What is a Farmer to Us? in Hindi Spiritual Stories by Poonam Kumari books and stories PDF | किसान क्या है हमारे देश के लिए

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किसान क्या है हमारे देश के लिए

,शीर्षक:🌾 किसान क्या है हमारे देश के लिए

(लेखिका – पूनम कुमारी)🌞 प्रस्तावना:

नमस्कार!आज मैं उस महान व्यक्ति की बात करने आई हूँ,जिसकी मेहनत पर हमारा हर दिन,हमारा हर निवाला और हमारा जीवन टिका हुआ है —वह है किसान, हमारे देश का अन्नदाता।🌾 मुख्य भाग:

कहा जाता है —

“जहाँ मिट्टी महकती है, वहाँ किसान मेहनत करता है।”

किसान सूरज के साथ उठता है,मिट्टी में अपने सपने बोता है,और पसीने से धरती को सींचता है।वह जानता है कि अगर वह रुकेगा,तो देश की रोटी भी रुक जाएगी।

किसान खेतों में फसल नहीं,बल्कि देश की उम्मीदें उगाता है।जब वह हल चलाता है,तो धरती माँ मुस्कुराती है।जब उसकी फसल लहलहाती है,तो पूरा भारत खुशियों से झूम उठता है।🚜 किसान की मेहनत और संघर्ष:

कभी धूप में झुलसता है,कभी बरसात में भीगता है,कभी ठंडी हवाओं में काँपता है —पर अपने खेत को कभी नहीं छोड़ता।

कई बार बाढ़ सब कुछ बहा ले जाती है,कभी सूखा उसके सपनों को सुखा देता है,फिर भी किसान कहता है —

“कोई बात नहीं, अगले मौसम में फिर कोशिश करूँगा।”

यही उसकी ताक़त है,यही उसकी सच्ची वीरता है।🌻 देश के लिए किसान का योगदान:

भारत एक कृषि प्रधान देश है।हमारी अर्थव्यवस्था, हमारी संस्कृति,और हमारा अस्तित्व — सब खेती से जुड़ा है।

अगर सैनिक सीमाओं की रक्षा करता है,तो किसान जीवन की रक्षा करता है।सेना देश को भूखा नहीं रहने देती,और किसान देश को भूखा नहीं सोने देता।

इसलिए कहा गया है —

“किसान है तो देश है।”🌿 किसान हमारे संस्कारों का हिस्सा है:

हमारे त्यौहार भी किसानों से जुड़े हैं —मकर संक्रांति, पोंगल, बैसाखी, ओणम —ये सब उनकी मेहनत का जश्न हैं।

जब किसान की फसल पकती है,तो सिर्फ खेत नहीं लहराते,बल्कि पूरे भारत का दिल धड़कता है।🌾 किसान के बिना देश अधूरा:

अगर खेत खाली रहें,तो थाली भी खाली रह जाएगी।अगर किसान थक जाए,तो देश की ऊर्जा थम जाएगी।

किसान ही वह शक्ति हैजो देश को जीवित रखती है।उसकी मेहनत हर दाने में,हर रोटी में, हर सांस में बसी है।🌞 समापन:

आइए, हम सब मिलकर प्रण लें —कि हम किसान का आदर करेंगे,उसकी मेहनत को समझेंगे,और उसकी आवाज़ को देश की आवाज़ बनाएंगे।

क्योंकि...

🌾 किसानों से ही चलता है देश,उनके बिना सूना है परिवेश।किसान ही है भारत की आत्मा,किसान ही है देश का सच्चा रक्षक। 🇮🇳🙏 धन्यवाद।

जय जवान, जय किसान! 🌾🇮🇳

 🌾✨ किसान क्या है

(लेखिका – पूनम कुमारी)🌞 भूमिका (प्रस्तावना)

किसान केवल एक व्यक्ति नहीं होता,वह धरती का बेटा, देश की रीढ़, और जीवन का आधार होता है।हमारी थाली में जो एक दाना आता है,उसके पीछे किसी किसान का महीनों का परिश्रम, पसीना, और उम्मीद छिपी होती है।

अगर देश को शरीर माना जाए, तो किसान उसका दिल है।क्योंकि दिल रुक जाए, तो शरीर नहीं चलता,और किसान रुक जाए, तो देश की रोटी नहीं बनती।🌾 किसान – धरती का सच्चा उपासक

किसान सूरज के साथ उठता है,ओस की बूंदों में मेहनत की शुरुआत करता है।उसके हाथ में हल होता है, आंखों में सपने,और सीने में अडिग विश्वास कि “मिट्टी झूठ नहीं बोलेगी।”

बरसात हो या सूखा,आंधी हो या ठंड की सिहरन,वह हर मौसम में अपनी ज़िम्मेदारी निभाता है।वह न कभी हड़ताल करता है, न कभी छुट्टी मांगता है,क्योंकि उसे पता है – अगर खेत रुके तो देश भूखा रहेगा।🌻 किसान – हमारे भोजन का निर्माता

किसान खेतों में जो बीज बोता है,वही बीज हमारे घर की रसोई में खुशबू बनकर महकता है।वह अनाज, फल, सब्ज़ियां, और कपास तक देता है,ताकि हम आराम से जीवन जी सकें।

हम बाज़ारों में जो कुछ भी खरीदते हैं,उसकी शुरुआत किसान की मिट्टी से होती है।वह केवल अनाज नहीं उगाता,बल्कि देश की आत्मा को पोषित करता है।🚜 किसान – कठिनाइयों में भी मुस्कुराता योद्धा

कई बार उसकी फसल सूख जाती है,कभी बाढ़ सब कुछ बहा ले जाती है,कभी कीमतें गिर जाती हैं,तो कभी मेहनत का फल बाज़ार में सस्ता बिक जाता है।

फिर भी किसान टूटता नहीं।वह अगले मौसम के लिए फिर से हिम्मत जोड़ता है,फिर हल उठाता है,क्योंकि उसे भरोसा है –“जहां मिट्टी है, वहां जीवन है।”🌿 किसान – देश की अर्थव्यवस्था का स्तंभ

हमारे देश की अर्थव्यवस्था की जड़ें खेतों में हैं।भारत एक कृषि प्रधान देश है,जहां अधिकांश लोग खेती से अपना जीवन चलाते हैं।

यदि किसान खुशहाल है, तो बाज़ार चलता है,कारखाने चलते हैं, व्यापार बढ़ता है,और देश की GDP ऊपर उठती है।लेकिन अगर किसान दुखी हो जाए,तो पूरा तंत्र हिल जाता है।

इसलिए कहा गया है —

“किसान के खेत में हरियाली, तभी देश में खुशहाली।”🪶 किसान – हमारे संस्कारों का प्रतीक

भारतीय संस्कृति में किसान को देवता समान माना गया है।हमारे त्यौहार – जैसे मकर संक्रांति, पोंगल, बिहू, बैसाखी, ओणम –सभी किसानों की मेहनत और फसल के जश्न से जुड़े हुए हैं।

जब फसल लहलहाती है, तो पूरा गांव नाचता है,ढोल बजते हैं, गीत गाए जाते हैं,क्योंकि किसान के चेहरे पर मुस्कान आनामतलब है – धरती फिर से जिंदा हुई है।🌾 किसान के बिना देश अधूरा है

किसान के बिना कोई भी देश पूर्ण नहीं हो सकता।क्योंकि सेना सीमाओं की रक्षा करती है,पर किसान जीवन की रक्षा करता है।वह अपने खेत को युद्धभूमि की तरह संभालता है –हर बीज एक सैनिक, हर पौधा एक उम्मीद।

अगर किसान रुक जाए,तो अनाज रुक जाएगा,अगर अनाज रुक जाए,तो जीवन ही रुक जाएगा।🌻 किसान – प्रेरणा का प्रतीक

आज के युग में भी जब तकनीक ने दुनिया को बदल दिया,किसान अपनी मेहनत और विश्वास से दुनिया को जीना सिखाता है।वह हमें बताता है कि “सफलता मेहनत में है, किसी शॉर्टकट में नहीं।”

किसान का जीवन संघर्ष से भरा होता है,लेकिन वही संघर्ष हमें सिखाता है किजो व्यक्ति धरती को सींच सकता है,वह किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है।🌞 समापन (भावनात्मक अंत)

किसान हमारे देश की आत्मा है।वह थाली में अन्न नहीं,बल्कि अपने परिश्रम, अपने सपने, और अपने आँसू परोसता है।

आइए, हम सब मिलकर प्रण लें —कि हम किसान का सम्मान करेंगे,उसकी मेहनत को समझेंगे,और कभी यह नहीं भूलेंगे कि —

“किसानों से ही चलता है देश,उनके बिना सूना है परिवेश।” 🌾🇮🇳