zindagi Sangharsh se sukun Tak - 5 in Hindi Poems by Kuldeep Singh books and stories PDF | जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 5

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जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 5

🤗 Hello everyone 🤗 


Happy reading 😄🤗


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              👳आपकी पगड़ी 👳

आपकी पगड़ी मेरी जान है, सरदारा,

आपकी पगड़ी मेरी शान है, सरदारा,

आपकी पगड़ी मेरा गौरव है, सरदारा,

जब आप पगड़ी पहनते हो, तो आपको खुद पर गर्व होता है,


आपकी पगड़ी...

आपकी पगड़ी आपकी गरिमा बढ़ाती है,

आपकी पगड़ी सेवा के लिए आगे हाथ बढ़ाती है, 

आपकी पगड़ी आप को सबके दुख-दर्द में भागीदार बनाती है,

आपकी पगड़ी आपको हक और सच्चाई की कमाई कराती है,

आपकी पगड़ी आपको सबके सामने सिर ऊँचा करके खड़ा होना सिखाती है।

आपकी पगड़ी....
आपकी पगड़ी आप को अपनी ही नज़रों में ऊँचा उठाती है।

ऐसा कुछ ना करो मैं ,जिससे तुम्हारी पगड़ी पर दाग लग जाए।

तुम्हारी पगड़ी के रंग का दुपटा लेना, मुझे तुम्हारी सरदारनी होने का सनम्मान करवाती है।

मुझे माफ़ करना सरदारा, तुमसे ज्यादा तुम्हारी पगड़ी ,तुम्हारी गरिमा बढ़ाती है।



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      🙏  कैसे कर्ज उतारू  🙏

कैसे कर्ज उतारू तेरा अखियों के तारिया, 

कैसे कर्ज उतारू तेरा रूहा के बंजारिया, 

सब कुछ कर के भी नाम ना आने दे, 

मैं बता कैसे मन को समझाऊं मेरे सहारिया,

जितना किया जो भी किया कोई भी कर ना सके ,

रब्ब से पहले नाम होंठों पर आये मेरे प्यारिया,

कुछ नहीं कर सकता था मैं, 

हिम्मत बन आया मेरे लफ्जों के बुलारिया 

रुतबा कायम किया जो मेरा तुमने, 

गलियों से उठाकर अंबर पर बिठाया मुझे ,

मेरे सितारिया, 

मेरा मुकद्दर हो तुम मेरी तकदीर हो तुम, 

बस ऐसे ही साथ निभाना मेरे दीप के चंदन मुनारिया।

मुनारिया-: इसका एक अर्थ "सांत्वना देने वाला" (हिब्रू मूल), "इच्छा" (अरबी) और "कीमती" या "प्रिय" भी होता है। 
बंजारिया -:
बंजारा का अर्थ "खानाबदोश" या "यायावर" है, जो ऐतिहासिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूम-घूमकर व्यापार करने वाले व्यापारी और माल ढोने वाले लोग थे। ये लोग पशुपालक, व्यापारी और ट्रांसपोर्टर थे जो अपने जानवरों और गाड़ियों का उपयोग करके सामानों का व्यापार करते थे।


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🌊जीवन बहती धारा 🌊


जीवन बहती धारा , 

इस धारा में बहते जाएं। 

जिंदगी के संघर्षों में, 

यहां खुशियों को पाएं, 

दुख आए तो सुख का एहसास करवाएं, 

हार के बाद जीत का एहसास पाएं ,

रोते को देख यह हंसना सिखाएं, 

गम के बाद खुशियां भी आए, 

जीवन ये चलता ही जाए । 

बिना दुख-गम के सुख-खुशियां का एहसास ना हो, 

बिना मेहनत के सफलता का मूल्य न हो। 

बिना संघर्ष के जीवन ना हो, 

जीवन जिस तरफ चलाएं चलते जाएं।

जीवन बहती धारा, इस धारा में बहते जाएं।

✍️✍️✍️✍️®️®️®️®️®️✍️✍️✍️✍️✍️


     ❤️  एहसास ❤️


आज एक एहसास था पाया,

गम का मौसम था छाया, 

सब थे आस-पास,

फिर भी कह ना सके किसी से कोई बात ।

क्या कहूं ,क्या बताऊं, खुद ही मैं खुद को समझा ना पाऊं । 

गम होता तो है छोटा, पर दर्द दे जाता है जिंदगी भर का,

कुछ दर्द किसी से बांटा ना जाए, बस आंसू बन बहैता जाए।

आंसू जब निकल जाए मन का बोझ हल्का कर जाए।

गम का दर्द धीरे-धीरे बहैता जाए,

खुद को यह एहसास करवाऐ,

गम का मौसम चला जाए।

✍️✍️✍️✍️®️®️®️®️®️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

        
            🌠 तारों के उस पार 🌠


तारों के उस पार देखा एक जहां ,

उस जहां से सुंदर ,और कोई देखा ना जहां ।

सुकून भर गया मेरे जहां में, जब से तू है मिला। 

नूरे मोहब्बत, नूरे जहां ,दोनों ही तुम में है ये मेरा जहां ।

देखूं जब भी तुम्हें, सूरज की किरणों सी, गर्माहट से भर जाता है ये मेरा जहां।

गुम हो तुम्ही में ही, तुम ही से है चलता ये मेरा जहां।

जहां -: दुनिया, मेरा सब कुछ
नूरे -: प्रकाश, रोशनी


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To be continue......


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