Effects of love in Hindi Love Stories by govind yadav books and stories PDF | प्यार के Effects

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प्यार के Effects

आयुष और अनन्या की मुलाकात कॉलेज के पहले दिन हुई थी। भीड़ भरे कैंपस में जब अनन्या की किताबें ज़मीन पर गिर गईं, तो सबसे पहले वही झुका था उन्हें उठाने के लिए। उस एक पल ने दोनों के दिलों में एक अनजाना एहसास छोड़ दिया था।

आयुष शांत स्वभाव का, थोड़ा संकोची लड़का था, जबकि अनन्या हंसमुख, बोलने वाली और हर किसी से घुलने-मिलने वाली लड़की। दोनों के स्वभाव में ज़मीन-आसमान का फर्क था, लेकिन शायद यही फर्क उन्हें एक-दूसरे के करीब ले आया। शुरुआत में दोनों सिर्फ दोस्त थे, पर धीरे-धीरे यह दोस्ती एक गहरी मोहब्बत में बदल गई।

कॉलेज की लाइब्रेरी में साथ पढ़ना, कैंटीन में कॉफी साझा करना, और क्लास खत्म होने के बाद कॉलेज की दीवारों पर बैठकर बातें करना — इन सब पलों ने उनके रिश्ते को और मजबूत बना दिया था। उन्हें एहसास हुआ कि प्यार वो नहीं जो अचानक हो जाए, बल्कि वो है जो हर दिन थोड़ा-थोड़ा बढ़ता जाए।

लेकिन हर कहानी की तरह, उनकी कहानी में भी मोड़ आया। कॉलेज खत्म हुआ, और दोनों को अलग-अलग शहरों में नौकरी मिल गई। दूरी ने उनके बीच की नज़दीकियों को परखना शुरू किया। शुरुआत में रोज़ कॉल्स और वीडियो चैट्स होती थीं, लेकिन वक्त के साथ सब कम होने लगा। कभी काम का दबाव, कभी गलतफहमियाँ — सब मिलकर रिश्ते में दरारें डालने लगे।

कई बार बात इतनी बढ़ जाती कि दोनों सोचते, “अब शायद ये रिश्ता नहीं चलेगा।” पर फिर कुछ ऐसा होता जो उन्हें रोक लेता। कभी आयुष बिना वजह बस एक मैसेज भेज देता, “सो नहीं पा रहा... तू याद आ रही है।” और अनन्या का सारा ग़ुस्सा पिघल जाता। कभी अनन्या उसकी पसंद का गाना भेज देती, जिसमें हर शब्द में छिपा होता — “मैं अब भी तेरी हूँ।”

धीरे-धीरे दोनों ने समझ लिया कि सच्चा प्यार वो नहीं जो हमेशा साथ रहे, बल्कि वो है जो दूर रहकर भी दिल के सबसे पास बना रहे। उन्होंने सीखा कि रिश्ते को टिकाए रखने के लिए “perfect” होना ज़रूरी नहीं, बस “सच्चा” होना ज़रूरी है।

अब उनके बीच पहले जैसी बातें नहीं होतीं, न ही रोज़ कॉल्स। लेकिन जब भी ज़िंदगी मुश्किल होती है, दोनों एक-दूसरे को दुआओं में याद करते हैं। अब उनका प्यार किसी नाम या रिश्ते से नहीं बंधा, वो एक एहसास है — जो न टूटता है, न मिटता है।

कभी-कभी अनन्या अपने पुराने मैसेज पढ़ती है और मुस्कुरा देती है। और आयुष अब भी उसकी याद में वही पुराना गाना बजा देता है — “कभी अलविदा ना कहना।”

क्योंकि कुछ रिश्ते वक्त के साथ बदलते नहीं, बस गहराई में उतर जाते हैं।
और यही सच्चा प्यार है — जो मोहब्बत से आगे बढ़कर इबादत बन जाता है।


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🌿 अंत की पंक्तियाँ:

> टूटता बहुत कुछ है इस दुनिया में,
मगर सच्चा प्यार नहीं टूटता,
वो वक्त के साथ बदलता है,
और इबादत बन जाता है।
क्या यही प्यार हे ?
प्यार एक feeling हे जिससे हमारी life बहुत अच्छी
और खुशहाल बन जाती हे तो प्यार चीज़ ही ऐसी हे अगर कोई न करना चाहे, फिर भी हो जाए
हमें जिंदगी में एक बार प्यार जरूर करना चाहिए 
प्यार के एहसास के लिए