चिड़िया दोबारा आती है और आसु के करीब से पंख फड़फड़ाते हुए निकल जाती है और सामने डाल पर अपने बच्चों के साथ जाकर बैठ जाती है।
चिड़िया के दोनों बच्चे भी आते है,पर वह इतनी लंबी दूरी तय नहीं कर पाते इसलिए वापस अपनी मां के पास जाकर बैठ जाते हैं।
भावना बोली देखो-वह तो बस तुम्हारा धन्यवाद कर रही है।
तुमने उसके बच्चों की रक्षा की है इसलिए तुम्हारा आभार व्यक्त कर रही है। और देखो दोनों बच्चे भी तुम्हारा धन्यवाद कर रहे हैं। तुम उनके भावो को समझने की कोशिश करो।
सच में मां, क्या पशु -पक्षीयो में भी ऐसे भाव होते हैं।
क्यों नहीं बेटा,, मां सिर्फ मां होती है फिर चाहे वह पशु पक्षी की हो या मनुष्य की ।
अगर हम किसी के भी बच्चे की सुरक्षा करेंगे तो उसकी मां हमारा आभार व्यक्त करेंगी ही करेगी।
डाल पर बैठी चिड़िया सब देख रही थी मानो सब समझ रही हो की भावना ने अपने बच्चों को हमारी ओर से दिया हुआ आभार समझा दिया।
एक बार फिर...
चिड़िया और उसके बच्चे बरांडे तक उड़ कर आते हैं और फ़िर उनकी आंखों से ओझल हो जाते हैं।
भावना को लगा जैसे चिड़िया ने आभार के साथ-साथ गुड बाय भी दिया हो।
भावना और बच्चे काफी समय तक बरांडे में खड़े रहे पर चिड़िया लौटकर नहीं आई और ना ही उसके बच्चे।
भावना को समझ आ गया की चिड़िया अपने नए गंतव्य की ओर चली गई है।
दुसरी सुबह...
जब भावना और बच्चे आंगन में आए तो वो खुश भी थे कि चिड़िया यहां से अपने बच्चों को सुरक्षित ले गई और उदास भी क्योंकि आंगन अब सुना हो गया था ..!!
कुछ दिनों बाद....
भावना बरांडे में खड़ी थी कि उसने उसी चिड़िया को डाल पर बैठे देखा पर वहां अकेली थी उसके साथ बच्चे नहीं थे।
चिड़िया भावना की और ही निहार रही थी भावना ने भी उसे गौर से देखा।
भावना को चिड़िया की आंखों में कुछ उदासी नजर आई तो,, जैसे भावना ने पूछ लिया हो क्या हुआ इतनी उदास क्यों हो??
बच्चे कहां है??
भावना को लगा जैसे चिड़िया कह रही हो..
बच्चे बड़े हो गए हैं उन्हें उड़ने के लिए पंख मिल गये है अब वह अपनी-अपनी मंजिल की ओर चले गए हैं।
कहते हुए उदास मन से चिड़िया भी उड़ गई।
भावना देखती रही वह भी उदास हो गई ।
तभी आशु बहार आया और बोला -मां इतनी उदास क्यों हो, तुम अभी तक चिड़िया के बारे में ही सोच रही हो उन्हें तो एक दिन जाना ही था।
भावना बोली --जानती हु पर ..मै चिड़िया के लिए नहीं एक मां के लिए उदास हुं।
पर क्यों मां??
बेटा .. पशु पक्षी हो या इंसान वह प्यार से अपने बच्चों को सहजते हैं ,सवारते हैं ,बड़ा करते हैं और एक दिन वह बच्चे उन्हें छोड़कर बाहर चले जाते हैं ।
'अपना भविष्य बनाने अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ते हैं और व्यस्त हो जाते हैं अपने जीवन में '
पर एक मां.. खड़ी रह जाती है वहीं की वहीं अपने बच्चों के इंतज़ार में उनकी यादों को संजोय हुए ।
उनकी बातों को याद करके कभी रोती है कभी हंसती है। हर उत्सव पर उनके आने की प्रतीक्षा करती है।
मां कुछ और कहती इससे पहले ही आसु बोल पड़ा.. मां तुम उदास मत हो मैं तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जाने वाला ठीक है।
अब मुस्कुरा भी दो मां ..!!
भावना और आसु मुस्कुराते हुए घर में चले जाते हैं।
2 साल बाद..... .......
एक दिन यूं ही उदास मन से भावना बरांडे में खड़ी थी। उसकी निगाहें इधर-उधर देख रही थी अचानक उसकी निगाह डाल पर बैठी चिड़िया पर गई ।
शायद ये वही चिड़िया हो ?
पर भावना पहचान नहीं पा रही थी।
फिर भावना ने पलट कर अपने घर की ओर देखा।
ऊपर बरांडा सुना पड़ा था उसमे कोई घोंसला नहीं था फिर उसने घर में देखा उसका घरौंदा भी खाली था।
बच्चे बाहर निकल गए थे अपना करियर बनाने सब कुछ सुना सुना था ।
फिर भावना ने डाल पर बैठी चिड़िया को देखा वो अब भी वहीं बैठी थी।
जैसे भावना का दर्द बांटने आई हो। जैसे भावना को समझा रही हो कि बच्चों को एक न एक दिन तो बहार जाना ही था।
भावना चिड़िया को एक टक निहार रही थी। आज उसे चिड़िया का दर्द पुरी तरह समझ आ गया था।
आज भावना का मन भी चिड़िया के पंखों की तरह फड़फड़ा रहा था बच्चों की याद में।
आज भावना को चिड़िया ही नहीं उन सभी मांओ का दर्द समझ आ गया था जिनके बच्चे घर से बाहर चले गए हैं।
कोई अपना करियर बनाने ,कोई पढ़ाई करने , तो कोई बिजनेस करने तो कोई पैसा कमाने।
बाहर जाकर बच्चे तो व्यस्त हो गये पर ..उन माताओं का क्या?
वो तो आज भी अपने घर के बरांडे में खड़ी अपने बच्चों के आने का इंतजार कर रही है खामोशी से पथराई आंखों के साथ भावना की तरह...
दुनिया का सबसे निस्वार्थ प्यार संजोय..!!
**मां का प्यार **
""मां का प्यार वह अनमोल रतन है जिसे दुनिया की कोई दौलत नहीं खरीद सकती""
""मां सब कुछ है दोस्त भी हैं और टीचर भी हैं।
मां जिंदगी है क्योंकि जिंदगी देनेवाली भी मां ही है"
****किसी ने सच्च ही कहा है कि..मेरी जिंदगी में एक भी गम नहीं होता अगर तकदीर लिखने वाली मेरी मां होती***
💓🌹LOVE YOU MAA🌹💓
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️