Secrets of the Night – झील के भीतरझील की सतह पर उभरा वह चमकदार दरवाजा मानो किसी और दुनिया की चाबी हो. नीली रोशनी लहरों पर नाच रही थी और ठंडी हवा ने चारों का शरीर सिहरा दिया.अबीर ने गहरी आवाज में कहा,ये मौका है, मायरा. इस दरवाजे के पार वही सच है जिसकी तलाश सब कर रहे हैं।मायरा काँपते स्वर में बोली,लेकिन सच. कभी- कभी मौत से भी खतरनाक होता है।जारा ने ताना मारा,डरपोक लोग हमेशा हारते हैं. असली वारिस वही होता है जो खतरे को गले लगाए।नैरा ने झील की ओर देखा, उसकी आँखों में लालच चमक रहा था.आज रात. हमारे नाम होगी. और ये झील हमें झुका नहीं पाएगी।अबीर ने मायरा का हाथ थामा और धीरे से कहा,तैयार हो?मायरा ने उसकी आँखों में विश्वास से देखा.तुम्हारे साथ हूँ. चाहे अंधेरा कितना भी गहरा क्यों न हो।चारों ने कदम बढाया और झील की सतह पर उभरे नीले दरवाजे की ओर बढे. जैसे ही वे पास पहुँचे, पानी ने उन्हें खींच लिया. एक झटके में सब लहरों के भीतर समा गए.पानी के नीचे की दुनियाठंडा पानी उनके चारों ओर था, लेकिन अजीब बात यह थी कि वे डूब नहीं रहे थे. मानो झील ने उन्हें अपने भीतर सांस लेने की ताकत दे दी हो.मायरा हैरान होकर बोली,अबीर. मैं साँस ले पा रही हूँ! ये कैसे संभव है?अबीर ने गहरी नजर से पानी की चमक को देखा.ये साधारण झील नहीं है, मायरा. ये. एक द्वार है. और हम अब उसके कैदी भी हैं और वारिस भी।चारों के सामने एक रोशन सुरंग दिखाई दी. पानी के भीतर नीले पत्थरों की बनी दीवारें चमक रही थीं. जैसे- जैसे वे आगे बढे, दीवारों पर बने प्रतीक झिलमिलाने लगे — वही प्रतीक जो तहखाने की किताब में थे.जारा ने दीवार छूते हुए कहा,ये सब हमारे परिवारों की कहानी कह रहे हैं. देखो. ये निशान वही हैं जो हमारे घर की पुरानी दीवारों पर भी बने थे।नैरा ने ठंडी आवाज में कहा,तो सच यही है. हम सब इस करार से बँधे हुए हैं।नीली गुफासुरंग के अंत में एक विशाल गुफा थी. गुफा के बीचोबीच एक पत्थर का वेदी जैसा मंच था, जिसके ऊपर नीली लौ जल रही थी. लौ बिना हवा के, पानी के बीच जल रही थी.मायरा ने काँपते हुए कहा,ये. ये कैसी अग्नि है?अबीर ने धीमे स्वर में जवाब दिया,ये अग्नि नहीं. ये शक्ति है. झील की आत्मा।गुफा की दीवारों पर आकृतियाँ बनी थीं — योद्धाओं की, बलिदानों की, और उन लोगों की जो इस शक्ति के लिए लडे और मिट गए. हर आकृति एक चेतावनी थी.अबीर ने किताब के शब्द याद किए:जिसका खून और प्यार सच्चा होगा. वही वारिस बनेगा।उसने मायरा की ओर देखा.तो असली परीक्षा अब शुरू होगी।परीक्षा का पहला संकेतनीली लौ अचानक भडक उठी और चारों की ओर घूमने लगी. लपटें अलग- अलग रूप लेने लगीं.अबीर के सामने उसके पिता की परछाई उभरी.तुम्हें मेरे अधूरे सफर को पूरा करना है, बेटे।मायरा के सामने उसकी माँ की आकृति आई, जो सालों पहले गुजर चुकी थी.तुम्हें अपने दिल की ताकत दिखानी होगी, मायरा।जारा के सामने एक मुकुट उभरा, जिसकी चमक उसके लालच को भडकाने लगी.नैरा के सामने सोने और हीरों से भरा खजाना चमकने लगा.चारों के दिल अलग- अलग दिशाओं में खिंचने लगे.मायरा और अबीर की कसौटीमायरा काँपते हुए बोली,अबीर. ये सब हमें बाँटने की कोशिश कर रहा है।अबीर ने उसका हाथ पकडकर कस लिया.नहीं मायरा. यही परीक्षा है. जो लालच में फँसेगा. वही नष्ट होगा।उसकी पकड मजबूत थी, लेकिन जारा और नैरा की आँखों में लालच और चमक बढती जा रही थी.जारा चिल्लाई,ये मुकुट मेरा है! यही मेरी तकदीर है!नैरा भी आगे बढी,ये खजाना मुझे चाहिए! मैं इसकी असली हकदार हूँ!वे दोनों मंच की ओर दौडीं.शक्ति का प्रकोपजैसे ही जारा ने मुकुट छूने की कोशिश की और नैरा ने खजाने की ओर हाथ बढाया, गुफा काँप उठी. नीली लौ भडककर तेज आवाज में गूँजने लगी.सच्चाई से मुंह मोडने वाले. यहाँ जीवित नहीं रह सकते।अचानक पानी का भंवर उठा और जारा- नैरा दोनों उसमें खिंचने लगीं. उनकी चीखें गुफा में गूँज उठीं.मायरा ने चिल्लाकर कहा,अबीर! हम उन्हें छोड नहीं सकते!अबीर का चेहरा सख्त था.उन्होंने खुद चुना है, मायरा. कभी- कभी दूसरों को बचाने से पहले हमें अपना सच बचाना होता है।लेकिन उसके दिल में भी उथल- पुथल थी.अंतिम कसौटीनीली लौ अबीर और मायरा के करीब आ गई. उसने धीमी आवाज में कहा,तुम दोनों का प्यार सच्चा है या सिर्फ डर का सहारा?अबीर ने मायरा की आँखों में देखा.मैं जानता हूँ. हमारा प्यार ही मेरी सबसे बडी दौलत है।मायरा ने आँसू भरी आँखों से कहा,और अगर हमें अभी डूबना भी पडे, तो भी मैं तुम्हारे साथ रहूँगी।उनकी बातें सुनते ही नीली लौ शांत हो गई. मंच की सतह खुली और उसमें से एक चमकदार गोला ऊपर आया.शक्ति का वारिसगोला अबीर और मायरा के बीच आकर ठहर गया. उसकी रोशनी पूरे गुफा को भर रही थी.अबीर ने धीरे से हाथ बढाया, लेकिन फिर रुक गया.उसने मायरा की ओर देखा.ये सिर्फ मेरा नहीं. हमारा है. इसे हम दोनों मिलकर छुएँगे।दोनों ने साथ में गोले को छुआ.एक पल में झील की गहराइयाँ गूँज उठीं. पानी चमकने लगा, और उनके चारों ओर शक्ति का सैलाब उमड पडा.नया सवालअचानक गुफा की दीवार पर एक और वाक्य उभर आया, मानो खुद पत्थरों ने कहा हो:शक्ति पा ली. लेकिन असली वारिस वही होगा, जो इसे सही जगह इस्तेमाल करेगा।अबीर और मायरा सन्न रह गए.मायरा ने काँपते स्वर में कहा,अबीर. अगर हम ये शक्ति संभाल न पाए तो? अगर ये हमारे लिए वरदान नहीं. अभिशाप साबित हुई तो?अबीर ने उसकी ओर देखा, उसकी आँखों में दृढता थी लेकिन भीतर सवाल भी.प्यार ने हमें यहाँ तक पहुँचाया है. लेकिन क्या प्यार ही हमें इस शक्ति का हकदार बनाएगा?झील की नीली चमक और गहराई अब पहले से कहीं ज्यादा रहस्यमयी लग रही थी.Secrets of the Night – शक्ति का बोझनीली गुफा धीरे- धीरे थमने लगी. गूँजती लहरें शांत हुईं और चारों तरफ अजीब- सी खामोशी फैल गई. अबीर और मायरा के हाथों में थमा वह चमकता गोला अब मद्धम रोशनी छोड रहा था.मायरा ने काँपती आवाज में कहा,अबीर. ये हमारे साथ क्या करेगा? ये शक्ति हमें बदलेगी. या नष्ट कर देगी?अबीर ने गहरी सांस ली और गोले को कसकर थाम लिया.अगर ये शक्ति हमारी परीक्षा है. तो हमें इसका इस्तेमाल समझदारी से करना होगा. डर हमें पीछे खींचेगा।लेकिन तभी पीछे से कराहने की आवाज आई. जारा और नैरा, जो भंवर में गिरी थीं, धीरे- धीरे किनारे पर आ गिरीं. उनके चेहरे पीले थे, आँखों में थकान और लालच की जली हुई लकीरें.जारा ने मुश्किल से उठते हुए कहा,ये. शक्ति. मेरी होनी चाहिए थी.नैरा ने थरथराते स्वर में जोडा,तुम दोनों. हमें धोखा देकर आगे बढ गए.अबीर ने कठोर स्वर में कहा,नहीं, जारा. ये तुम्हारे लालच का नतीजा है. झील ने हमें चुना है. हम नहीं।गुफा से बाहर निकलनादीवारों पर बने प्रतीक अचानक रोशन होने लगे, जैसे झील अब उन्हें बाहर निकालना चाहती हो. एक सुरंग फिर से खुली और सबको ऊपर की ओर खींचने लगी.एक झटके में वे सब झील की सतह पर आ गिरे. रात गहरी थी, चाँदनी नीले पानी पर नाच रही थी.लेकिन बाहर की हवा अब पहले जैसी नहीं थी. हवा में अजीब- सी भारीपन था, जैसे कोई छुपा हुआ साया उनके पीछे- पीछे चल रहा हो.मायरा ने डरते हुए कहा,अबीर. हमें कोई देख रहा है।अबीर ने तुरंत चारों ओर नजर दौडाई, लेकिन वहाँ कोई नहीं था. फिर भी, उसकी रगों में बेचैनी दौड गई.हवेली की वापसीचारों धीरे- धीरे हवेली की ओर लौटे. पर हवेली भी अब बदल चुकी थी. दीवारें नम थीं, दरवाजे चरमराते हुए खुल रहे थे और अंधेरे कोनों से रहस्यमयी आवाजें आ रही थीं.जैसे ही वे अंदर पहुँचे, हवेली की बडी घडी अपने आप बजने लगी — बारह बार. आधी रात का समय.जारा ने दबी आवाज में कहा,ये हवेली. हमें पहचान रही है।नैरा ने उसकी बात काटते हुए फुसफुसाया,या शायद ये हमें चेतावनी दे रही है।मायरा ने अबीर का हाथ कसकर पकडा.अबीर. कहीं ये शक्ति हमारे लिए मुसीबत तो नहीं?अबीर ने ठंडी नजर से कहा,मुसीबत नहीं. ये खेल है. और हमें इसे जीतना होगा।परछाइयों का हमलाअचानक हवेली के लंबे गलियारे से परछाइयाँ निकलने लगीं. मानो इंसानों की काली आकृतियाँ, जिनके चेहरे नहीं थे. वे धीरे- धीरे चारों ओर से घेरने लगीं.मायरा डरकर चीख पडी,अबीर! ये क्या हैं?अबीर ने हाथ में थमा गोला ऊँचा उठाया. उसकी नीली चमक फैलते ही परछाइयाँ चीखने लगीं और पीछे हट गईं.जारा हैरानी से बोली,ये शक्ति. सिर्फ रोशनी नहीं, ढाल भी है।लेकिन तभी दीवारों पर एक गहरी आवाज गूँज उठी.जिसे तुम शक्ति समझते हो. वही तुम्हारा सबसे बडा अभिशाप है।चारों एक- दूसरे को देख कर सन्न रह गए.हवेली का राजहवेली के बीचोबीच रखा पुराना दर्पण अचानक चमक उठा. उसमें उनके अपने चेहरे नहीं, बल्कि अजनबी आकृतियाँ दिखाई दीं — राजा, रानियाँ, योद्धा, और खून से सनी जंग के दृश्य.अबीर ने दर्पण के पास जाकर धीरे से कहा,ये. हमारे पूर्वज हैं. वही लोग जिन्होंने इस शक्ति के लिए खून बहाया।मायरा ने डरते हुए पूछा,लेकिन ये हमें क्यों दिखा रहे हैं?तभी दर्पण से एक आवाज गूँजी,ताकि तुम जान सको. ये शक्ति कभी किसी की नहीं रही. जिसने भी इसे अपनाया. वही इसकी जंजीरों में कैद हो गया।मायरा काँपते हुए पीछे हट गई.अबीर. कहीं हम भी उसी कैद का हिस्सा तो नहीं बनने वाले?अबीर की आँखों में झलकता डर साफ था, लेकिन उसने खुद को संभाला.नहीं, मायरा. हमें इसे जीतना होगा, इससे हारना नहीं।लालच बनाम प्यारजारा और नैरा फिर से आगे बढीं. जारा की आँखों में वही पुराना लालच जल रहा था.अबीर. अगर ये शक्ति सच में इतनी खतरनाक है, तो तुम्हें इसे हमें दे देना चाहिए. हम संभाल लेंगे।अबीर ने ठंडी हँसी हँसी.तुम? संभालोगी? जो अपने ही लालच से हार गईं, वे इस शक्ति को कैसे थामेंगी?नैरा गुस्से से चीख पडी,तुम सोचते हो तुम ही वारिस हो? नहीं, अबीर! ये शक्ति हमें भी बराबर का हक देती है!मायरा ने बीच में कहा,तुम दोनों अभी भी नहीं समझीं. ये शक्ति किसी का साथ नहीं देती. ये सिर्फ दिल की सच्चाई को पहचानती है।जारा ने उसकी ओर घूरते हुए कहा,और अगर तुम्हारा प्यार ही इसका सच है. तो हम देखेंगे कि तुम्हारा प्यार कब तक बचा पाता है।रहस्यमयी कक्षअचानक हवेली की जमीन काँपने लगी और फर्श के नीचे से एक गुप्त दरवाजा खुला. नीचे उतरने वाली सीढियाँ नजर आईं.अबीर ने मायरा की ओर देखा.शायद यही अगली कसौटी है।मायरा ने धीरे से कहा,अबीर. अगर हम इसमें उतरे, तो शायद वापस न लौट सकें।अबीर ने उसका हाथ कसकर थामा.फिर भी. हमें जाना होगा. क्योंकि सवाल अधूरा है. और जब तक सवाल अधूरा है, जवाब ढूँढना जरूरी है।चारों धीरे- धीरे सीढियों से नीचे उतरने लगे.तहखाने का सचतहखाना अंधेरे से भरा था, लेकिन बीचोबीच एक बडा चक्र बना हुआ था. उस पर खून जैसे लाल निशान थे. और उसके ऊपर लिखा था —शक्ति पाने वाला. या तो सबका उद्धार करेगा. या सबका विनाश।मायरा ने काँपते हुए कहा,अबीर. ये सब हमें क्यों दिखाया जा रहा है?तभी गोला अचानक काँपने लगा. उसकी रोशनी और तेज हो गई.अबीर ने दबी आवाज में कहा,ये हमसे फैसला करवाना चाहता है. हमें चुनना होगा — उद्धार या विनाश।जारा और नैरा ने एक साथ चिल्लाया,विनाश!मायरा चौंक पडी,तुम दोनों पागल हो गई हो?जारा ने ताना मारते हुए कहा,नहीं मायरा. हम असली वारिस हैं. क्योंकि सच्चाई ये है कि शक्ति सिर्फ उन्हीं की होती है जो उसे इस्तेमाल करना जानते हैं।अंतिम सवालअबीर ने मायरा की ओर देखा.ये. वही पल है. हमें ये तय करना होगा कि इस शक्ति का इस्तेमाल कैसे करना है।मायरा की आँखों में आँसू थे.लेकिन अबीर. अगर हमने गलत चुनाव कर लिया तो? अगर ये हमें भी नष्ट कर दे तो?अबीर ने उसकी ओर हाथ बढाया और धीरे से बोला,फिर भी, हमें चुनना होगा. सवाल यही है.वह रुका, उसकी आँखें नीली चमक में खो गईं.क्या प्यार ही इस शक्ति को दिशा देगा. या फिर ये हमें भी लालच और अंधेरे में निगल जाएगी?Secrets of the Night – अमीरी का कैदखानातहखाने में बनी लाल निशानों वाली जमीन अचानक काँपने लगी. दीवारों से धूल झडकर गिरने लगी और छत पर जडे पुराने झूमर अपने आप झूलने लगे. आवाजें गूँज रही थीं —“ उद्धार. या विनाश. चुनो!अबीर ने मायरा का हाथ कसकर थामा. उसकी आँखों में दृढता थी, लेकिन माथे पर पसीना साफ दिखाई दे रहा था.मायरा काँपते स्वर में बोली,अबीर. ये हमें कहीं तोड न दे. मुझे डर लग रहा है।अबीर ने धीरे से उसके आँसू पोंछते हुए कहा,डरना मत, मायरा. याद रखो, मैं अबीर खान हूँ. दौलत, शानो- शौकत और ताकत. सब मेरी नसों में दौडता है. अगर ये हवेली किसी की है, तो मेरी है. और इस शक्ति पर पहला हक भी मेरा है।जारा हँस पडी, उसकी हँसी में ताना और जहर दोनों घुले थे.अरे वा! अबीर खान अपनी दौलत का राग अलापकर सोचता है कि ये शक्ति भी उसे मिल जाएगी? भूल मत, अबीर. ये दौलत और अमीरी सिर्फ इंसानी दुनिया में चलती है. यहाँ तो दिल और खून की सच्चाई देखी जाती है।अबीर की आँखें पल भर के लिए सख्त हो गईं. उसने एक कदम आगे बढाया और जारा की ओर इशारा करके कहा,तुम क्या जानो अमीरी का बोझ, जारा? मैंने सिर्फ पैसों की ताकत नहीं देखी, मैंने खून- पसीने की हकीकत भी जानी है. ये हवेली, ये महल, ये दौलत — मेरे खानदान का है, और इसीलिए ये शक्ति भी मेरी अमानत है।नैरा गुस्से में चिल्लाई,नहीं! ये सब झूठ है! झील का खजाना तुम्हारे खानदान को श्राप देने के लिए बनाया गया था! तुम खुद को जितना भी अमीर समझो, असल में तुम उसी श्राप के कैदी हो!हवेली का गुस्साइतना कहते ही तहखाने की दीवारें जोर से हिलने लगीं. ऊपर हवेली के कमरों से शीशे टूटने की आवाज आई. पुराने दरवाजे अपने आप खुलने- बंद होने लगे.मायरा डरकर चिल्लाई,अबीर! ये सब गिर जाएगा! हमें बाहर निकलना होगा!अबीर ने उसे कसकर अपनी बाँहों में भर लिया.नहीं, मायरा. अगर आज हम भागे, तो ये खेल कभी खत्म नहीं होगा. हमें यहीं खडे रहकर इस सच्चाई से भिडना होगा।जारा और नैरा अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रही थीं. दोनों चीखते हुए आगे बढीं और लाल निशानों वाले चक्र पर खडी हो गईं. तभी जमीन पर बनी रेखाएँ जल उठीं, जैसे खून की लपटें फूट रही हों.नैरा दर्द से चिल्लाई,आह्ह! ये. ये हमें जला रहा है!जारा कराहते हुए बोली,नहीं. ये हमारी ताकत है. इसे हमें पाना होगा!अबीर का फैसलाअबीर ने अपनी जेब से सोने का पुराना लॉकेट निकाला — उस पर उनके खानदान का प्रतीक बना था. उसने उसे नीली रोशनी वाले गोले पर रख दिया.अगर ये शक्ति खून और वंश को पहचानती है. तो इसे मेरा नाम, मेरा खून, और मेरी अमीरी पहचाननी होगी. मैं अबीर खान हूँ, इस विरासत का असली हकदार।गोला अचानक तेज चमकने लगा. मायरा ने हैरानी से उसकी ओर देखा.अबीर. ये तुम्हें मान रहा है।लेकिन तभी एक गहरी आवाज गूँजी —अमीरी तुम्हें वारिस बना सकती है. पर क्या अमीरी तुम्हारे दिल को पवित्र बना पाएगी?अबीर का चेहरा कठोर हो गया. उसने जोर से कहा,हाँ! क्योंकि मेरी अमीरी सिर्फ दौलत नहीं, मेरे परिवार का नाम, उनकी कुर्बानियाँ और मेरी हिम्मत है. मैं सिर्फ एक अमीर आदमी नहीं, मैं अबीर खान हूँ — वो नाम जिसे मिटाया नहीं जा सकता!धोखे का वारजारा और नैरा ने मौका देखकर अचानक हमला कर दिया. जारा ने मायरा को धक्का दिया और वह जमीन पर गिर पडी.अबीर! सावधान! मायरा चीख उठी.नैरा ने गोले को छीनने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही उसने हाथ लगाया, उसकी हथेली जलने लगी. वह दर्द से चीखते हुए पीछे हट गई.जारा गुर्राते हुए बोली,अगर हमें ये शक्ति नहीं मिली. तो किसी और को भी नहीं मिलेगी!उसने अपनी जेब से एक पुराना खंजर निकाला और गोले पर मारने के लिए झपटी.मायरा चिल्लाई,नहीं!लेकिन तभी अबीर ने उसका हाथ पकड लिया और अपनी ताकत से खंजर झटक दिया.अबीर की आँखों में आग थी.तुम दोनों को लगता है कि दौलत और शक्ति छीनी जा सकती है? नहीं! असली ताकत दिल और इरादों में होती है. और वो सिर्फ मेरे पास है।चीखों का तूफानतहखाना अचानक आग और धुएँ से भरने लगा. जारा और नैरा चीखते हुए गिर पडीं. उनकी आवाजें दीवारों से टकराकर और भयानक हो गईं.मायरा रोते हुए बोली,अबीर! हम इन्हें मरने के लिए नहीं छोड सकते!अबीर ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,अगर इन्हें बचाया. तो ये फिर धोखा देंगी. मायरा, कभी- कभी अमीरी का असली मतलब सिर्फ सब कुछ पाना नहीं होता, बल्कि सही को चुनना होता है।मायरा सिसकते हुए बोली,लेकिन. अगर हम गलत निकले तो?अबीर ने उसका चेहरा थामकर कहा,तो ये दुनिया मुझे अबीर खान के नाम से नहीं, मेरे फैसले से याद रखेगी।हवेली का अंत या नई शुरुआत?अचानक गोला आसमान की ओर उठा और तहखाने की छत को तोडकर ऊपर चला गया. पूरी हवेली नीली रोशनी से भर गई. हर कोने से चीखें और कराहें गूँज रही थीं, जैसे सदियों से कैद आत्माएँ बाहर आ रही हों.मायरा ने आँखें कसकर बंद कर लीं.अबीर! ये हमें निगल लेगा!अबीर ने उसकी कमर कसकर पकडी और जोर से चिल्लाया,नहीं! ये हमें निगल नहीं सकता. क्योंकि ये हमें चुन चुका है!रोशनी इतनी तेज हुई कि सब कुछ धुँधला पड गया.और फिर — सन्नाटा.अधूरा सचजब रोशनी थमी, तो हवेली वैसी ही खडी थी. लेकिन जारा और नैरा कहीं दिखाई नहीं दे रही थीं. उनके निशान तक मिट चुके थे.मायरा काँपते हुए बोली,अबीर. वो दोनों. कहाँ गईं?अबीर ने धीमे स्वर में कहा,शायद ये हवेली उन्हें निगल गई।मायरा ने डरते हुए पूछा,लेकिन. क्यों सिर्फ उन्हें? और हमें क्यों छोडा?अबीर की आँखें अब भी नीली रोशनी से चमक रही थीं. उसने ठंडी मुस्कान दी.क्योंकि हम वारिस हैं, मायरा. ये शक्ति अब हमारी है. और ये हवेली भी।उसकी आवाज में अजीब- सी गूंज थी, मानो कोई और भी उसके भीतर बोल रहा हो.मायरा काँप गई.अबीर. तुम. अब पहले जैसे नहीं रहे।अबीर ने उसके गाल पर हाथ रखते हुए कहा,या शायद. अब मैं वही बन गया हूँ जो मुझे हमेशा बनना था।लेकिन सवाल यही है.क्या अबीर सच में शक्ति का वारिस बना है, या हवेली ने उसकी आत्मा को कैद कर लिया है?और जारा- नैरा का गायब होना क्या उनके अंत की निशानी है. या वे किसी और अंधेरे खेल का हिस्सा बन गई हैं?Secrets of the Night – परछाइयों का मुकाबलाहवेली की दीवारें अब भी नीली रोशनी से चमक रही थीं. हवा में अजीब- सी नमी और लोहे जैसी गंध घुली थी. आधी रात की खामोशी को तोडते हुए दूर कहीं से उल्लू की आवाज आई.अबीर और मायरा बडे हॉल में खडे थे. रोशनी धीरे- धीरे फीकी पड रही थी और केवल चाँद की किरणें टूटी खिडकियों से अंदर आ रही थीं.रूप- रंग का ब्योराअबीर ने काले रंग का सिल्क का शेरवानी- सा कोट पहना था, जिसकी सुनहरी किनारी अंधेरे में भी चमक रही थी. उसके बाल हल्के बिखरे थे, पर वही बिखरापन उसे और गम्भीर और रहस्यमयी बना रहा था. उसकी आँखों में नीली रोशनी अब भी टिमटिमा रही थी, जैसे वह अब इंसान से कुछ अलग हो चुका हो.मायरा ने गहरे लाल रंग की साडी पहन रखी थी. साडी पर चाँदी की पतली कढाई थी, जो चाँदनी में हल्की चमक दे रही थी. उसके खुले लंबे काले बाल पीठ पर लहरा रहे थे. चेहरे पर हल्का- सा मेकअप था — गुलाबी लिपस्टिक, हल्की काजल की रेखा और गालों पर नमी की चमक, जो आँसुओं के कारण और गहरी हो गई थी.जारा और नैरा दोनों अचानक प्रकट हो गईं. हाँ, वे गायब नहीं हुई थीं — बल्कि हवेली के तहखाने ने उन्हें नया रूप दिया था.जारा ने काले गाउन जैसा परिधान पहन रखा था, जिसमें लाल रेशमी पट्टियाँ लिपटी थीं. उसके होंठ गहरे लाल थे और आँखों में काला काजल इतना गाढा था कि वे दो जलते अंगारों की तरह लग रही थीं. उसके बाल खुले और बिखरे हुए थे, जिनमें कुछ लटें चेहरे पर चिपक चुकी थीं.नैरा ने गहरे बैंगनी रंग का परिधान पहना था, जिसमें चाँदी की चमक थी. उसका चेहरा पीला और अजीब- सा निर्जीव लग रहा था. आँखों पर काले धुएँ जैसे शेड्स थे, होंठ फीके लेकिन काँपते हुए. उसके लंबे भूरे बाल आधे खुले और आधे चोटी में बँधे थे, मानो वह दो दुनियाओं के बीच फँस गई हो.मुकाबले की शुरुआतजारा ने ठंडी हँसी हँसते हुए कहा,अबीर खान. तुम सोचते थे हम खत्म हो गए? नहीं. हम उस अंधेरे का हिस्सा बन चुके हैं जिसे तुम कभी हरा नहीं सकते।नैरा ने धीरे से फुसफुसाया,तुम्हारी अमीरी. तुम्हारी ताकत. सब झूठ है. ये हवेली अब हमें मान चुकी है।मायरा अबीर के सामने खडी हो गई. उसकी आँखों में आँसू थे लेकिन आवाज सख्त.अबीर. इनसे सावधान रहना. ये अब पहले जैसी नहीं रहीं. इनके शरीर में हवेली की परछाइयाँ उतर चुकी हैं।अबीर ने एक कदम आगे बढते हुए कहा,तो फिर सुन लो. चाहे हवेली तुमसे हाथ मिला ले, पर मैं अबीर खान हूँ. मेरी दौलत, मेरा नाम, और मेरा इरादा — किसी भी श्राप से बडा है।हवेली का खेलजैसे ही उसने ये कहा, पूरा हॉल हिलने लगा. दीवारों पर लगे पुराने चित्रों से खून की बूंदें टपकने लगीं. झूमर जोर से झूलने लगा और अचानक गिर पडा, लेकिन किसी को चोट नहीं आई — मानो हवेली सिर्फ डर दिखाना चाहती हो.मायरा डरकर चीख उठी,अबीर! ये हवेली हमें मारना चाहती है!अबीर ने उसका हाथ पकडा और जोर से कहा,नहीं मायरा. ये हमें परखना चाहती है. और मैं साबित कर दूँगा कि इस अमीरी का वारिस सिर्फ मैं हूँ।जारा गुस्से से गरजी,वारिस? हाह! वारिस वही है जो इस शक्ति का इस्तेमाल कर सके. और मैं कर सकती हूँ!उसने हाथ उठाया और उसके इशारे से दीवारों से काली परछाइयाँ निकलकर अबीर पर टूट पडीं.अबीर ने नीली चमक वाला गोला हवा में उठाया. रोशनी फैलते ही परछाइयाँ चीखकर पीछे हट गईं.चीख- पुकार और टकरावनैरा पागलों की तरह चिल्लाई,ये शक्ति हमें भी चाहिए! सिर्फ तुम्हें नहीं! हमें भी हक है!मायरा ने गुस्से से कहा,हक? हक तो प्यार और सच्चाई का होता है. और तुम दोनों के दिल में न प्यार बचा है, न सच्चाई!जारा ने तीखी हँसी हँसते हुए कहा,और तुम्हें लगता है तुम्हारा ये सच्चा प्यार इस हवेली को हरा देगा? ये देखो!उसने अपनी हथेली काटी. खून की धार जमीन पर गिरी और पूरा हॉल लाल चमक से भर गया. खून से बनी लपटें उठीं और अबीर की ओर बढीं.मायरा चीख पडी,अबीर! संभालो!अबीर ने जोर से कहा,मैं खानदान का वारिस हूँ! ये खून, ये दौलत, ये विरासत — सब मेरी रगों में है!गोला अचानक और तेज चमकने लगा. रोशनी ने खून की लपटों को रोक दिया और दीवारें फिर से काँपने लगीं.क्लाइमेक्स की ओरमायरा ने आँसू भरे स्वर में कहा,अबीर. ये हवेली हमसे हमारी जान ले लेगी. चलो यहाँ से निकल चलते हैं।अबीर ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,नहीं मायरा. अगर हम भाग गए, तो ये श्राप हमेशा हमारा पीछा करेगा. आज हमें इसे खत्म करना होगा।जारा और नैरा एक साथ चीखीं,तुम हमें हरा नहीं सकते! ये हवेली हमारी है!अबीर ने दहाडते हुए कहा,नहीं! ये हवेली मेरी है! क्योंकि मैं अबीर खान हूँ — और ये अमीरी, ये नाम, ये ताकत. सिर्फ मेरा है!गोला आसमान की ओर उठा और पूरे हॉल को रोशनी से भर दिया.जारा और नैरा दर्द से चिल्लाईं. उनकी आवाजें इतनी तेज थीं कि खिडकियाँ टूट गईं. धीरे- धीरे उनके शरीर धुएँ में बदलने लगे.मायरा ने डरी हुई आँखों से ये सब देखा.अबीर. ये. गायब हो रही हैं!अबीर ने भारी आवाज में कहा,ये उनका अंत है. हवेली ने इन्हें स्वीकार नहीं किया. लेकिन हमें अभी भी आखिरी कसौटी का सामना करना होगा।आखिरी सवालहॉल शांत हो गया. जारा और नैरा का कोई निशान नहीं था. लेकिन हवेली की बडी घडी फिर से अपने आप बजने लगी — तेरह बार.मायरा काँपते स्वर में बोली,तेरह बार? पर घडी कभी तेरह नहीं बजती.अबीर की आँखों में नीली लौ फिर चमकी.ये हवेली का खेल है, मायरा. तेरहवीं घंटी मतलब तेरहवीं कसौटी. और वो कसौटी. शायद हम दोनों से जुडी है।मायरा सिसकते हुए बोली,अगर हम हार गए तो?अबीर ने उसकी ठोडी उठाकर उसकी आँखों में झाँका.तो पूरी दुनिया जानेगी. कि अबीर खान अपनी अमीरी से नहीं, अपने प्यार से हारा या जीता।अचानक फर्श के बीचोबीच दरार पडी और नीचे से गहरी काली खाई दिखाई दी. उस खाई से आवाज आई —अंतिम सवाल. प्यार या लालच? चुनो!Secrets of the Night – तेरहवीं कसौटीफर्श में पडी दरार गहरी होती चली गई. नीचे काली खाई मानो किसी और ही दुनिया का रास्ता थी. चारों ओर धुंध उठने लगी. हवेली की दीवारें हिल रही थीं और भारी- भारी आवाजें गूंज रही थीं, जैसे किसी अदृश्य दानव का प्रकोप हो.उस खाई से वही ठंडी, गूंजती आवाज आई—अंतिम कसौटी. प्यार या लालच? चुनो, वरना सब खत्म!डर और टकरावमायरा काँपती आवाज में बोली,अबीर. ये खाई हमें निगल जाएगी! हमें जवाब देना होगा!अबीर ने गहरी सांस ली.मायरा. जवाब देना आसान नहीं है. हवेली जानती है कि मैं खानदान का वारिस हूँ. ये मुझे परख रही है — क्या मैं अपनी अमीरी और ताकत चुनूँगा. या तुम्हें।मायरा की आँखों में आँसू आ गए.तो क्या. अगर तुमने अमीरी चुनी तो. मैं?अबीर ने उसका हाथ कसकर पकडा.तुम्हारे बिना सब बेमानी है. लेकिन हवेली. धोखे से खेलती है. हमें समझदारी से चाल चलनी होगी।अचानक जमीन फटकर दो अलग- अलग रास्ते बन गए. एक रास्ता सोने- चाँदी और जवाहरात से भरा चमक रहा था. दूसरा अंधेरा और डरावना था, लेकिन उसके किनारे पर मायरा की छाया खडी दिखाई दी.खतरनाक भ्रममायरा ने हैरानी से देखा,ये. ये मेरी परछाई?आवाज गूंजी,एक तरफ अमीरी, एक तरफ प्यार. अबीर खान. तय करो कि तुम्हें क्या चाहिए।अबीर ने तडपते हुए कहा,ये खेल है! हवेली हमें धोखा दे रही है।उसी वक्त जारा और नैरा की परछाइयाँ धुएँ से बनकर फिर प्रकट हुईं. वे अब और भी डरावनी लग रही थीं.जारा हँसते हुए बोली,अबीर खान. तुम्हें क्या लगता है? तुम्हारा ये प्यार तुम्हें बचाएगा? सोने- चाँदी में अमरता है. ताकत है. चुनो उसे, और हमें अपना साथी बना लो।नैरा ने ठंडी आवाज में कहा,वरना ये हवेली तुम्हें और तुम्हारी मायरा को निगल जाएगी. प्यार सिर्फ दर्द देता है. लेकिन दौलत हमेशा साथ रहती है।मायरा चिल्लाई,अबीर! इनकी बातों में मत आना! तुम जानते हो प्यार ही सच्चाई है।आत्मिक टकरावअबीर पसीने से तरबतर हो गया. उसके माथे पर नीली रोशनी चमक रही थी.नहीं. मैं किसी लालच में नहीं पडूँगा. पर हवेली. तुम हमसे खेल क्यों खेल रही हो?आवाज गूंजी,क्योंकि सिर्फ वही वारिस बन सकता है. जो तेरहवीं कसौटी पार करे. और ये कसौटी आसान नहीं है।अचानक सोने- चाँदी वाला रास्ता और चमकने लगा. जमीन से आवाजें आने लगीं —“ आओ. सब तुम्हारा है. तुम्हारा खानदान अमीर बनेगा. तुम्हारा नाम अमर होगा.मायरा का हाथ काँप गया.अबीर. ये आवाजें. मुझे डर लग रहा है।अबीर ने उसकी ओर देखा और बोला,डरो मत मायरा. ये सब हवेली का मायाजाल है. पर हमें इसका जवाब देना होगा।चीख और चुभता सचअचानक जारा ने चिल्लाते हुए कहा,अबीर! सच मान लो! तुम अमीर खानदान के वारिस हो. अमीरी के बिना तुम्हारी पहचान क्या है? मायरा तुम्हें क्या देगी? सिर्फ दर्द, सिर्फ कमजोरी!मायरा की आँखों में आँसू छलक पडे.अबीर. क्या ये सच है? क्या मेरी वजह से तुम कमजोर हो?अबीर ने जोर से चिल्लाया,नहीं मायरा! तुम मेरी ताकत हो. मेरी दौलत का मतलब तभी है. जब तुम मेरे साथ हो।हवा और तेज हो गई. परछाइयाँ और डरावनी आकृतियों में बदल गईं. नैरा की ठंडी आवाज गूंजी,तो साबित करो, अबीर खान! अगर प्यार चुनते हो, तो उस खाई में कूद जाओ. और अगर अमीरी चुनते हो, तो सोने- चाँदी वाले रास्ते पर चल पडो।निर्णय का पलमायरा काँपते हुए बोली,अबीर. अगर तुम अमीरी चुनोगे तो मैं हमेशा के लिए खो जाऊँगी. और अगर तुम प्यार चुनोगे. तो शायद हम दोनों मर जाएँ।अबीर ने गहरी सांस ली. उसकी आँखों में नीली रोशनी और तेज हो गई.ये हवेली सोचती है कि मैं डर जाऊँगा. लेकिन. मैं अबीर खान हूँ. मेरी पहचान सिर्फ अमीरी नहीं है. मेरी पहचान है मेरा प्यार. और मेरी हिम्मत।उसने मायरा का हाथ कसकर थामा और बोला,मैं लालच नहीं चुनूँगा. मैं तुम्हें चुनूँगा।इतना कहते ही वह मायरा के साथ अंधेरे वाले रास्ते की ओर बढा और खाई में कूद पडा.खतरनाक नतीजाखाई में कूदते ही दोनों चीख पडे. चारों तरफ काली धुंध छा गई. हवेली काँप उठी. जारा और नैरा चीखीं,नहीं! ये कैसे हो सकता है? प्यार ने हमें हरा दिया?धुंध छँटी तो अबीर और मायरा एक अजीब कमरे में खडे थे. कमरे के बीचोबीच पुराना आईना रखा था. उसमें उनकी तस्वीर नहीं थी. बल्कि सिर्फ एक सवाल लिखा था—क्या प्यार ही असली ताकत है?अबीर और मायरा एक- दूसरे की ओर देखने लगे. दोनों की सांसें तेज थीं.मायरा ने काँपती आवाज में कहा,अबीर. ये आखिरी कसौटी है. लेकिन अगर जवाब गलत हुआ तो?अबीर ने धीमे स्वर में कहा,तो हम हमेशा के लिए इस हवेली में कैद हो जाएंगे।आईने से गूंजती आवाज आई—बस एक जवाब. और तुम्हारी किस्मत तय।कमरे की दीवारें दरकने लगीं. छत से धूल गिरने लगी. अबीर ने मायरा का चेहरा अपने हाथों में लिया और धीमी आवाज में कहा,
Be Continued