बारिश हमेशा रोमांटिक नहीं होती।
कभी-कभी, वो सिर्फ़ याद दिलाती है — कुछ रिश्तों का मौसम ख़त्म हो गया है।
मैं आरव हूँ, और ये कहानी है मेरी और काव्या की।
हमारी लव स्टोरी बारिश में ही शुरू हुई थी…
और, आइरनी ये थी — बारिश में ही ख़त्म भी।
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🌦️ Chapter 1 — पहली बारिश, पहली मुस्कान
कॉलेज का पहला साल था।
मैं कैंपस के एक कोने में छाता लेकर खड़ा था, जब एक लड़की पूरी भीगी हुई दौड़ते हुए आई।
सफ़ेद कुर्ती, नीली जींस, और आँखों में एक अजीब सा मासूमियत।
उसने कहा, “Excuse me, can I share your umbrella? Please?”
मैं बोला, “अगर आप खुद नहीं लेके जा रही, तो हाँ।”
वो हँस पड़ी।
और बस — उस हँसने में कुछ ऐसा था, जिसे दिल ने “auto-save” कर लिया।
उस दिन बारिश तेज़ थी,
पर उसके बालों में गिरती बूंदें उसे और ज़्यादा खूबसूरत बना रही थीं।
नाम पूछा — “काव्या।”
और तभी लगा — मेरी ज़िंदगी में लिखने के लिए एक नया चैप्टर मिल गया।
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☕ Chapter 2 — कॉफी, कॉन्फेशन, कनेक्शन
हर बारिश के दिन मैं जानबूझकर बिना छाता आता,
ताकि वो फिर से बोले — “Can I share?”
और हर बार मैं कहता — “आपको लगता है ये coincidence है?”
उसने मुझे एक दिन CCD बुलाया।
कॉफी के फोम में वो चम्मच घुमा रही थी, और पूछा —
“आरव, तुम हर बारिश में इतना खुश क्यों लगते हो?”
मैं बोला, “क्योंकि हर बार तुम मिलती हो।”
उसने कहा, “तो अगले मौसम में मिलते हैं, फिर decide करते हैं ये प्यार है या आदत।”
अगले मौसम में हम officially in love थे।
कैंपस में हम दोनों को लोग “rain couple” कहते थे।
हर बारिश हमारे लिए एक नया promise बन जाती थी।
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🌫️ Chapter 3 — मौसम बदलने लगे
ग्रेजुएशन ख़त्म हुआ।
जॉब शुरू हुई।
काव्या दिल्ली शिफ्ट हो गई, मैं मुंबई।
और तभी लगा, दूरी सिर्फ़ किलोमीटर में नहीं होती, साइलेंस में भी होती है।
पहले daily calls होते थे,
फिर alternate days,
फिर “network busy।”
एक दिन मैंने कहा —
“काव्या, कुछ तो बदल गया है।”
उसने बोला — “हाँ आरव, हम दोनों।”
मुझे लगा ये एक rough phase है।
पर शायद ये “expiry date” थी।
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🌧️ Chapter 4 — बारिश वाला ब्रेकअप
उस दिन मुंबई में पहली बार मॉनसून आया था।
मैंने मैसेज भेजा —
> “बारिश हो रही है। याद है तुम्हें पहली बारिश?”
काव्या का रिप्लाई आया —
> “हाँ, और याद है उस दिन मैंने कहा था ‘let’s meet next season’? शायद ये season उसके ख़त्म होने का है।”
मैंने टाइप किया —
> “क्या हम फिर से start नहीं कर सकते?”
और उसने भेजा —
“बारिश भी तो हर साल गिरती है, पर मिट्टी वही पुरानी होती है, आरव।”
मैंने फोन रखा।
विंडो के बाहर देखा — बूंदें गिर रही थीं,
पर उस दिन उनमें कोई melody नहीं थी, सिर्फ़ static noise।
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💔 Chapter 5 — Umbrella Without Rain
ब्रेकअप के बाद बारिश से नफ़रत होने लगी।
मैं छाता लेकर भी भीग जाता था — जैसे protection सिर्फ़ body के लिए होती है, दिल के लिए नहीं।
एक दिन फ्रेंड ने बोला,
“Bro, इतना overthink मत कर। बारिश सबके लिए होती है।”
मैं मुस्कुराया,
“पर सबको एक ही बारिश में कोई छोड़ कर नहीं गया।”
मैंने लिखना शुरू किया — “बारिश वाली ब्रेकअप स्टोरी।”
और हर लाइन में काव्या का एक version लिखा,
एक ऐसी लड़की जो शायद किसी और मौसम में खुश थी,
पर मेरे मॉनसून का हिस्सा बन गई थी।
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🌇 Chapter 6 — दो साल बाद...
दो साल बाद, मुंबई में फिर से मॉनसून शुरू हुआ।
मैं एक कैफ़े में बैठा था, लैपटॉप खुला, कहानी लिखता हुआ।
एक आवाज़ पीछे से आई —
“तुम अब भी बारिश से दोस्ती नहीं कर पाए?”
मैं पलट कर देखा — काव्या।
वही मुस्कान, पर आँखों में guilt।
उसने कहा,
“मैं आज भी बारिश में किसी और के छाते के नीचे खड़ी थी, पर लगा जैसे ग़लत जगह हूँ।”
मैं कुछ बोला नहीं।
उसने कहा,
“पता है आरव, तुम्हारी कहानी ‘बारिश वाली ब्रेकअप स्टोरी’ मैंने पढ़ ली। शायद हम दोनों ग़लत नहीं थे, बस season mismatch था।”
और तभी, एक बिजली चमकी, और बारिश और तेज़ हो गई।
वो चली गई —
और मैं समझ गया, कुछ लोग हर साल गिरते हैं, पर कभी लौट कर नहीं आते।
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🌧️ Epilogue — The Last Drop
आज भी जब बारिश होती है,
मैं विंडो पर लिखता हूँ — “Kavya was here.”
फिर लिख कर मिटा देता हूँ।
क्योंकि अब मुझे समझ आ गया —
बारिश रिश्तों जैसी होती है,
जब तक गिरती है, सब कुछ fresh लगता है,
पर रुक जाए तो सिर्फ़ पानी नहीं, यादें चिपक जाती हैं।
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End of Story
— Tanya Singh
For everyone whose love story began and ended in rain.