तुम चाहते थे मैं दूर चली जाऊं ।
जा रही हूं कभी न वापस आने के लिए , जिंदा लाश आखिर कब तक सांस ले । जो तुमने मुझे बना रखा था।
कोई बात नहीं है, तुम्हारी जिंदगी थी उसपे मेरा कोई हक नहीं था। हक होता तो क्या तुम मुझे रोने देते ?
नहीं नहीं आज कोई शिकायत नहीं है।
नया नया तुम्हारा रिश्ता है बहुत खुश होंगे न तुम ।
तुम्हारी खुशियों को किसी की नजर न लगे कुछ महीने तक , फिर वो शख्स तुम्हारे साथ वही खेल खेले जो तुमने मेरे साथ खेल रहा था ।
वहीं दर्द तुझे भी मिले जो मुझे तुमने दिया । मेरे भरोसे को
तराजू पर तौला, जिसकी उम्मीद न थी मुझे उसकी भी कीमत लगाया ।
अच्छा है, एक दिन कीमत तुम भी चुकाओगे।
वो वक्त जल्द ही दे तुम्हारी जिंदगी में जिस भगवान को तुम मानते हो उसी से दुआ है ।
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मेरी नजरों से उतारे जाओगे
तुम जिसके हो उसके दिल से भी मिटाए जाओगे
बहुत मासूम था मेरा दिल जनाब
जिस तरह तूने तोड़ा है,
उसी तरह तुम भी तो तोड़े जाओगे ।।
मैं थक चुकी थी तुमसे शिकायतें कर कर के ।
एक दिन तो समझोगे मुझे ।
पर ऐसा नहीं हुआ , तुमने तो मेरे दिल को क्रिकेट का मैदान समझ लिया जहां नए नए अंदाज से बहाने बनाने लगे।
शुक्रिया तेरा ......
कर्जदार हूं मैं तेरा , तूने मुझे अपनों के नजरों में गुनाहगार बनने से बचा लिया।
वरना अच्छी खासी इज्ज़तदार खानदान की थी मैं
चार बातें लोग सुनाते मुझे , इल्ज़ाम भी कई लगाए जाते ।
लिखते हुए मुझे खुशी महसूस हो रही है, आज अपने प्यार को हार कर एक झूठे को जितने दिया ।
जा खुश हो जा , मैं तुम्हे तुम्हारी आजादी भीख में दे रही हूं।
तेरी इज्जत को बचा , तेरी ego को सही बता रही हूं।
तसल्ली रख !!!
निहायती " खुदा के घर देर है अंधेर नहीं"
हिसाब तेरा भी होगा, तुम्हारे जिंदगी से मेरे जाने के बाद।
जाने क्यों मुझे बुरा लग रहा था?
मेरे जाने के बाद तुम्हारा क्या होगा ??
फिर मेरे दिल से आवाज आया, झूठ का खरीदार है तू एक दिन सच बोलकर भी मेरी तरह झूठा साबित होगा ।
मैं ... मैं सोच रही हूं।
मेरे जाने के बाद हजार झूठ किससे बोलेगा ।
हजार बहाने किसके लिए बनायेगा।
रोते हुए कौन तुम्हारी सारी झूठी बातों पर यकीन करेगी ।
तुम्हारे दिल का बोझ हल्का कैसे होगा ?
पागलों की तरह तुम्हारा इंतजार कौन करेगी ?
अपना हक समझ तुम पर इल्ज़ाम कौन लगाएगी??
देखो मैं कितनी पागल हूं तुम्हारे पास इतना वक्त कहां है ?
जो मेरे बेतुकी बातों को पढ़ने आओगे।
पर जब भी ये पढ़ो तो दिल पर हाथ रखना फिर पढ़ना ।
मैं ऐसा क्यों बोल रही हूं तुम खुद समझ जाओगे ??
और हां शायद मेरा यहां ये आखिरी पोस्ट हो ...
फिर मेरी हिम्मत नहीं होगी तेरी मौजूदगी में तुमसे कोई सवाल करूं ...??
Ha toh.....
इस शब्द को भूलोगे तो नहीं....
कोई बात नहीं भूल ही जाना , हमारी मुलाकात अधूरी रही अधूरे प्यार के शब्द की जगह।
तुम जीत गए मैं हार कर भी जीत गई ।
क्यों ..??? पूछोगे नहीं तुम ।
Ha toh....
जवाब नहीं दूंगी .....!!!!
जा रही हूं तुम मुझे ढूंढ नहीं पाओगे।।।
अपना ख्याल रखना।
खुश रहना ।
भूल जाना ।
Just imagine
Thanks for reading......❤️
कैसा लिखा है कॉमेंट्स में बताना जरूर ...!!!