हम तुम्हें चाहते हैं इतना
भाग 1
“ अभी तो तुम मुझसे इतना प्यार जता रहे हो . रोज मेरे आगे पीछे घुमते रहते हो . मैंने देखा है मर्दों को शादी के बाद बदल जाते हैं . “ राशि ने रवि से कहा
“ क्या तुम अपना अनुभव बता रही हो ? इसके पहले भी किसी मर्द से … “
“ शट अप , तुम जानबूझ कर नाटक कर रहे हो और मेरी बात का जवाब देने से कतरा रहे हो . “ राशि ने बीच में रवि की बात बीच में काटते हुए कहा
“ अच्छा बाबा , लो सुनो . हम तुम्हें चाहते हैं इतना , मरने वाला कोई जिंदगी चाहता हो जितना . “ रवि ने हँस कर कहा
“ ये तो फ़िल्मी गाना है और फिल्मों तक ही रह जाता है . वास्तविक जीवन में ऐसा होता है क्या ? “
“ मैं दूसरों की बात न करता हूँ न जानता हूँ . मैंने जो भी कहा है , दिल से कहा है . “
रवि और राशि दोनों मोहाली के मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे . दोनों आपस में प्यार करने लगे थे और जल्द ही उनकी शादी होने जा रही थी . ये था तो लव मैरेज पर दोनों के परिवार वालों ने इस शादी को अरेंज्ड मैरेज का जामा पहनाया था . शादी बहुत धूमधाम से सम्पन्न हुई . शादी के कुछ दिनों के बाद दोनों हनीमून के लिए गोवा गए . उसके बाद वापस मोहाली आ गए .
रवि और राशि की पहली सालगिरह थी . इस मौके पर उसने राशि को एक डायमंड सेट गिफ्ट दिया और कहा “ चलो आज की शाम ताज में डिनर लेते हैं . “
राशि ने कहा “ क्या बात है ? आज ज्यादा ही मेहरबान दिख रहे हो . “
“ ये मेहरबानी नहीं है बल्कि मेरे प्यार का छोटा सा नमूना है . “
राशि मुस्कुरा कर रह गयी .दरअसल रवि ने फाइव स्टार होटल में एक सरप्राइज़ पार्टी रखी थी . वहां उसने अपने और राशि के कुलीग और मित्रों को बुलाया था . पार्टी के बाद घर लौट कर रवि ने पत्नी से पूछा “ शादी के एक साल बाद भी तुम्हें मेरे प्यार में कोई कमी दिखी है ? “
“ जब वह ठीक थी तब भी हम ऐसा ही करते थे . मुझे उम्मीद है एक दिन वह मेरी बात जरूर सुनेगी . “
“ बेशक नहीं . भगवान करे हमारा प्यार सदा बरक़रार रहे . “
“ बेशक रहेगा . पर आज की रात से फैमिली प्लानिंग बंद . अब हम पेरेंट्स बनने की प्लानिंग करेंगे . “
बोल कर राशि को उसने अपने आगोश में ले लिया .
शादी की दूसरी वर्षगांठ के समय राशि गर्भवती थी . समय पर उसने जुड़वाँ बच्चों को जन्म दिया , एक बेटा और एक बेटी . पति पत्नी दोनों जुड़वाँ बच्चों के होने से बहुत खुश थे . रवि बोला “ एक साथ दो बच्चों के पालन पोषण में तुम्हें कुछ कठिनाई तो होगी पर जो होता है अच्छा ही होता है . “
“ माँ को बच्चों के पालन पोषण में कोई परेशानी नहीं होती है . “ राशि बोली
“ हाँ , वह सही है . मेरे कहने का मतलब सिर्फ इतना था कि एक ही बार में हमारा परिवार परिपूर्ण हुआ है . बेटा बेटी दोनों ही मिल गए . “
राशि और रवि ने बच्चों के नाम संजय और मंजरी रखे . वे प्यार से बेटे को संजू कहते बेटी को मंजू . चूंकि संजू का जन्म 10 मिनट पहले हुआ था वह बड़ा माना गया था .
दोनों बच्चे समय के साथ बड़े हो रहे थे और रवि और राशि उन्हें देख कर फूले नहीं समाते थे . दोनों बच्चे अब बड़े हो गए थे . कुछ ही दिन पहले दोनों ने हाई स्कूल में एडमिशन लिए थे . रवि और राशि दोनों कंपनी में सीनियर पोजीशन में थे . सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक दिन अचानक उनकी पूरी जिंदगी का रुख बदल गया .
उस दिन शाम को राशि कार से घर लौट रही थी . मूसलाधार बारिश हो रही थी . अचानक रोड पर एक कुत्ता दौड़ते हुए रोड क्रॉस कर रहा था . उसे बचाने के लिए राशि ने जोर से ब्रेक लिया . अचानक ब्रेक लेने से बरसात के कारण कार स्किड कर बिजली की पोल से टकरा गयी . कुत्ता तो बच निकला पर यह एक्सीडेंट इतना भयंकर था कि कार का आगे का हिस्सा चकनाचूर हो गया था . राशि को सिर के अतिरिक्त हाथ और पैर में बहुत चोट आयी थी . पुलिस तत्काल उसे वहां के अस्पताल में ले गयी .
दुर्घटना की सूचना मिलते ही रवि तत्काल अस्पताल गया . संजू और मंजू दोनों बच्चे भी पापा के साथ गए थे . रवि ने डॉक्टर से बात की . डॉक्टर ने कहा “ पेशेंट ICU में क्रिटिकल स्टेज में है . वहां फिलहाल कोई नहीं जा सकता है . कम से कम आप बच्चों को वापस घर भेज दें . मुझे आपसे जरूरी बात करनी है . “
बच्चों के जाने के बाद डॉक्टर रवि को अपने चेंबर में ले गया फिर बोला “ लुक , आपकी पत्नी को काफी चोटें आयी हैं , विशेष कर उनके ब्रेन को गहरा आघात लगा है . सच कहूँ तो उनकी स्थिति बहुत नाजुक है फिर भी हम यहाँ जो कर सकते हैं कर रहे हैं . हमलोग उन्हें चंडीगढ़ के PGI अस्पताल रेफर कर रहे हैं . आप जल्द से जल्द वहां ले जाएँ . आपके लिए एम्बुलेंस रेडी है . “
रवि राशि को चंडीगढ़ के PGI अस्पताल ले गया जहाँ डॉक्टर ने उसे भर्ती कर ICU में भेज दिया . कुछ देर बाद रवि ने पत्नी के कंडीशन के बारे डॉक्टर से बात की , तब वह बोला “ हमें पेशेंट के ब्रेन की चिंता है , अन्य अंगों की चोटों का इलाज तो हो जायेगा पर अभी वे होश में नहीं हैं . “
“ क्या वह कोमा में है ? “
“ नहीं , वह नेचुरल कोमा में नहीं है पर हम उसे दवाओं के सहारे जबरन कोमा में ले जा रहे हैं . इसे हम मेडिकली इंडयूस्ड कोमा कहते हैं . “
“ पर क्यों ? “
“ लुक , मस्तिष्क को गंभीर चोट लगने पर उसके प्रभाव का असर घंटों , दिनों और हफ्तों तक रह सकता है . ब्रेन में सूजन आ जाती और ब्रेन को समुचित ब्लड और ऑक्सीजन नहीं मिलता है जिसके चलते ब्रेन और डैमेज हो सकता है . ऐसे में इंड्यूस्ड कोमा कर ब्रेन को रेस्ट देते हैं और इस बीच हमलोग सूजन कम करने का प्रयास करते हैं . ब्लीडिंग रोकने के लिए हमें ब्रेन सर्जरी करनी होगी . आप कंसेंट पेपर पर साइन कर दें . “
राशि की सर्जरी के बाद रवि ने डॉक्टर से पूछा “ राशि अब कैसी है ? “
“ फिलहाल तो सर्जरी कर ब्लीडिंग बंद कर दिया गया है . पेशेंट अभी कोमा में है और उसे लाइफ स्पोर्ट पर रखना होगा . “
“ ऐसा कब तक चलेगा ? “
“ हम इसका जवाब तत्काल नहीं दे सकते हैं . पर हम बेस्ट उपचार कर यथाशीघ्र कोमा से बाहर लाने का प्रयास करेंगे . आप हम पर और भगवान पर भरोसा करें , ज्यादा परेशान न हों . “
छह दिनों तक राशि की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका था . इस बीच रवि रोज अपने दोनों बच्चों के साथ अस्पताल आता . बच्चे ग्लास डोर से ही अपनी माँ को देखते फिर रवि उन्हें वापस घर भेज देता था और खुद रात में घर जाता था . राशि तो कोमा में होती थी फिर भी रवि उसे अपने और बच्चों के बारे में प्रतिदिन की दिनचर्या सुनाया करता था और कभी बच्चों का विडिओ भी दिखाया करता था . . जब नर्स उस से पूछती “ पेशेंट तो कोमा है , उस पर आपकी बातों का कोई प्रभाव या रिस्पांस तो नहीं होता है . फिर भी आप रोज क्यों इतना कुछ उसे सुनाते हैं . “
क्रमशः
नोट - यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है