एक बहुत पुराना, रहस्यमय रिसर्च सेंटर था — INSTITUTE OF TEMPORAL STUDIES — जो अब वीरान पड़ा था। सरकार ने उसे 1997 में सील कर दिया था। कहा गया, वहां "टाइम मशीन" पर गुप्त रिसर्च हो रही थी, लेकिन एक हादसे के बाद सारे वैज्ञानिक गायब हो गए।
सरकारी फाइलों में लिखा था:
> “प्रोजेक्ट: क्रॉनॉस — विफल।
भवन नंबर 13: स्थायी रूप से बंद।”
25 साल बाद, 2022 में, एक विज्ञान पत्रकार आरव मेहरा को इस जगह के बारे में जानकारी मिली। वह हमेशा असंभव कहानियों के पीछे जाता था। उसकी रिसर्च ने उसे एक चौंकाने वाला सुराग दिया: एक गुमनाम व्यक्ति द्वारा भेजी गई फाइल जिसमें लिखा था:
> “13वां कमरा कभी बंद नहीं हुआ। वो अब भी चल रहा है — हर समय में।”
आरव ने तय किया — वो खुद देखेगा।
उसने रिसर्च सेंटर की खंडहरनुमा इमारत तक पहुँचना शुरू किया। चारों तरफ जंगली घास, टूटे हुए कैमरे, और दीवारों पर फैली दरारें। मगर गेट नंबर 13 के पास पहुँचते ही कुछ अजीब हुआ — उसका घड़ी रुक गई। मोबाइल बंद। हवा में अजीब ठंडक।
कमरा नंबर 13 का दरवाज़ा लोहे का था — उस पर अब भी सरकारी सील लगी थी। मगर जैसे ही उसने उसे छूआ, दरवाज़ा खुद खुल गया।
भीतर घुप अंधेरा था।
आरव ने अपनी टॉर्च जलाई और अंदर गया।
कमरा पुराना जरूर था, लेकिन अंदर सब कुछ साफ था। जैसे अभी कोई यहां काम कर रहा हो।
कमरे के बीचोंबीच एक अजीब-सी मशीन खड़ी थी। उसके चारों तरफ गोल घेरा, घड़ी की सुइयाँ उल्टी दिशा में घूम रही थीं, और ऊपर एक स्क्रीन पर एक शब्द चमक रहा था:
> "ACTIVATE?"
आरव का दिल धड़कने लगा। ये वही मशीन थी — Project Chronos — एक टाइम मशीन।
उसने स्क्रीन पर हाथ रखा, और सबकुछ काला हो गया।
जब होश आया, तो वो एक हॉस्पिटल के कमरे में था। बाहर पुलिस थी। दीवार पर कैलेंडर — साल 1997।
आरव चौंक गया।
वो टाइम ट्रैवल कर चुका था — पच्चीस साल पीछे।
लेकिन यही शुरुआत थी।
वह भाग कर रिसर्च सेंटर पहुँचा, जहां सबकुछ अभी चालू था। वैज्ञानिक लोग प्रोजेक्ट क्रॉनॉस पर काम कर रहे थे। एक कमरे में उसने खुद को देखा — एक 7 साल का बच्चा, अपनी माँ के साथ, उसी इंस्टीट्यूट के पास खेलता हुआ।
तब उसे याद आया — उसकी माँ ने बचपन में बताया था कि उसके पापा "एक एक्सपेरिमेंट में गायब हो गए थे"।
रिसर्च सेंटर में घूमते हुए, आरव ने लैब नंबर 13 में झाँका — वहां एक व्यक्ति मशीन पर काम कर रहा था। उसने जैसे ही मुड़कर देखा, आरव के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।
वो व्यक्ति हूबहू उसी की तरह दिखता था।
> "तुम… मैं?"
"हाँ। और तुम इस वक़्त यहां नहीं होने चाहिए। तुमने गलती कर दी है।"
आरव समझ गया — जो इंसान टाइम मशीन में गायब हुआ था… वो खुद था।
उसे एहसास हुआ कि उसका बचपन, उसका लापता पिता, उसकी खोजबीन — सब एक ही चक्र में फंसे हुए हैं। वो कभी बाहर निकला ही नहीं था।
वो एक टाइम लूप में फँस गया था। जितनी बार वह बाहर आने की कोशिश करता, उतनी बार वो वापस उसी बिंदु पर लौट आता।
अब उसने फैसला किया — या तो वो इस चक्र को तोड़ेगा, या सब खत्म कर देगा।
उसने मशीन को रिवर्स मोड पर डाला। अलार्म बजने लगे। आसपास सब कुछ कांपने लगा।
> “अगर मैं खुद को इस लूप में भेज रहा हूँ… तो मैं खुद को बाहर निकाल भी सकता हूँ…”
वो खुद को चेतावनी देने के लिए 2022 में एक फाइल भेजता है। उसी समय मशीन ब्लास्ट हो जाती है।
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2022 में —
एक मेल आरव को मिलता है:
> “13वां कमरा कभी बंद नहीं हुआ। वो अब भी चल रहा है — हर समय में।”
आरव चौंक जाता है। वो वही फाइल है जिससे सब शुरू हुआ था।
और फिर…
दरवाज़े की घंटी बजती है।
वो दरवाज़ा खोलता है, और सामने खड़ा है — वो खुद।
मगर थोड़ा बूढ़ा। थोड़ा डरा हुआ। और हाथ में एक कागज़ लिए:
> “मुझे रोक लो…
इससे पहले कि मैं फिर से सब शुरू कर दूँ।”
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🎭 समाप्त नहीं… समय तो अब शुरू हुआ है।