गिफ्ट लेकर भरत कहता है ।
भरत :- थेंक्यू सो मच आदित्य । अशोक साहब इनसे मिलिए ये है मेरे कंपनी के सबसे होनहार लड़का आदित्य । जब से ये आया है तबसे मेरी कंपनी बाकी कंपनियों को पछाड़कर सबसे आगे है ।
अशोक :- कैसे हो बेटा । तुम्हारी चोंट कैसी है ?
भरत :- आप एक दुसरे को जानते हो ?
अशोक :- एक्सीडेंट की वजह से मेरा आदित्य से परिचय हूआ । आदित्य के इस चोंट का जिम्मेदार मैं ही हूँ । और उन दिन अगर ये नही होता तो शायद मैं भी नही होता । इसने ही मुझे हॉस्पिटल लेकर गया और मेरी जान बचाई ।
आदित्य: - क्या सर आप अब भी उस बात को लेकर पड़े है ।
अशोक :- बेटा दुनिया मे सब कुछ भूल जाओ पर जो तुम पर उपचार करे उसे कभी मत भूलना ।
भरत :- वाह क्या बात कही है सर आपने ।
कृतिका :- हमारा आदित्य है ही ऐसा सर । ये अपनी खुशी से ज्यादा दुसरे की खुशी मे खुश होता है ।
जानवी अब भी आदित्य से नाराज थी और वो आदित्य की और गुस्से से दैख रही थी । तभी वहां पर मोनिका विकी के साथ आती है । विकी जो की विद्युत तिवारी के कंपनी का एक एम्पलाई है । मोनिका बड़े शान से विकी का हाथ पकड़े पार्टी मे इंटर करती है । मोनिका आदित्य को दैखकर भी अनदेखा कर देती है और उसके सामने से गुजर जाती है ।
मोनिका को किसी और के साथ दैखकर आदित्य बहोत मायूस हो जाता है । कृतिका मोनिका के पास जाकर बात करना चाहती थी के आदित्य उसका हाथ पकड़कर उसे रौक लेता है । ये सब जानवी और अशोक दैखकर समझ जाता है के इस दिन आदित्य जिसके बारे मे बोल रहा था ये वही है ।
जानवी आदित्य को दैखकर समझ जाती है के कुछ तो बात है मोनिका और आदित्य के बिच । जानवी मन ही मन सोचती है । इन दोनो के बिच जरुर कुछ है , वरना ये मोनिका को दैखकर इतना उदास क्यों हो गया । आदित्य और उसके दोनो दोस्त वहां से दुसरे जगह पर आ जाता है और हाथ मे ड्रिंक्स का ग्लास लिये आदित्य और उसके दोस्त आपस मे बात कर रहे थे के तभी वहां पर मोनिका आ जाती है ।
मोनिका :- कितने बेशरम हो तुम है ना आदित्य । मेरा पिछा करते करते तुम यहां तक पहूँच गए । नही एक बात बताओ मुझे । तुम क्या चाहते हो के सारी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताऊं और तुम्हारी ही तरह फटे हाल मे जिउ ।
आदित्य: - मैने तुम्हारा कोई पिछा नही किया । मुझे यहां इंवाईट किया गया है तभी मैं आया हूँ ।
मोनिका :- इंवाईट और तुम ! हा हा हा हा । मुझे तो ये सुनकर ही कितना हंसी लगने लगा । चलो फिर भी ठिक है इसी बहाने तुम कुछ अच्छा खाना खा तो लोगे ।
कृतिका :- मोनिका । ये तुम कैसी बात कर रही हो । तुम आदित्य से ऐसे कैसे बात कर सकती हो ?
मोनिका :- क्योकि ये है ही इसी लायक । सुनो आदित्य मुझे कोई सीन नही चाहिए । तुम खाना खाओ और चुप चाप यहां से निकल जाओ ।
तभी वहां पर विकी भी आ जाता है ।
विकी :- क्या बात है मोनिका । everything is alright?
मोनिका: - हां सब ठिक है विकी । ये आदित्य है । तुम्हें बताता था इसके बारे मे । मेरा एक्स है । मेरा पिछा करते करते ये यहां तक पहूँच गया । मैने इसे कितना समझाया के मैं अब ये रिस्ता नही रखना चाहता पर फिर भी ये मेरा पिछा कर रहा है ।
विकी :- क्यो बे ! तुझे जब इतनी बार इसने मना किया है तो फिर तु इसे बार बार परेशान क्यों करता है । और तेरी हिम्मत कैसे हूई ऐसे पार्टी मे आने की ।
इतना बोलकर विकी आदित्य का कॉलर पकड़ लेता है । ये सब होते हूए भरत , अशोक और जानवी दैख रहे थे वो लोग जल्दी से आदित्य के पास आने ही लगता है के तभी आदित्य विकी को एक जौरदार थप्पड़ मारता है ।
आदित्य: - तेरी हिम्मत कैसे हूई मेरी कॉलर पकड़ने की ।
मोनिका :- you ! तुम्हारी इतनी हिम्मत । रुको तुम्हें अभी बताती हूँ ।
तभी वहां पर अशोक , भरत और जानवी आ जाती है ।
भरत :- ये सब क्या चल रहा है ? आदित्य तुमने विकी पर हाथ कैसे उठाया ?
।विकी :- ओ । तो आप इसे जानते हो ।
भरत :- हां मैं इसे जानता हूँ । ये मेरे ही कंपनी मे काम करता है ।
विकी :- काम करता था । मिस्टर भरत ये लड़का कल से मुझे सड़क पर चाहिए । I want this boy begging on the street.
भरत :- पर विकी । ये मेरा ।
कृतिका :- ओए । तु होता है कौन है आदित्य को निकालने वाला । तु निकल यहां से समझा ।
विकी :- मिस्टर भरत । आप अगर विद्युत तिवारी जी से रिस्ता अच्छा रखना चाहते हो तो ये लड़का कल से आफिस मे नही दिखनी चाहिए ।
विद्युत तिवारी का नाम सुनकर आदित्य और उसके दोस्त हैरान हो जाता है ।
रमेश :- विद्युत तिवारी ! तुम्हारा मतलब । हिंदुस्तान का सबसे अमिर आदमी ।
मोनिका :- हां सही समझे । ये उनके कंपनी मे मैनेजर है और विद्युत तिवारी विकी की हर बात मानता है ।
मोनिका की बात को सुनकर कृतिका और रमेश हंसने लगता है । इन दोनो को हंसता हूआ दैखकर मोनिका और बाकी के सभी हैरान हो जाता है ।
भरत :- कृतिका । Behave your self. ये सच बोल रही हो । मैं विद्युत तिवारी जी से दुश्मनी नही ले सकता । आदित्य अगर तुम चाहते हो के कल तुम ऑफिस आओ तो अभी विकी से माफी मांगो ।
अशोक :- ये आप क्या बोल रहे हो भरत जी । हम सबने दैखा के विकी पहले आकर आदित्य का कॉलर पकड़ा । गलती विकी का है तो फिर माफी भी विकी ही मांगेगा ।
विकी :- ओ बुड्ढे । सठिया गया है क्या ? जानता है किससे बात कर रहा है ।
इतना बोलकर विकी अशोक का भी कॉलर पकड़ लेता है । तभी जानवी विकी से कहती है ।
जानवी :- how dare you ? तुम्हारी हिम्मत कैसे हूई मेरे पापा से बदतमीजी करने की ।
विकी :- ठिक है , इनसे नही तो तुमसे ही बदतमीजी कर लेता हूँ ।
इतना बोलकर विकी जानवी की तरफ बड़ता है के तभी आदित्य विकी का कॉलर पकड़ता है और विकी को एक जौरदार थप्पड़ मारता है ।
जिससे फिर से सभी हैरान हो जाता है । आदित्य विकी का कॉलर पकड़ता है और कहता है ।