभी की आंखे चोंधीया जाती है । मोहन कुछ समझ पाता के तभी रुद्रा मोहन को उठा कर जमीन पर पटक देता है । रुद्रा गाड़ी की लाईट्स की तरफ घुमता तो मोहन को रुद्रा का चेहरा दिखाई देता है ।मोहन उठकर रुद्रा को मारने की कोशिश करता है पर रुद्रा मोहन को बहोत मारता है और मोहन को हवा मे उठा कर घुमा देता । ये रुद्रा का मारने तरीका है वो अपने दुश्मन को हवा मे घुमा कर अपने पैर के घुटने मारता है और फिर उसे दुर फेंक देता है । घुटने से मारने की वजह से मोहन के मुह से खुन निकलने लगता है । मोहन अपने गन तो जमीन से उठाता है और भीमा को मारने जाता है के तभी रुद्रा अपने आदमी के हाथ से एक हस्सा छिन लेता है और उस हस्से को मोहन की फेंकता है जिससे मोहन का हाथ क जाता है । उसके बाद रुद्रा के आदमी ने उसे गोलियों से भूनकर रख देते है जिससे मोहन की मौत हो जाती है । रुद्रा वहां से सभी के गाड़ी मे बिठाया है और वहां से लेकर चला जाता है ।SCENE 10कमिशनर ऑफिस भरत अपने उस पल से इस पल पर आ जाता है । भरत की बात को सुनकर किशन कुमार कहता है ।किशन कुमार :- मैने इस बारे मे सुना था । पर भरत जी आप तो वहां पर थे ना , तो फिर आपने तो उसे दैखा होगा ।भरत :- हां सर । मैं उस चेहरे को कभी नही भूल सकता । पर सर एक बात गौर करने की है । के रुद्रा ने बिना किसी वजह से आज तक कभी भी पुलिस पर हमला नही किया है । और वो सब ड्रग्स की ट्रक जो पकड़ी गयी था वो भी उसीने पुलिस स्टेशन पहूँचया था । वो पुलिस का दुश्मन नही है सर ।किशन कुमार :- हां तो पुलिस से कौन उलझना चाहेगा ।भरत :- जो इंसान पुलिस स्टेशन के बाहर सबको सामने एक पुलिस एस पी को मारकर चला जाए उसे किस बात का डर । किशन कुमार: - तो उसके खिलाफ किसीने कंप्लेंट क्यों नही लिखाई । भरत :- ( हल्की मुस्कान के साथ ) सर । नॉर्मली अगर किसीका कुछ खो जाए या किसीके साथ कुछ बुरा हो तो इंसान कहा जाता है ?किशन कुमार: - पुलिस के पास और कहां ।भरत :- जाना तो वही चाहिए । पर हमारे स्टेट मे कंप्लेंट पुलिस के पास नही ......! रुद्रा के पास जाता है । चाहे वो आम आदमी हो , स्टुडेंट हो या कोई पुलिस वाला ही क्यों ना हो ।किशन कुमार :- क्या ? भरत :-; हां सर । रुद्रा के पास जो भी कंप्लेंट गया उसने उसे पूरी किया है । चाहे वो स्कूल, कॉलेज , गांव , किसी की शादी या फिर पुलिस का ही क्यों हो ।किशन कुमार: - पुलिस भी ।भरत :- येस सर । कोई पुलिस के पास क्यों जाएगा सर । पुलिस के पास जाने से बहोत सारे सवाल फिर रिसवत , और अगर कंप्लेंट किसी बड़े आदमी की हो तब तो कंप्लेंट करने वाले जान से भी जा सकता है । पर रुद्रा के पास ऐसा कुछ नही है । सर साल भर पहले एक परिवार मे एक लड़की की शादी थी । उस लड़की को यहां के बिल्डर के बेटे परेशान करता था और उसे एक रात के लिए फोर्स भी किया और धमकी भी दिया के अगर वो उस लड़की नही भेजता है तो वो ये शादी नही होने देगा । इस बात की कंप्लेंट उस लड़की के पिता ने पुलिस से किया । पर पुलिस ने उल्टा उसे उसकी बेटी को उस बिल्डर के बेटे के पास भेजने को कहा । तब उस मजबुर बाप ने रुद्रा का दरवाजा खटखटाया । शादी की रात को वो बिल्डर का लड़की अपने कुछ गूडें साथ लिये ।SCENE 11शादी का घर वो लड़का हाथ मे बंदूक लिये कुछ आदमियों के साथ उस शादी मे चला जाता है और वहां पर रखे कुर्सीयों को फेंकने लगता है और फिर एक गोली हवा मे फायर करता है । जिससे सभी डर जाते है । वो लड़का उस लड़की के पिता के पास जाता है और गन को उसके छाती मे सटा के कहता है । बिल्डर का बेटा :- क्यों बे बुड़ोउ । मैंने जे कहा वो तेरे कान मे नही गया । ठिक है । अब दैख सबके सामने मैं तेरी बेटी के साथ सुहागरात मनाउगां । लड़की के पिता :-; नही नही बेटा ऐसा मत करो । हमने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा क्यों तुम ऐसे कर रहे हो । यहां से चले जाओ । (हाथ जोड़कर कहता है ।)बिल्डर का बेटा :- अगर तुने मेरा बात पहले मान लिया होता , तो ये सब हमारे बिच ही रहता , पर नही । इसकी सजा तो तुम्हें मिलेगी ही ।इतना बोलकर वो लड़का , लड़की को पकड़ने के लिए जाता है के तभी वहां पर बहोत सारे गाड़ी रुकती है । वो लड़का ही पर रुक जाता है और गाड़ीयों को दैखने लगता है । और फिर गाड़ी से बहोत सारे लोग निकलते है । और फिर उनमे एक रुद्रा के गेट खुलता है । जिसमे से रुद्रा सिगरेट पिता हूआ निकलता है । रुद्रा सिगरेट पिते हूए उस लड़की की और जाता है । और रुद्रा के आदमी उस पुलिस वाले के गले मे पट्टा डालकर खिचते हूए पिछे पिछे आता है । रुद्रा लड़की के पास जाता है और कहता है ।रुद्रा :- माफ करना बहन । थोड़ी दैर हो गई । रुद्रा उस लड़की को एक गाड़ी गिफ्ट करता है और कहता है ।रुद्रा :- बहन ये तोहफा तुम्हारे लिए । खुश रहो । तुम्हें कभी भी इस भाई की जरुरत पड़े तो याद रखना तुम्हारा एक भाई है । वो लड़की रोती हूई रुद्रा के पैर छुती है । रुद्रा उसे उठाता है । उस लज़की के पिता रुद्रा के पास आता है और कहता है । लड़की के पिता :- ये तुमने क्या किया बेटा ।तभी वहां पक वो बिल्डर का लड़का रुद्रा के पास आता है और उसे धक्का देकर कहता है ।बिल्डर का लड़का :- ऐ । ये सब क्या हो रहा है । ऐ कौन है तू । चल जा यहां से ।इतना बोलकर वो लड़का उस लड़की का हाथ पकड़ता है । तो उस लड़की के पिता रुद्रा से कहता है ।लड़की का पिता :- बेटा रुद्रा ।रुद्रा का नाम सुनकर वो लड़का वही खड़ा हो जाता है । और डर से कांपने लगता है , वो लड़का उस लड़की का हाथ छोड़ देता है । और भागकर रुद्रा के कपड़े को साफ करने लगता है । रुद्रा उस बिल्डर को उस लड़के के फोन लगता है और फोन स्पीकर पर रखता है । तो उधर से बिल्डर का आवाज आता है ।बिल्डर :- हां बेटा बोलो ।रुद्रा :- अपने बेटे को जिंदा दैखना चाहते हो ।रुद्रा की आवाज सुनकर वो बिल्डर डर जाता है ।बिल्डर: - क... कौन ।रुद्रा :- मौत की आवाज को नही पहचान रहा । रुद्रा ।बिल्डर: - भाई भाई । उसे माफ कर दिजिए भाई । उसने क्या किया भाई । वो कहा है मुझसे बात करायिये भाई ।बिल्डर का बेटा :- पापा ।बिल्डर: - नालायक , हराम खोर । तु जानता है कौन है वो । उनके पैर पकड़ माफी मांग उनसे । बिल्डर का बेटा रुद्रा का पैर पकड़ लेता है ।बिल्डर का बेटा :- माफ कर दो भाई । अब आगे से किसीके साथ भी ऐसा नही करुगां ।बिल्डर :- भाई उससे गलती हो गया भाई । उसे माफ कर दो भाई । मेरा एक लोता बेटा है भाई । प्लीज भाई ।रुद्रा: - ठिक है माफ किया । पर अपने बेटे के कामो पर ध्यान रखना । अपने बेटे को अच्छे से समझा देना ।इतना बोलकर रुद्रा फोन उस लड़के को देता है और वहां से चला जाता है ।वो बिल्डर अपने बेटे को डांटते हूए कहता है ।बिल्डर :- तु अभी एयरपोर्ट पहूँच , मैं तुझे अब यहां नही रखने वाला । बिल्डर का बेटा :- पापा अब मैं कुछ नही करुगां प्रॉमिस ।बिल्डर :- ऐ जितना बोला उतना कर । तु सिधा एयरपोर्ट पहूँच । तुझे मैं जानता हूँ । मेरे पे गया है तु । एकदम कमिना ।बिल्डर का बेटा :- पर मैं जा कहां रहा हूँ ।बिल्डर :- जहां की टिकट मिले वहां ।SCENE 12कमिशनर ऑफिस किशन कुमार :- ठिक है कमिशनर साहब आपको जैसा अच्छा लगता है आप वैसा करो । तभी कमिशनर के नम्बर पर एक विडीयो आता है । जिसे दैखकर कमिशनर भरत धबरा जाता है । कमिशनर विडीओ को ओपन करता है । जिसमे कमिशनर और मंत्री की बेटी को दिखाया जाता है , दोनो के बाथ पांव बंधे है और वो मास्क मेन कहता है ।मास्क मेन भीमा :- ऐ कमिशनर तेरे लिए एक ऐर गिफ्ट है रे । वो क्या है ना , मैने सौचा तुम्हें एक स्पेशल गिफ्ट दिया जाए । इतना बोलकर मास्क मेन ने कैमरा को निधी और कोमल की और घुमाता है । जिसे दैखकर किशन कुमार और भरत धबरा जाता है । निधी और कोमल दोनो के हाथ , पैर बंधे हूए थे । वो मास्क मेन निधी और कोमल को बारी बारी छुते हूए कहता है ।मास्क मेन: - कमिशनर तुसे एक डिलीट करनी थी । वो सब ड्रग्स तुम रख लो और इन दोनो को मैं रख लेता । इन्हें दैखकर अब तुमसे वो ड्रग्स मांगने का मन नही कर रहा है । फिर भी अगर तुम देना चाहते हो ...! ठिक है । कुछ टाईम बचा है तुम्हारे पास । अगर ला दोगे तो मैं इन दोनो को छोड़ दूगां । कोई जबरदस्ती नही है कमिशनर तुम चाहो तो वो सब रख सकते हो । पर फिर भी मैं उस टाईम तक वेट करुगां । उसके बाद ( निधी और कोमल पास जाकर जौर से सांस लेता है , सूंघता है ) । विडियो बंद हो जाता है । कमिशनर और किशन कुमार दौनो ही परेशान हो जाता है ।  किशन कुमार: - OH NO . ये क्या हो गया । भरत कुछ भी करो , पर मेरी बेटी को मुझे लाकर दो । उसे जो चाहिए दे दो । मैं ऑडर देता हूँ ।भरत :- सर CONTROL YOUR SELF . ये आप क्या कर रहे हो । कोमल मेरी भी बेटी जैसी है । और फिर वहां पर मेरी बेटी निधी भी है । कमिशनर कुछ सौचने बाद कहता है । किशन कुमार: - तुम क्या करने वाले हो ?भरत :- ये काम अब सिर्फ एक ही आदमी कर सकता है ।किशन कुमार: - कौन ?भरत :- रुद्रा । आईए सर ।किशन कुमार: - पर वो तो ।किशन कुमार के इतना बोलने पर भरत उन्हें वहां से बाहर गाड़ी मे बैठा देता है और वो भी साथ बैठ जाता है । किशन कुमार: - हम जा कहां रहे है ?भरत छुप चाप गाड़ी मे बैठा था । और बैठकर ड्राइवर को रास्ते का पता बताते जा रहा था । कुछ दैर बाद भरत रुद्रा के घर तक पहूँच जाता है । भरत और किसन कुमार दोनो ही रुद्रा के घर पर जाता है । किशन कुमार शिव नारायण के घर को पहचानता है वो वहां पर पहूँच कर सौच मे पड़ जाता है । तभी शिव नारायण और पि के भरत और किशन कुमार को दैखकर हैरानी से उनके पास जाता है । तब भरत रुद्रा को बुलाता है ।भरत :- रुद्रा ।भरत के बुलाने पर किशन कुमार हैरानी से भरत की और दैखता है तब रुद्रा बाहर आता है । रुद्रा को दैखकर किशन के मन मे गेंगस्टर रुद्रा दिखाई देता है ।भरत :- रुद्रा । मुझे माफ कर देना मेरे पास और कोई रास्ता नही था । आज हम तुमसे कुछ मांगने आये हैं । इतना बोलतर भरत रुद्रा को वो विडीओ दिखाता है । विडियो को दैखकर रुद्रा चुप होकर किशन कुमार की और दैखता है । किशन कुमार रुद्रा के सामने हाथ जोड़ता है और कहता है ।किशन कुमार: - मैं समझ नही पा रहा हूँ के तुम कौन सा रुद्रा हो । पर आज हमे तुम्हारी बहोत जरुरत है । मेरी बेटी को बचालो ।रुद्रा किशन कुमार के हाथ जोड़ को पकड़कर लेता है और इशारे मे हां कहता है । तब शिव नारायण कहता है । शिव नारायण: - सर आप बिल्कुल टेंशन मत लिजिये आईए आप अंदर आराम से बेठिये । रुद्रा 1 घंटे के अंदर उन दोनो को यहां लेकर आएगा । रुद्रा और पि के वहां से जाने लगता है के तभी भरत कहता है ।भरत :- मैं भी चलता हूँ तुम्हारे साथ ।पि के :- नही सर । वहां पर जो कुछ भी होगा आप दैख नही पाओगे । इससे अच्छा तो आप वहां पर जाए ही ना । पि के को बिना हकलाये कहने से भी किशन कुमार हैरान था । तब शिव नारायण किशन कुमार को अंदर लेकर चला जाता है । रुद्रा और पि के वहां से निकल जाता है ।SCENE 13भीमा का अड्डा भीमा वहां से जा चुका था और वहां पर सिर्फ उसके 40 आदमी थे । वहां पर मंगरु भी था , मंगरु विदेश से आए हुए लड़कियों की खरीदारों के साथ रुम मे गाने पर कुछ लड़कियों के साथ डांस कर रहा था । । निधी और कोमल वही पर रस्सी से बंधा था । रुम के बाहर कड़ा पहरा था । तभी वहां पर रुद्रा आता है । वहां पर एक बड़ा सा गेट था जहां पर रुद्रा आकर खड़ी हो जाता है तो रुद्रा की परछाई वहां पर दिखाई देता है जिसे दैखकर वहां मौजूद गूंडे मे एक कहता है ।गुंडा :- ऐ कौन है वहां ?उसके इतना कहने पर भी कोई जवाब नही आता है । तो गुडां दोबारा कहता है ।गुंडा :- ऐ जा के दैख रे कौन है । जाके उड़ा साले को ।उनमे से एक वहां उस परछाई की और जाता है , तभी वो आदमी वहां से भाग कर अंदर आता है और गिर कर मर जाता है । क्योंकी रुद्रा ने उसके पिठ को फाड़ दिया था । ये दैखकर वो गुडां और बाकी सभी डर जाता है । सभी एक साथ अपना अपना हथियार लिये भाग कर रुद्रा की और जाने लगता है । तभी रुद्रा सिगरेट लिये पिते हूँ सामने आता है । जिसे दैखकर सभी रुक जाते है ।रुद्रा :- कैसे हो पंटर लोग । ( रुद्रा अपने हाथ की उंगलियों को और अपने गर्दन को मड़ोरते हूए ) बहोत दिन हो गया रे तुम लोगो से मिला नही । दैख अपन यहां पर उन लड़कियों को लेने आया है । तुम लोगो से कोई खाश दुश्मनी नही रे । मुझे उन लड़कियों को दे दो । तो मैं तुम्हें छोड़ दुगां ।रुद्रा की बात को सुनकर सभी जोर - जोर से हंसने लगे । तभी एक गुंडा कहता है ।गुडां :- लो एक अंधा अंधेर नगरी मे आया है । अबे ओ तुझे दिखाई नही देता के हम इतने सारे और तु अकेला । उसके इतना कहने पर तभी वहां पर पि के आ जाता है और कहता है ।पि के :- ये अकेला नही है । मैं भी है साथ मे । सॉरी यार थौड़ा लेट हो गई ।रुद्रा: - तेरे लेट के चक्कर मे पता है इसने मुझे अकेला दैखकर कितना डराया अपन को । पि के को दैखकर वो गुडें सब पहचान लेते है और कहता है ।गुंडा :- अरे बॉस आप ? इतने महिने बाद । कहां थे इतने दिन ? आप यहां किसलिए आए हो । आपका कोई है तो बोलो मैं अभी लेकर आता हूँ ।पि के :- मुझे वो सारी लड़कियां चाहिए जो तुमने यहां पर बंद करके रखा है ।गुंडा :- क्या बॉस सभी को छोड़ दुगां तो भीमा भाई अपने को मार डलेगा । एक दो छोड़ना है बोलो । वो मेनेज कर लूगां । बॉस ये कौन है , ( रुद्रा की और इशारा करते हूए )नया है क्या ?पि के :- नही रे । पुराना ही है । सबका बाप रुद्रा ।रुद्रा का नाम सुनकर वो लोग डर से कांपने लगते है । तभी वो गुंडा रुद्रा के पास आकर कहता है । गुंडा :- रुद्रा हूह । वो तो कबका मर चुका है । अब तेरी बारी है ।इतना बोलकर वो सभी एक साथ उन दोनो पर अटेक कर देता है । रुद्रा और पि के सभी को एक - एक करके मार देता है । रुद्रा किसीके कंधे पर चाकु घोंप देता है और पैर से दबा के अंदर कर देता है । किसीका उपर से निचे तक फाड़ देता है । उनमे से एक बचता है रुद्रा उस आदमी की और बड़ता है , तो आदमी डरते हूए कहता है ।गुंडा :- मुझे माफ करदो ।रुद्रा :- वो लड़कियां कहां पर है । रुद्रा के इतना कहने पर वो आदमी इशारे से उस रुम की और दिखा देता है जहां पर वो लड़कियां थी । रुद्रा इस रुम के अंदर जाता है सभी वहां पर लड़कियों के साथ डांस कर रहा था । रुद्रा के चेहरे और कपड़ो पर खुन लगा था । वहां पर अंग्रेजी गाना बज रहा था तभी रुद्रा हिन्दी गाना लगा कर नाचने लगता है । गाना था । दुनिया हसिनो का मेला , मेले मे ये दिल अकेला । रुद्रा उस गाने का स्टेप कर रहा था । ये सब निधी और कोमल दैख रही थी और दोनो ही गुस्सा हो रही थी । क्योंकी उसे लगता था के ये सब रुद्रा ही कर लहा है । तभी वहां पर एक विदेशी रुद्रा के पास आता है और गाना बंद कर देता है । वो आदमी रुद्रा के कंधे पर हाथ डालता है । तो रुद्रा उसे वही मारकर गिरा देता है । तब सभी रुद्रा और पि के को दैखकर उसे मारने के लिए जाता है । तभी रुद्रा और पि के मिलकर सभी को मार देता है । सभी वहां जमीन पर गिरा रहता है । तभी वहां पर एक लास्ट विदेशी बचता है । वो रुद्रा से पूछता है ।विदेशी: - WHO ARE YOU ?रुद्रा :- रुद्रा ! रुद्रा नाम सुनकर वो विदेशी डर जाता है । रुद्रा वहां पर मौजूद सभी को बेरहमी से मार देता है । निधी और कोमल रुद्रा का ये अवतार दैखकर हैरान थी ।रुद्रा :- तुम सालो हमारे देश मे आकर हमे ही विडियो भेज कर डरा रहे हो । हमारा बहन बेटी को खिलोना समझ रखा है । इतना बोलकर रुद्रा सिगरेट मुह मे रखता है और लाईटर से जलाता है तभी वहां पर मंगरु आ जाता है । जो बाथरुम था । मंगरु रुद्रा को दैखकर एकदम से घबरा जाता है । मंगरु जल्दी से कोमल के पास जाता है और उसे पकड़ कर उसके कनपटी पर बंदूक रख देता है और रुद्रा से कहता है ।मंगरु :- नही रुक जाओ रुद्रा । वरना ये दोनो अपने जान से जाएगी । मुझे लगा था के तुम मर चुके हो । पर लगता है तुम्हारी मौत मेरे हाथो मे लिखी है ।मंगरु के इतना कहने पर वो विदेशी भी उठकर मंगरू की और भाग जाता है । मंगरु :- DON'T WORRY PARTNER . I AM HERE . मंगरु उस विदेशी को एक गन देते हूए ।मंगरु : - TAKE THIS AND GO AND KILL RUDRA . विदेशी :- मैं उल्लु का पट्ठा नही हूँ , मुझे मरना नही है । मैं जा रहा हूँ । सॉरी रुद्रा भाई । अब मैं कभी इंडियां से कोई लड़की नही लेकर जाउगां । अगर कभी वापस आया तो सिर्फ भगवान का दर्शन करने आउगां । चलता हूँ । जय श्री राम ।रुद्रा और पि के :- जय श्री राम ।इतना बोलतर वो वहां से जाने लगता है ।मंगरु: - अरे वो विदेशी रुक , साले चईना वाले रुक ।मंगरु कोमल के कनपटी पर गन तान कर रुद्रा की और दैखते हूए ।मंगरु :- दैख रुद्रा भले ही तुझसे सब डरता हो । मगर बाजी अब मेरे हाथ मे है । इसलिए कोई होशियारी नही । इतना बोलकर मंगरु रुद्रा की तरफ गन को करता है तभी निधी उछलकर मंगरु के हाथ मे मारती है जिससे मगरु लड़खड़ा जाता है तभी कोमल वहां हटना चाहता है के मंगरु कोमल को एक मुक्का मारता है , जिससे कोमल रुद्रा के बाहो मे चली जाती है । तभी मंगरु कोमल को गोली मार देता है तो रुद्रा कोमल को दुसरी और घुमा देता है जिससे गोली रुद्रा के कंधे पर लगती है । रुद्रा को गोली लगने रुदेरा कोमल के बाहों मे गिर जाता है । कोमल , निधी और पि के सब घबरा जाता है । मंगरु :- हा हा हा । क्या रे रुद्रा मेरे से होशियारी । आज तो तेरा मरने दिन पक्का है । साला इतने दिनो से तु मेरे हाथो मरने के लिए बचा था क्या रे । मंगरु बात करते करते रुद्रा की और जाने लगता है । तभी रुद्रा कोमल को पकड़े रखा था और वहां रखे एक रोड को अपने हाथ मे पकड़ता है । जैसै ही मंगरु रुद्रा के सामने आता है रुद्रा उसके छाती मे वो रोड घोंप देता है । रुद्रा मंगरु के हाथ को पकड़ता है जिसमे गन था और दुसरा हीथ छाती मे घोंपे हूए रोड मे था । रुद्रा मंगरु को पकड़ कर दिवार के पास लोकर जाता है । रुद्रा निधी और कोमल को दुसरी और मुह घुमाने को कहता है तो दोनो अपना मुह दुसरी और घूमा लेती है । तब रुद्रा मंगरु के छाती मे घोंपा हूआ रोड को पकड़कर उपर उठा देता है , जिससे मंगरु का छाती चिरता हूआ वो रोड रुद्रा के हाथ मे आ जाता है । मंगरु की वही मौत हो जाती है । गोली लगने की वजह से रुद्रा लड़खड़ाते हूए निधी और कोमल का हाथ पैर खोलता है । कोमल रुद्रा को दैखकर प्यार मे पड़ जाती है । रुद्रा सभी को लेकर कार से अपने पुराना घर जहां पर रुद्रा का आलीशान घर है जो मंत्री के घर से भी बड़ा है गोरीवली गांव चला जाता है । पि के कार चलाता है और निधी रुद्रा के घांव को कपड़े ढक कर रखी है । पि के कार को रुद्रा के घर जहां पर मंत्री , शिव नारायण और कमिशनर दोनो पहले से मौजूद थे । रुद्रा की कार को दैखकर वहां पर लाखो लोगो की भीड़ लग जाता है । सभी रुद्रा को दैखकर खुश हो जाता है और कार के पिछे भागने लगते है । कार को दैखकर सभी कार के पास आता है । कमिशनर और उसकी पत्नी निधी को दैखती है तो निधी जाकर उन दोनो के गले लग जाती है । और किशन कुमार और उसकी पत्नी कोमल को दैखती है तो कोमल भाग कर उन के गले लग जाती है । कोमल रोते हूए कहती है ।कोमल :- पापा ! रुद्रा को गोली लगी है । किशन कुमार :- क्या ?कोमल :- हां पापा । वो गोली मुझे लगनी थी जिसे रुद्रा ने अपने उपर ले लिया । पापा रुद्रा को कुछ नही होना चाहिए ।किशन कुमार: - हां बेटा उसे कुछ नही होगा ।तभी पि के रुद्रा को कार से बाहर निकालता है । रुद्रा को ऐसे दैखकर गांव के सभी गुस्से से बोखला जाता है । पि के रुद्रा को अंदर लेकर जाता है । कोमल भी रुद्रा के पास जाती है निधी भी जाना चाहती है पर वो कोमल को दैखकर रुक जाती है । निधी के मन मे भी रुद्रा के लिए प्यार था । पर वो चुप थी । पि के रुद्रा को एक बिस्तर पर सुलाता है और कहता है ।पि के :- हमे एक डॉक्टर की जरुरत है । खुन बहोत बह चुका है । हम रुद्रा को बाहर नही ले जा सकते ।कमिशनर: - हां निधी है । तभी वहां पर निधी आ जाती है और रुद्रा को दैखती है ।निधी :- मुझे कुछ चीजों की जरुरत है पर हमारे पास समय उतना नही है । घर मे फास्ट एड बॉक्स है ना ।पि के की और दैखती है ।पि के :- हां है । मैं लेकर आता हूँ । पि के वो फास्ट एड बॉक्स लेकर आता है । निधी उसे एक पर्ची दे देती है और कहती है ।निधी :- ये सब जितना जल्दी हो सके लेकर आओ । पि के वहां से चला जाता है । निधी शिव नारायण की और दैखती है और कहती है ।निधी :- मुझे ये गोली अभी के अभी निकालनी होगी वरना रुद्रा के जान को खतरा हो सकता है । पर बिना anesthesia गोली निकालने पर रुद्रा को बहोत दर्द होगा ।शिव नारायण: - तुम निकालो बेटी । इसे कुछ नही होगा । इसका काम अभी अधुरा है , इसकी कशम अभी अधुरी है । ये हर दर्द सहेगा । तुम अपना काम करो । शिव नारायण के इतना कहने पर निधी एक चाकु लेती है और रुद्रा के घांव के अंदर डाल देती है गोली निकालने लगती है । जिससे रुद्रा दर्द से चिखने लगता है । रुद्रा के चिखने से निधी अपना काम नही कर पा रही थी । निधी घबराने लगती है । उसका हाथ कांपने लगता है । जब जब निधी रुद्रा के घांव मे चाकु लगाती रुद्रा चिखने लगता । तब शिव नारायण रुद्रा के पास उस बच्ची को लेकर आता है । वो रुद्रा को दैखकर कहती है ।  बच्ची :- मामा ...! बच्ची के मामा कहने से रुद्रा उस बच्ची को दैखने लगती है । वो बच्ची रुद्रा के माथे पर अपना हाथ फेरने लगती है । रुद्रा को वहां पर उसकी मां और फिर कभी उसकी वो बहन दिखाई देता है । रुद्रा अपने चिख को अपने दर्द को सहन करने लगता है । जिसे दैखकर सभी हैरान हो जाता है । तब कोमल रुद्रा के पास आती है और उसका हाथ थाम लेती है । तभी निधी रुद्रा के कंधे से गोली निकाल देती है और फास्ट एड बॉक्स वाली दवाई लगा देती है । निधी रोती हूई वहां से बाहर आती है । सभी निधी के पास आ जाता है । भरत निधी को अपने गले से लगा लेती है । तो निधी रोती हूई कहती है ।निधी :- पापा । उसको बहोत दर्द हूआ । वो इतना दर्द कैसे सह सकता है ।शिव नारायण: - कोई नही सह सकता है । पर रुद्रा को सहना पड़ेगा । उसे वो सब सहना पड़ेगा जो उसके रास्ते पर आएगा ।कोमल :- क्यों । ऐसा क्या हूआ है रुद्रा के साथ ?शिव नारायण: - जानना चाहते हो तो सुनो । ये बात मेरे और कमिशनर भरत के अलावा और कोई नही जानता । रुद्रा मेरा बेटी नही है और ना ही मैं उसका बाप हूँ । वो तो बेचारा बचपन मे ही अनाथ हो गया था । बात उस समय की है । जब वहां पर रोजगार की कमी और अकाल पड़ गया था । शिव नारायण उस पल मे चला जाता है और बोलकर सुनाता है । कुछ लोग नौकरी का लालच देकर सभी लोगों को इस शहर से दुसरे शहर रोजगार के लिए ले जाने लगे । रुद्रा का बाप भी वहां से बम्बई के लिए जाने लगे थे । वो अकेला गया था क्योकी रुद्रा की माँ उस समय प्रेगनेंट थी । मैं अपने गांव को छोड़कर नही । पर ये सब सिर्फ सुनने और कहने की बात थी वहां पर रोजगार तो दूर रहने तक का ठिकाना नही था वहां पर । कुछ महीनो तक रुद्रा से बाप का चिठ्ठी और पैसा आने लगा । कुछ दिन बाद रुद्रा का जन्म हूआ । जब रुद्रा 6 साल का हो गया तो रुद्रा की माँ ने अपने पति को चिट्ठी भेजी के गांव के हालात लगभग सुधर गया है । अब उसे शहर मे रहने की कोई जरुरत नही है । पर उधर से कोई जवाब नही आया । पैसे आना भी बंद हो गया । रुद्रा की माँ ने कई बार चिट्ठी भेजी पर किसी चिट्ठी का कोई जवाब नही आया । तब रुद्रा की मां ने शहर जाने का फैसला किया । मैने बहोत मना किया पर वो एक ना सुनी । तब मैं भी इसके साथ शहर चला गया वहां जाकर पता लगा के मुर्शीद नाम का एक पाकिस्तानी आतंकी ने शहर पर कब्जा कर लिया है । और कई जगह पर बंम ब्लास्ट कराया है जिसमे हजारो लोगो की जाने चली गई । जिसमे कुछ दूसरे शहर के भी ने । हमने रुद्रा के पिता को ढुडने की बहोत कोशिश की पर वो कहीं नही मिला , हमलोग पुलिस के गए । जहां पर एक सिपाही था मोहन प्रताप , हमने उनसे रुद्रा के पिता के बारे मे पूछा पर वो कुछ बताने के बजाए रुद्रा माँ गंदी नजर से घुर रहा था । मोहन कुमार कई बार रुद्रा के माँ को परेशान किया । तो एक दिन रुद्रा की माँ ने उसो एक थप्पड़ जड़ दिया. । फिर एक दिन ..!SCENE 14.रुद्रा के मां का घर जोरो की बारिश हो रही थी । अदर मे रुद्रा की मां और रुद्रा था तभी दरवाजा पर कोई आता है जो दरवाजा खटखटाता है । रुद्रा की माँ दरवाजा खोलती है बाहर पर एक पुलिस वाला था । पुलिस: - तु अपने पति ढुंड रही थी ना ।रुद्रा की माँ :- हां ... हां ।पुलिस :- तुझे मेरे साथ थाने चलना होगा । वहां पर कुछ लोग हमे मिले है पता किया तो तेरा नाम बोला सुसीला । तु ही है ना । रुद्रा की माँ :- ( रोते हूए ) :- हां । मैं ही हूँ ।पुलिस :- चल जल्दी ।रुद्रा की माँ इतना सुनकर खुश हो जाती है । वो जल्दी जल्दी रुद्रा को गौद मे उठाती है और बाहर आती है ।पुलिस: - अरे बच्चे को कहां लेकर आ रही है इतनी बारिश मे ।रुद्रा कि माँ :- इसे अकेला नही छोड़ सकती ।पुलिस :- अच्छा चल ।इतना बोलतर वो पुलिस वाला रुद्रा और उसकी माँ को मोहन के अड्डे पर लेकर जाता है जहां पर मुर्शीद भी था । रुद्रा और उसकी माँ को पुलिस के साथ जाते दैखकर शिव नारायण भी वहां के पुलिस स्टेशन जहां पर भरत थे वहां पर जाता हैै और सब बोलकर सुनाता है । इधर सभी शराब के नशे मे था । वो पुलिस रुद्रा की माँ को लेकर वहां पर पहूँच जाता है । सुसिला वहां पर मोहन और मुर्शाद को दैखकर हैरान हो जाती है । वो घबराती हूई पुलिस से पूछती है । रुद्रा की माँ :- आप मुझे कहां लेकर आ गए । आपने तो कहा था के रुद्रा के बाबा मिल गए है । पुलिस :- सर मेरा काम हो गया है , मैं ....चलू । उस पुलिस के इतना कहने पर मोहन एक नोट की गड्डी उसकी तरफ फेंकता है , उस नोट की गड्डी को लेकर वो वहां से चला जाता है । रुद्रा की माँ समझ जाती है के उसे यहां पर लाया गया है । रुद्रा की माँ अपनी चारों और दैखती है तो वहां पर बहोत सारे लड़कियां थी , जिसे मोहन मुर्शीद को बेच रहा था । तब मोहन शराब का ग्लास लेकर उठता है और मुर्शीद से कहता है ।मोहन :- देखा भाई । मैने कहा था । एक दम झकास लगती है । बोले तो एक दम कड़क ।मुर्शीद: - शुक्रिया मोहन जी । आज आपने तो मेरा दिल जीत लिया । पर ये बच्चा ।मोहन :- अरे भाई । आप बच्चे का टेंशन छोड़ो और उसकी माँ पर ध्यान दो । इतना बोलकर मोहन रुद्रा को उससे छीन लेता है । रुद्रा :- माँ ...! माँ.....! रुद्रा की माँ :- रुद्रा ! छोड़ दो मेरे बच्चे को । हमे जाने दो । रुद्रा अपनी माँ को पुकारे जा रहा था , और रुद्रा की माँ बार बार हाथ जोड़कर उन सबसे छोड़ने को बोल रही थी , पर वो लोग हंसते हूए रुद्रा की माँ के पास आने लगता है । मुर्शीद रुद्रा की माँ की और बड़े जा रहा था और रुद्रा की माँ पिछे जा रही थी । मुर्शीद सुसिला का हाथ पकड़ लेता है । पर सुसिला अपना हाथ छुड़ा लेती है । जब वो लोग सुसिला को पकड़ नही पाता है तब मोहन एक चाकु लेकर रुद्रा के गले पर रख देता है और कहता है ।मोहन :- ऐ । वही रुक जा वरना तेरे बेटे का गला काट दूगां । मोहन मुर्शीद को इशारा करके सुसिला की और जाने को कहता है । तब मुर्शीद सुसिला के पास जाता है और उसे जबरदस्ती शराब पिलाने लगता है । जिससे सुसिला को नशा हो जाता है और वो लड़खड़ाने लगती है । रुद्रा बार बार अपनी माँ को पुकारता है । अपनी माँ की ऐसी हालत दैखकर रुद्रा मोहन के हाथ को काट लेता है जिसे मोहन के हाथ से चाकु गिर जाता है । रुद्रा वो चाकु उठाकर भागकर अपनी माँ के पास आ जाता है । रुद्रा के हाथ से चाकु लेकर सुसिला मुर्शीद को खबरदार करता है पर मुर्शीद सुसिला की और शराब के नशे मे बड़ता जा रहा था । सुसिला भी लड़खड़ाती हूई मुर्शीद को चाकु से वार करता है । जिससे मुर्शीद के चेहरे पर गहरा घांव लग जाता है और मुर्शीद वही गिर जाता है । तब मोहन उससे कुछ दुर रखी गन को उठाता है और सुसिला को गोली मार देता है । जिससे सुसिला वही पर गिर जाती है । रुद्रा अपनी माँ को गिरता हूआ दैखकर अपने माँ के पास रोते हूए जाता है ।रुद्रा :- माँ ....! माँ उठो ना माँ । माँ तुम्हें क्या हो गया माँ । माँ उठो ना ।तभी वहां पर मोहन आता है और रुद्रा के बाल को पकड़कर उठाता है । जिससे रुद्रा को दर्द होता है और अपनी माँ को पुकारता है । मोहन रुद्रा को लेकर वही सुसिला के पास बैठ जाता है और कहता है ।मोहन :- बेचारी । अगर मेरा बात मान लेती तो जिंदा रहती । मोहन रुद्रा की और दैखकर कहता है । मोहन :- तेरी माँ तो गई । अब तु जी कर क्या करेगा । जा अपने माँ के पास । इतना बोलकर मोहन रुद्रा के उपर गन तान देता है । तभी सुसिला उठती है और मोहन के हाथ मे चाकु से वार करती है जिससे मोहन के हाथ से गन गिर जाता है । सुसिला गन को उठा लेती है और उन सब पर तान देती है । तभी वहां पर वो पुलिस भी आ जाता है जिसने सुसिला को लाया था । वो सुसिला की और आता है तो सुसिला उसे गोली मार देती है जिससे वो वही पर मर जाता है । तब सुसिला रुद्रा से कहता है । जा बेटा बाकी सभी को तु छुड़ा कर ले आ । रुद्रा वहां पर मौजूद सभी लड़कियों को छुड़ा लेता है और सभी लड़कियां सुसिला के पिछे खड़ी हो जाती है । सुसिला को गोली लगने के वजह से अब वो थक चुकी थी । सुसिला अपने घुटने पर रुद्रा के पास बैठती है और उसके माथे पर चुमती है फिर बालो को सहलाते हूए कहती है । सुसिला :- बेटा मुझसे एक वादा करेगा । सुसिला अपना हाथ बड़ाती है तो रुद्रा भी अपना हाथ अपने माँ हाथ मे देता है और हां मे सर हिलाता है ।सुसिला :- आज के बाद तुझे अकेले जीना होगा । और मुझसे वादा कर के तु जीयेगा । जब तक इन जैसे को मार नही देता । तु मरेगा नही । वादा कर बेटा ।रुद्रा :- वादा रहा माँ । सुसिला :- आज के बाद तु कभी भी किसी भी लड़की को इन लोगो के हाथ लगने नही देगा । रुद्रा :- हां माँ । वादा रहा ।सुसिला :- आज इनके वजह से तुझसे तेरी माँ अलग हो रही है बेटा । वादा कर अब कोई बेटा अपने माँ को नही खोयेगा । तु अपने नाम का इतना खोफ फैलाना के सभी इनके जैसे लोग तेरे नाम से कांपने लगे । उसके लिए चाहे तुझे जो कुछ भी करना पड़े वो करना ।रुद्रा :- ( रोते हूए ) :- वादा माँ ।सुसिला एक गहरी सांस लेती है । इतना बोलकर रुद्रा अपने माँ के गले लग जाता है और रोने लगता है । सुसिला अपने बेटे रुद्रा के माथे पर चुमती है । और रुद्रा गाल को सहलाती है और कहती है ।सुसिला: - जा बेटा । चला जा यहां से ।रुद्रा :- नही माँ । मैं तुम्हारे बगैर नही रह सकता माँ । सुसिला: - (दर्द से कराहते हूए ) मेरे पास ज्यादा समय नही है बेटा । दैर मत कर जा यहां से जा । कुछ भी हो जाए पर पिछे मुड़कर मत दैखना बेटा ।इतना बोलकर सुसिला रुद्रा को धकेल देता है । रुद्रा रोते हूए कुछ जाता है , फिर भाग कर अपने के गले लगता है और अपने माँ को चुंमता है । सुसिला :- जा बेटा । अपना ख्याल रखना और अपने माँ को माफ कर देना बेटा मैं तुम्हारा साथ नही दे पाई । पर मेरा आशीर्वाद तेरे साथ है बेटा । जा बेटा जा । अपनी मां को नम आँखो से दैखते हूए रुद्रा और वो सभी लड़कियां वहां से बाहर जाने लगती है । मुर्शीद और मोहन वहां से उन लड़कियो को रोकने की कोशिश करने लगा पर सुसिला गन को उनके उपर ताने हूए थी । मोहन अपने कुछ लोगों को सुसिला की और भेजता है उन सब को सुसिला बड़े बहादुरी से एक एक करके सबको मार देती है । किसी को गोली तो किसी को चाकु से मारती है । सुसिला उस समय काली मां का रुप लगने लगती है । मोहन और मुर्शीद दौनो डर सुसिला की और बड़ने लगता है तब सुसिला उन दोनो की गुस्से से दैखती है तो दोनो ही थर थर कांपने लगते है । सुसिला रुद्रा की और दैखते ही रहती है , जब रुद्रा कुछ दुर चला जाता है तब सुसिला थक जाती है और बेहोश होने लगती है । तब मुर्शीद इसका फायदा उठाकर सुसिला को गोली मार देता है । जिससे सुसिला गिर जाती है और वही पर उसकी मौत हो जाती है । रुद्रा पिछे मुड़कर दैखता है । रुद्रा जोर से चिल्लाता है । रुद्रा :- माँ ......! रुद्रा के चिल्लाने से मुर्शीद और मोहन रुद्रा पर गोली चलाता है पर रुद्रा बच जाता है । रुद्रा अपनी को दैखता है फिर मुर्शीद और मोहन को गुस्से से दैखता है । मुर्शीद और भीमा भागकर बाहर आता है और सभी लड़कियों को गोली मार देता है । जिससे सभी लड़कियां मर जाती है । तभी वहां पर भरत आ जाता है और उन दोनो पर गोलियां चलानी सुरु कर देता है , इधर से मोहन और मुर्शीद भी भरत पर गोलियां चलाता है । तब मोहन मुर्शीद से कहता है । भाई यहां से जल्दी चलो । पुलिस आ गई है । जिससे मुर्शीद और मोहन भाग जाते है । भरत वहां पर पहूँचता इससे पहले सभी भाग जाते है । तभी भरत की नजर रुद्रा पर जाता है । रुद्रा वहां पर छिपा हूआ था । शिव नारायण भी वहां पर आ जाता है । रुद्रा को लेकर भरत और शिव नारायण वहां से भरत के घर पर चले जाते है । तब रुद्रा भरत से कहता है ।रुद्रा :- सर आप उन लोगो को छोड़ना मत । जैसे उन्होने सभी को मार डाला आप भी अपने गन से मार देना । भरत :- नही बेटा । मैं ऐसा नही कर सकता । रुद्रा :- क्यों गन तो आपके पास भी है ना ?भरत :- हां बेटा । पर वो लोग गेंगस्टर है और मैं पुलिस । मेरे हाथ कानून से बंधे है । मैं बिना सबुत के कुछ नही कर सकता । रुद्रा :- और वो लोग । उनके हाथ नही बंधे होते ।भरत :- नही बेटा । वो लोग तो कानून को तोड़ने वाले होते है । पर अगर जब भी मेरे पास उनके खिलाफ सुबूत होगा । मैं उन लोगो को नही छोड़ूंगा ।रुद्रा :- क्या बिना सुबूत के आप कुछ नही कर सकते ।भरत :- नही बेटा ।रुद्रा भरत से इतना सुनकर समझ जाता है के अगर उनको मारना है तो गैंगस्टर बनना होगा । तभी वहां पर निर्मला आ जाता है । निर्मला रुद्रा को दैखकर भरत से पूछती है ।निर्मला :- ये बच्चा किसका है ?निर्मला के सवाल पर भरत उसे सब बोलकर सुनाता है । भरत की बात को सुनकर निर्मला गुस्से से कहती है । निर्मला :- क्या ? आप इसे यहां नही रख सकते । भरत :- निर्मला , ये बेचारा अकेला है , इसकी माँ नही अब । कहां जाएगा ये बेचारा ।निर्मला :- ये कही भी जाये । पर मैं इसे यहां पर नही रख सकती । इसके चलते अगर वो लोग यहां आ जाए तो । नही । आप इसे कही और छोड़ कर आओ । मैं उसे यहां एक पल भी नही रहने दूगीं ।भरत :- निर्मला मुझे तुमसे ये उम्मीद नही थी । एक बात ध्यान से सुनो वो यही रहेगा । समझी । चाहे जो हो जाए ।इतना बोलकर भरत बाहर आता है । बाहर आकर वो रुद्रा को ढुडता है । भरत :- रुद्रा ..! बेटा रुद्रा ।भरत रुद्रा को हर जगह ढुडंता है पर रुद्रा वहां पर नही था । क्योंकी रुद्रा उन दोनो की बात सुन लेता है और इसिलिए वो वहां से निकल जाता है । भरत शिव नारायण के पास जाता है । जो भरत के घर मे बैठा था ।भरत :- शिव नारायण जी । रुद्रा यहां पर है क्या ।शिव नारायण: - नही सर । वो तो आपके पास था ना ।भरत अपने सर पर हाथ रखता है । और गुस्से से निर्मला की और दैखता है । भरत समझजाता है के रुद्रा उन दोनो का बात को सुनकर वहां से चला गया है ।SCENE 15.ढाबा रात का समय एक ढाबा जहां पर कुछ लोग नास्ता कर रहे थे । वेटर सभी को खाना परोसता रहा था । अशोक ( जवानी मे ) वहां पर अपने कुछ दोस्तो के साथ खाना खा रहा था । खाना खाने के बाद वेटर एक बिल का पर्ची निकाल कर टेबल पर रख देता है । अशोक पर्ची को दैखकर कहता है ।अशोक :- ये क्या है बे ?वेटर :- जो खाया उसकी बिल है ।अशोक :- किस चिज का पैसा बे । साले जानता है मैं कौन हूँ । मेरे से पैसा मांगता है तु ।वेटर :- फोकट का थौड़ी मांग रहा हूँ । जो खाया है उसका पैसा मांगता हूँ । खाना फ्री मे थोड़ी मिलता है । अशोक अपना गन निकालकर वेटर पर तान कर कहता है ।अशोक :- साले एक कान के निचे लगाउगां ना , सारी अकल ठिकाने पर आ जाएगी । अशोक उसे डांटने लगता है । और वेटर के कॉलर को पकड़ लेता है । तभी वहां पर एक गाड़ी रुकती है । जिसमे से एंथोनी उतरता है । सिगार पिते हूए एंथोनी बड़े स्टाइल के साथ एक टेबल पर बैठता है । एंथोनी को दैखकर अशोक उस वेटर को डर से छोड़ देता है । ये सब रुद्रा वहां पर बैठकर दैख रहा था । एंथोनी को दैखकर अशोक उस वेटर के कपड़े को साफ करने लगता है और कहता है ।अशोक :- कितना हूआ रे तेरा ।वेटर :- सामने बिल रखा तो है , दैखकर दे दो ।वोटर की बात पर दांत को भीचते हूए अशोक कहता है ।अशोक :- क्यो बे । ज्यादा चर्बी चड़ी है । बोल नही सकता ।अशोक पर्ची को उठाता है और दैखता है । अशोक पुरा पैसा देकर वहां से चली जाता है । तभी एंथोनी कहता है । एंथोनी :- अरे वो छोटु (वेटर को ) ।वेटर: - जी भाई । एंथोनी :- खाना लगा रे ।वेटर :- लाता हूँ ना भाई ।तभी वहां पर एक आदमी अपनी पत्नी को डांट रहा था और उसका हाथ पकड़ कर ले जा रहा था । पर उलकी पत्नी जाने से मना कर रही थी । तो उस आदमी ने अपनी को एक थप्पड़ मार देता है । जिसे दैखकर एंथोनी को गुस्सा आ जाता है और वह अपने जगह से उठने ही वाला होता है के । तब रुद्रा वहां से उठता है । और उस आदमी को चिल्लाकर कहता है । रुद्रा :- ऐय .......! रुद्रा के चिल्लाने से वो आदमी हैरान हो जाता है और एंथोनी अपने जगह पर रुक जाता है और रुद्रा को दैखने लगता है । रुद्रा उस आदमी के पास जाता है और कहता है ।रुद्रा :- छोड़ उसका हाथ ।आदमी :- आंई । तु कौन रे । तेरी हिम्मत तो कम नही है । इतना सा होकर मुझपर चिल्लाता है । चल भाग यहां से ।रुद्रा :- मैने कहां हाथ छोड़ उसका ।आदमी :- मेरी बीवी है । मैं जो चाहे करु तुझे उससे क्या । दु क्या एक तेरे कान के निचे । रुद्रा :- बीवी हो या जो हो । जब वो जाना नही चाहती तो (चिल्लाकर कहता है ) क्यों जबरदस्ती करता है । रुद्रा के चिल्लाने से वो आदमी डर जाता है और अपनी पत्नी का हाथ छौड़ देता है । जिसे दैखकर एंथोनी हल्की मुस्कान देने लगता है । तब वहां पर एंथोनी उठकर आता है और रुद्रा के कंधे पर हाथ रख कर कहता है ।एंथोनी :- वाह क्या बात कही है तुने बच्चे । दिल जीत लिया । एंथोनी को दैखकर वो आदमी डर से चुप हो जाता है । एखोनी उस आदमी की तरफ गुस्से से दैखता है फिर रुद्रा से कहता है ।एंथोनी :- तुम्हारा नाम क्या बच्चे ।रुद्रा: - रुद्रा ।एंथोनी :- यहां किसके साथ आए हो ! कहां रहते हो ?रुद्रा :- अपनी माँ के साथ आया था ।एंथोनी :- आया था मतलब तुम्हारा माँ कहां है ?एंथोनी के इतना पूछने पर रुद्रा के आखो से आंशु बहने लगते है । और फिर रुद्रा एंथोनी को सारी बात बोलकर सुनाता है । जिसे सुनकर एंथोनी को बहोत बुरा लगता है ।एंथोनी :- अब तु क्या करेगा रे ।रुद्रा: - मैं गेंगस्टर बनूगां ।रुद्रा की बात को सुनकर हल्की मुस्कान दैकर कहता है । एंथोनी :- गेंगस्टर ही क्यों ! पुलिस क्यों नही ।रुद्रा :- क्योकि पुलिस के हाथ बंधे होते है । और मुझे बंधा हूआ हाथ नही चाहिए । मैं किसी भी लड़की या औरत को यहां से बाहर नही जाने दूगां सबकी रक्षा करुगां । यहां पर सिर्फ मेरा राज चलेगा ।रुद्रा की बात सुनकर एंथोनी खुश हो जाता है । और उसे गौद मे उठा लेता है।रुद्रा :- आप कौन हो ! पुलिस या गेंगस्टर ?एंथोनी :- पुलिस वाला गेंगस्टर ।रुद्रा :- ये क्या होता है ! दोनो एक साथ ।एंथोनी: - हां । क्यों नही । पुलिस के हाथ बंधे होते है , पर हमारे नही । कुछ काम ऐसा होता है जो पुलिस नही कर पाती वो काम मैं कहता हूँ । तो हूआ ना पुलिस वाला गेंगस्टर । पुलिस का काम भी और हाथ भी ना बंधे हो ।रुद्रा :- मुझे भी आपके तरह बनना है । मुझे बनाओगे । पुलिस वाला गेंगस्टर ।एंथोनी :- अरे तु तो मुझसे भी बड़ा गेंगस्टर है । हा हा हा हा । ऐ चलो रे ।इतना बोलकर एंथोनी रुद्रा को लेकर उस जगह पर पहूँच जाता है जहां पर रुद्रा की मां और बाकी लड़कियो को मारा था । वहां पर जाकर दैखता है के कुछ आदमी सभी लासों को एक गाड़ी मे भर रहा था । एंथोनी उन सबको दैखकर उन लोगों पर गोलियां चलाने लगता है जिससे कुछ मर जाता है और बाकी एंथोनी को दैखकर वो सभी वहां से भाग जाते है ।इधर मुर्शीद मोहन को फोन करता है ।मुर्शीद: - मोहन । मैने तुम्हार ट्रांसफर दुसरे शहर मे करा दिया है । यहां से जल्दी निकल जाओ । क्योंकी इसमे अब पुलिस इंनभाल्व हो गई है ।मोहन :- ठिक है भाई ।इधर एंथोनी रुद्रा की माँ को उसी जगह पर चिता पर लेटा देता है । रुद्रा अपनी को दैखता है और माँ के साथ बिताऐ कुछ पल को याद करता है । जिसमे रुद्रा को खाना खिलाती है , खेलती है , हंसती है । रुद्रा भाग कर अपने माँ के चिता के पास जाता है और अपनी को पकड़कर रोने लगता है ।रुद्रा :- माँ ....! ( रोने लगता है ) तब एंथोनी रुद्रा के पास आता है रुद्रा एंथोनी को पकड़कर रोने लगता है । और फिर रुद्रा चिता मे आग लगा देता है । आग को दैखते हूए रुद्रा बहोत रोता है । एंथोनी रुद्रा को गले से लगा के रखता है । आग बुझ जाती है । रुद्रा के आंखो मे अभी भी आंशु था ।। एंथोनी रुद्रा से कहता है ।एंथोनी :- चल बच्चा । आज से तु मेरे साथ रहेगा मेरा बड़ा बेटा बनकर । ये मेरा छोटा बेटा मेक्स है । मैं चाहता था ये मेरे जैसा बने । बहादुर । पर ये मारपिट दैखकर डर जाता है । और मुझे मारपीट करने ये मना करता है । अब तु आ गया तो मैं इसे यहां से गोवा पड़ने इसकेे मामा माइकल के पास भेज दूगां ताकी इसे पता ना चले के इसका बाप क्या करता है । चल बेटा मेरे साथ चल ।रुद्रा :- नही ! मैं अपने माँ के पास ही रहूगां ।एंथोनी :- पर बेटा यहां पर कैसे रहोगे तुम । अच्छा ठिक है , मैं तुम्हारे लिए कुछ ऐसा करुगां जिससे तुम यहां पर रह सकोगे ।रुद्रा एंथोनी की और दैखता है । एंथोनी झुककर रुद्रा से कहता है ।एंथोनी :- हां मेरा बेटा । मैं यहां पर तुम्हारे लिए महल बना दुगां जहां पर तुम रह भी सकोगे और अपने माँ को दैख भी सकोगे । दुनिया मे कोई परमानेंट नही है । सबको एक ना एक दिन जाना ही है । कभी अगर ऐसा दिन भी आए के मैं ना रहूँ तो मेरा एक काम करना । मेक्स को अपने छोटे भाई की तरह पालना । उसे इन सबका पता चलने मत देना के तु क्या करता है और मैं क्या करता हूँ । और फिर अपने आपको अकेला मत समझना । मेरा साला है माईकल । गोवा मे है । जब भी तुम्हें लगे के तुम मुसीबत मे हो तब तुम माईकल के पास चले जाना । वो जरुर तुम्हारा मदद करेगा ।रुद्रा खुश होकर एंथोनी के साथ चला जाता है । एंथोनी उस जगह पर रुद्रा के लिए एक बहोत बड़ा घर बनवा रहा था । जो किसी महल से कम नही था । इधर रुद्रा एंथोनी के घर मे रहता है और अपनी माँ को याद कर करके उदाश हो जाता है । तभी एंथोनी रुद्रा के पास आता है और कहता है ।एथोनी :- क्या बात है रुद्रा तु उदास क्यों है ?रुद्रा :- माँ की याद आ रही है ।रुद्रा की बात को सुनकर एंथोनी रुद्रा को गले लगा लेता है । तब एंथोनी रुद्रा को एक मैजिक शो लेकर जाता है , ताकी रुद्रा का मन बहला सके । पर सर्कश देखने पर भी वह नही हंसता है । तब एक जगह पर एक मजिसियन अपना छड़ी घुमाता है और वहां से कभी कबुतर तो कभी इंसान को निकालता है । ये दैखकर रुद्रा बहोत खुश हो जाता है । रुद्रा की खुशी दैखकर एंथोनी भी खुश हो जाता है । रुद्रा एथोनी से कहता है ।रुद्रा :- काका । मुझे इससे मिलना है ।एंथोनी :- अच्छा ठीक है । शो खतम होने के बाद मिला दुगां ।एंथोनी से इतना सुनकर रुद्रा खुश हो जाता है । शो खतम होने के बाद एंथोनी उस मजिसियन का वहां पर वेट कर रहा था । तभी वो आदमी आया और एंथोनी को दैखकर कहता है ।मजिसियन :- एथोनी भाई, माफ करना आपको इंतजार करना पड़ा ।एंथोनी :- कोई नही । आपका काम था मैं समझ सकता हूँ ।मजिसियन : - कहिए भाई मैं क्या कर सकता हूँ आपके लिए ।एंथोनी :- ये मेरा बेटा है । आपका मैजिक दैखकर ये मुझसे जिद करने लगा के आपसे मिलना है । मजिसियन :- मुझसे , क्या बात है ।एंथोनी :- मैने बहोत पूछा । पर इसने कहा के मैं सिर्फ उन्ही से कहूँगां । अब आप ही पूछो । क्या पूछना चाहता है ये आपसे ।मजिसियन :- बोलो बेटा । क्या पूछना चाहते हो ?रुद्रा :- वो आपने जो जादु किया ना , वो कबुतर आ गया तो फिर वो एक लड़की आ गया । आपने ये सच मे किया ?मजिसियन :- हां ।रुद्रा :- क्या सच मे ऐसा हो सकता है । के आप यूं अपना छड़ी घुमाते है और जिसे चाहे उसे अपने पास बुला लेते हो ?मजिसियन :- हां । क्योकि मैं एक जादूगर हूँ ।रुद्रा :- तो फिर आप अपना छड़ी घुमाओ ना , और मेरी माँ को लेकर आओ । मुझे उनसे बात करनी है ।रुद्रा से इतना सुनकर एंथोनी और वो मजिसियन दोनो ही चुप हो जाता है ।रुद्रा :- घुमायिये ना । मुझे माँ से बात करनी है ।वो मजिसियन रुद्रा के पास आकर घुटने के बल बैठ जाता है और कहता है ।मजिसियन :- बेटा । मैं एक मजिसियन हूँ । मैं सब कुछ कर सकता हूँ , पर माँ को जादु से नही ला सकता ।रुद्रा :- क्यो नही ला सकते आप माँ को ?मजिसियन :- क्योंकी वो माँ है । दुनिया मे किसी के पास भी वो ताकत नही है जो माँ को ला सके । माँ तो भगवान है रे । और भगवान पर कोई जादु कैसे चला सकता है ।एंथोनी :- रुद्रा । बेटा तुम्हारी माँ कही नही गयी है , वो यही है तुम्हारे पास ।रुद्रा :- तो फिर मैं दैख क्यों नही पा रहा हूँ ।एंथोनी :- क्योकी वो तो भगवान है । और भगवान को कोई दैख नही सकता । वो हमेशा तुम्हारे साथ है और रहेगी । अब चलो मैं तुम्हें तुम्हारे माँ को पास लेकर जाता हूँ । रुद्रा: - सच्ची ।एंथोनी :- सच्ची ।एंथोनी उसे वहां से लेकर उस जगह पर जाता है जहां पर एंथोनी ने रुद्रा के लिए घर बनवाया था । रुद्रा घर को दैखकर उतना खुश नही होता है । तब एंथोनी रुद्रा को उस जगह पर लेकर जाता है जहां पर रुद्रा की माँ को जलाया था । एंथोनी ने वहां पर एक समधी बना देता है जहां पर रुद्रा के माँ की फोटो लगी थी । जिसे दैखकर रुद्रा खुश हो जाता है । रुद्रा दैखता है के उसकी माँ उसे बुला रहा था । रुद्रा भाग कर जाता है और माँ के गले लग जाता है ।




SCENE 16

रुद्रा का घर एंथोनी और भीमा बात कर रहा था ।

एंथोनी :-  पुजा की पूरी तैयारी तुम्हें ही करनी है भीमा । 

तभी रुद्रा  का फोन रिंग होता है । एंथोनी फोन को रिसिव करता है ।

एंथोनी :- हेलो ।

इधर से एंथोनी जो सुनता है उसे सुनकर उसका होश उड़ जाता है । एंथोनी वहां से तुरंत निकल जाता है । भीमा एंथोनी से कुछ पूछता इससे पहले वो वहां से निकल जाता है । वहां से एंथोनी हॉस्पिटल चला जाता है । जहां पर बोहत सारे यॉंग लड़के का इलाज चर रहा था ।

एंथोनी वहां पर पहूँचता है । तो वो ये सब दैखकर हैरान हो जाता है । वहां पहले से बहोत सारे पेंसेट थे और फिर बहोत सारे पेसेंट आने लगते है । बहोत सारे लोग मर भी जाते है । तो उसके मा बाप एंथोनी को दैखकर रोने लगते है । ये सब दैखकर एंथोनी हैरान था । तभी वहां से एक डॉक्टर गुजरता है । डाक्टर को दैखकर एथोनी उसे दैखकर पूछता है

थोनी :- डॉक्टर ये सब क्या है । इतने सारे लड़के एक साथ बीमार । 

डॉक्टर: - इन सब ने ड्रग्स लिया है । औवर डोज होने के कारण इन सबका ये हाल है ।

एंथोनी :- ड्रग्स ! 

डॉक्टर :- हां सर । ये कौन आम ड्रग्स नही है । ये मेथामफेटामाइन है । ये बहोत ही पावरफुल और घातक नशीला ड्रग्स । ये ड्रग्स इंसान के सिधे सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर अटेक करता है । इंसान इसका बहोत जल्द आदी बन जाता है । ये दैखने मे काँच के टुकड़े जैसा होता है । 

एंथोनी :- पर डॉक्टर कोई इसका इतना डोज क्यों लेगा ।

डॉक्टर :- ये ड्रग्स इंंसान को पुरी तरह से अपने कंट्रोल मे ले लेता है । इसे लेने वाला इंसान को मजा आने लगता है । उसे वो सब दिखता है जो कभी है ही नही । अ... मुझे जाना होगा । 

इतना बोलकर वो डॉक्टर वहां से चला जाता है । एंथोनी अपना फोन निकालता है और रुद्रा को फोन लगाता है । इधर रुद्रा का फोन रिंग होता है , तो पि के आकर फोन को उठाता है ।

 पि के :- हां चाचा । 

एंथोनी:- पि के ! रुद्रा कहां है ?

पि के :- और कहां होगा । अपने माँ के पास होगा ।

एंथोनी :- पि के मेरा बात ध्यान से सुन । मुझे एक

कॉलेज के लड़के ने फोन किया था वो रुद्रा से बात करना चाहता था । मैने फोन ।एंथोनी पि के को सब बोलकर सुनाता है । पि के फोन को लेकर रुद्रा की तरफ जाने लगता है । जहां पर रुद्रा के माँ की समाधी बना था वहां पर रुद्रा समाधी को पकड़ कर दुसरी और मुह करके बैठा था । पि के रुद्रा को सारी बात बोलकर सुनाता है ।

पि के :- रुद्रा । शहर मे एक मेथामफेटामाइन नाम का ड्रग्स आया है , और शहर की बोहत सारी करते और लड़कीयां लापता है ।पि के , के इतना कहने के बाद रुद्रा वहां उठता है । 




SCENE 17.

अशोक का अड्डा 



अशोक का अड्डा जहां पर दो ट्रक मेथामफेटामाइन ड्रग्स और दो कंटेनरों मे बहोत सारे लड़की और करते थी । वहां पर बहोत ही टाईट सिक्योरिटी थी । वहां एक गुडां एक लड़की को घसीटता हूआ कंटेनर पर ले जा रहा था । लड़की बार बार कहती है । मुझे छौड़ दो । पर वो गुडां बड़ी बेरहमी से बाल को पकड़कर खिचकर ले जा रहा था ।

 कंटेनर मे बैठी बाकी सभी लडकीयां और औरते डर के मारे चुप थे । तब वहां का गेट धड़ाम से गिरता है । गेट गिरने की वजह से सभी अपना अपना गन गेट की और तान देता है । गेट गिरने की वजह से वहां पर धुंध छा गया था । तभी वहां पर रुद्रा की एंट्री होती है । रुद्रा मुह मे सिगरेट लिया हूआ था । और अपने दोनो हाथो मे बम लिये था , दोनो बम के धागे मे आग लगी थी । रुद्रा बम मे लगी आग से अपनी सिगरेट जलाता है और दोनो बम को लिये उन सभी की और बड़ता है । रुद्रा के हाथ मे बम दैखकर सभी घबरा जाता है ।रुद्रा :- क्या रे पंटर लोग । कैसा है सभी ? ऐ गन निचे कर रे बाबा । मैं खाली बात करने आया है रे । मैं यहां थोड़ी ना किसीका हाथ काटने , गला काटने , पैर काटने या चिर फाड़ करने नही आया रे । 


रुद्रा के इस तरह से बोलने पर सभी बहोत ज्यादा डर जाता है । तभी उनमे से एक कहता है ।


गुडां :- भाई पहले वो बम को बुझाओ फिर बात करते है ।


रुद्रा :- हां । ये ठिक कहा तुमने । बुद्धिमान लगते हो ।



गुडां :- बचपन से भाई । माँ कसम ।


रुद्रा बम की आग को बुझा देता है ।


रुद्रा :- मैं यहां पर उन लड़कियों और वो ड्रग्स को लेने आया हूँ । मुझे वो सब दे दो । मैं यहां से चला जाउगां । लड़कियो ,औरतों और नशीला ड्रग्स आयीदां से इस शहर मे नही आना चाहिए । अपनी जान प्यारी है तो बतादो । The offer is valid for 10 minutes only .


इतना बोलतर रुद्रा चुप होकर बैठ जाता है और अपनी घड़ी दैखने लगता है । तभी एक कहता है । 


गुंडा :- ऐ मारो रे इसे । 


इतना बोलकर सभी रुद्रा की और भागकर जाता है । रुद्रा वहां से उठता है और एक रोड लेता है जिससे सभी को मारने लगता है । रुद्रा सभी मरने लगता है , सभी सो पिटता दैखकर कुछ गूंडे डर जाते है तभी उनमे से 5 को रुद्रा बहोत मारने लगता है । तभी उनमे से एक कहता है ।


गुंडा :- भाई भाई । टाईम बचा है क्या । मैं पार्टी बदलना चाहता हूँ ।


उस गूंडे को कहने पर बाकी और कुछ गुंडे भी उसके हां मे हां मिलाता है ।


रुद्रा :- ऑफर तो खतम हो गई है । 


रुद्रा के इतना कहने पर वो गुडां रुद्रा को मारने ते लिए जैसे ही उठता है । रुद्रा उसे रोड से मार देता है । कुछ दैर बाद वहां पर सभी जमीन पर गिरा पड़ा था । रुद्रा कंटेनर को खोलता है तो रुद्रा दैखकर चोंक जाता है । वहां पर पाँच कंटेनर मे सिर्फ औरते और लड़कीयां थी । जिसमे शिव नारायण की बेटी भी थी । पाँच कंटेनर मे लगभग 500 लड़कीयां थी ।

 रुद्रा उन सभी को लेकर अपने घर चला जाता है ।और ड्रग्स के कंटेनर को पुलिस यानि भरत के हवाले कर देता है । रुद्रा भरत के आदमी भरत के पास जाता है और वहां पर गाड़ियां खड़ा कर देता है । गाड़ीयो को दैखकर भरत उस रुद्रा के आदमी से कहता है । 


भरत :- ये किसका गाड़ी है ! क्या है इसमे ।


भरत के इतना कहने पर वो आदमी रुद्रा को फोन लगता है और फोन भरत को पकड़ा देता है ।


भरत :- हेलो! 


रुद्रा :- सर उस कंटेनर वो जहर है । जिसके कारण बहोत से लड़के हॉस्पिटल मे है । मैने आपको भिजवा दिया है । 


भरत :- तुम कौन हो ?


रुद्रा :- मैं वो हूँ सर । जिसका हाथ कानून से बंधा नही है ।


रुद्रा के इतना कहने पर भरत समझ जाता है के वो और कोई नही रुद्रा है ।


भरत :- रुद्रा !


रुद्रा :- आपसे जल्द मिलूगां सर ।


इतना बोलतर रुद्रा फोन काट देता है ।


कुछ दैर बाद उस जगह पर राजबीर फोन करता है । जहां पर सभी मार खाके मरा पड़ा था । फोन बचने से एक किसी तरह घसिटता हूआ फोन के पास पहूँचता है । और फोन रिसिव करता है ।


गुडां :- हेलो ।


राजबीर : - हेलो । मेरी बात ध्यान से सुनो । मुझे खबर मिली है के वहां पर रुद्रा आने वाला है । तुम सब वहां से माल और लड़कीयों को लेकर दुसरे जगह पर पहूँचो़ ।


राजबीर के इतना कहने पर वो गुडां गुस्से से लाल हो जाता है , क्योंकि राजबीर ने बहोत दैर से ये बात बतायी । वो गुडां गुस्से से बहोत गालियां देना चाहता था पर मार खाने के बजह से नही दे पाता है । किसी तरह वो गूडां ओक वर्ड बोलता है ।


गुडां :- मादारचो........! 


इतना बोलकर वो आदमी वही पर मर जाता है । उस आदमी से गाली सुनकर राजबीर गुस्से से लाला हो जात है ।


राजबीर : - हेय । क्या बोला तु । क्या बोला तु । हेलो हेलो ।




SCENE 18

रुद्रा का घर

रुद्रा के घर के बाहर वो सभी औरते और लड़कीयां थी । रुद्रा उन सबको उनके घरके बारे मे पूछता है ।


रुद्रा :- तुम लोगो का घर कहां है बोलो , मेरे आदमी तुम्हें तुम्हारा घर छोड़कर आएगें ।


तभी एक लड़की जो शिव नारायण की बेटी काबेरी थी , वो आगे आ कर कहती है ।


काबेरी :- मेरा घर यही है भैया । मैं बाजार गई सब्जी खरीदने तब इन लोगो ने मुझे किडनेप कर लिया । 


रुद्रा :- ठिक है मेरे आदमी तुम्हें तुम्हारे घर तक पहूँचा देगें । तुम्हारे बाबा का नाम क्या है ? (सिगरेट मुह रखते हूए )


काबेरी :- शिव नारायण ।


शिव नारायण नाम सुनकर रुद्रा सिगरेट को मुह से निकाल लेता है और कहता है ।


रुद्रा :- मैं तुम्हारे बाबा को यही बुला लेता हूँ । तबतक तुम यही रहोगी । 


रुद्रा की बात को सुनकर काबेरी हां मे सर हिला देती है ।


 रुद्रा :- और कौन कहां से बोलो । मैं सबको घर भेज दूगां ।


तभी एक लड़की आगे आती है और कहती है ।


लड़की :- भैया हम यहां पर आए नही हमे लाया गया है । हम ONLINE मे फार्म भरा था नौकरी के लिए । हमे यहां पर बुलाया गया और फिर हमे पकड़कर बेच किया ।


दुसरी लड़की :- भैया । मैं और बहोत सारी लड़कियां online chating के जरिए , प्यार हो गया । हमे शादी का झांसा देकर यहां लेकर आए और फिर हमे भी । 


तिसरी लड़की :- वो लोग अमीर दिखाने का नाटक करता है , जब पैसा मांगो भेज देता है । 10 हजार हो या 50 हजार । वो तुरंत भेज देते है । फिर हमे घर से कुछ पैसा और गहने लेकर आने को कहता है । और फिर हमे बेच देता है ।


उस लड़की की बात को सुनकर रुद्रा से कहता है ।


रुद्रा :- तुम लोग ऐसा कैसे कर सकते हो । जिसे ना जानते ना पहचानते हो उसपे भरोसा कर लेते हो । सिर्फ कुछ पैसो के कारण । वो जानता है के आज इन्हें पैसे दूगां और तुम्हारा भरोसा जितेगा । इस तरह तुमलोग उसके प्यार के जाल मे फंस जाते हो । फिर तुम्हों घर से पैसे और गहने लाने को कहेगें । उसके पैसा का दुगुना वसुलता है और फिर तुम्हें बेचकर वो डबल पैसा कमाता है । ऐसे लोगो से दुर रहो । जिसे जानते नही उसे फ्रेंड लिस्ट से हटाओ । 

अपने माँ बाप के बारे मे सौच । अपने फ्युचर से बारे मे सोचो । ये कुछ लड़के पैसे का दिखावा करके या महंगी महंगी गाड़ी दिखाते है और तुम लोग क्या सोचते हो पैसा वाला लड़के से प्यार करना है । तो वो हमारे सोक पुरा करेगा । तुम्हें पता है । तुम्हारे पापा , माँ दिन रात मेहनत करता है तुम सब के लिए । वो अपनी ओकात से ज्यादा सोचता है । किसके लिए सिर्फ तुम्हारे लिए । और तुम लोग । क्या बोलकर निकली थी अपने पापा और माँ घर से ।


पहली लड़की :- ( सर झुकाकर ) :- सहेली के घर जा रही हूँ ।


रुद्रा :- तुम ?


दुसरी लड़की :- ट्यूशन ।


तिसरी लड़की: - कॉलेज ।


रुद्रा :- एक बाप ये सोचता है के उसकी बेटी सहेली से मिलने गई है , ट्यूशन गई है , कॉलेज गई है । तुम्हें पता है ये फोन तुम्हारे पापा किस लिए तुम्हें देते है । ताकी वो तुम्हारी खबर ले सके । और इसका इस्तेमाल तुमलोग झुट बोलने और ऐसे प्यार के चक्कर मे टाईम वेस्ट कर रहे हो । जब एक बाप को पता चलता है ना के उसके बेटी झुट बोलकर किसी और के साथ । 


पता कैसा फिल होता होगा उन्हें सौचा है कभी । अरे जिते जी मर जातो है वो । ये मत कहो के माँ बाप ने तुम्हारे लिए क्या किया । ये सोचो के तुम उनके लिए क्या कर रहे हो । तुम जबसे जन्मे हो तबसे लेकर अब तक और आगे तक वो सिर्फ तुम्हारे बारे मे ही सोचते है । अब बारी तुम्हारी है । 


एक 10 हजार महिना कमाने वाला बाप भी यही सोचता है के उसके बेटी केल शादी मे वो 10 लाख का खर्चा करेगा । बाप है वो कर लेगें । पर तुम्हारा क्या । बाबु , सोना , खाना खाया के नही । बस । कभी अपने माँ बाप से पूछो , के खाना खाया के नही । कभी उन्हें भी अपने हाथ से खिलाओ । अरे क्या होगा । दैखना वो खुशी से रो पड़ेगें । प्यार करो । मगर किसी ऐसे से जो तुम्हारे लिए पैसा नही । तुम्हारे माँ बाप को अपना माने । जिसे तुम जानती हो ।

 ऐसे अनजान से नही । वरना सबका हाल यही होगा । बाबु सोना से बाहर आओ और जो काम हमारे लिए माँ बाप करते है वो हम भी उनके लिए करे । atleast उन्हें झुट बोलतर तो ऐसे गलत काम ना करो ।


रुद्रा एंथोनी की और दैखता है और कहता है ।


रुद्रा :- काका । इनमे से जिसका जिसका घर है उन्हें उनके घर भेजने का व्यवस्था की किजिये और बाकी जिसका घर नही है वो आज के बाद ये सब यही रहेगें । इनके लिए घर बनाने की व्यवस्था किजिये । इनके लिए मैं यहां फेकट्री लगाउगां । जिसमे ये काम करके अपना घर चलाएगा ।


रुद्रा इतना बोलकर वहां से चला जाता है । सभी लड़कियां और औरते रुद्रा की और दैखकर खुश हो रही थी । 


दुसरे दिन वहां पर शिव नारायण आता है । एक आदमी आकर रुद्रा को शिव नारायण के बारे मे बताता है । रुद्रा उसे अंदर लाने को कहता है । क्योंकी रुद्रा को लग रहा था के ये शायद वही शिव नारायण है जो उसके गांव का है । कुछ ही दैर मे शिव नारायण रुद्रा के पास पहूँच जाता है । शिव नारायण दैखता है के वहां पर बहोत सारे आदमी थे जिसको पास गन था । शिव नारायण वहां पर अपनी बोटी को दैखकर बहोत खुश होता है । काबेरी अपनी बाबा को दैखकर बहोत खुश होती है और भाग कर अपने बाबा के गले लग जाती है । रुद्रा शिव नारायण को दैखकर पहचान लेता है । 


काबेरी :- बाबा । (रोती हूई ) 


शिव नारायण: - कैसी है रे ।


शिव नारायण के कहने पर काबेरी हां मे सर हिलाती है । 


काबेरी :- बाबा ये वही भैया है जिन्होंने मुझे और बाकीयों को उन बदाशो से छुड़ाकर यहां लेकर आए है ।


शिव नारायण रुद्रा के पास जाता है । और अपने आंखो मे आशु लिये रुद्रा के पैर को छुने जाता है । रुद्रा उसो रोककर कहता है ।


रुद्रा :- अरे चाचा ये आप क्या कर रहे है !


शिव नारायण: - बेटा आज अगर तुम ना होते तो मेरी बच्ची ।


रुद्रा :- चाचा । लगता है आपने मुझे पहचाना नही ।


रुद्रा के इतना कहने पर शिव नारायण रुद्रा की और दैखता है । तो रुद्रा कहता है ।


रुद्रा: - मैं रुद्रा । सुसिला का बेटा ।


रुद्रा के इतना कहने पर शिव नारायण खुशी से रुद्रा को दैखता है और उसे छुता है । रुद्रा शिव नारायण को गले से लगा लेता है । 


शिव नारायण: - बेटी ये दैख तेरा भाई । ये रुद्रा है । हमलोग एक ही गांव के है । 


शिव नारायण अपनी बेटी को रुद्रा के बारे मे सब बोलकर सुनाता है । तब काबेरी रुद्रा का हाथ पकड़ता है और कहती है ।


काबेरी :- भैया । मेरा कोई भाई नही है । बचपन से ही मेरा भगवान से यही शिकायत थी के उन्होने मुझे एक भाई क्यों नही दिया । पर आज मैं जान गई के भगवान ने तुम्हे मेरा भाई बनाकर भेजा है । 


इतना बोलकर काबेरी रोने लगी और रुद्रा के गले लग गई । 


काबेरी :- जैसे आज आपने मेरी रक्षा की । वादा किजिये आप हमेशा मेरा रक्षा करोगे । 


इतना बोलकर काबेरी अपना हाथ रुद्रा की और बड़ा देती है । रुद्रा काबेरी के हाथ तो पकड़कर कहता है । 


रुद्रा: - जब तक तेरा भाई जिंदा है । तुझे कोई हाथ तक नही लगा सकता ।


रुद्रा अपने कमरे मे बैठकर उस लड़की के बारे मे सौच रहा था । जिसने कहा था के देश के कही और शहर से भी लड़कियों का सप्लाई होता है ये जानकर रुद्रा हर शहर मे अपना राज बनाने लगा और जितने भी डॉन थे सभी को अपने साथ कर लिया और जो इस काम मे इंनभाल्व था उसे रुद्रा मारकर अपने रास्ते से हटाने लगा । ऐसै करते करते रुद्रा के यहां पर 5 लोख लोग रहने लगे । रुद्रा ने उन सभी के लिए घर और काम के लिए कई सारी फेकट्रीयां बनाई थी जिसका प्रोफिट वो उनको ही देता था । इसी तरह काबेरी और पि के एक दुसरे को दैखने लगे और दोनो मे प्यार हो गया ।

राजबीर के इतना कहने पर भी कोई जवाब नही आता है ।




SCENE 19

पुलिस स्टेशन 

मोहन का ट्रांसफर रुद्रा के एरिया के दुसरे पुलिस स्टेशन पर हूआ था । मोहन स्टेशन के बाहर गाड़ी पर बैठा था । मोहन अब करीब 50 साल का था । मोहन स्टेशन मे बैठकर लड़कीयों को गंदी नजरो से दैख रहा था । तभी मोहन का फोन बजता है । मोहन दैखता है के उसमे मुर्शीद का कॉल आ रहा था । मोहन फोन रिसिव करता है ।


मोहन :- नमस्ते मुर्शीद भाई । आपका बहोत बहोत सुक्रिया जो उस बेजान जगह से इस हरी भरी जगह पर मेरा ट्रासफर करा दिया ।


मुर्शीद : - मैने वहां पर तुम्हें लड़कियां दैखने के लिए नही भेजा है । वहां रुद्रा नाम का एक डॉन मेरे रास्ते पर आ रहा है । देश को हर शहर मे मेरे आदमीयो को मार रहा है । वो मुझे ना ड्रग्स का काम करने दे रहा है और ना ही लड़की सप्लाई करने दे रहा है । तुम उसका पता लगाओ । और जौ मॉल मेरा पुलिस के पास है उसे जल्द पता लगा कर वहां से निकालो ।


मोहन :- जी भाई । मैं 2 दिन मे पता लगाकर उसका एनकाउंटर कर देता हूँ ।


इतना बोलकर मोहन फोन रख देता है ।



SCENE 20

पि के और काबेरी 


इधर पि के और काबेरी एक साथ बैठे थे , दोनो ही एक दुसरे को दैखता है और फिर गले लगता है । कभी वहां पर रुद्रा आ जाता है । रुद्रा को दैखकर दोन घबरा जाता है । रुद्रा वहां से चुपचाप निकल जाता है । कुछ दैर बाद रुद्रा , शिव नारायण और एंथोनी एक जगह पर बैठे थे । रुद्रा ने पि के और काबेरी को बुलाया । दोनो बहोत घबराया हूआ था । उन दोनो के आने बाद सभी एक दम चुप थे । काबेरी और पि के रुद्रा और बाकी सभी को चुप देखकर बहोत डर गए थे । तभी रुद्रा , शिव नारायण और एंथोनी एक दुसरे को दैखकर हंसने लगते है । काबेरी और पि के हैरान हो जाता है । तब रुद्रा उठता है और पि के के पास जाकर कहता है ।


रुद्रा: - ( एथोनी से ) :- काका । पि के को देखो आज से पहले वो इतना सिरियस कभी नही हूआ ।


रुद्रा के इतना कहने से सभी जौर जौर से हंसने लगते है । रुद्रा काबेरी की और दैखता है , तो काबेरी शर्मा के रुद्रा पास आ जाती है । 


एंथोनी :- ( पि के से ) :- अरे बेटा क्या हूआ । शादी की तैयारी कर । हा हा हा हा ।





SCENE 21

पि के और काबेरी की शादी ।


मंडप मे पि के और काबेरी की शादी हो रही थी , सभी बहोत खुश थे । शिव नारायण रुद्रा के पास जाकर अपना हाथ जोड़ता है । रुद्रा शिव नारायण का हाथ पकड़ लेता है । और ना मे इशारा करते हूए पि के और काबेरी की और दैखने को कहता है । शादी हो जाती है । पि के और काबेरी सभी के पैर छुते है । शिव नारायण दोनो को गले लगाता है । शादी होने ते कुछ महिने बाद रुद्रा बाहर कुछ काम से अपने घर आ रहा था ।


 जैसै ही रुद्रा घर मे आता है तभी वहां से एक डॉक्टर बाहर जा रहा था । डॉक्टर को दैखकर रुद्रा सौच मे पड़ जाता है और भाग कर घर के अंदर जाता है । रुद्रा दैखता है एंथोनी , शिव नारायण और पि के और काबेरी सभी एक साथ चुप चाप बैठे थे । सभी चुप दैखकर एंथोनी से पुछता है ।


रुद्रा :- काका । वो डॉक्टर किस लिए आया था ?


एंथोनी :- घर मे कुछ होगा तो डॉक्टर आएगा ना । तुम सारा दिन बाहर रहते हो , घर मे क्या हो रहा है कुछ पता है तुम्हें ।


रुद्रा : - हां मगर हूआ क्या है काका ?


शिव नारायण : - अब क्या बताउ बेटा , जो होना है वो तो होकर ही रहेगा ।


रुद्रा :- हां वो सब तो ठिक है पर हुआ क्या है ?


पि के :- मेटर बहोत ही गंभीर है । लेना देना तो सब उपर वाले के हाथ मे है ।


रुद्रा : - अरे क्या बोल रहे हो तुम सब । क्लियर बोलो ना क्या बात है ।

काबेरी रुद्रा को बुलाती है ।


काबेरी :- भैया । 


रुद्रा :- हां ।


काबेरी :- इधर आना ।


रुद्रा काबेरी के पास चला जाता है ।


काबेरी :- भैया । बात ये है के ...!


रुद्रा घबरा जाता है और बड़े ध्यान से सुनता है ।


रुद्रा: - हां बता , क्या हूआ ।


काबेरी :- आप मामा बनने वाले है ।


रुद्रा पहले से ही घबाराया था , काबेरी के इतना कहने से रुद्रा को लगता है के किसी का कुछ हूआ है । तो रुद्रा काबेरी के बात को ठीक से समझे बिना ही जवाब देता है ।


रुद्रा : - नही ! ऐसा नही हो सकता है । (कुछ दैर सौचने के बाद ) क्या मैं मामा बनने वाला हूँ ।


तभी रुद्रा चुप हो जाता है और फिर उसे समझ मे आता है के वो मामा बनने वाला है । फिर सभी रुद्रा को दैखकर हंसने लगता है तो रुद्रा भी हंसने लगता है ।


दुसरी दिन राखी का दिन । रुद्रा वहां पर एंथोनी से बात कर रहा था । तभी हां पर पि के आता है और रुद्रा को मोहन के बारे मे बताता है । मोहन का नाम सुनकर रुद्रा गुस्से से लाल हो जाता है और उसे मारने के लिए जाता है । तभी एंथोनी उसे रोक लेता है ।


एंथोनी :- नही रुद्रा । अभी नही । 


रुद्रा :- छोड़िए काका । आज मैं उससे अपना बदला लूगां । 


एंथोनी :- जरुर लोना बदला । पर अभी नही । 


तभी वहां पर काबेरी आ जाती है और कहती है । 


काबेरी :- कहां जाने की बाते हो रही । हां ! ( रुद्रा का हाथ पकड़ती है और उसे बैठाती है ) । आज रक्षा बंधन है और आज के दिन अपने भाई को राखी बांधे बिना मैं कही नही जाने दूगी ।


रक्षा बंधन नाम सुनकर रुद्रा चुप हो जाता है । और अपनी कलाई आगे कर देता है । काबेरी रुद्रा को राखी बांध देती है । और रुद्रा के पैर छुकर प्रणाम करती है । तो रुद्रा कहता है ।


रुद्रा :- हमेशा खुश रहो । माफ करना बहन । मुझे पता नही था के आज राखी है , वरना तेरे लिए मैं कुछ ना कुछ जरुर लाता । वो बचपन से किसीने अपने को राखी नही बांधी ना , इसिलिए । बोल क्या चाहिए तुझे ।


काबेरी :- जिसके पास आप जैसा भाई हो उसे और क्या चाहिए । बस आपसे एक वादा चाहिए के आप हमेशा मेरा और बच्चे का ऐसै ही रक्षा करते रहोगे ।


काबेरी के इतना कहने पर रुद्रा काबेरी के सर हाथ फेरता है और हां मे सर हिलाता है ।


रुद्रा :- आज तुने एक गुडे की कलाई पर राखी बांधकर मुझे अपना भाई बनाकर तुने मुझे खरीद लिया रे ।


काबेरी :- आप अपने आपको गुडां क्यों बोल रहे हो । जो इतने सारे लड़कियों को बचाया हो , इतने सारे औरतों , बुड़े और लोगो यहां पर पनाह देकर उसे इज्जत की रोटी देते हो , वो भाई गूटां कैसे हो सकता है ।


काबेरी के इतना कहने पर बहोत सारी लड़कियां वहां पर आ जाती है और रुद्रा को राखी बांधती है ।




SCENE 22

मुर्शीद का कॉल ।


अपना माल पुलिस के पास होने से मुर्शीद भीमा पर गुस्सा होता है और उसे फोन करके कहता है । भीमा रुद्रा से मिलने उसको घर गया था । 


मुर्शीद: - भीमा । तुम्हारे पास सिर्फ एक दिन का ही टाईम बचा है । तुम जानते हो के अगर माल नही मिला तो मैं क्या करुगां । मुझे गोल्डेन को जवाब देना पड़ेगा । 


भीमा :- ऐसा नही होगा भाई । मैं पुरी कोशिश कर रहा हूँ । कल तक माल पहूँच जाएगा ।


मुर्शीद :- ये तुम्हारे लिए बेहतर होगा । सुनो भीमा अगर तुम्हें गोल्डेन के लिए काम करना है तो तुम्हें एंथोनी और रुद्रा को अपने रास्ते से हटाना होगा । क्योकी उन दोनो के रहते हम अपना काम नही कर पाएगें ।


रुद्रा और एथोनी को मारने की बात को सुनकर भीमा घबरा जाता है । 


भीमा :- भाई उन्हे मारना इतना आसान नही । 


मुर्शीद: - मैने सारा बंदोबस्त कर दिया है ।


भीमा :- आपने ! पर उसे मारेगा कौन । और आप कहां हो ?


मुर्शीद: - हा हा हा हा । उसे तु मारेगा । एंथोनी तेरे पे भरोसा करता है , और मुझे इसी का फायदा उठानी है । अगर तुने उसे नही मारा तो मैं तुम्हें मार दूगां । तेरे पास अब एक ही रास्ता है । और हां । मैं यही हूँ , तुम्हारे शहर मे । जैसा मैं बोलता हूँ वैसा करते जाओ । कल उस एंथोनी का आखिरी दिन होगा ।


भीमा :- कल । अरे थोड़ा टाईम तो दो । कल कैसे ।


मुर्शीद: - कल । क्योंकी कल रुद्रा शहर से बाहर जा रहा है । 


इतना बोलकर मुर्शीद फोन काट देता है । इधर भीमा पसीने से भीग चुका था । उसके मन मे बस यही चल रहा था के अगर प्लान फेल हूआ तो रुद्रा उसे मार देगा । भीमा इतना सौचकर जैसै ही मुड़ता है के भीमा दैखता है के उसके पिछे काबेरी थी । जिसने सारी बात सुन लि थी । भीमा काबेरी को दैखकर घबरा जाता है । काबेरी भीमा की और गुस्से सो दैखती है ।


काबेरी :- भीमा । ये किससे बात कर रहा था तु । मेरे भाई को मारने की प्लान बना रहे हो । अरे उसने तो तुम्हें अपना दोस्त समझा । और तु उसे मारना चाहता है ।


भीमा :- नही काबेरी ऐसा नही है तुम गलत सौच रही हो । चुप रहो ये क्या बोल रही हो । ( भीमा डर से इधर उधर दैखता है ताकी कोई आ ना जाए )


काबेरी :- मैं सब समझ रही हूँ । मैं अभी जाकर एंथोनी अंकल को सब कुछ बता दूगी ।


इतना बोलकर काबेरी वहां से जाने लगती है के तभी भीमा उसको सर पर अपने गन से वार करता है जिससे काबेरी बेहोश होकर गिर जाती है । भीमा इधर उधर दैखता है और काबेरी को अपने गाड़ी के डिक्की मे बंद कर देता है । और वहां से चला जाता है ।





SCENE 23

मुर्शीद का गुस्सा ।



काबेरी को भीमा एक कुर्सी पर बांध कर रखता है । काबेरी अभी तक बेहोश है । तभी वहां पर मुर्शीद और उसके साथ कुछ विदेशी बॉडीगार्ड भी आता है । काबेरी को दैखकर मुर्शीद गुस्से से भीमा को कहता है ।


मुर्शीद :- ये लड़की कौन है ?


भीमा :- भाई ये रुद्रा की बहन है ।


मुर्शीद : - ये क्या बेवकूफी किया तुमने । मैने तुम्हों दुसरे लड़कीयों को किडनेप करने बोला था । रुद्रा के बहन को उठाने नही बोला । इसके वहां ना होने पर रुद्रा कभी शहर से बाहर नही जाएगा । रुद्रा के रहते हम एंथोनी को नही मार सकते । 


भीमा :- भाई इसने हम दोनो की सारी बात सुनली थी । अगर मैं इसे नही लाता तो ये सबको मेरे बारे मे बता देती ।


मुर्शीद : - तो फिर तुमने इसे यहां पर क्यों लेकर इसे मार क्यों नही दिया ।


तभी काबेरी को होश आने लगता है ।


भीमा :- नही भाई । इसके लिए तो वो दोनो मरेगें ।


इधर काबेरी के घर पर ना होने से सभी बहोत परेशान है । तभी वहीं पर रुद्रा आता है । शिव नारायण रुद्रा को दैखकर उसके पास जाता है । और रोने लगता है । रुद्रा सबको ऐसे दैखकर घबरा जाता है । 


रुद्रा :- क्या बात काका आप सब इतना घबराये हूए क्यों हो ! 


शिव नारायण: - बेटा काबेरी नही मिल रही है । 


रुद्रा :- क्या ! काबेरी नही है ।


शिव नारायण: - हां बेटा । सुबह से घर पर ही थी । पता नही अचानक घर से कहां चली गई । हर जगह ढुजां बेटा पर वो कही नही है ।


रुद्रा पि के के पास जाता है । पि के फोन पर किसी से बात कर रहा था । रुद्रा को दैखकर पि के फोन काट देता है ।


रुद्रा :- क्या हूआ । कुछ पता चला । 


पि के :- नही यार । सबको फोन किया हर जगह ढुडं पर वो कही नही है ।


रुद्रा वहां से अपनी गाड़ी निकालता है चला जाता है । पि के भी एथोनी से कहकर निकल जाता है ।


तभी एंथोनी के फोन पर मुर्शीद फोन करता है ।


एंथोनी :- हेलो !


मुर्शीद: - हेल्लो माय डियर । किसीको ढुंड रहे हो क्या ?


एथोनी :- कौन बोल रहा है । 


मुर्शीद: - यही बताने के लिए फोन किया हूँ । के मैं कौन बोल रहा हूँ । तुने और रुद्रा ने क्या सौचा के तुम लोग हमे ड्रग्स का और लड़कीयों का सप्लाई करने नही दोगे । तुम सौच भी नही सकते हारा नेटवर्क कहां तक है और हम क्या कर सकते है ।


एंथोनी :- तेरा कहां तक मुझे ये जानने की जरुरत भी नही है । तु या तेरा कोई भी साथी यहां से वापस जिंदा नही जाएगा , ये मैं जानता हूँ । तु भी है । मेरी बात ध्यान से सुन । अगर अपनी जान बचाना चाहता है तो काबेरी को छोड़ और यहां से चला जा ।


मुर्शीद : - कौन किसे मारेगा ये तो वक्त ही बताएगा । फिलहाल तो काबेरी को बताना है तो दैर मत कर । काबेरी के साथ साथ हम और 50 लड़कियों को ले जा रहे है । बस कुछ ही दैर मे हमारी जहाज चल पड़ेगी । बचाना है ना सबको तो आजा । एड्रेस सुन । 


मुर्शीद नो फोन पर एंथोनी को एड्रेस बता देता है । एंथोनी गाड़ी निकालता है । एंथोनी रुद्रा को कई बार फोन करता है पर रुद्रा का फोन बीजी आ रहा था । एथोनी अकेले ही उस जगह पर पहूँच जाता है । एंथोनी अपने चारो ऐर दैखता है पर वहां कोई नही था । तभी वहां पर भीमा पहूँच जाता है । भीमा को दैखकर एंथोनी राहत की सांस लेता है और कहता है ।


एंथोनी :- अरे भीमा तु भी यहां है । अच्छा हुआ बेटा । तु भी यहां पर है । काबेरी और 50 लड़कियों को किसीने यही पर किडनेप करके लाया है । वक्त बहोत कम है। चल दोनो मिलकर ढुंडते है । 


एथोनी के कहने पर भीमा एक दम चुप रहता है । एंथोनी जैसे ही काबेरी को ढुडने के लिए दुसरे और घुमता है के तभी भीमा एंथोनी को पिछे से चाकु मार देता है । एंथोनी दर्द से कराहने लगता है । एंथोनी पिछे मुड़कर दैखता है , एंथोनी भीमा को दैखकर हैरान हो जाता हैै । भीमा एंथोनी को एक बार और चाकु घोंपता है । जिससे एथोनी भीमा से कुछ दुर चला जाता है ।


एंथोनी :- ( दर्द से कराहते हूए ) :- भी...मा तु । हरामजादे । तो वह तु है जो लड़कियों और डग्स का सप्लाई करता है । ऐसा क्यो किया ।


भीमा :- क्योंकि मुझे तुम्हारी और उस रुद्रा की गुलामी नही करनी । मुझे इस शहर मे राज करना है राज ।


एंथोनी :- हा हा हा हा ! राज ! तु अकेले तो ये नही कर सकता । बता कौन है तेरे पिछे ।


एंथोनी की बात को सुनकर मुर्शीद बाहर आता है और कहता है ।


मुर्शीद: - वाह ! मानना पड़ेगा । जैसे सोने की पहचान जोहरी को है । वैसे ही इंसान भी पहचान लेते हो तुम । 


एंथोनी के आने से मुर्शीद एंथोनी को गोर से दैखता है फिर कहता है ।


एंथोनी :- मुर्शीद । तो तु ही है । जो ये सब कर रहा है ।


मुर्शीद : - मानना पड़ेगा तुम्हारी याददाश्त को । मुझे लगा था , तुम मुझे भुल चुके होगे ।  


एंथोनी :- तेरे जैसे कमीने को मैं कैसे भूल सकता हूँ । उस दिन तुझे जिदां छोड़के गलती कर दी थी मैने ।


मुर्शीद : - THANK YOU . इतनी अच्छी COMPLIMENT के लिए । उस दिन तुम्हारे वजह से मुझे मेरे मुल्क से बेईज्जत करके निकाला मेरे बिना बच्चों ने मुझसे मिलने तक मना कर दिया । यहां पर कई सालो तक जेल मे रहा । और हर पल बस यही दुआ करने लगा के तेरी मौत कब मेरे हाथो से होगी । और दैखौ वो दिन आज आ ही गया । आज तु मरेगा भी और तेरी मौत के साथ साथ मैं यहां से लड़कियो को ले जाउगां और इस काम का फिर से सुरुआत करुगां ।


एंथोनी :- अगर आज मेरी मौत लिखी भी है । तो ये उस उपर वासे की मर्जी होगी । लेकिन इतना जान लो । तुम लोग शेर का शिकार करने आए हो । इतनी आशानी से मुझे नही मार सकते । या तो आज मैं मरुगां या तुम सब ।


मुर्शीद : - दैखते है ।


इतना बोलतर मुर्शीद अपने विदेशी गुंडों को और बाकीयों को इशारा करता है । सभी एंथोनी को मारने के लिए भागता है । मुर्शीद वही पर बैठकर दैखने लगता है । एथोनी 6 विदेशीयों मे से तिन को मार देता है । और बाकीयों को भी मार कर गिरा देता है । मुर्शीद दैखता है के उसके सारे साथी मारा जा रहा है । तो मुर्शीद काबेरी को ला कर एक चाकु काबेरी के पेट पर सटाके मुर्शाद एंथोनी से कहता है ।


मुर्शीद : - बस बस । रुक जाओ एंथोनी । वरना ये और इसका बच्चा नही बचेगा ।

एंथोनी काबेरी को दैखकर एक हल्की मुस्कान देता है और वही रुक जाता है । तभी एक आदमी एंथोनी के सर पर भारी हथोड़े से वार करता है और तब कुछ गुंडे आकर एंथोनी को पकड़ लेता है और एक कुर्सी पर बांध देता है । काबेरी एंथोनी को दैखकर रोने लगती है । 


कुछ दैर बाद वहां पर अशोक और राजबीर भी आ जाता है । मुर्शीद , अशोक ,राजबीर , भीमा और कुछ गुंडे एक साथ रुद्रा को मारने की मीटिंग कर रहे थे ।  


मुर्शीद: - :- जैसे की आप सब आप तो जानते हो के रुद्रा के रहते हम ड्रग्स और इन लड़कियो का सप्लाई नही कर सकते । हमारा वो ट्रक जिसमे करोड़ो का ड्रग्स है , वो अब पुलिस के कब्जे मे है । 


अशोक :- पर हमे यहां किस लिए बुलाया गया है ।


मुर्शीद: - ये काम अब हम सब मिलकर करेगें । 


राजबीर :- ये भीमा और रुद्रा हमारा साथ देगा ।


मुर्शीद : - भीमा तो मेरे ही साथ काम करता है । और रुद्रा को हम दैख लेगें ।


अशोक :- तो तुम क्या चाहते हो । 

मुर्शीद: - हमे रुद्रा को मारना होगा ।


मुर्शीद से इतना सुनकर वहां पर सभी डर जाता है , क्यो की वो रुद्रा को मारने की बात कर रहा था । रुद्रा को मारना कोई आम बात नही थी । डर से सबका गला सुख रहा था ।


अशोक:- तुम जानते हो तुम क्या कह रहे हो । रुद्रा कौन है पता है । अरे वो मौत है मौत । मौत से खेला नही करते । और एंथोनी भाई । वो तो रुद्रा को अपना बेटा मानता है । अगर रुद्रा को कुछ हूआ तो एंथोनी भाई किसीको नही छोड़ेगा । 


मुर्शीद: - ( गुस्से से ) :- तुम भुल रहे हो के मैं कौन हूँ । मैं कुछ भी कर सकता हूँ 


तभी मुर्शीद अपने आदमीयो को इशारा करता है तो वो लोग एक दरवाजा खोलता है और दरवाजा खोलते ही सब दैखता है के वहां पर एंथोनी भाई लहू लूहान एक कुर्सी पर बंधा था । ऐर पास मे काबेरी थई । जिसे दैखकर सभी की आंखे फटी की फटी रह जाती है । सभी की कुर्सी हील जाती है । तभी अशोक कहता है ।


अशोक :- एंथोनी भाई ( धिरे से कहता है ) । ये यहां कैसे ?


मुर्शीद: - इन्हें मैने ही यहां पर बुलाया था । 


अशोक :- हा हा हा हाहह.! अबे ओ तुम सब के सब पागल हो गए हो । एंथोनी भाई को मारने की सौच रहे हो । अरे तुम सबको हो क्या गया है । सबके सब मरोगे ।


मुर्शीद: - खामोश वरना यही पर तुमको मार डालूगां । इन दोनो के चलते हमारा करोड़ो का माल पुलिस के पास है । लड़कियो का सप्लाई हर जगह से बंद है । अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन गोल्डेन हम सबको मार देगा ।

अशोक कुछ कहता तभी राजबीर कहता है ।


राजबीर: - डेड! मुर्शीद भाई ठीक कह रहे है । गोल्डेन के साथ काम करके हम लोग राज करेगें । कब तक हम लोग ऐसे डर से रहेगे । आज ये एंथोनी हमारे हाथ आ गया है । और बहोत जल्द रुद्रा भी आ जाएगा । फिर हम इस शहर मे राज करेगे । 


मुर्शीद: - तुम्हारा बेटा ठीक कह रहा है अशोक । ये बहोत आगे जाएगा ।


अशोक :- पर रुद्रा को कैसे मारेगें ।


मुर्शीद: - मैने सब सोच लिया है । तुम इतना घबरा क्यों रहे हो ? सब प्लान के मुताबिक होगा । और अगर इस शहर मे राज करना है तो ये रिस्क तो लेना ही पड़ेगा । 


इतना बोलकर मुर्शीद एंथोनी को पास जाता है । तो एंथोनी कहता है ।


एंथोनी :- मैने तुमलोगो पर भरोसा किया , ये मेरी गलती थी और तुम लोग मुझे यहां पर लाकर बहोत बड़ी गलती कर रहे हो । रुद्रा शेर है शेर ! और शेर का शिकार किया नही जाता । शेर शिकार करता है ।


अशोक - (एंथोनी के कंधे पर हाथ रखकर ) :- हमे माफ कर देना भाई । हमे ऐसे गुलामी की जिदंगी नही जीना है । अगर आप हमारा साथ देते तो आज आपको मरना नही पड़ता । 


एंथोनी :- तेरा ख्वाब... ( सांस लेते हूए ) कभी पूरा नही होगा । आज भले ही तु मुझे मार दे । पर मेरा एक बात याद रखना । वो रुद्रा है रुद्रा । भगवान शंकर का रोद्र रुप है वो । एक - एक को कुत्ते की मौत मारेगा वो ।


भीमा : अरे तुम लोग इससे इतना बात क्यों कर रहे हो । उसने मेरे भाई को मारा । अब मैं उसे दिखाउगां के भीमा क्या कर सकता है । तु क्या बोल रहा था । वो हमे कुत्ते की मौत मारेगा ।- अ ठीक है । देख लेगें । कौन किसको मारता है । फिलहाल आपके जाने का वक्त हो गया । SO GOD BYE .


इतना बोलकर भीमा अपना गन निकालता है , भीमा को दैखकर राजबीर, अशोक , मुर्शीद भी अपना अपना गन निकालकर एंथोनी की और गन तान देता है । काबेरी की मुह मे पट्टी बंधाथा , काबेरी ना ना मे अपना सर हिला रही थी । जिसे दैखकर एंथोनी हल्की मुस्कान देता है । एंथोनी काबेरी से कहती है ।


एंथोनी :- मेरी बच्ची । तु घबरा मत । मेरी मौत दैखकर भी घबराना मत । उस उपर वाले ने मेरा शायद इतना ही जिवन लिखा था । तु घबराना मत । 


एंथोनी के इतना कहने पर काबेरी के आंखो से आंसु निकलने लगता है । एंथोनी हल्की मुस्कान के साथ राजबीर की और दैखता है । तो सभी हैरान हो जाता है । तो राजबीर पूछता है ।


राजबीर: - अपनी मौत को सामने दैखकर आप हंस रहे हो ?


एंथोनी :- अरे मैं तो ये सौच रहा हूँ के , मैने बहोत से गलत तो कुछ कर्म अच्छे भी किये है । फिर भी मेरी मौत ऐसी हो रही है । मैं तो तुम लोगो के बारे मे सौच कर हंस रहा हूँ । के तुम लोगो के तो कर्म ही खराब है । तो रुद्रा तुम्हें कैसी मौत देगा । हा हा हा ।


एंथोनी के इतना कहने पर सभी डर जाता है और फिर भीमा कहता है ।


भीमा :- इसकी तो, हमे डरा रहा है । 


इतना बोलतर सभी धड़ाधड़ एंथोनी पर गोलीयों की बौछार कर देता है । गोली लगने के एंथोनी की वही पर मौत हौ जाती है । काबोरी ये सब दैखकर डर जाती है । और एंथोनी को दैखकर रोने लगती है ।

एंथोनी को मारने के बाद भीमा अपना फोन निकालता है ऐर रुद्रा को लगाता है ।


भीमा :- ( रोते हूए ) :- हेलो ! रुद्रा । रुद्रा वो एंथोनी । एंथोनी भाई को किसीने मार दिया है यार । और मुझे यहां , बंद करके रखा है । हां तु जल्दी आजा यार ।


इतना बोलकर भीमा फोन काट देता है । काबेरी ये सब दैखकर हैरान हो जाती है । तभी भीमा काबेरी को वहां से दुसरी और करके बंद कर देता है ।


उधर रुद्रा जल्दी अपनी गाड़ी लेकर निकलता है और वहां उस जगह पर पहूँच जाता है । रुद्रा वहां पहूँच जाता है वहां पर रुद्रा दैखता है ते भीमा एक कुर्सी पर बंधा है । और एंथोनी एक कुर्सी पर बंधा हूआ मरा पड़ा है । एंथोनी को दैखकर रुद्रा एंथोनी के पास जाकर अपने घुटने के बल गिर जाता है और एंथोनी को पकड़कर रोने लगता है । तभी पिछे से एक आदमी हाथ मे बड़ी सी हस्सा लिये रुद्रा को मारने आते है । तभी उसकी उसका गला को पकड़ लेता है । और रुद्रा वहां से खड़ा हो होता है । रुद्रा उस आदमी को दुसरी तरफ मरोड़ देता है और भीमा की और मुड़ता है । 


रुद्रा वहां पर दैखता है के वहां पर 50 आदमी और खड़ा था जिसमे वही कुछ विदेशी आदमी भी था । रुद्रा पिछे मुड़कर एंथोनी को दैखता है । जिससे रुद्रा के आंखो से आंशु छलकने लगता है । रुद्रा वहां पर पड़े हस्से को उठाता है और वहां पर खड़ा हो जाता है । तभी उधर से 4 आदमी भाग कर आता है । रुद्रा उन चारों आदमियों के किसीका हाथ किसी का पैर तो किसीका सर काट देता है । जिसे दैखकर सभी डर से कांपने लगते है । ये सब मुर्शीद वहां पर छिपकर दैख रह था और अशोक रुद्रा के आते ही उसके डर से राजबीर के साथ वहां से चला जाता है । वो दोनो रुद्रा को नही देख पाता है । तभी वहां पर मुर्शीद के विदेशी लड़के आता है जिसे रुद्रा बारी बारी करके मार देता है । तब दो विदेशी ये सब चुप चाप दैख रहा था । जब रुद्रा सभी को मार देता 

है तब वो दोनो विदेशी आकर रुद्रा को मारने लगता है । फिर रुद्रा उन दोनो विदेशी को मारकर गिरा देता है और भीमा को कुर्सी से छुड़ा लेता है । तभी मुर्शीद पिछे से आकर रुद्रा को चाकु से मारने जाता है के रुद्रा मुर्शीद को दैखकर हैरान हो जाता है । और उस समय को याद करता है जब रुद्रा छोटा था और अपने माँ के साथ मुर्शीद के घर गया था , जहां पर मुर्शीद और मोहन ने उसकी माँ मार दिया था ।


रुद्रा :- मुर्शीद ।


रुद्रा के मुर्शीद कहने पर मुर्शीद हैरान था , क्योंकि मुर्शीद को पता नही था के रुद्रा उसे कैसे जानता है ।


इतना बोलकर मुर्शीद रुद्रा को मारने जाता है के रुद्रा मुर्शीद को एक मुक्का मारता है जिससे मुर्शीद दुर जाकर गिरता है । मुर्शीद दर्द से कराहने लगता है । रुद्रा मुर्शीद को मारने जाता है तभी मुर्शीद भीमा की और इशारा करके कहता है । 


मुर्शीद :- अरे भीमा क्या कर रहे हो , मारो इसे ।


मुर्शीद के इतना कहने पर रुद्रा हैरान हो जाता है । क्योंकी रुद्रा भीमा को अपने भाई जैसा मानता है । रुद्रा जैसे ही भीमा की और मुड़ता है भीमा रुद्रा को गोली मारता है । रुद्रा गुस्से से भीमा को दैखता है तो भीमा एक और गोली रुद्रा को मारता है जिससे रुद्रा अपने गुटने पर आ जाता है । भीमा धिरे धिरे रुद्रा की और बड़ता है । रुद्रा कहता है ।


रुद्रा :- ये....(खांसते हूए ) ये सब क्यों भीमा ? एंथोनी भाई क्यों ।


भीमा :- क्यों ! ये तुम पूछ रहे हो रुद्रा । सुरु से ही मुझे यहां पर राज करना था । पैसा कमाना था । पर तेरी वजह से मैं पिछे रह जाता था । मेरे हर काम मे तुने टांग अड़ाया है । इसिलिए तेरी मौत ही मेरा रास्ता है ।


रुद्रा :- कमिने । काका ने तुझे पाला पोसा और तुने उन्हीं को ! 


भीमा :- पाला है तो क्या हूआ । मैने भी उसका बहोत सारा काम किया है । मैरा हमेशा से सपना था के मैं इस शहर मे राज करु , सभी मुझे सलाम करे । पर तेरे और एंथोनी के वजह से ये नही हो पा रहा था । इसलिए मैने एथोनी को मार डाला और अब तेरी बारी । 


तभी वहां पर मुर्शीद आ जाता है मुर्शीद थोड़ा घबराते हूए रुद्रा के पास बैठता है और कहता है ।


मुर्शीद: - एक बात बता ! तु मुझे कैसे जानता है ? क्या हम पहले कभी मिले है ।


रुद्रा :- हां । हम पहले मिल चुके है । तु मुझे भुल सकता है पर मैं तुझे कभी नही । तेरी मौत मेरे हाथो से होगी । 


मुर्शीद: - हा हा हा हा। खुद मौत के मुह मे है और ..!


मुर्शीद इतना बोलता ही है के रुद्रा मुर्शीद का गला पकड़ लेता है और उसे मारने लगता है । 


तभी भीमा काबेरी को पकड़कर ले आता है । भीमा के हाथ मे चाकु था । जो काबेरी के गले मे था ।


भीमा :- रुक जा रुद्रा । वरना ये जान से जाएगी । 


रुद्रा काबेरी को दैखकर रुक जाता है । काबेरी सोचती है के उसके वजह से एंथोनी मारा गया अब रुद्रा नही । इतना सोचते हूए काबेरी उस चाकु से अपना गला काट लेती है । जिसे दैखकर रुद्रा चिल्लाता है । और काबेरी की और भागता है । भीमा डर से हां से हट जाता है । रुद्रा काबेरी को अपने गौद मे लेता है और आंखो मे आंसु लिये कहता है ।


रुद्रा :- ये क्यों किया पगली । क्यों किया ।


काबेरी :- मेरी वजह से एंथोनी काका को इन लोगो ने ऐसे ही मार दिया । अब आपको नही भैया । 


काबेरी की बात पर रुद्रा रोने लगता है ।


काबेरी :- भैया । मेरा एक काम करोगे । 


रुद्रा रोते हूए अपना सर हिलाता है ।


रुद्रा :- हां बोल बहन । 


काबेरी :- मेरा बच्चा । भैया इसे बचा लो । 


काबेरी के इतना बोलने पर रुद्रा काबेरी को उठाता है । के तभी एक विदेशी रुद्रा को एक कुर्सी से मारता है जिससे रुद्रा लड़खड़ा जाता है । रुद्रा काबेरी को उठाकर चलने लगता है और वो विदेशी एक एक करके रुद्रा के सर पैर और पिठ पर मारो जा रहा था । तभी वहां पर पि के आ जाता है । पि के काबेरी को दैखकर हैरान हो जाता है । रुद्रा काबेरी एक गाड़ी मे बैठाता है और पि के को उसे हॉस्पिटल ले जाने को कहता है । पि के ना चाहते हूए भी रुद्रा उसे भेज देता है । 


पि के के जाने के बाद रुद्रा को मारने फिर वही विदेशी आता है । तो इस बार रुद्रा उसे पकड़ कर उसका हाथ और पांव तोड़ देता है । तब मुर्शीद अपने आदमियों से कहता है ।


मुर्शीद: - अरे जल्दी खतम करो इसे । और उन लड़कियो को उस जहाज मे सिफ्ट करो । 


मुर्शीद के इतना कहने पर भीमा रुद्रा को जैसे ही गोली मारने जाता है के रुद्रा वहां से हट जाता है और गोली रुद्रा के पास से गुजर जाता है । 

रुद्रा झट से उठता है और भीमा का हाथ मोड़ देता है जिससे भीमा के हाथ से उसका बंदूक गिर जाता है । रुद्रा भीमा के सिने पर एक पूरा चाकु घुसा देता है । और उसे दबाते रखता है । जिससे भीमा दर्द से कराहने लगता है ।


भीमा :- आहहहह ।


 तब मुर्शीद रुद्रा के पिठ पर पिछे रुद्रा के सिर पर लकड़ी से मार देता है । जिससे रुद्रा वही पर गिर जाता है और बेहोश हो जाता है । जिससे भीमा और मुर्शीद उसो मरा हूआ मान लेता है । भीमा रुद्रा को हिलाकर दैखता है ।


मुर्शीद: - मरा क्या ?


भीमा :- मर गया साला । 


मुर्शीद: - चलो रे सभी लड़कियों को उस कंटेनर पर सिफ्ट करो । 


मुर्शीद के इतना कहने पर वहां मौजूद कुछ लोग सभी लड़कियों को जबरदस्ती कंटेनर मे घुसा रहा था । तभी वहां पर एक औरत थी जिसका एक छोटा बेटा था । जिसे मुर्शाद उसकी माँ से अलग कर देता है ।


मुर्शीद: - ऐ । इसे कहां ले जा रहे हो । फेंक दो इसे पानी मे ।


मुर्शीद के इतना कहने पर उस बच्चे की माँ मुर्शाद के पैर पकड़ती है और रोने लगती है पर मुर्शीद उसे वहां से हटा देता है । मुर्शीद के आदमी सब कंटेनर बंद कर देता है , बच्चे की रोनी की आवाज रुद्रा के कानो तक जाता है तो उसे अपना बचपन याद आता है जब रुद्रा की माँ को उससे अलग किया जा रही था । इधर एक आदमी लोडर ये कंटेनर को एक जगह से जहाज मे सिफ्ट करता है ।  


तब मुर्शीद बच्चे के बाल को पकड़ कर उसे जैसे ही पानी मे फेंकने जाता है के तभी वो बच्चा रोना बंद कर देता और रुद्रा की और दैखने लगता है , जिससे मुर्शीद हैरान हो जाता है । और पिछे मुड़कर दैखता है । मुर्शाद पिछे रुद्रा को दैखकर हैरान हो जाता है । 


मुर्शीद जैसे ही रुद्रा को मारने जाता है के तभी रुद्रा मुर्शीद का वो हाथ ही काट देता है , जिससे मुर्शीद दर्द से तड़प उठता है । ये दैखकर सभी डर जाता है तभी भीमा रुद्रा को मारने आता है । रुद्रा भीमा के पिठ को उस हस्सा से वार करके घोंप देता है । जिससे भीमा धुर जा गिरता है । तभी वहां पर वो दोनो विदेशी फिर से रुद्रा के पास आता है दोनो मिलकर रुद्रा को मारता है फिर रुद्रा एक रॉड लेकर उछलकर इस एक विदेशी के आर पार कर देता है । 


ये दैखकर वो दुसरा विदेशी रुद्रा के पास आता है तो रुद्रा उछल कर एक तलवार से उसका गला काटता है फिर उस लोडर को चला रहा उस ड्राईवर की तरफ तलवार को फेंकता है जिससे उसका भी सर कट जाता है । तब रुद्रा लोडर पर पड़ता है और कंटेनर को निचे उतारकर सभी लड़कियों को और उस बच्चे को उसकी माँ से मिलाता है । फिर सभी को एक गाड़ी मे बैठाकर वहां से निकल जाता है ।  

कुछ दुर जाने के बाद रुद्रा भरत को फोन करता है ।


भरत :- हेलो । हां रुद्रा बोलो ।


रुद्रा भरत को सब बोलतर सुनाता है । 


रुद्रा :- सर मैं इन्हें यहां पर छोड़कर जा रहा हूँ आप इस जगह पर जल्दी आ जाओ । 


रुद्रा बस मे सभी को कहता है ।


रुद्रा: - मैं तुम लोगो को यहां छोड़कर जा रहा हूँ । यहां से तुम्हें भरत सर लेकर जाऐगें । मुझे उस मुर्शीद को खतम करना है ।


रुद्रा के इतना कहने पर भरत वहां से निकल जाता है और उस गाड़ी के पास पहूँच जाता है जहां पर रुद्रा ने बुलाया था । भरत इधर उधर दैखता है पर वहां पर रुद्रा नही था । भरत वो गाड़ी लेकर वहीं से चला जाता है । तभी वहां रोड पर रुद्रा निधी के कार से टकरा जाता है । तो निधी उसे अपने कार बैठा लेती है । और फिर रुद्रा निधी को उन गुंडों से भी बचाता है । यहां पर उन गुंडों को रुद्रा मारता हूआ दिखाई देता है । 


और एक अपने घुटने के बल पर रुद्रा के पास आता है । उसके बाद निधी उसे हॉस्पिटल लेकर जाती है । जहां पर पि के और शिव नारायण काबेरी के मरने के बाद रो रहा था । पि के रुद्रा को दैखकर हैरान हो जाता है । निधी रुद्रा को स्ट्रेचर पर लिटा कर ले दा रही थी । शिव नारायण रुद्रा को दैखकर रुद्रा के पास जाने वाला था के पि के ने उसे मना करते हूए इशारा करता है । तभी वहां पर भरत भी आ जाता है । पि के को दैखकर भरत उसके पास आता है । पि के भरत को सब बोलकर सुनाता है । इधर निधी रुद्रा का ऑपरेशन करके रुद्री को बचा लेती है । निधी रुद्रा की और दैखती है और कहती है ।


निधी :- अजीब है ये । इतनी गोलिया और चाकु लगने के बाद भी कोई कैसे जिंदा रह सकता है ।  


निधी रुद्रा को दैखती है । और वहां बाहर निकलती है । जहां पर भरत खड़ा था ।


भरत :- अभी कैसा है वो ?


निधी: - खतरे से बाहर है । बच जाएगा ।


निधी की बात सुनकर पि के और बाकी सभी राहत की सांस लेते है और भगवान को प्रणाम करते है ।


निधी :- ये लड़का अजीब है पापा । इसनी गोलियां और चाकु से मारा गया है इसे फिर भी ये कैसे जिंदा था । और मुझे उन गुंडों से भी बचाया । कुछ तो जरुर जुनुन सा है इसके आंखो मे । मैंने दैखा है पापा । उसकी आंखो मे एक अजीब सा गुस्सा है ।


भरत :- हो सकता है । बेटा । अब तुम घर चलो । मैं भी चलता हूँ तुम्हारे साथ । सुबह आकर रिपोर्ट लूगां । मैं किसी सिपाही को यहां पर भेज दूगां ।


निधी :- ठिक है पापा ।


इतना बोलकर भरत वहां से निधी को लेकर चला जाता है । भरत जाते वक्त पि के को इशारा कर देता है के वो रुद्रा को यहां से लेकर चला जाए ।


उन दोनो के जाने के बाद पि के रुद्रा को लेकर चला जाता है ।





SCENE 24

रुद्रा का घर 




शिव नारायण अब अपने उस पल इस पल मे आ जाता है जहां पर रुद्रा बेहोस था और शिव नारायण सभी को रुद्रा की कहानी को बोलकर सुनाता है । रुद्रा की कहानी सुनने के बाद कोमल और निधी के मन मे रुद्रा के लिए नफरत नही अब सिर्फ प्यार था ।


शिव नारायण: - बचपन से लेकर आज तक वो अपने माँ के दिये वादे को पुरा कर रहा है । काबेरी के बच्चे के लिए रुद्रा कुछ दिन सांत जरुर हो गया था पर उन लोगो ने शेर को फिर से जगाने की गलती की है । इस बार रुद्रा का सामना वो लोग तो क्या , दुनिया की कोई ताकत नही कर सकता ।


निधी :- जो इंसान अपने माँ के लिए इतना कुछ सह सकता है , कर सकता है । मैने उसे कितना गलत समझा । उसे मैने बहोत बूरा भला कहा पापा । पर फिर भी उसने एक शब्द भी नही कहा । 


निधी इतना बोलकर भरत के गले लग जाती है । 


भरत :- कोई बात नही बेटा । तुमने जो कुछ भी किया अनजाने मे किया । 


कोमल :- मैने भी अनजाने मे उसे बहोत बुरा भला कहा पापा । मैने ये क्या किया ।


कोमल भी इतना बोलकर अपने पापा किशन कुमार के गले लग जाता है ।


किशन कुमार :- कोई बात नही बेटा । जब रुद्रा को होश आएगा तुम उससे माफी मांग लेना ।


कोमल हां मे सर हिलाती है । सभी वहां से दुसरे जगह पर चला जाता है । निधी और कोमल रुद्रा को दैखकर गाना सोचने लगती है । रुद्रा वहां पर बेहोश सोया था , कोमल और निधी रुद्रा को होश आने पर खाना खिलाती है , निधी दवाई और इंजेक्शन देती है तो निधी खुद डरने लगती है । कभी कोमल रुद्रा का मुह साफ करती है तो कभी निधी रुद्रा को सुलाने लगती है । 

      



SCENE 25

मुर्शीद और भीमा की परेशानी 



गाना खतम होने के बाद मुर्शीद भीमा को फोन करता है और कहता है ।


मुर्शीद: - भीमा । ये सब क्या हो रहा है ! कल हमारे लोग मारे गए । गोल्डेन भाई के लोग मारे गए । वो अब हमे नही छोड़ेगा ।


भीमा :- ये सब उस रुद्रा का काम है । मुझे सगा था , इतनी गोलिया लगने के बाद वो मर गया होगा । पर वो वापस आ गया है । वो बदला लेने वापस आ गया है । उधर गोल्डेन हमे मारने आ रहा है और इधर रुद्रा । अब हम क्या करे ?


मुर्शीद: - गोल्डेन के आने से पहले , हमे रुद्रा को खतम करना होगा । तैयार हो जाओ , मैं आ रहा हूँ अपनी फोज लेकर ।



SCENE 26

कोमल रुद्रा का घर 



कोमल रुद्रा के रुम मे जाती है जहां पर रुद्रा नही था । तो कोमल जाकर शिव नारायण से पूछती है ।


कोमल :- अंकल रुद्रा कहां है ?


शिव नारायण: - वो वहां है , अपनी मां के पास । ( शिव नारायण रुद्रा की और इशारा करके कहता है )


कोमल वही चली जाती है । कोमल जाकर दैखती है के रुद्रा अपनी माँ की समाधी के पास सोया था । कोमल रुद्रा के पास जाती है और कहती है ।


कोमल :- रुद्रा ।


रुद्रा: - अरे मेडम आप ! 


कोमल :- अब भी मेडम ही कहोगे ?


रुद्रा: - आपका नाम लोकर बुलाने का हक मुझे नही है मेडम । मैं एक गुंडा हूँ । आपका और मेरा कोई मेल नही । उस दिन अच्छा हुआ आपने आकर खुद ही मना कर दिया । वरना जबसे आपसे शादी की बात चली थी । मैं तो परेशान हो गया था । समझ मे नही आ रहा था के मैं आपसे कैसे कहूँ के मैं आपके लायक नही हूँ । मैं आपसे शादी नही कर सकता ।


कोमल :- उस दिन की बात से अभी तक नाराज हो ? अच्छा सॉरी माफ कर दो ।


रुद्रा: - ये क्या बोल रही हो मेडम ऐसी कोई बात नही है । सच तो ये है के मैरा और आपका कोई मेल नही । 


रुद्रा इतना बोलकर वहां से जा ही रहा था के तभी वहां पर पि के , शिव नारायण और कुछ आदमी वहां पर आ जाता है । पि के रुद्रा से मुर्शीद के यहां आने के बारे मे कहता है । रुद्रा सभी को अलर्ट करता है । कोमल ये सब वहां से खड़ी होकर दैख रही थी । रुद्रा वहां से जाने वाला होता है के तभी कोमल रुद्रा का हाथ पकड़ती है । रुद्रा वही रुक जाता है । रुद्रा अपना हाथ छुड़ाना चाहता है पर कोमल रुद्रा को अपनी और खिचता है और कहती है ।


कोमल :- तुमने ये कैसे कह दिया के तुम मेरे लायक नही हो । जब तक तुम्हारे बारे मे पता नही था , मैं कितनी गलत थी । लेकिन अब जब सबकुछ पता है तो बताओ , मैं तुमसे प्यार क्यों ना करु । 


इतना बोलकर कोमल रुद्रा के गले लग जाती है । रुद्रा कुछ दैर ऐसे ही खड़ा रहता है फिर वहां पर किशन कुमार रुद्रा को हां मे इशारा करता है । जिससे रुद्रा कोमल को गले से लगा लेता है । 


कोमल :- I LOVE TOU RUDRA . मैं तुम्हारे बगैर नही रह सकती है ।


रुद्रा: - I LOVE YOU TOO.  


निधी ये सब दैखकर बहोत दुखी हो जाती है और वहां से रोती हूई अपने घर चली जाती है रुद्रा निधी को जाते हूए दैख लेता है । निधी को रोता हुआ दैखकर निधी की माँ कहती है ।


निर्मला: - क्या हूआ बेटा । तुम ऐसे उदास क्यो हो , और तुम्हारे आंखो मे आंसु क्यो आ रहे है ?


भरत :- ये आंसु प्यार के आंसु है । 


निर्मला: - प्यार के आंसु मतलब? 


भरत: - हमारी बेटी को रुद्रा से प्यार हो गया है । तुम्हे पता है निर्मला रुद्रा वही है जिसे तुमने अपने घर मे रखने से मना कर दिया था । पर उसे देखो । आज उसी के वजह से हमारी बेटी हमारे साथ है ।


निधी : - पापा । मैं रुद्रा से बहोत प्यार करने लग गई पापा । 


भरत :- तो इसमे रोने वाली क्या बात है । जाओ और जाके उसे ये बात बताओ ।


निधी :- मैं वही तो नही कर सकती पापा । 


भरत :- पर क्यों बेटा ?


निधी: - जिसको मुझसे प्यार ही नही , मैं उसी से प्यार कर बैठी पापा । पापा मैं उससे बहोत प्यार करती हूँ पापा ।


इतना बोलकर निधी भरत को पकड़कर रोने लगती है ।


भरत निधी के बालो को सहलाता है ।




SCENE 27.

भीमा और मुर्शीद  



मुर्शीद एक कुर्सी पर बैठकर काला चश्मा पहनकर मुर्शीद का एक हाथ नकली लगा था । मुर्शीद सिगरेट पि रहा था । तभी वहां पर भीमा आता है ।


भीमा :- वेलकम भाई वेलकम । 


मुर्शीद: - मैं यहां पर अपना वेलकम कराने नही आता हूँ भीमा । गोल्डेन हम सबसे बहोत नाराज है । अगर हमने रुद्रा को नही मारा तो गोल्डेन हम सबको मार देगा । वो कल यहां आने वाला है । वो यहां पर आए उससे पहले हमे उसे मारना होगा । 


भीमा :- आज वो काली पूजा करने गया है । वहां पर उसे मारना मुश्किल होगा । क्योंकि वहां पर पुरा गांव उसके साथ होगा ।


मुर्शीद: - आज चाहे तुझ भी हो । सबके सब मरेगा । मार दूगां मैं सबको ।


मुर्शीद अपनी हाथ को दैखते हूए कहता है ।


मुर्शीद: - साला एक अकेले ने हम सबकी वाट लगा के रखी है । सबलोग ध्यान से सुनो । ( अपने आदमियों से कहते हूए) । हमलोग जिसे मारने जा रहे है , वो है तो अकेला , पर अकेले ही सब पर भारी पड़ेगा । जिसे भी उसे मौका मिलेगा मारने का वो उसे बिना कुछ सौचे मार देगा । जो उसे मारेगा , मैं उसे माला माल कर दूगां ।


मुर्शीद की बात को सुनकर पहले तो सभी डर जाता है । फिर इनाम सुनकर खुश हो जाता है । 


तब मुर्शीद भीमा के साथ अपने बहोत से आदमीयों के साथ रुद्रा की और आ रहा था । सभी के हाथ मे गन थी । 




SCENE 28

काली पूजा 




मंदिर का दृश्य जहां पर माँ काली का बहोत बड़ा मूर्ति था । बहोत सारे लोग नाच रहे थे । गुलाल उड़ा रहे थे । ढोल बज रहे थे । तभी वहां पर रुद्रा, कोमल , निधी , किशन कुमार , रत्ना , भरत , निर्मला और शिव नारायण एक साथ आ रहे थे । रुद्रा काला चश्मा लगाके आ रहा था । रुद्रा काली माँ के पास जाता है । तो शिव नारायण कोमल को इशारा करके बुलाता है । और दोनो को साथ पूजा करने के लिए कहता है । निधी ये सब दैखकर उदासी से अपने पापा की और दैखती है और हल्की मुस्कान देती है । भरत निधी के सर पर अपना हाथ रखता है ।


 रुद्रा और कोमल दोनो ही माँ का पूजा करता है । कोमल रुद्रा को दैख रही थी और बहोत खुश हो रही थी क्योंकी वहां पर जितने भी लोग थे सभी रुद्रा को बहोत प्यार करता था । रुद्रा और कोमल के बाद बाकी सभी पूजा करता है । तभी वहां पर बंम का धमाका होता है । जिससे सभी लोग इधर उधर भागने लगता है । और बहोत सारे लोग रुद्रा को घेर कर उसे प्रोटेक्ट करता है । धमाके के वजह से बहोत सारे धुल उड़ रहा था ।


 तभी भीमा और मुर्शीद हाथ मे गन लिये बहोत सारे आदमीयों के साथ वहां पर आता है । जो लोग रुद्रा को प्रोटेक्ट कर रहे थे उसे गोलियों से मारने लगता है जिससे दैखकर रुद्रा गुस्से से लाल हो जाता है । रुद्रा सभी मंदिर के पिछे छिपा देता है । तभी रुद्रा वहां पर एक बड़े तिरपॉल को हटाता है जहां पर बहोत सारे गन था । रुद्रा MG42 MACHINE GUN को लेता है और उसके बेल्ट को अपने कंधे पर टांग कर रुद्रा बाहर निकलता है । रुद्रा को दैखकर सभी घबरा जाता है । भरत भी सभी को वहां पर रुकने कोल कहती है और अपनी गन लेकर वो भी गूडें को मारने लगते है ।


  तब मुर्शीद रुद्रा को मारने के लिए कहता है । तभी रुद्रा अपना गन चलाना सुरु कर देता है । रुद्रा सब पर गोलियों की बोछार कर देता है । रुद्रा उन गन से लगभग मुर्शीद के आदमियों के मारकर खतम कर देता है । भरत भी सभी को मारने लगता है के तभी भरत के हाथ मे एक गोली लगती है जिससे वो घायल हो जाता है । भरत के गोली लगने से निधी भागकर भरत के पास आती है और भरत को पकड़कर सेफ जगह पर ले जाती है । अब रुद्रा गन को फेंक देता है और अपने हाथ मे दो तलवार लेता है और बाकी सबको काटने लगता है । रुद्रा को ऐसे मारते दैखकर सभी हैरान था । भीमा और मुर्शीद डर से कांपने लगता है । रुद्रा सभी को मारने के बाद मुर्शीद से कहता है ।


रुद्रा: - आज चाहे तु अपनी पूरी फोज लगा दो मुर्शीद । पर आज तुझे मुझसे कोई नही बचा सकता । तुझे मारकर मैं मेरे दिल का आग सांत करूगां ।


रुद्रा से इतना सुनकर मुर्शीद समझ नही पाता के रुद्रा से उसका और क्या दुश्मनी है । तभी वहां पर एक बच्चा रोता है जो अपने माँ से बिछड़ गया था । ये वही बच्चा और औरत है जिसे रुद्रा ने बचाया था । बच्चे को दैखकर मुर्शीद मुस्कुराने लगता है । तभी वहां पर उस बच्चे की माँ उसे बचाने के लिए आ जाती है । तब मुर्शीद उस औरत को पकड़ लेता है और उसके पेट पर चाकु रख देता है ।  


मुर्शीद :- हा हा हा हा । नही रुद्रा नही । आज मैं नही आज तु मरेगा । उस दिन तो तु बच गया पर आज नही बचेगा । आज तु जरुर मरेगा ।


भीमा :- भाई । इतना बात क्यों कर रहे हो मारो इसे । 


मुर्शीद: - इतनी जल्दी भी क्या है । कोई है , रुद्रा को पकड़कर मेरे पास लेकर आओ । 


वहां पर दो आदमी मरने का नाटक करते पड़ा था । एक उठने जा रहा था तभी एक उसे रोकते हूए कहता है ।


आदमी :- अबे चुप चाप पड़ा रह अगर जिंदा रहना है तो । दैखा नही कैसे सबके मारे गये । ये आदमी नही राक्षस है । चुप चाप पड़ा रह । तभी पास मे पड़ा एक और कहता है । 


तीसरा आदमी :- ठिक कहा तुमने भाई ।


ये दोनो उसे दैखकर हैरान हो जाता है । उसके चेहरे और शरीर पर खुन लगा था । जिसे दैखकर वो आदमी पूछता है ।


आदमी :- तु भी नाटक कर रहे हो । तो फिर खुन कहां से निकला ।


तिसरा :- ये खुन नही है । ये तो केचअप है । हम लोग और भी है पिछे । ( सभी पिछे दैखता है तो वहां पर और भी आदमी थे जो मरने का नाटक कर रहे थे । )हम सभी ने पहले ही तय कर लिया था । के अगर ऐसा सिच्युऐसन आये तो केचअप काम आऐगा । 


आदमी : - भाई थोड़ा हमे भी दो ना ।


तिसरा :- हां । ये लो ।


मुर्शीद के बुलाने पर भी जब कोई नही आया तब मुर्शीद रुद्रा के करीब आता है । भीमा ये सब दैखकर डर जाता है । मुर्शीद रुद्रा के करीब आता है और उस औरत के साथ गलत हरकत करने लगता है । 


मुर्शीद: - काश तु हमारे साथ होता रुद्रा । तो हम पूरी दुनिया मे राज करता । तुझे ये नही पता के औरत का नशा क्या होता है । तुने मेरा बहोत नुकसान किया है । मेरा हाथ काट दिया । मेरे इतने सारे आदमीयों को मार डाला ।


मुर्शीद इतना बोलता है के वो औरत मुर्शीद को धक्का देकर वहां ये हट जाती है । मुर्शीद रुद्रा को सामने दैखकर घबरा जाता है । रुद्रा गुस्से से मुर्शीद की और दैखता है । मुर्शीद रुद्रा को मारने जाता है के तभी रुद्रा मुर्शीद का दुसरा हाथ भी काट देता है । तब भीमा भागकर आता है । और रुद्रा को एक दो मुक्का मारता है जिससे रुद्रा के मुह से खुन निकलता है । रुद्रा भीमा को पकड़ बहोत मारता है । भीमा जमीन पर गिर जाता है । रुद्रा एक गन उठाता है और भीमा के पास जाता है । भीमा रुद्रा से माफी मांगता है । वहां पर सभी आ जाता है । निधी , कोमल , भरत और बाकी सभी ।


भीमा :- रुद्रा मुझे मत मार । माफ कर दे यार । मुझसे गलती हो गई । अब मैं ऐसा कभी नही करुगां । मैं मैं तेरे साथ रहूगां रुद्रा । तेरा गुलाम बनकर रहूगां । रुद्रा कल , कल वो गोल्डेन आ रहा है । वो मुझे मार देगा । तु मुझे , मुझे बचा ले यार । 


रुद्रा :- ये गोल्डेन कौन है ?


भीमा :- हम सब जो कर रहे है , इन सबका बाप वही है । तेरे कान उसे उसके बिजनेस मे बहोत नुकसान हूआ है । इसलिए वो यहां पर आ रहा है ।

भीमा के इतना कहते ही रुद्रा उसे गोली मार देता है । रुद्रा एंथोनी भाई को याद करता है और भीमा को गोली मारता है ।


इसके बाद रुद्रा मुर्शीद के पास जाता है । रुद्रा मुर्शीद को उस जगह पर लेकर जाता है जहां पर रुद्रा के माँ का समाधी था । मुर्शीद समाधी मे लगे फोटो को दैखकर समझ जाता है । के रुद्रा कौन है और उसे क्यों मारना चाहता है । मुर्शीद को उस दिन वाला सब कुछ याद आ जाता है । जिस दिन मुर्शीद रुद्रा और उसकी माँ को यहां पर लाया था । रुद्रा के पुरे शरीर पर खुन ही खुन लगा था ।


मुर्शीद: - तो वो तु है ।


रुद्रा :- हम्म ।


रुद्रा उस पल को याद करता है जब मुर्शीद ने उसे गोली मारा था । रुद्रा इतना सोचता है और मुर्शीद को गोलीयों से भून देता है । मुर्शीद वही पर मर जाता है । कोमल रुद्रा के पास आती है और रुद्रा के गले लग जाती है । निधी को रुद्रा की फिक्र हो रही थी । इसिलिए वो भागकर रुद्रा के पास आती है और रुद्रा को गले लगा लेती है । कोमल समझ जाती है के निधी भी रुद्रा से प्यार करती है । कोमल और रुद्रा दोनो एक दुसरे की और दैखती है । कोमल हां मे सर हिलाती है । निधी रुद्रा से अलग होकर अपने आंख मे आंशु लिये वहां से भरत के साथ चली जाती है ।



रुद्रा कोमल के साथ अपने घर की और जा रहा था तभी वहां पर आसमान मे एक प्लेन उड़ता दिखाई देता है । सभी प्लेन की और दैखता है । तभी रुद्रा का फोन रिंग होता है । रुद्रा फोन को दैखता है । जिसमे UNKNOWN लिखा था । रुद्रा फोन रिसिव करता है । तो उधर से गोल्डेन का आवाज आता है ।


गोल्डेन :- तेरी बहोत बाते सुनी मैने और आज दैख भी लिया । हिम्मत है तेरे मे । मजा आएगा । आज तक किसीने मुझे चुनोती देने की भूल नही की । मैं चाहूँ तो तुझे अभी मार सकता हूँ । मगर इसमे मजा नही आएगा । तुझे पता तो चले के तुने किससे पंगा लिया है । 


रुद्रा :- कौन है तु ?


गोल्डेन :- हा हा हा हा ......! गोल्डेन ।


इतना कहने के बाद वो प्लेन दोबारा रुद्रा के उपर से उड़कर चला जाता है । रुद्रा प्लेन की और दैखता है और गोल्डेन एक दूरबीन से रुद्रा को दैख रहा था । गोल्डेन के चेहरे का कुछ हिस्सा ही दिखता है । गोल्डेन ब्लेक चश्मा हाथ और गले मे चैन , वाईट सर्ट और पेंट पहना था । गोल्डेन की बड़ी बड़ी दाड़ी है । प्लेन उड़ रहा था और गोल्डेन कहता है ।


गोल्डेन :- शेर का शिकार करने के लिए शिकारी चाहिए । तेरा शिकार बहोत जल्द होगा । 


गोल्डेन के इतना कहने पर प्लेन उड़कर चला जाता है ।


THE END 

NEXT PART WILL CONTINUE.