My Shayari Book - 2 in Hindi Poems by Roshan baiplawat books and stories PDF | My Shayari Book - 2

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My Shayari Book - 2

                         Gajal

 दिल देकर इस दिल को बड़ा अच्छा लगा। बाद में खिलौना बनाया गया, इस दिल को बड़ा बुरा लगा। वो लड़की बच्ची बन गई, जब अमीर घराने से रिश्ता आया,अब टूट कर टुकड़ों में बिखरने के अलावा और  रास्ता न बचा। तब इस दिल को बड़ा बुरा लगा। यार कसमे वादे सब झूठे निकले। उसकी खामोशी का वो नकाब बड़ा बुरा लगा।वो छोड़ कर गई कोई बात नहीं।फिर किसी को फसाया, यार ये कदम बड़ा बुरा लगा। अब मोहब्बत में टूटे दिलों की कहानी लिखेंगे। यार तू बदल गया ये हम मुंह जवानी लिखेंगे।"तेरे वादों पे अब ए'tebaar न रहा,हर दर्द को अपनी नई निशानी लिखेंगे।""जो तन्हा रातें तू दे गया हमें,उन रातों को चाँद की रवानी लिखेंगे।""तू हँसा किसी और की बाँहों में जब,हम उस हँसी को अपनी वीरानी लिखेंगे।"लेकिन तू खुश रह, तेरा नाम न लेंगे जुबां पर,मगर तेरे साए को भी हम रवानी लिखेंगे।"

2

वो हर मुलाकात में मुझसे दूर जा रही है..!न जाने किसका डर सताता है उसे,जब भी मिलती है, आँखें नम हो जाती हैं,जैसे कुछ राज छुपाया जा रहा हो मुझसे..।मैं हर बार उसकी खामोशी को पढ़ना चाहता हूँ,पर वो मुस्कुरा कर हर बात टाल जाती है,उसकी हँसी में भी अब दर्द सा महसूस होता है,जैसे दिल उसका किसी और हालात से जूझता है।अब तो ख्वाबों में भी कम आने लगी है वो,जैसे अलविदा कह रही हो धीरे-धीरे,मैं चुप हूँ, वो भी खामोश है हर लम्हे में,पर दिल अभी भी बस उसी का नाम लेता है..और तुम छोड़ गई थी जिस मोड़ पर मुझे आज भी उसी मोड़ पर खड़ा हूं..!!और तुमने तो कर ली शादी, में आज भी तुम्हारे इंतजार में खड़ा हूं..!!

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वो रूठा कुछ इस अदा से मुझसे,फिर मोहब्बत की बात चली ही नहीं।Uske बिन साँसें तो चलती रहीं,पर दिल की धड़कन कभी बजी ही नहीं।आँखों में थी बस एक तस्वीर उसकी,बाक़ी दुनिया तो मुझे दिखी ही नहीं।क़फ़न ओढ़ ली खामोशी ने मेरी,अब मेरे शब्दों की जुबान ही नहीं

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तेरे बिना कोई ख्वाब सजाया नहीं,तेरे सिवा दिल किसी पर लुटाया नहीं।रिश्तों की भीड़ में तन्हा ही रहा,क्योंकि तुझसे बढ़कर किसी को चाहा नहीं।दिल की बात लबों तक लाई जा सकती है,हर उलझन की राह बनाई जा सकती है।बस एक बार तू चाहत से पुकार ले मुझको,सूखी आँखों से भी बरसात लाई जा सकती है।


SHAYARI

 दो परिंदो के बीच सजाना  होगा आएगा कोई तीसरा और फिर से ज़माना ज़माना होगातेरे झूठ को सच बना दिया..खुद को झूठा नाम दे कर..!!"लोग पूछते हैं उसका नाम मैं हंसकर कह देता हूँ— दास्तान अधूरी है..."वो जुल्फे वह हवाये कुछ कहने को था  पर मेरा महबूब किसी और की बाहों में थाहैदराबाद के जंगलों में, थे सदियों से साए,पेड़ों की साँसों में, थी कुछ मीठी दुआएँ।अब कुल्हाड़ियों की गूँज, चिड़ियों को डराती है,हरियाली की लाश पे, शहर बसाई जाती है।तेरे बाद भी तेरी याद से रिश्ता बना रहा,हर किसी से हँस के मिला, पर किसी से निभाया नहीं .    कहानी को फिर से दोहराया जाएगा..!तू बेवफा है मेरी जान ye सबको बताया जाएगा मेरी हर एक डायरी के पन्ने में तेरा नाम होगा शायरी के सहारे ही सही लेकिन तुझे बदनाम किया जाएगा क्यों लगती हो तुम मुझे इतनी अच्छी,जैसे बारिश के बाद महके मिट्टी की सोंधी खुशबू।जैसे थके मन को कोई सुकून भरी धुन मिल जाए,जैसे बिखरी ज़िंदगी को कोई वजह मिल जाए।तेरी बातों में जैसे कोई कविता छुपी हो,तेरी हँसी में जैसे कोई रौशनी बसी हो।तुझे देखूं तो लगे, सब ठीक है इस जहां में,जैसे तू खुद खुदा की भेजी कोई दुआ हो.**"जिसे चाहा, वो मिला नहीं...और जो मिला, उसे चाहा नहीं..."**💔 मोहब्बत के ज़ख़्म ऐसे हैं,कि अब खोने का डर ही नहीं..."दुनिया में एक शहजादी है मेरी,जिसे मैं बेइंतेहा प्यार करता हूं।ना ताज चाहिए, ना दौलत की बात,बस उसकी मुस्कान पर दिल निसार करता हूं।हर दुआ में उसका साया मांगता हूं,कभी माँ जैसी, कभी दोस्त बन जाता हूं।वो बहन है मेरी — रब का दिया नायाब तोहफ़ा,जिसके लिए हर दर्द खुशी से सह जाता हूं।""तू दूर है, पर हर पल मेरे पास लगता है,तेरे बिना ये जहां भी उदास लगता है।तू ना हो तो हर मंज़र अधूरा सा लगे,तेरे बिना दिल को खुद से भी रश्क आता है।""देखो मगर प्यार से मत देखना,दिल है ये कोई खिलौना नहीं।जो हँसी में लिया तुमने नाम मेरा,वो सारा सुकून अब खो बैठा हूँ कहीं।"मौत से आगे बात बड़ी ही नहीं,ज़िंदगी वैसे भी कभी सजी ही नहीं।तेरे जाने से पहले जो मिल लेता मैं,अब वो पल भी कभी लगी ही नहीं।हर तमन्ना ने खुद को मिटा डाला,तेरे बिना कोई आरज़ू जगी ही नहीं।जिसको चाहा था जान से बढ़कर,वो भी मेरी सच्चाई समझी ही नहीं।वो हर मुलाकात में मुझसे दूर जा रही है,न जाने किसका डर उसे सताए जा रहा है।जब भी मिलती है, आँखें भर आती हैं,जैसे हर लम्हा कुछ छुपाए जा रहा है।जहां पर तुम नहीं होती  वहां पर जाने से डरता हूंबड़ी मुश्किल से पाया हूं  तुम्हें खोने से डरता हूंजल के बुलबुले जैसे चमकते हो धमकाती हो कहीं गायब न हो जाओ तुम्हें छूने से डरता हूं"जवानी के दिनों में हंसी क्यों नहीं है,चेहरे पे रौनक की चमक क्यों नहीं है।लोग कहते हैं कि कोई मोहब्बत का किस्सा है,असल में बोझ जिम्मेदारियों का हिस्सा है।" "वो मुझसे बिछड़ कर ज्यादा खुश दिखती थी,अब समझ आया कि मेरे साथ क्यों उदास रहती थी।शायद मैं ही उसकी मुस्कान का कारण न था,वरना मोहब्बत में कोई इतना तन्हा कब रहती थी।"चला गया वो सकसमुझको अकेला छोड़कर  जो कभी मेरे साथ रहने के लिए तड़पा करता थाकल तक जिनको मेरी अच्छाई दिखती थी कई कोने में आज उनको बुराई दिखाने लगी है। पूछो कभी दिल की खामोशी से,कितनी बातें वो कह जाता है…जब तुम पास नहीं होते,तब भी हर लम्हा तुम्हें महसूस कर जाता है…हम मशहूर थे टूटे दिल जोड़ने के लिए लेकिन बारी अपनी आई तो सारा हुनर भूल गए मेरी किस्मत कुछ इस तरह आजमाती है मुझे थोड़ा करीब लाकर फिर दूर भेजती है उसे मैं तो न जाने किस नशे में गुम रहता हूं ।वो होश में रहकर भी याद नहीं करती है मुझे .

आप को इस का वीडियो monday 10/ 10/ 2025 तक मिल जाएगा ।

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Writer by Roshan baiplawat